हरियाणा के रेवाड़ी जिले में एक कंपनी कर्मचारी की संदिग्ध मौत हो गई। उसे घायल अवस्था में गुरुग्राम के एक प्राइवेट अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हुई। सुपरवाइजर ने अपनी पत्नी को कॉल कर बताया कि उसका एक्सीडेंट हुआ है। पत्नी का आरोप है कि जिस साईकिल पर उसके पति सवार थे, उस पर खरोंच तक के निशान नहीं है। ऐसे में उसके पति की मौत की जांच कराई जाए। सेक्टर-6 थाना पुलिस ने अज्ञात के खिलाफ केस दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है। जानकारी के अनुसार, उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद की रहने वाली गुड़िया देवी की शादी कुछ साल पहले बिहार के दरभंगा निवासी दिलीप कुमार ठाकुर (32) के साथ हुई थी। फिलहाल दोनों रेवाड़ी जिले के धारूहेड़ा स्थित करण कुंज कॉलोनी में किराए के मकान पर रहते थे। दलीप कुमार ठाकुर धारूहेड़ा के ही मालपुरा स्थित एक कंपनी में नौकरी करते थे। पत्नी गुड़िया के मुताबिक, रोजाना की तरह बीती शाम उसके पति अपनी साइकिल से कंपनी में ड्यूटी पर निकले थे। वह बिल्कुल स्वस्थ और कोई तकलीफ में नहीं थे। सुपरवाइज़र ने तबीयत खराब होने की बात कही रात को मेरे फोन पर कंपनी के सुपरवाइज़र विजय गुप्ता का फोन आया कि आपके पति की तबीयत खराब हो गई है। उन्हें मानेसर स्थित ESI अस्पताल लेकर जा रहे है। इतना सुनते ही गुड़िया अपने रिश्तेदार के साथ मानेसर ESI के लिए निकल गई। लेकिन रास्ते में दिनेश नाम के एक शख्स का फोन आया और बताया कि मैं दिलीप के साथ हूं। अब उसे ESI से गुरुग्राम के पार्क अस्पताल में रेफर कर दिया है। इसके बाद वह ऑटो लेकर तुरंत पार्क अस्पताल पहुंची। वहां सुपरवाइज़र ने बताया कि दलीप का एक्सीडेंट मालपुरा के पास ही हुआ है। साईकिल डेमेज नहीं हुई, फिर एक्सीडेंट कैसे हुआ लेकिन साइकिल को कोई डैमेज नहीं हुआ। गुड़िया ने ये भी बताया कि उसने डॉक्टर से बात की तो उन्होंने ये भी नहीं बताया कि उनके पति का एक्सीडेंट हुआ है। सिर्फ इतना बताया कि सिर के पीछे की साइड में चोट लगी है। गुड़िया का आरोप है कि उनके पति की मौत संदिग्ध तरीके से हुई है। इसकी जांच होनी चाहिए। धारूहेड़ा के सेक्टर-6 थाना पुलिस ने गुड़िया की शिकायत पर अज्ञात के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है। साथ ही शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम कराया जा रहा है। हरियाणा के रेवाड़ी जिले में एक कंपनी कर्मचारी की संदिग्ध मौत हो गई। उसे घायल अवस्था में गुरुग्राम के एक प्राइवेट अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हुई। सुपरवाइजर ने अपनी पत्नी को कॉल कर बताया कि उसका एक्सीडेंट हुआ है। पत्नी का आरोप है कि जिस साईकिल पर उसके पति सवार थे, उस पर खरोंच तक के निशान नहीं है। ऐसे में उसके पति की मौत की जांच कराई जाए। सेक्टर-6 थाना पुलिस ने अज्ञात के खिलाफ केस दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है। जानकारी के अनुसार, उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद की रहने वाली गुड़िया देवी की शादी कुछ साल पहले बिहार के दरभंगा निवासी दिलीप कुमार ठाकुर (32) के