हरियाणा के हिसार में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने यह कहकर चौका दिया कि BJP में जिसका नाम राज्यसभा सांसद के लिए मीडिया में चल रहा है, उनका नाम मानो राज्यसभा की रेस से बाहर हो गया है। हरियाणा में कृष्णलाल पंवार की जगह खाली हुई राज्यसभा सीट पर कई नामों पर की चर्चाएं चलने पर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मोहन लाल बड़ौली ने कहा कि यह भारतीय जनता पार्टी है। इसमें जिसके नाम चलते हैं, वह कभी बनते नहीं है, जिसके नाम चल गए हैं l उनके नाम समाप्त मानो। मीडिया जिसका भी नाम चला देगा समझो उसका नाम कट गया। जिसका नाम काटता है, उसी का चलता है। बता दें कि मोहन लाल बड़ौली का इशारा कुलदीप बिश्नोई की तरफ था। हरियाणा में खाली हुई राज्यसभा सीट के लिए कुलदीप बिश्नोई का नाम सबसे आगे चल रहा था। कुलदीप बिश्नोई का नाम इससे पहले भी डीपी वत्स की जगह खाली हुई राज्यसभा सीट पर चल रहा था। लेकिन भाजपा ने किरण चौधरी को नाम राज्यसभा के लिए आगे बढ़ाया। हिसार में सदस्यता अभियान को लेकर बैठक, बिश्नोई फैमिली नहीं पहुंची पीडब्ल्यूडी रेस्ट हाउस में हरियाणा भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मोहनलाल बड़ौली ने प्रेस वार्ता में बताया कि भारतीय जनता पार्टी ने सभा सदस्यता अभियान चलाया हुआ है। जिसके तहत हिसार में आज नेताओं और कार्यकर्ताओं से मीटिंग की जा रही है। पूरे हरियाणा में 2,00,629 बूथों पर भारतीय जनता पार्टी की नई सदस्यता होनी है। वहीं पुराने सदस्य को रिन्यू करने का कार्य किया जा रहा है। इस मीटिंग में भाजपा के विधायक से लेकर मंडल और बूथ अध्यक्ष तक पहुंचे मगर आदमपुर से कुलदीप बिश्नोई और उनके बेटे भव्य बिश्नोई इस सदस्यता अभियान की बैठक में शामिल नहीं हुए। बड़ौली बोले- डीएपी पर झूठ बोल रही कांग्रेस किसानों को डीएपी खाद ने मिलने पर प्रदेश अध्यक्ष मोहनलाल ने कहा कि कांग्रेस पार्टी का दुष्प्रचार है। कांग्रेस पार्टी झूठ बोलने का कार्य कर रही है। खाद के मुद्दे पर जिस तरह से कांग्रेस ने विधानसभा में भी बोला है। यह गलत है। प्रदेश में किसानों को खाद मिल रही है। हर केंद्र पर खाद उपलब्ध है। कांग्रेस पार्टी झूठ बोलने का कार्य कर रही है। कांग्रेस पार्टी नकारात्मक सोच के साथ राजनीति करती है, यही इनकी ख़ासियत है। हरियाणा में 30 नवंबर तक चलेगा अभियान बड़ौली ने बताया कि हरियाणा में सरकार का गठन होने के बाद सब सदस्यता अभियान चलाया गया है। आने वाली 30 नवंबर तक यह अभियान पूरे प्रदेश में चलेगा। मौजूदा समय में 10 लाख से ज्यादा लोग भारतीय जनता पार्टी के सदस्य बने हैं। वहीं पूरे प्रदेश में 50 लाख सदस्य बनाने का लक्ष्य रखा गया है। प्रत्येक बूथ पर 250 सदस्य भारतीय जनता पार्टी के हों। इसके लिए विशेष अभियान चलाया हुआ है वही इस बार डिजिटल माध्यम से भी सदस्यता की जा रही है। हरियाणा के हिसार में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने यह कहकर चौका दिया कि BJP में जिसका नाम राज्यसभा सांसद के लिए मीडिया में चल रहा है, उनका नाम मानो राज्यसभा की रेस से बाहर हो गया है। हरियाणा