भास्कर न्यूज | अमृतसर रामबाग में अवैध शराब के कारोबार को बंद कराने के लिए पूर्व पुलिस अधिकारी सहित इलाकावासियों ने थाना ए-डिवीजन पुलिस को मांग पत्र सौंपा। पूर्व पुलिस अधिकारी अश्वनी शर्मा ने चेतावनी दी कि अगर शराब तस्करों के खिलाफ 15 दिन में कार्रवाई न हुई तो खुद को आग लगाकर खुदकुशी कर लेंगे। कोट आत्मा सिंह के रहने वाले अश्वनी ने बताया कि रामबाग इलाके में अवैध रूप से शराब बेचने का काम चल रहा है। इस मामले को लेकर कई बार पुलिस आयुक्त और उपायुक्त से मिल चुके हैं, मगर कोई कार्रवाई नहीं हो रही। इलाके में बिकने वाले नशे की वजह से लोगों का कारोबार ठप हो गया है। बहन-बेटियों का घर से निकलना मुश्किल हो गया है। जब उनके कोई रिश्तेदार भी वहां आते हैं तो तस्कर उनसे कहते हैं कि आपको शराब की बोतल तो नहीं चाहिए, इस वजह से रिश्तेदार ने आना छोड़ दिया है। उन्होंने कहा कि शराब तस्करी का काम इलाके में इतना ज्यादा बढ़ गया है कि लोगों को रात के समय घरों से निकलना मुश्किल हो गया है। उन्होंने कहा कि कई बार पुलिस को भी शिकायत कर चुके है। लेकिन कोई कार्रवाई नहीं होती। इस मामले में थाना प्रभारी बलजिंदर सिंह ने बताया कि एसआई जोगिंदर सिंह ने मांग पत्र लिया है। शराब तस्करों के खिलाफ कार्रवाई जारी है। एक सप्ताह पहले भी 5/6 तस्करों को काबू किया था, लेकिन लोगों ने मांग पत्र सौंपा है, तो जांच कर कार्रवाई की जाएगी। भास्कर न्यूज | अमृतसर रामबाग में अवैध शराब के कारोबार को बंद कराने के लिए पूर्व पुलिस अधिकारी सहित इलाकावासियों ने थाना ए-डिवीजन पुलिस को मांग पत्र सौंपा। पूर्व पुलिस अधिकारी अश्वनी शर्मा ने चेतावनी दी कि अगर शराब तस्करों के खिलाफ 15 दिन में कार्रवाई न हुई तो खुद को आग लगाकर खुदकुशी कर लेंगे। कोट आत्मा सिंह के रहने वाले अश्वनी ने बताया कि रामबाग इलाके में अवैध रूप से शराब बेचने का काम चल रहा है। इस मामले को लेकर कई बार पुलिस आयुक्त और उपायुक्त से मिल चुके हैं, मगर कोई कार्रवाई नहीं हो रही। इलाके में बिकने वाले नशे की वजह से लोगों का कारोबार ठप हो गया है। बहन-बेटियों का घर से निकलना मुश्किल हो गया है। जब उनके कोई रिश्तेदार भी वहां आते हैं तो तस्कर उनसे कहते हैं कि आपको शराब की बोतल तो नहीं चाहिए, इस वजह से रिश्तेदार ने आना छोड़ दिया है। उन्होंने कहा कि शराब तस्करी का काम इलाके में इतना ज्यादा बढ़ गया है कि लोगों को रात के समय घरों से निकलना मुश्किल हो गया है। उन्होंने कहा कि कई बार पुलिस को भी शिकायत कर चुके है। लेकिन कोई कार्रवाई नहीं होती। इस मामले में थाना प्रभारी बलजिंदर सिंह ने बताया कि एसआई जोगिंदर सिंह ने मांग पत्र लिया है। शराब तस्करों के खिलाफ कार्रवाई जारी है। एक सप्ताह पहले भी 5/6 तस्करों को काबू किया था, लेकिन लोगों ने मांग पत्र सौंपा है, तो जांच कर कार्रवाई की जाएगी। पंजाब | दैनिक भास्कर
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कनाडा में हिंदु सभा मंदिर में हुई हिंसा का मामला:अध्यक्ष बोले-हिंसा में शामिल होने की अनुमति नहीं थी, इसलिए पुजारी निलंबित किया कनाडा के ब्रैम्पटन में रविवार को हिंदू सभा मंदिर में आए लोगों पर खालिस्तानी समर्थकों ने हमला कर दिया था। इसे लेकर हिंदु सभा मंदिर के पुजारी राजिंदर प्रसाद को निलंबित कर दिया गया था। अब हिंदु सभा मंदिर द्वारा दोबारा राजिंदर प्रसाद के निलंबन को लेकर बयान जारी किया गया है। हिंदू सभा मंदिर के अध्यक्ष मधुसूदन लामा ने कहा- पुजारी