साथ हुई थी। फिलहाल दोनों रेवाड़ी जिले के धारूहेड़ा स्थित करण कुंज कॉलोनी में किराए के मकान पर रहते थे। दलीप कुमार ठाकुर धारूहेड़ा के ही मालपुरा स्थित एक कंपनी में नौकरी करते थे। पत्नी गुड़िया के मुताबिक, रोजाना की तरह बीती शाम उसके पति अपनी साइकिल से कंपनी में ड्यूटी पर निकले थे। वह बिल्कुल स्वस्थ और कोई तकलीफ में नहीं थे। सुपरवाइज़र ने तबीयत खराब होने की बात कही रात को मेरे फोन पर कंपनी के सुपरवाइज़र विजय गुप्ता का फोन आया कि आपके पति की तबीयत खराब हो गई है। उन्हें मानेसर स्थित ESI अस्पताल लेकर जा रहे है। इतना सुनते ही गुड़िया अपने रिश्तेदार के साथ मानेसर ESI के लिए निकल गई। लेकिन रास्ते में दिनेश नाम के एक शख्स का फोन आया और बताया कि मैं दिलीप के साथ हूं। अब उसे ESI से गुरुग्राम के पार्क अस्पताल में रेफर कर दिया है। इसके बाद वह ऑटो लेकर तुरंत पार्क अस्पताल पहुंची। वहां सुपरवाइज़र ने बताया कि दलीप का एक्सीडेंट मालपुरा के पास ही हुआ है। साईकिल डेमेज नहीं हुई, फिर एक्सीडेंट कैसे हुआ लेकिन साइकिल को कोई डैमेज नहीं हुआ। गुड़िया ने ये भी बताया कि उसने डॉक्टर से बात की तो उन्होंने ये भी नहीं बताया कि उनके पति का एक्सीडेंट हुआ है। सिर्फ इतना बताया कि सिर के पीछे की साइड में चोट लगी है। गुड़िया का आरोप है कि उनके पति की मौत संदिग्ध तरीके से हुई है। इसकी जांच होनी चाहिए। धारूहेड़ा के सेक्टर-6 थाना पुलिस ने गुड़िया की शिकायत पर अज्ञात के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है। साथ ही शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम कराया जा रहा है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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संसद में उठा खट्टर के अविवाहित होने का मामला:जया बच्चन बोलीं- इनके साथ पत्नी का नाम जोड़ो; मनोहर बोले- अगले जन्म तक इंतजार करना होगा हरियाणा के पूर्व CM और केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर के अविवाहित होने का मामला संसद में गूंज गया। इसके जवाब में खट्टर ने भी दिलचस्प अंदाज में जवाब दिया। हुआ यूं कि राज्यसभा की कार्यवाही चल ही थी। इस दौरान चेयरमैन उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने जया बच्चन को ‘जया अमिताभ बच्चन’ कहकर पुकारा। इस पर जया बच्चन ने उनके नाम के साथ अमिताभ बच्चन का नाम जोड़े जाने पर नाखुशी जाहिर की। उपराष्ट्रपति धनखड़ ने उन्हें समझाया कि ये उन्होंने ही लिखकर दिया है। धनखड़ ने केंद्रीय मंत्री खट्टर का नाम पुकारा तो जया बच्चन कह बैठीं कि मंत्री मनोहर लाल खट्टर के नाम के साथ उनकी पत्नी का भी नाम लगाइए। जिसके बाद खट्टर ने कहा कि इसके लिए तो हमें भी अगले जन्म का इंतजार करना पड़ेगा। संसद भवन में हुई पूरी बातचीत पढ़ें… चेयरमैन जगदीप धनखड़: श्रीमती जया अमिताभ बच्चन।
जया बच्चन: सर, आपको अमिताभ का मतलब पता है ना। चेयरमैन धनखड़: नाम बदलवा दीजिए (जया बच्चन इस बीच कुछ बोलने लगीं) चेयरमैन धनखड़: जो नाम इलेक्शन सर्टिफिकेट में आता है और जो यहां सबमिट किया जाता है। उसके अंदर बदलाव की प्रक्रिया है। इसका लाभ मैंने खुद 1989 में उठाया था।
