भास्कर न्यूज|लुधियाना धांधरा रोड स्थित गली मोहल्लों में अवैध रूप से चल रहे होटलों के खिलाफ इलाके के निवासियों ने गलाडा के अधिकारियों से शिकायत की है। इन शिकायतों के आधार पर गलाडा अधिकारियों ने अवैध होटलों के खिलाफ नोटिस जारी किए हैं और 15 दिनों के अंदर जवाब मांगा है। इस मामले पर इलाके के सरपंच और स्थानीय निवासी भी इन होटलों के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। सतजोत नगर इलाके में दो अवैध होटलों के खुलने के बाद से इलाका निवासी परेशान हैं। डॉक्टर जसबीर सिंह, जो इस इलाके के निवासी हैं ने बताया कि इन होटलों में न केवल वयस्क बल्कि नाबालिग बच्चे भी आते हैं, जिससे पूरे इलाके का माहौल खराब हो रहा है। उन्होंने सवाल उठाया कि एक रेसीडेंशियल एरिया में गलाडा ने कैसे इस तरह के होटल बनने की अनुमति दी, जो अब पूरी कॉलोनी की स्थिति को नकारात्मक रूप से प्रभावित कर रहे हैं। इलाका निवासी गुरविंदर सिंह ने भी इस मुद्दे पर अपनी चिंता जाहिर की और कहा कि गलाडा ने जो कमर्शियल मार्किट बनाई है, वहां होटलों के खुलने की जरूरत थी, न कि गली-महल्लों में। उन्होंने जोर देकर कहा कि इन अवैध होटलों को शीघ्र सील किया जाना चाहिए। इस मुद्दे को लेकर सभी इलाका निवासियों ने मिलकर गलाडा अधिकारियों को औपचारिक शिकायत दी है और मांग की है कि अवैध होटलों के खिलाफ त्वरित कार्रवाई की जाए। वहीं इलाके की सरपंच सुखविंदर कौर बावा ने बताया कि पुलिस अधिकारियों को भी शिकायत की गई थी, मगर कोई कार्रवाई नहीं हुई। अब सभी इलाका निवासियों ने मिलकर गलाडा अधिकारियों को शिकायत की है। उन्होंने बताया कि इस गली में मंदिर भी है जिस वजह से आने जाने वाले श्रद्धालुओं को भी दिक्कत आती है। दूसरी तरफ अभी तक धांधरा रोड पर अब तक 5 होटल खुल चुके हैं जो सभी 50 से 100 गज में बने हुए हैं। इसको लेकर जब गलाडा के अधिकारी एसीए (एडिशनल चीफ अफसर) विनीत से जब इस मामले पर बात की गई, तो उन्होंने पुष्टि की कि जैसे ही शिकायत आई थी, दो नोटिस इन अवैध होटलों को जारी किए गए थे। इन होटलों से 15 दिनों के अंदर जवाब मांगा गया है, और यदि जवाब संतोषजनक नहीं मिलता, तो इन होटलों को सील कर दिया जाएगा। विनीत ने यह भी कहा कि गलाडा द्वारा बनाए गए कमर्शियल जोन में ही होटल खुलने चाहिए, न कि रेसिडेंस एरिया में। उनका यह भी कहना था कि कोई भी रेसीडेंशियल एरिया में ऐसी एक्टिविटी नहीं होने दी जाएगी, जिससे इलाके के निवासियों को किसी प्रकार की असुविधा हो। भास्कर न्यूज|लुधियाना धांधरा रोड स्थित गली मोहल्लों में अवैध रूप से चल रहे होटलों के खिलाफ इलाके के निवासियों ने गलाडा के अधिकारियों से शिकायत की है। इन शिकायतों के आधार पर गलाडा अधिकारियों ने अवैध होटलों के खिलाफ नोटिस जारी किए हैं और 15 दिनों के अंदर जवाब मांगा है। इस मामले पर इलाके के सरपंच और स्थानीय निवासी भी इन होटलों के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। सतजोत नगर इलाके में दो अवैध होटलों के खुलने के बाद से इलाका निवासी परेशान हैं। डॉक्टर जसबीर सिंह, जो इस इलाके के निवासी हैं ने बताया कि इन होटलों में न केवल वयस्क बल्कि नाबालिग बच्चे भी आते हैं, जिससे पूरे इलाके का माहौल खराब हो रहा है। उन्होंने सवाल उठाया कि एक रेसीडेंशियल एरिया में गलाडा ने कैसे इस तरह के होटल बनने की अनुमति दी, जो अब पूरी कॉलोनी की स्थिति को नकारात्मक रूप से प्रभावित कर रहे हैं। इलाका निवासी गुरविंदर सिंह ने भी इस मुद्दे पर अपनी चिंता जाहिर की और कहा कि गलाडा ने जो कमर्शियल मार्किट बनाई है, वहां होटलों के खुलने की जरूरत थी, न कि गली-महल्लों में। उन्होंने जोर देकर कहा कि