में कृष्णलाल पंवार की जगह खाली हुई राज्यसभा सीट पर कई नामों पर की चर्चाएं चलने पर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मोहन लाल बड़ौली ने कहा कि यह भारतीय जनता पार्टी है। इसमें जिसके नाम चलते हैं, वह कभी बनते नहीं है, जिसके नाम चल गए हैं l उनके नाम समाप्त मानो। मीडिया जिसका भी नाम चला देगा समझो उसका नाम कट गया। जिसका नाम काटता है, उसी का चलता है। बता दें कि मोहन लाल बड़ौली का इशारा कुलदीप बिश्नोई की तरफ था। हरियाणा में खाली हुई राज्यसभा सीट के लिए कुलदीप बिश्नोई का नाम सबसे आगे चल रहा था। कुलदीप बिश्नोई का नाम इससे पहले भी डीपी वत्स की जगह खाली हुई राज्यसभा सीट पर चल रहा था। लेकिन भाजपा ने किरण चौधरी को नाम राज्यसभा के लिए आगे बढ़ाया। हिसार में सदस्यता अभियान को लेकर बैठक, बिश्नोई फैमिली नहीं पहुंची पीडब्ल्यूडी रेस्ट हाउस में हरियाणा भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मोहनलाल बड़ौली ने प्रेस वार्ता में बताया कि भारतीय जनता पार्टी ने सभा सदस्यता अभियान चलाया हुआ है। जिसके तहत हिसार में आज नेताओं और कार्यकर्ताओं से मीटिंग की जा रही है। पूरे हरियाणा में 2,00,629 बूथों पर भारतीय जनता पार्टी की नई सदस्यता होनी है। वहीं पुराने सदस्य को रिन्यू करने का कार्य किया जा रहा है। इस मीटिंग में भाजपा के विधायक से लेकर मंडल और बूथ अध्यक्ष तक पहुंचे मगर आदमपुर से कुलदीप बिश्नोई और उनके बेटे भव्य बिश्नोई इस सदस्यता अभियान की बैठक में शामिल नहीं हुए। बड़ौली बोले- डीएपी पर झूठ बोल रही कांग्रेस किसानों को डीएपी खाद ने मिलने पर प्रदेश अध्यक्ष मोहनलाल ने कहा कि कांग्रेस पार्टी का दुष्प्रचार है। कांग्रेस पार्टी झूठ बोलने का कार्य कर रही है। खाद के मुद्दे पर जिस तरह से कांग्रेस ने विधानसभा में भी बोला है। यह गलत है। प्रदेश में किसानों को खाद मिल रही है। हर केंद्र पर खाद उपलब्ध है। कांग्रेस पार्टी झूठ बोलने का कार्य कर रही है। कांग्रेस पार्टी नकारात्मक सोच के साथ राजनीति करती है, यही इनकी ख़ासियत है। हरियाणा में 30 नवंबर तक चलेगा अभियान बड़ौली ने बताया कि हरियाणा में सरकार का गठन होने के बाद सब सदस्यता अभियान चलाया गया है। आने वाली 30 नवंबर तक यह अभियान पूरे प्रदेश में चलेगा। मौजूदा समय में 10 लाख से ज्यादा लोग भारतीय जनता पार्टी के सदस्य बने हैं। वहीं पूरे प्रदेश में 50 लाख सदस्य बनाने का लक्ष्य रखा गया है। प्रत्येक बूथ पर 250 सदस्य भारतीय जनता पार्टी के हों। इसके लिए विशेष अभियान चलाया हुआ है वही इस बार डिजिटल माध्यम से भी सदस्यता की जा रही है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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गोपाल कांडा बोले- जीतने के बाद BJP से समझौता करेंगे:खुद इनेलो-BSP-हलोपा गठबंधन के उम्मीदवार; दुष्यंत चौटाला बोले- आका का हुक्म है