जया बच्चन: नो सर, मुझे अपने नाम, अपने पति के नाम और उनकी अचीवमेंट पर गर्व है। यह आभा मिट नहीं सकती। ये ड्रामा आप लोगों ने नया शुरू किया, पहले नहीं था। चेयरमैन धनखड़: मैं एक बार फ्रांस गया था। मैं होटल में गया। इस बारे में मैनेजमेंट ने मुझे बताया कि हर ग्लोबल आईकन की फोटो लगी है। मैं वहां गया तो वहां अमिताभ बच्चन की फोटो लगी थी। पूरे देश को उन पर गर्व है। इसके बाद चेयरमैन उपराष्ट्रपति ने केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर का नाम लिया।
जया बच्चन: सर, इनके नाम के आगे इनकी पत्नी का नाम भी लगा दीजिए। मैं इसके सपोर्ट में नहीं, लेकिन यह गलत है। चेयरमैन धनखड़: एक चीज बताऊं, इस चीज का निर्णय मैं करता हूं। मैंने आपको नाम से पुकारा था। मैंने कई बार अपना परिचय डॉक्टर सुदेश पति के नाम से दिया है। ये मेरी वाइफ का नाम है। मैंने आपकी भावनाओं का सम्मान किया है।
मनोहर लाल खट्टर: इन्होंने सुझाव दिया कि मेरे नाम के साथ कुछ जोड़ा जाए। कहो तो मैं जवाब दूं। चेयरमैन धनखड़: यह मुश्किल है।
मनोहर लाल खट्टर : मुझे उस काम के लिए अगले जन्म का इंतजार करना पड़ेगा। उससे पहले तो ये संभव है नहीं। अविवाहित खट्टर RSS के प्रचारक रह चुके
मनोहर लाल खट्टर ने शादी नहीं की। वह राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के प्रचारक रह चुके हैं। इस दौरान उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ काम किया। मोदी भी उस वक्त राजनीतिक जीवन में नहीं आए थे। मोदी ने खुद बताया था कि वे खट्टर के साथ बाइक पर पीछे बैठकर रोहतक से गुरुग्राम आते-जाते थे। अचानक CM बन चौंकाया, पहली लोकसभा जीत के बाद मंत्री बने
मनोहर लाल खट्टर 2014 में सुर्खियों में आए थे। जब भाजपा को पहली बार हरियाणा विधानसभा चुनाव में बहुमत मिला था। जिसके बाद भाजपा में कई नाम सुर्खियों में थे, लेकिन अचानक पंजाबी कम्युनिटी से आते खट्टर को भाजपा ने मुख्यमंत्री बना दिया। खट्टर हरियाणा में भाजपा के सबसे बड़े गैर जाट चेहरा बने। 2019 में जब दोबारा भाजपा की जजपा के साथ मिलकर गठबंधन सरकार बनी तो भी खट्टर को दोबारा सीएम बनाया गया। हालांकि इस बार लोकसभा चुनाव से ठीक पहले उन्हें सीएम कुर्सी से हटा दिया गया। खट्टर करनाल लोकसभा सीट से चुनाव जीते और पहली बार में ही उन्हें केंद्रीय मंत्री बना दिया गया। घर दान किया, कुंवारों के लिए पेंशन शुरू की
खट्टर ने सीएम रहते अपने रोहतक के निंदाणा गांव स्थित घर को दान कर दिया। इसके अलावा सीएम रहते खट्टर ने हरियाणा में कुंवारों के लिए पेंशन शुरू की। जिसमें 40 से 60 साल की उम्र तक फायदा दिया गया। इस दायरे में राज्य के करीब 71 हजार कुंवारे और विधुर लोग आए। इन्हें हर महीने 2750 प्रतिमाह पेंशन देने का फैसला हुआ। इस पर हर महीने 20 करोड़ रुपए खर्च होने का अनुमान किया गया था। वहीं 60 साल की उम्र के बाद ऑटोमेटिकली यह पेंशन बुढ़ापा पेंशन में तब्दील हो जाएगी। हालांकि तलाकशुदा व लिव-इन रिलेशनशिप में रहने वाले व्यक्ति को यह पेंशन नहीं मिलती है।