इन अवैध होटलों को शीघ्र सील किया जाना चाहिए। इस मुद्दे को लेकर सभी इलाका निवासियों ने मिलकर गलाडा अधिकारियों को औपचारिक शिकायत दी है और मांग की है कि अवैध होटलों के खिलाफ त्वरित कार्रवाई की जाए। वहीं इलाके की सरपंच सुखविंदर कौर बावा ने बताया कि पुलिस अधिकारियों को भी शिकायत की गई थी, मगर कोई कार्रवाई नहीं हुई। अब सभी इलाका निवासियों ने मिलकर गलाडा अधिकारियों को शिकायत की है। उन्होंने बताया कि इस गली में मंदिर भी है जिस वजह से आने जाने वाले श्रद्धालुओं को भी दिक्कत आती है। दूसरी तरफ अभी तक धांधरा रोड पर अब तक 5 होटल खुल चुके हैं जो सभी 50 से 100 गज में बने हुए हैं। इसको लेकर जब गलाडा के अधिकारी एसीए (एडिशनल चीफ अफसर) विनीत से जब इस मामले पर बात की गई, तो उन्होंने पुष्टि की कि जैसे ही शिकायत आई थी, दो नोटिस इन अवैध होटलों को जारी किए गए थे। इन होटलों से 15 दिनों के अंदर जवाब मांगा गया है, और यदि जवाब संतोषजनक नहीं मिलता, तो इन होटलों को सील कर दिया जाएगा। विनीत ने यह भी कहा कि गलाडा द्वारा बनाए गए कमर्शियल जोन में ही होटल खुलने चाहिए, न कि रेसिडेंस एरिया में। उनका यह भी कहना था कि कोई भी रेसीडेंशियल एरिया में ऐसी एक्टिविटी नहीं होने दी जाएगी, जिससे इलाके के निवासियों को किसी प्रकार की असुविधा हो। पंजाब | दैनिक भास्कर
Related Posts
गैंगस्टर नीरज चस्का को अमृतसर से चंडीगढ़ लाएगी पुलिस:बाउंसर सुरजीत हत्याकांड में था शामिल; 4 साल पहले 5 गोलियां मारकर की थी हत्या
गैंगस्टर नीरज चस्का को अमृतसर से चंडीगढ़ लाएगी पुलिस:बाउंसर सुरजीत हत्याकांड में था शामिल; 4 साल पहले 5 गोलियां मारकर की थी हत्या चंडीगढ़ में 4 साल पहले हुए बाउंसर सुरजीत हत्याकांड में शामिल गैंगस्टर नीरज चस्का को पुलिस अमृतसर जेल से चंडीगढ़ लेकर आएगी। नीरज चस्का बंबिहा गैंग का शूटर है। चंडीगढ़ पुलिस ने चस्के से पूछताछ के लिए अदालत में प्रोडक्शन वारंट लगाया था, जिसे अदालत ने मंजूर कर दिया है। पुलिस 13 फरवरी 2025 को नीरज को चंडीगढ़ लेकर आएगी। अक्टूबर 2022 में पंजाब की एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स ने गैंगस्टर नीरज को गिरफ्तार किया था। नीरज 2019 से ही फरार चल रहा था । नीरज फरीदकोट के गांव जैतो का रहने वाला है। गोल्डी बराड के भाई गुरलाल की हत्या का था आरोप अक्टूबर 2020 में नीरज पर गैंगस्टर गोल्डी बराड के भाई गुरलाल बराड की हत्या का आरोप लगा था। लेकिन इस मामले में गवाहों के मुकर जाने से नीरज बरी हो गया था। गुरलाल बराड की चंडीगढ़ में इंडस्ट्रियल एरिया में एक क्लब के बाहर गोलियां मारकर हत्या कर दी थी। गुरलाल की हत्या के बाद लॉरेंस और बांबिहा गैंग में तेजी से गैंगवार बढ़ी है। इस गैंगवार में कई लोगों की जान चली गई। सुरजीत को लगी थी 5 गोलियां बाउंसर से फाइनेंसर बने सुरजीत की मार्च 2020 में दो बाइक सवारों ने 5 गोलियां मारकर हत्या कर दी। सुरजीत को तीन गोलियां छाती में, एक कनपटी और एक गर्दन में लगी। कुल 7 राउंड फायर हुए थे। सुरजीत रात साढ़े 10 बजे अपनी कार से किसी काम से जा रहे थे। जब वह डड्डूमाजरा सेक्टर-38 स्मॉल चौक पर पहुंचा तो यहां पर उन्हें दो बाइक सवारों ने रोका और गाड़ी पर फायरिंग करनी शुरू कर दी। गोली चलने की आवाज सेक्टर-38 के ही रहने वाले एक व्यक्ति ने सुनी, जिन्होंने पुलिस कंट्रोल रूम पर सूचना दी।
जालंधर में 2 वरिष्ठ कांग्रेस नेता बर्खास्त:पार्टी विरोधी गतिविधि करने का आरोप, अकाली दल से मांग रहे थे टिकट, जिला प्रधान ने हटाया