राजिंदर प्रसाद को हाल ही में हुई गतिविधियों में शामिल होने के लिए अधिकृत या अनुमति नहीं दी थी। हिंदू सभा को इन गतिविधियों में उनकी भागीदारी के बारे में पहले से कोई जानकारी नहीं थी। प्रारंभिक इनपुट के आधार पर पुजारी राजिंदर प्रसाद को निलंबित किया गया था। आगे की समीक्षा के परिणामस्वरूप हमने अब पुजारी राजिंदर प्रसाद को हिंदू सभा में उनके कर्तव्यों और जिम्मेदारियों पर बहाल कर दिया है। हिंदू सभा हमारे विविध कनाडाई समाज के भीतर एकता और शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है। हिंदु सभा मंदिर द्वारा जारी किया गया दूसरा लेटर… कनाडा में पहले भी हिंदू मंदिरों पर हो चुके हमले कनाडा के ब्रैम्पटन शहर में उच्चायोग ने हिंदू सभा मंदिर के बाहर कॉन्सुलर कैंप लगाया था। यह कैंप भारतीय नागरिकों की जरूरतों को पूरा करने के लिए लगा था। इसमें जीवन प्रमाण पत्र जारी किए जा रहे थे। रिपोर्ट्स के मुताबिक 1984 में हुए सिख विरोधी दंगों के 40 साल पूरे होने को लेकर प्रोटेस्ट कर रहे खालिस्तानी वहां पहुंचे और उन्होंने लोगों पर हमला कर दिया। कनाडा में पिछले कुछ समय से हिंदू मंदिरों और समुदाय के लोगों को निशाना बनाए जाने से भारतीय समुदाय चिंतित है। पिछले कुछ सालों में ग्रेटर टोरंटो एरिया, ब्रिटिश कोलंबिया और कनाडा में बाकी जगहों पर हिंदू मंदिरों को नुकसान पहुंचाया गया है। PM मोदी ने उक्त हमले का किया था विरोध भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कनाडा में हिंदू मंदिर पर हुए इस हमले की कड़ी निंदा की थी। उन्होंने कहा था कि हमें कनाडा सरकार से कार्रवाई की उम्मीद है। ऐसी घटनाएं हमें कमजोर नहीं कर सकतीं। पीएम मोदी ने लिखा था कि मैं कनाडा में हिंदू मंदिर पर जानबूझकर किए गए हमले की कड़ी निंदा करता हूं। हमारे डिप्लोमेट्स को डराने के कायरतापूर्ण प्रयास भी उतने ही निंदनीय हैं। ऐसे हिंसक कृत्य भारत के संकल्प को कभी कमजोर नहीं कर सकते। हमें उम्मीद है कि कनाडा सरकार न्याय सुनिश्चित करेगी और कानून के शासन को बनाए रखेगी। कनाडाई पीएम ने भी घटना की निंदा की थी इस बारे में कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने भी निंदा की थी। जिसमें उन्होंने ब्रैम्पटन में हिंदू सभा मंदिर में हुई हिंसा को स्वीकार नहीं किया जा सकता। हर कनाडाई को अपने धर्म का स्वतंत्र और सुरक्षित तरीके से पालन करने का अधिकार है। घटना के बाद से इलाके में तनाव है। भारी संख्या में पुलिस की तैनाती की गई है। पील रीजनल पुलिस चीफ निशान दुरईप्पा ने लोगों से संयम बरतने की अपील की है। भारत का आरोप- वोट बैंक के लिए भारत विरोधी राजनीति कर रहे PM ट्रूडो भारत और कनाडा के बीच संबंधों में एक साल से भी ज्यादा समय से गिरावट देखी गई है। इसकी शुरुआत जून 2020 में खालिस्तानी समर्थक नेता हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के बाद हुई। पिछले साल सितंबर में PM ट्रूडो ने संसद में आरोप लगाया कि निज्जर की हत्या में भारतीय एजेंसी का हाथ है। इसके बाद ट्रूडो ने पिछले महीने 13 अक्टूबर निज्जर हत्याकांड में भारतीय राजनयिकों के शामिल होने का आरोप लगाया था। इसके बाद भारत ने संजय वर्मा समेत अपने छह राजनयिकों को वापस बुला लिया। भारत का कहना है कि कनाडा सरकार के आरोप बेबुनियाद हैं। कनाडा ने भारत सरकार के साथ एक भी सबूत साझा नहीं किया है। वे बिना तथ्य के दावे कर रहे हैं। ट्रूडो सरकार राजनीतिक लाभ उठाने के लिए जानबूझकर भारत को बदनाम करने की कोशिश में जुटी है। भारत के विदेश मंत्रालय ने पिछले महीने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था कि PM ट्रूडो की भारत से दुश्मनी लंबे समय से जारी है। उनके मंत्रिमंडल में ऐसे लोग शामिल हैं जो खुले तौर पर चरमपंथी संगठनों से जुड़े हुए हैं।