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हरियाणा चुनाव के लिए BJP ने 2 कमेटियां बनाईं:कुलदीप बिश्नोई एक में मेंबर, दूसरे के संयोजक; कांग्रेस छोड़ आईं किरण चौधरी का नाम नहीं हरियाणा में अक्टूबर-नवंबर में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा ने 2 समितियों की घोषणा कर दी है। इनमें प्रदेश चुनाव समिति और प्रदेश चुनाव प्रबंधन समिति शामिल है। प्रदेश चुनाव समिति में मनोहर लाल खट्टर के साथ राव इंद्रजीत और कृष्णपाल गुर्जर समेत 20 नेताओं को शामिल किया गया है। प्रदेश चुनाव प्रबंधन समिति की कमान पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मोहन लाल बड़ौली को सौंपी गई है। वह हरियाणा भाजपा के अध्यक्ष भी हैं। भाजपा के हरियाणा प्रभारी सतीश पूनिया ने इस संबंध में पत्र जारी करते हुए कहा कि यह नियुक्तियां तत्काल प्रभाव से लागू होंगी। इस लिस्ट में सबसे चौंकाने वाली 2 बातें सामने आई हैं। पहली… लिस्ट में पूर्व सीएम भजनलाल के बेटे कुलदीप बिश्नोई को पूरी अहमियत दी गई है। उन्हें प्रदेश चुनाव समिति का मेंबर और प्रदेश चुनाव प्रबंधन समिति का संयोजक बनाया गया है। वह हिसार से लोकसभा टिकट काटे जाने के बाद पार्टी से नाराज चल रहे थे। दूसरी… लोकसभा चुनाव में भिवानी-महेंद्रगढ़ लोकसभा सीट से अपनी बेटी श्रुति चौधरी को टिकट न मिलने पर कांग्रेस पार्टी छोड़कर भाजपा में शामिल हुई किरण चौधरी या उनकी बेटी श्रुति चौधरी को BJP ने दोनों कमेटियों में से किसी में जगह नहीं दी किस कमेटी में कौन-कौन से नेता प्रदेश चुनाव समिति : इसमें प्रदेश अध्यक्ष मोहन लाल बड़ौली, सीएम नायब सैनी, केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर, राव इंद्रजीत सिंह, कृष्णपाल गुर्जर, भाजपा संसदीय बोर्ड की मेंबर पूर्व सांसद सुधा यादव, पूर्व मंत्री रामबिलास शर्मा, राष्ट्रीय सचिव ओपी धनखड़, विधानसभा अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता, मंत्री जेपी दलाल, भिवानी-महेंद्रगढ़ सांसद चौधरी धर्मबीर सिंह, पूर्व सांसद कुलदीप बिश्नोई, राज्यसभा सांसद रामचंद्र जांगड़ा, रोहतक से लोकसभा चुनाव हारे अरविंद शर्मा, पूर्व सांसद सुनीता दुग्गल, प्रदेश संगठन महामंत्री फणींद्रनाथ शर्मा, प्रदेश महामंत्री कृष्ण बेदी, महिला मोर्चा की प्रदेश अध्यक्ष उषा प्रियदर्शी, एसी मोर्चा प्रदेश अध्यक्ष सत्यप्रकाश जरावता को शामिल किया गया है। प्रदेश चुनाव प्रबंधन समिति: इसमें मोहनलाल बड़ौली को अध्यक्ष, कुलदीप बिश्नोई को संयोजक, कृष्ण पंवार और वेदपाल एडवोकेट को सह संयोजक बनाया गया है। इसके अलावा ओमप्रकाश धनखड़, सुनीता दुग्गल, विपुल गोयल, कृष्णमूर्ति हुड्डा, जवाहर यादव, अजय बंसल, संदीप जोशी, जीएल शर्मा, सुनीता दांगी, रेणु डाबला, कैप्टन भूपेंद्र, उषा प्रियदर्शी, अरविंद यादव, मानस डेका, वरिंद्र गर्ग, मेयर मदन चौहान, मदन गोयल, उमेश शर्मा, नागेंद्र शर्मा, प्रवीन जैन, राजीव जेटली, अरूण यादव, आदित्य चावला, सुनील राव, मनोज शर्मा, संचित नांदल, डॉ. बलवान और कर्नल राजेंद्र सुहाग को मेंबर बनाया गया है। PM मोदी से मिले थे कुलदीप बिश्नोई