जालंधर में 2 वरिष्ठ कांग्रेस नेता बर्खास्त:पार्टी विरोधी गतिविधि करने का आरोप, अकाली दल से मांग रहे थे टिकट, जिला प्रधान ने हटाया जालंधर में कांग्रेस द्वारा पार्टी विरोध गतिविधियां करने के मामले में दो वरिष्ठ नेताओं को 6 साल के लिए बर्खास्त कर दिया गया है। जालंधर कांग्रेस के जिला प्रधान रजिंदर बेरी ने आज दोपहर एक लेटर जारी कर इस बारे में जानकारी सांझा की। जिसमें उन्होंने कहा कि, अमरीक सिंह केपी और गुरकृपाल सिंह भट्टी को पार्टी विरोधी गतिविधियों में संलिप्त रहने के कारण उन्हें 6 साल के लिए पार्टी से बर्खास्त किया जा रहा है। मिली जानकारी के अनुसार, दोनों नेता अकाली दल के लोकसभा उम्मीदवार मोहिंदर सिंह केपी के संपर्क में थे और अकाली दल से टिकट मांग रहे थे। इसकी भनक जब कांग्रेस को लगी तो कांग्रेस द्वारा कार्रवाई कर दी गई। उप चुनाव से पहले कांग्रेस ने की कार्रवाई आपको बता दें कि कांग्रेस द्वारा उप चुनाव की वोटिंग के से पहले ये बड़ी कार्रवाई की गई है। कांग्रेस आलाकमान को भनक थी कि उक्त दोनों नेता शिरोमणि अकाली दल के वरिष्ठ नेताओं के संपर्क में हैं और टिकट की मांग कर रहे हैं। जिसके चलते कांग्रेस ने तुरंत दोनों को बर्खास्त कर दिया। यह भी बता दें कि, उप चुनाव को लेकर बीजेपी ने पूर्व एमएलए शीतल अंगुराल और आप ने पूर्व बीजेपी मंत्री भगत चुन्नी लाल के बेटे मोहिंदर भगत को टिकट दिया है। कांग्रेस भी जल्द टिकट का ऐलान कर देगी। कांग्रेस में सुरिंदर कौर का नाम फाइनल है। उप चुनाव में कांग्रेस को कोई नुकसान न हो, इसलिए पार्टी द्वारा ये फैसला उप चुनाव से पहले लिया गया है। पढ़ें कांग्रेस द्वारा जारी किया गया पत्र….
नगर निगमों व परिषदों के चुनाव में देरी का मामला:HC ने पंजाब सरकार से पूछी वजह, 23 तक दाखिल करना होगा जवाब
नगर निगमों व परिषदों के चुनाव में देरी का मामला:HC ने पंजाब सरकार से पूछी वजह, 23 तक दाखिल करना होगा जवाब पंजाब में नगर निगम व परिषदों के चुनाव में हो रही देरी के मामले की पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में सुनवाई हुई है। अदालत ने सरकार को फटकार लगाते हुए पूछा है कि इनका कार्यकाल खत्म होने के बाद भी चुनाव क्यों नहीं करवाए जा रहे हैं। अदालत ने इस मामले की अगली सुनवाई 23 सितंबर तय की है। अगली सुनवाई पर इस मामले में सरकार (स्थानीय निकाय विभाग के प्रधान सचिव) को जवाब दाखिल करने के लिए कहा गया है। मालेरकोटला निवासी बेअंत सिंह की तरफ से अदालत में केस दायर किया गया है। दो साल हो गए हैं कार्यकाल खत्म हुए
बेअंत सिंह ने अपनी याचिका में बताया है कि पंजाब की 42 म्युनिसिपल काउंसिल का कार्यकाल खत्म हुए दो साल से अधिक समय बीत चुका है। लेकिन सरकार द्वारा चुनाव नहीं करवाए जा रहे हैं। इस वजह से सभी इलाकों में विकास कार्य प्रभावित हो रहे हैं। सभी काउंसिलों का कार्यकाल दिसंबर 2023 में पूरा हो गया था। अगस्त 2023 में स्थानीय निकाय विभाग ने म्यूनिसिपल काउंसिल के चुनाव करवाने के लिए अधिसूचना जारी की थी। जिसके मुताबिक एक नवंबर 2023 तक चुनाव करवाने थे, लेकिन नहीं करवाए गए। नियमों के मुताबिक नहीं हुए चुनाव
याची ने बताया बताया कि उसकी तरफ से सरकार को चुनाव करवाने के लिए पांच जुलाई को एक कानूनी नोटिस भेजा गया था। लेकिन उसे सरकार की तरफ से अभी तक कोई जवाब नहीं दिया गया है। ऐसे में उन्होंने हाईकोर्ट में याचिका दायर चुनाव करवाने की मांग की है। संविधान के मुताबिक म्युनिसिपल काउंसिल के चुनाव उनके कार्यकाल खत्म होने से पहले करवाने जरूरी होते है।
एक अन्य याचिका में कोर्ट को बताया गया है कि अमृतसर, लुधियाना, जालंधर, पटियाला और फगवाड़ा नगर निगमों के कार्यकाल खत्म होने भी चुनाव नहीं करवाए गए हैं। ऐसा कर सरकार जमीनी स्तर पर लोगों के आधिकारों का हनन कर ही है।