राष्ट्रीय राजधानी में धूमधाम से मनाया गया ‘बिहार दिवस’, दिल्ली हाट में शिल्प और संस्कृति का भव्य आयोजन

राष्ट्रीय राजधानी में धूमधाम से मनाया गया ‘बिहार दिवस’, दिल्ली हाट में शिल्प और संस्कृति का भव्य आयोजन

<p style=”text-align: justify;”><strong>Bihar Diwas:</strong> राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के आईएनए स्थित दिल्ली हाट में शनिवार को ‘बिहार दिवस’ के मौके पर बिहार की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और हस्तशिल्प के रंगारंग कार्यक्रमों के साथ भव्य मेले का आयोजन किया गया. दरअसल 22 मार्च 1912 को बिहार को बंगाल से अलग कर नया राज्य बनाया गया था, जिसके बाद से हर साल इस दिन बिहार दिवस मनाया जाता है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>दिल्ली हाट में आयोजित इस कार्यक्रम में बिहार के कला, शिल्प और सांस्कृतिक परंपरा की भव्य झलक देखने को मिली. कार्यक्रम में बिहार सरकार के उद्योग मंत्री नीतीश मिश्रा मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद रहे. इस दौरान उन्होंने कहा, “मैं इतिहास का विद्यार्थी रहा हूं और एक समय था जब विश्व का इतिहास बिहार के आस पास घूमता था. अगर आप बिहार के हैं तो अपने दोस्तों से जरूर कहे कि एक बार बिहार जरूर आएं और घूमे.”</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>’बिहार एक ऊंची उड़ान लेने के लिए तैयार है'</strong><br />उन्होंने कहा, “बिहार में बहुत कुछ हैं जो देश भर के लोगों को देखना चाहिए. उद्योग के क्षेत्र में अब बिहार अपनी जिम्मेदारी को समझ रहा हैं. जो बिहार से बाहर रह रहे हैं वो भी देख रहे हैं कि बिहार लगातार आगे बढ़ रहा हैं. नए नीति के मार्ग पर चलकर हम लोग लगातार आगे बढ़ रहे हैं. आज बिहार में इंफ्रास्ट्रक्चर, गुड गवर्नेंस सब कुछ है. बिहार एक ऊंची उड़ान लेने के लिए तैयार है.”<br /><img src=”https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2025/03/23/0887b78c0f3464410464ec1f9c39ef691742693265921489_original.jpg” /><br />वहीं उद्योग विभाग की सचिव वन्दना प्रेयशी ने कहा, “113 साल पहले बिहार राज्य की स्थापना की गई थी. तब से हम ये उत्सव मना रहे हैं. हम सब मिल कर बिहार की एक नई तस्वीर पेश &nbsp;करना चाह रहे हैं. बिहार बस मधुबनी पेंटिंग नहीं है, भागलपुर का सिल्क नहीं है, लीची नहीं है. बिहार अब निवेश का भी केंद्र बनता जा रहा है.”</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>’बिहार से अपने रिश्ते को और सशक्त बनाएं'</strong><br />बिहार सरकार के रेजिडेंट कमिश्नर कुंदन कुमार ने प्रवासी बिहारवासियों से आह्वान किया कि वे बिहार से जुड़ें और राज्य के विकास में भागीदार बनें. उन्होंने कहा, “बिहार फाउंडेशन Bonding, Branding और Business के मूल मंत्र के साथ सभी प्रवासी बिहारवासियों से जुड़ने का आह्वान करता हूं. आइए हम सब मिलकर परस्पर समृद्धि के नए रास्ते खोलें और अपने बिहार से अपने रिश्ते को और सशक्त बनाएं.”</p>
<p style=”text-align: justify;”>तकनीकी विकास निदेशक शेखर आनंद ने कहा, “यहां दिख रही हर कलाकृति बिहार के शिल्प और सांस्कृतिक धरोहर की कहानी कहती है. हमारे कारीगर न केवल इतिहास को संजोए हुए हैं बल्कि भविष्य का भी निर्माण कर रहे हैं.”<br /><img src=”https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2025/03/23/99e2da2714cd98f186c83efbd6cfd79c1742693320075489_original.jpg” /><br /><strong>कब तक चलेगा ये उत्सव?</strong><br />बता दें बिहार उत्सव के मौके पर सांस्कृतिक कार्रयक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें बिहार के प्रसिद्ध कलाकारों ने मनमोहक प्रस्तुतियां दीं. इस कार्यक्रम में मनीषा झा ने भरतनाट्यम, नालंदा संगीत कला विकास संस्थान द्वारा लोक नृत्य, डॉ. सुष्मिता झा ने लोक संगीत, डॉ. नलिनी जोशी ने शास्त्रीय गायन, रेखा झा ने लोक एवं पार्श्व गायन और गोस्वामी आराध्य गिरी (लूसी भारत) ने लोक संगीत की प्रस्तुतियां दी. बिहार उत्सव 16 मार्च से 31 मार्च 2025 तक दिल्ली हाट, आईएनए में आयोजित किया जा रहा है.