गोपाल कांडा बोले- जीतने के बाद BJP से समझौता करेंगे:खुद इनेलो-BSP-हलोपा गठबंधन के उम्मीदवार; दुष्यंत चौटाला बोले- आका का हुक्म है हरियाणा विधानसभा चुनाव के बीच नेताओं के बोल ने उनके ही दलों और गठबंधन दलों मुश्किल में डाल दिया है। सिरसा में हलोपा (हरियाणा लोकहित पार्टी) के उम्मीदवार और हाल ही में इनेलो और बसपा के साथ गठबंधन में शामिल हलोपा सुप्रीमो गोपाल कांडा ने बयान दिया है कि वह जीतने के बाद भाजपा के साथ मिलकर सरकार बनाएंगे। गोपाल कांडा ने कहा कि हलोपा आज भी NDA का हिस्सा है और इनेलो-बसपा और हलोपा सब मिलकर सरकार बनाएंगे। गोपाल कांडा के इस बयान पर हरियाणा के पूर्व डिप्टी सीएम और जेजेपी नेता दुष्यंत चौटाला ने उन पर निशाना साधा है। दुष्यंत ने सोशल मीडिया पर लिखा- ऊपर से समझौते, ऊपर से ही पैसे, सब कर दिये इकट्ठे ये एक जैसे, इनको दे रखा है आका ने एक हुक्म, सरकार बनवाओ बीजेपी की जैसे-तैसे। गोपाल कांडा ने पार्टी के समझौता न करने पर कहा कि भाजपा ने सभी 90 सीटों पर उम्मीदवार उतारे हैं और कुछ ऐसे चेहरे भी उतारे हैं जो उनकी भी पसंद है। भाजपा के साथ किसी भी तरह के मतभेद से उन्होंने इनकार किया है। गोपाल कांडा ने कहा कि भाजपा के साथ उनके परिवार के रिश्ते पुराने हैं। पिता मुरलीधर कांडा आरएसएस में थे और 1952 में दीपक के निशान पर जनसंघ के टिकट पर लड़े थे उस समय सिरसा डबवाली में होता था। कांडा बोले- एक दूसरे की मदद को समझौता गोपाल कांडा का कहना है कि सिरसा से बाहर रानियां और ऐलानाबाद हलके में हलोपा का जनाधार है। ऐलनाबाद उप चुनाव में गोबिंद कांडा को अच्छे वोट मिले थे। इसलिए अभय चाहते हैं हलोपा ऐलानाबाद और रानिया में मदद करे, बदले में वह सिरसा में मदद करेंगे। क्योंकि हम दोनों ही पार्टियां कांग्रेस के खिलाफ है। गोपाल कांडा ने कहा कि मैंने कभी भाजपा से कोई सीट नहीं मांगी। हमारा शुरू से ही बिना शर्त समझौता है। गोपाल कांडा ने कहा कि इस बार हरियाणा में कांग्रेस नहीं बल्कि भाजपा की सरकार आएगी। भाजपा प्रदेश में जीत की हैट्रिक बनाएगी और हमारा गठबंधन भाजपा को सपोर्ट करेगा। गोपाल कांडा ने कहा मेरी मां भाजपा को वोट देती है गोपाल कांडा ने कहा कि जब मैं 2009 में निर्दलीय चुनाव मैदान में था तो मैंने मां को कहा कि इंजन के चुनाव चिह्न वाला बटन दबाना है। तब मेरी मां ने कहा कि मैं कमल के फूल के अलावा कहीं वोट नहीं डालूंगी। कांडा ने कहा कि मेरा परिवार आरएसएस का परिवार है। अगर भाजपा सिरसा सीट छोड़ने के लिए भी कहती तो मैं उस भी विचार कर लेता, मगर कभी मुझे पार्टी ने ऐसा कहा नहीं। भाजपा को पता है कि यह इस सीट पर जीतने वाले कैंडिडेट हैं। इनेलो-बसपा और हलोपा का एक सीट पर उम्मीदवार
बता दें कि इनेलो-बसपा और हलोपा का पूरे हरियाणा में एक ही सीट पर उम्मीदवार है। हलोपा सिरसा सीट पर ही चुनाव लड़ रही है और इनेलो-बसपा उसे समर्थन कर रही है। बसपा और इनेलो के बीच जुलाई में गठबंधन हुआ था। इसमें तय हुआ था कि बसपा 90 में से 37 सीटों और इनेलो 53 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेगी। मुख्यमंत्री का चेहरा अभय चौटाला को बनाया गया है। इनेलो और बसपा का पिछले विधानसभा चुनाव में प्रदर्शन इनेलो ने 2019 के विधानसभा चुनाव में प्रदेश की 90 में से 81 सीटों पर चुनाव लड़ा था। लेकिन वह केवल एक सीट ही जीत पाई थी। उस चुनाव में