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16 अक्तूबर को करीब 1 बजे दोपहर अमृतपाल सिंह को उसका दोस्त जग्गी उर्फ जगदीप सिंह निवासी मंडी कलां थाना बालिया जिला बठिंडा अपने साथ मोटरसाइकिल पर कही ले गया। जो वापस नहीं आया। जग्गी राएकोट नजदीक गांव कालसा में अपने ननिहाल में रहता है। परिवार मुताबिक उन्होंने अमृतपाल की काफी तलाश की लेकिन उसके बारे कुछ पता नहीं चला। अमृतपाल का मोबाइल भी 16 अक्तूबर रात 10 बजे तक चलता रहा उसके बाद फोन बंद हो गया। बरनाला चौक नजदीक सेम नाले की पटरी से मिला शव
पुलिस पार्टी को बरनाला चौक राएकोट से 18 अक्तूबर को अमृतपाल का शव सहिबाजपुरा रोड सेम नाले की पटरी नजदीक मिला। जग्गी के बारे उसके ननहिला गांव कालसा में भी पता किया तो पता चला कि जग्गी 16 अक्तूबर से ही ननिहाल घर नहीं आया। परिवार ने पुलिस ने मांग रखी कि वह अमृतपाल के शव का संस्कार तभी करवाएंगे पहले जग्गी पर मामला दर्ज हो। काफी विवाद के बाद पुलिस ने देर रात जग्गी पर मामला दर्ज कर दिया है। आरोपी पर पहले भी दो मामले दर्ज है। थाना सिटी पुलिस ने जगदीप सिंह के खिलाफ 105 बी.एम.एस धारा के तहत मुकदमा दर्ज कर दिया है।
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पंजाब में उपचुनाव के मतदान की तारीख बदलने की मांग:कांग्रेस नेता बाजवा ने निर्वाचन आयोग को लिखा पत्र, प्रकाश पर्व का दिया तर्क पंजाब में 13 नवंबर को चार विधानसभा सीटों पर उप चुनाव के लिए मतदान तय है। लेकिन अब इस तारीख को बदलने की मांग उठी है। कांग्रेस के सीनियर नेता प्रताप सिंह बाजवा ने इस मामले में निर्वाचन आयोग को पत्र लिखा है। उनकी तरफ से पत्र में दलील दी गई है कि 15 नवंबर को श्री गुरु नानक देव जी का प्रकाश पर्व है। प्रकाश पर्व 3 दिनों तक चलता है, जिसकी शुरुआत 13 नवंबर को अखंड पाठ साहिब से होती है। उसी दिन मतदान होना है। ऐसे में इस विषय पर आयोग को विचार करना चाहिए। मतदान पर पड़ सकता है असर बाजवा ने पत्र में कहा है प्रकाश पर्व में सिख समुदाय के साथ-साथ हिंदुओं और अन्य धार्मिक समूह का भी आध्यात्मिक जुड़ाव है। उन्होंने कहा है कि ऐसे में संभावना है कि मतदान पर असर पड़ सकता है। इस समय में अधिकतर गुरुद्वारों और अपने घरों में धार्मिक अनुष्ठानों में शामिल होंगे, जिससे चुनाव के दिन लोकतांत्रिक अभ्यास में पूरी तरह से शामिल होने की उनकी क्षमता कम हो जाएगी। उन्होंने तर्क दिया है हरियाणा चुनाव के समय भी तारीख में बदलाव किया था। क्योंकि उस समय बिश्नोई समाज का कोई त्योहार आ गया था। 4 सीटों का धार्मिक महत्व बाजवा ने पत्र में लिखा है कि जिन चार सीटों उप चुनाव हैं। उनमें डेरा बाबा नानक अत्यधिक धार्मिक महत्व का शहर है। बाजवा ने इस बात पर जोर दिया कि पंजाब के लोगों को बिना किसी संघर्ष या समझौते के अपने धार्मिक उत्सव और लोकतांत्रिक प्रक्रिया दोनों में पूरी तरह से भाग लेने की अनुमति दी जानी चाहिए। विपक्ष के नेता ने विश्वास व्यक्त किया कि चुनाव आयोग इस अनुरोध पर अनुकूलता से विचार करेगा, जिससे लाखों लोगों की गहरी धार्मिक भावनाओं का सम्मान करते हुए लोकतांत्रिक भावना को कायम रखा जा सकेगा।