</p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Bihar Diwas:</strong> राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के आईएनए स्थित दिल्ली हाट में शनिवार को ‘बिहार दिवस’ के मौके पर बिहार की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और हस्तशिल्प के रंगारंग कार्यक्रमों के साथ भव्य मेले का आयोजन किया गया. दरअसल 22 मार्च 1912 को बिहार को बंगाल से अलग कर नया राज्य बनाया गया था, जिसके बाद से हर साल इस दिन बिहार दिवस मनाया जाता है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>दिल्ली हाट में आयोजित इस कार्यक्रम में बिहार के कला, शिल्प और सांस्कृतिक परंपरा की भव्य झलक देखने को मिली. कार्यक्रम में बिहार सरकार के उद्योग मंत्री नीतीश मिश्रा मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद रहे. इस दौरान उन्होंने कहा, “मैं इतिहास का विद्यार्थी रहा हूं और एक समय था जब विश्व का इतिहास बिहार के आस पास घूमता था. अगर आप बिहार के हैं तो अपने दोस्तों से जरूर कहे कि एक बार बिहार जरूर आएं और घूमे.”</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>’बिहार एक ऊंची उड़ान लेने के लिए तैयार है'</strong><br />उन्होंने कहा, “बिहार में बहुत कुछ हैं जो देश भर के लोगों को देखना चाहिए. उद्योग के क्षेत्र में अब बिहार अपनी जिम्मेदारी को समझ रहा हैं. जो बिहार से बाहर रह रहे हैं वो भी देख रहे हैं कि बिहार लगातार आगे बढ़ रहा हैं. नए नीति के मार्ग पर चलकर हम लोग लगातार आगे बढ़ रहे हैं. आज बिहार में इंफ्रास्ट्रक्चर, गुड गवर्नेंस सब कुछ है. बिहार एक ऊंची उड़ान लेने के लिए तैयार है.”<br /><img src=”https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2025/03/23/0887b78c0f3464410464ec1f9c39ef691742693265921489_original.jpg” /><br />वहीं उद्योग विभाग की सचिव वन्दना प्रेयशी ने कहा, “113 साल पहले बिहार राज्य की स्थापना की गई थी. तब से हम ये उत्सव मना रहे हैं. हम सब मिल कर बिहार की एक नई तस्वीर पेश &nbsp;करना चाह रहे हैं. बिहार बस मधुबनी पेंटिंग नहीं है, भागलपुर का सिल्क नहीं है, लीची नहीं है. बिहार अब निवेश का भी केंद्र बनता जा रहा है.”</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>’बिहार से अपने रिश्ते को और सशक्त बनाएं'</strong><br />बिहार सरकार के रेजिडेंट कमिश्नर कुंदन कुमार ने प्रवासी बिहारवासियों से आह्वान किया कि वे बिहार से जुड़ें और राज्य के विकास में भागीदार बनें. उन्होंने कहा, “बिहार फाउंडेशन Bonding, Branding और Business के मूल मंत्र के साथ सभी प्रवासी बिहारवासियों से जुड़ने का आह्वान करता हूं. आइए हम सब मिलकर परस्पर समृद्धि के नए रास्ते खोलें और अपने बिहार से अपने रिश्ते को और सशक्त बनाएं.”</p>
<p style=”text-align: justify;”>तकनीकी विकास निदेशक शेखर आनंद ने कहा, “यहां दिख रही हर कलाकृति बिहार के शिल्प और सांस्कृतिक धरोहर की कहानी कहती है. हमारे कारीगर न केवल इतिहास को संजोए हुए हैं बल्कि भविष्य का भी निर्माण कर रहे हैं.”<br /><img src=”https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2025/03/23/99e2da2714cd98f186c83efbd6cfd79c1742693320075489_original.jpg” /><br /><strong>कब तक चलेगा ये उत्सव?</strong><br />बता दें बिहार उत्सव के मौके पर सांस्कृतिक कार्रयक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें बिहार के प्रसिद्ध कलाकारों ने मनमोहक प्रस्तुतियां दीं. इस कार्यक्रम में मनीषा झा ने भरतनाट्यम, नालंदा संगीत कला विकास संस्थान द्वारा लोक नृत्य, डॉ. सुष्मिता झा ने लोक संगीत, डॉ. नलिनी जोशी ने शास्त्रीय गायन, रेखा झा ने लोक एवं पार्श्व गायन और गोस्वामी आराध्य गिरी (लूसी भारत) ने लोक संगीत की प्रस्तुतियां दी. बिहार उत्सव 16 मार्च से 31 मार्च 2025 तक दिल्ली हाट, आईएनए में आयोजित किया जा रहा है.</p>  दिल्ली NCR अवैध मदरसों पर कार्रवाई पर हरीश रावत का तंज, पूर्व सीएम बोले- बच्चों की शिक्षा का क्या होगा?