इनेलो को 2.44 फीसदी वोट मिले थे। दूसरी तरफ बसपा ने 87 सीटों पर चुनाव लड़ा, लेकिन वो प्रदेश में एक भी सीट नहीं जीत पाई। बसपा ने इस चुनाव में 4.21 फीसदी वोट हासिल किए थे। गुरुग्राम से शुरू हुआ कांडा के करोड़पति बनने का सफर गोपाल कांडा के करोड़पति बनने का असली सफर साइबर सिटी गुरुग्राम से वर्ष 2000 के आसपास शुरू हुआ। उस समय राज्य में ओम प्रकाश चौटाला की अगुआई में इंडियन नेशनल लोकदल (INLD) की सरकार थी। उस दौरान कांडा INLD सुप्रीमो चौटाला के बेहद करीब थे। चौटाला सरकार के दौरान ही कांडा ने सिरसा जिले में तैनात रहे एक IAS अफसर से हाथ मिलाया। उसी समय सिरसा में तैनात रहा वह आईएएस अफसर भी गुरुग्राम में हुडा (अब HSVP) का प्रशासक लग गया। उससे दोस्ती का फायदा उठाते हुए कांडा ने गुरुग्राम में प्लाट की खरीद-फ़रोख़्त शुरू कर दी। चौटाला सरकार में कांडा के राज नेताओं से अच्छे संबंध बन गए। यह वो दौर था जब गुरुग्राम तेजी से डवलप हो रहा था और बड़ी-बड़ी कंपनियां वहां अपने कॉर्पोरेट दफ्तर खोल रही थी। गोपाल कांडा को इस डेवलपमेंट का जमकर फायदा मिला।
हरियाणा में 3 लाल के परिवार अब एक पार्टी में:ऐसा पहली बार; भजनलाल, देवीलाल और बंसीलाल धुर विरोधी रहे, अब फैमिली एक साथ
हरियाणा में 3 लाल के परिवार अब एक पार्टी में:ऐसा पहली बार; भजनलाल, देवीलाल और बंसीलाल धुर विरोधी रहे, अब फैमिली एक साथ हरियाणा की राजनीति में लालों के नाम से मशहूर चौधरी देवीलाल, चौधरी बंसीलाल और चौधरी भजनलाल किसी जमाने में आपस में राजनीतिक धुर विरोधी रहे, लेकिन ऐसा पहली बार हो रहा कि तीनों के परिवार अब एक ही पार्टी के बैनर के नीचे राजनीति करने को मजबूर हो गए। तीनों ने अलग-अलग पार्टियां भी बनाई, लेकिन देवीलाल की बनाई पार्टी इंडियन नेशनल लोकदल को छोड़कर बंसीलाल की हविपा और भजनलाल की हजकां का पहले ही विलय हो चुका है। तीनों ही हरियाणा के कद्दावर नेता के साथ कई बार हरियाणा के मुख्यमंत्री और केंद्र सरकार में बड़े मंत्रालयों को संभाल चुके हैं। चौधरी भजनलाल के बेटे कुलदीप बिश्नोई ने अगस्त 2022 में कांग्रेस छोड़कर बीजेपी जॉइन की तो चौधरी देवीलाल के बेटे रणजीत चौटाला ने इसी साल लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी जॉइन की है। हालांकि रणजीत चौटाला 2019 से ही निर्दलीय विधायक के तौर पर बीजेपी सरकार को समर्थन देते आ रहे थे, लेकिन बीजेपी में शामिल होने के बाद उन्हें हिसार से टिकट दी गई। हालांकि रणजीत चौटाला कांग्रेस कैंडिडेट जयप्रकाश से चुनाव हार गए। इसी तरह लोकसभा चुनाव निपटने के बाद एक और लाल चौधरी बंसीलाल के परिवार से किरण चौधरी और श्रुति चौधरी भी अब बीजेपी में शामिल हो रही हैं। तीन बार CM और केंद्र कृषि मंत्री बने भजनलाल
