रेवाड़ी का नरेंद्र अंटार्कटिका की सबसे ऊंची चोटी पर पहुंचा:यहां का तापमान माइनस 52°C, 6 दिनों में की थी माउंट एवरेस्ट पर चढ़ाई

रेवाड़ी का नरेंद्र अंटार्कटिका की सबसे ऊंची चोटी पर पहुंचा:यहां का तापमान माइनस 52°C, 6 दिनों में की थी माउंट एवरेस्ट पर चढ़ाई

रेवाड़ी के पर्वतारोही नरेंद्र सिंह यादव ने अंटार्कटिका महाद्वीप की सबसे ऊंची चोटी विन्सन मैसिफ को 25 दिसंबर को सुबह 1 बजकर 42 मिनट पर फतह कर तिरंगा लहराया। नरेंद्र ने बताया कि इस समय पर्वत का तापमान लगभग -52°C चल रहा था। इस अभियान में बेस कैम्प से 6 दिन का समय लगा। अभियान में पूरे विश्व से पर्वतारोही शामिल हुए थे। वो कोसली कस्बे के नेहरुगढ़ गांव के रहने वाले हैं। इस अभियान में नरेंद्र भारत का प्रतिनिधित्व कर रहे थे। इस अभियान को स्पार्क मिंडा ने स्पॉन्सर किया था। नरेंद्र ने अशोक मिंडा का धन्यवाद करते हुए कहा कि उन्होंने एक साधारण किसान परिवार के बच्चे की काबिलियत को समझा जिसके चलते मैंने विश्व पटल पर भारत का नाम अंकित किया है सात महाद्वीपों पर फतेह करने का सपना हुआ पूरा
सेना के जवान कृष्णचंद के बेटे नरेंद्र का सपना सभी सात महाद्वीपों को फतह कर विश्व रिकॉर्ड बुक में अपनी छाप छोड़ने का था, जो इस छोटी को फतेह करके पूरा हुआ। नरेंद्र ने सातों महाद्वीपों की सबसे ऊंची चोटियों पर फतह कर कई विश्व रिकॉर्ड अपने नाम कर चुके हैं। उन्होंने 2012 में बेसिक्स ऑफ माउंटेनियरिंग, 2013 में एडवांस, 2015 में एमओआई (मेथड्स ऑफ इंस्ट्रक्शन) और 2022 में सर्च एंड रेस्क्यू समेत सभी प्रमुख पर्वतारोहण की पढ़ाई पूरी की है। नरेंद्र ने 2016 और 2022 में 6 दिनों में माउंट एवरेस्ट पर चढ़ाई की। उन्होंने माउंट किलिमंजारो को चार बार, माउंट एल्ब्रस को दो बार और माउंट कोसियसको सहित ऑस्ट्रेलिया की दस सबसे ऊंची चोटियों को तीन बार फतह किया है। इसके अलावा, उन्होंने दक्षिण अमेरिका की सबसे ऊंची चोटी एकांकागुआ और उत्तरी अमेरिका की सबसे ऊंची चोटी डेनाली पर भी फतह की है। नरेंद्र की पर्वतारोहण यात्रा 12 साल की आयु में उनके स्कूल के दिनों में शुरू हुई, जब उन्होंने जम्मू और कश्मीर की पहाड़ियों पर चढ़ना शुरू किया। उन्होंने 2008 में नियमित रूप से पर्वतारोहण की प्रैक्टिस शुरू की। रेवाड़ी के पर्वतारोही नरेंद्र सिंह यादव ने अंटार्कटिका महाद्वीप की सबसे ऊंची चोटी विन्सन मैसिफ को 25 दिसंबर को सुबह 1 बजकर 42 मिनट पर फतह कर तिरंगा लहराया। नरेंद्र ने बताया कि इस समय पर्वत का तापमान लगभग -52°C चल रहा था। इस अभियान में बेस कैम्प से 6 दिन का समय लगा। अभियान में पूरे विश्व से पर्वतारोही शामिल हुए थे। वो कोसली कस्बे के नेहरुगढ़ गांव के रहने वाले हैं। इस अभियान में नरेंद्र भारत का प्रतिनिधित्व कर रहे थे। इस अभियान को स्पार्क मिंडा ने स्पॉन्सर किया था। नरेंद्र ने अशोक मिंडा का धन्यवाद करते हुए कहा कि उन्होंने एक साधारण किसान परिवार के बच्चे की काबिलियत को समझा जिसके चलते मैंने विश्व पटल पर भारत का नाम अंकित किया है सात महाद्वीपों पर फतेह करने का सपना हुआ पूरा
सेना के जवान कृष्णचंद के बेटे नरेंद्र का सपना सभी सात महाद्वीपों को फतह कर विश्व रिकॉर्ड बुक में अपनी छाप छोड़ने का था, जो इस छोटी को फतेह करके पूरा हुआ। नरेंद्र ने सातों महाद्वीपों की सबसे ऊंची चोटियों पर फतह कर कई विश्व रिकॉर्ड अपने नाम कर चुके हैं। उन्होंने 2012 में बेसिक्स ऑफ माउंटेनियरिंग, 2013 में एडवांस, 2015 में एमओआई (मेथड्स ऑफ इंस्ट्रक्शन) और 2022 में सर्च एंड रेस्क्यू समेत सभी प्रमुख पर्वतारोहण की पढ़ाई पूरी की है। नरेंद्र ने 2016 और 2022 में 6 दिनों में माउंट एवरेस्ट पर चढ़ाई की। उन्होंने माउंट किलिमंजारो को चार बार, माउंट एल्ब्रस को दो बार और माउंट कोसियसको सहित ऑस्ट्रेलिया की दस सबसे ऊंची चोटियों को तीन बार फतह किया है। इसके अलावा, उन्होंने दक्षिण अमेरिका की सबसे ऊंची चोटी एकांकागुआ और उत्तरी अमेरिका की सबसे ऊंची चोटी डेनाली पर भी फतह की है। नरेंद्र की पर्वतारोहण यात्रा 12 साल की आयु में उनके स्कूल के दिनों में शुरू हुई, जब उन्होंने जम्मू और कश्मीर की पहाड़ियों पर चढ़ना शुरू किया। उन्होंने 2008 में नियमित रूप से पर्वतारोहण की प्रैक्टिस शुरू की।   हरियाणा | दैनिक भास्कर