हिसार जिले से ताल्लुक रखने वाले चौधरी भजनलाल कई दशकों तक कांग्रेस में रहे। इस दौरान तीन बार भजनलाल ने हरियाणा की सत्ता की बागडोर संभाली। पहली बार 1979 में हरियाणा के सीएम बने। इसके बाद वे 1882 और 1991 में भी मुख्यमंत्री बने। साथ ही एक बार केंद्र सरकार में कृषि मंत्री बने। हालांकि 2005 में भूपेंद्र सिंह हुड्डा को मुख्यमंत्री बनाए जाने से भजनलाल नाराज हो गए। उनके राजनीतिक उत्तराधिकारी बड़े बेटे कुलदीप बिश्नोई के साथ भजनलाल ने 2007 में कांग्रेस से अलग होकर नई पार्टी हजकां बना ली। हालांकि भजनलाल के निधन के बाद 2016 में कुलदीप बिश्नोई अपनी पार्टी हजकां का विलय कर फिर से कांग्रेस में शामिल हो गए। इसके ठीक 6 साल बाद फिर से कुलदीप बिश्वोई कांग्रेस से नाराज हुए और 2022 में बीजेपी जॉइन कर ली। कुलदीप बिश्नोई प्रदेशाध्यक्ष नहीं बनाए जाने से नाराज थे। उनकी नाराजगी की वजह पूर्व सीएम हुड्डा के करीबी चौधरी उदयभान को प्रदेशाध्यक्ष बनाए जाने से थी। फिलहाल कुलदीप बिश्नोई के अलावा उनके बेटे भव्य बिश्नोई एक्टिव राजनीति में है। भव्य अपनी पैतृक आदमपुर सीट से बीजेपी के विधायक बने हैं। देवीलाल के परिवार से रणजीत चौटाला बन चुके भाजपाई
2 बार 1977 और 1987 में हरियाणा के मुख्यमंत्री की कुर्सी संभाल चुके चौधरी देवीलाल के परिवार की राजनीतिक धमक आज भी बरकरार है। चौधरी देवीलाल 1989 से 21 जून 1991 तक देश के उपप्रधानमंत्री रह चुके हैं। उनके तीसरे नंबर के बेटे रणजीत चौटाला लंबे समय तक कांग्रेस में रहे। उन्हें पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा का करीबी कहा जाता है, लेकिन 2019 में रानियां सीट से टिकट कटने के बाद रणजीत चौटाला ने निर्दलीय चुनाव लड़ा और वे जीत गए। संयोग से बहुमत नहीं मिलने के कारण बीजेपी को चौटाला की जरूरत पड़ी और उन्हें कैबिनेट मंत्री बना दिया गया। बीजेपी से करीबी बढ़ने के बाद चौटाला अप्रैल 2024 में बीजेपी में शामिल हो गए। चौधरी देवीलाल के परिवार की बात करें तो उनके बड़े बेटे ओमप्रकाश चौटाला अपनी खुद की पार्टी इनेलो को संभाल रहे हैं, जबकि ओपी चौटाला के बड़े बेटे अजय चौटाला अपने दोनों बेटों दुष्यंत और दिग्विजय के साथ मिलकर जेजेपी बना चुके हैं। बंसीलाल 4 बार सीएम रहे, बेटा मंत्री बना
हरियाणा में एक और परिवार चौधरी बंसीलाल की किसी समय में सूबे की राजनीति में तूती बोलती थी। उन्होंने अपनी खुद की पार्टी हविपा बनाकर भी सरकार बनाई। चौधरी बंसीलाल चार बार 1967, 1972, 1986, 1996 में हरियाणा के सीएम बने। इसके अलावा केंद्र सरकार में भी अहम मंत्रालयों में पदभार संभाला। लंबे समय तक कांग्रेस की राजनीति करने वाले चौधरी बंसीलाल के बेटे सुरेंद्र सिंह भी हरियाणा सरकार में पूर्व मंत्री रहे, लेकिन उनके निधन के बाद बंसीलाल की राजनीतिक विरासत को पुत्रवधु किरण चौधरी ने संभाला। किरण चौधरी 2005 में पहली बार चुनाव लड़ीं और MLA बनकर तत्कालीन हुड्डा सरकार में कैबिनेट मंत्री भी बन गईं। खुद राजनीति में एडजस्ट होने के बाद किरण ने अपनी बेटी श्रुति चौधरी को भी पूरी तरह राजनीति में एक्टिव कर दिया। 2009 में श्रुति ने अपना पहला चुनाव भिवानी-महेंद्रगढ़ लोकसभा सीट से लड़ा और पहले ही चुनाव में सांसद चुनी गईं। इसके बाद किरण चौधरी तो लगातार अपनी पैतृक सीट तोशाम विधानसभा से जीत दर्ज करती रहीं, लेकिन श्रुति 2014 और 2019 के दोनों चुनाव में हार गईं, जिसके चलते 2024 में उनकी टिकट कटी और अब वे आगे की राजनीति के लिए बीजेपी जॉइन कर रही हैं।