कुलदीप बिश्नोई ने पिछले महीने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात की थी और कहा था कि वह हरियाणा में चुनाव को लीड करना चाहते हैं। इसी को देखते हुए कुलदीप बिश्नोई को प्रदेश चुनाव समिति में जगह दी गई है और प्रदेश चुनाव प्रबंधन समिति का संयोजक बनाया गया है। प्रदेश चुनाव प्रबंधन समिति का अहम रोल
प्रदेश चुनाव प्रबंधन समिति ही तय करती है कि राज्य में किस नेताओं के दौरे कब और कहां होंगे, सार्वजनिक सम्मेलनों, चुनाव प्रचार सामग्री के वितरण और राज्य स्तरीय चुनाव घोषणापत्र तैयार करने आदि का काम संभालती है। BJP की जारी कमेटियों की लिस्ट देखें…
आदमपुर से बिश्नोई परिवार की हार का एनालिसिस:भव्य बिश्नोई को उपचुनाव से 4273 वोट कम मिले, बिश्नोई बहुल गांवों में लीड घटी
आदमपुर से बिश्नोई परिवार की हार का एनालिसिस:भव्य बिश्नोई को उपचुनाव से 4273 वोट कम मिले, बिश्नोई बहुल गांवों में लीड घटी हरियाणा में सबसे ज्यादा आदमपुर सीट की चर्चा है। इस सीट पर 57 साल पुराना भजनलाल परिवार का गढ़ टूट गया है। गढ़ टूटने के पीछे कई कारण सामने आ रहे हैं, मगर सबसे बड़ा कारण बिश्नोई बाहुल्य गांवों में भव्य बिश्नोई को कम लीड मिली। कुलदीप बिश्नोई भी इस चीज को जानते हैं, यही कारण है कि आदमपुर को खुद का परिवार मानने वाले कुलदीप बिश्नोई समर्थकों के आगे भावुक हो गए। आदमपुर के सबसे बड़े गांव सदलपुर का ही उदाहरण ले लिया जाए तो बिश्नोई बाहुल्य इस गांव में भव्य बिश्नोई को उपचुनाव में 5500 वोट का मार्जिन रहा था जो इस बार घटकर 3333 रह गया। इसके अलावा मंडी आदमपुर से 1191 और आदमपुर से 1532 की लीड भव्य को मिली जो बेहद कम थी। इन गांवों के भरोसे ही बिश्नोई परिवार बढ़त बनाता रहा है। कांग्रेस ने आदमपुर के 33 गांव में 14371 वोट हासिल किए जबकि भव्य को 22 गांव में 1393 वोट हासिल हुए। 11 गांव में कांग्रेस को बढ़त मिली और नजदीकी मुकाबले में भव्य बिश्नोई 1768 वोटों से हार गए। आदमपुर में जातिगत आंकड़े समझिए…
आदमपुर विधानसभा सीट पर करीब 1.78 लाख वोटर हैं। इनमें पुरुष मतदाता 94 हजार 940 और महिला मतदाता 93 हजार 708 हैं। इस सीट पर जाट और OBC वोटर निर्णायक भूमिका में रहते हैं। आदमपुर में सबसे ज्यादा करीब 55 हजार जाट वोटर हैं। बिश्नोई समाज के 28 हजार वोट हैं। OBC में बिश्नोई समाज के वोट हटाकर देखें तो करीब 29 हजार वोट हैं। इनमें सबसे ज्यादा 8200 जांगड़ा और कुम्हार जाति के वोटर हैं। इस कारण बिगड़े भजनलाल परिवार के समीकरण 1. क्षेत्र से दूरी: चुनाव जीतने के बाद लगातार क्षेत्र से दूरी बनाए रखने से लोग कुलदीप बिश्नोई से नाराज थे। हालांकि, उप-चुनाव जीतने के बाद 2022 में भव्य बिश्नोई एक्टिव रहे, लेकिन कुलदीप बिश्नोई क्षेत्र से ज्यादातर समय नदारद रहे। जबकि, भव्य को वोट कुलदीप के चेहरे पर मिले थे। 2. लोकसभा चुनाव में हार: लगातार 2 बार लोकसभा चुनाव में हार से आदमपुर का भजनलाल का दुर्ग हिल गया था। हालांकि, बिश्नोई परिवार विधानसभा चुनाव में 57 साल से जीत रहा है, लेकिन 2 चुनाव में लगातार हार से यहां विपक्षी दलों के हौसले बुलंद थे। 2019 और 2024 लोकसभा चुनाव बिश्नोई परिवार यहां से पिछड़ गया था। 3. जातिगत फैक्टर: कांग्रेस ने इस बार OBC चेहरे को मैदान में उतारा था। कांग्रेस उम्मीदवार चंद्र प्रकाश जांगड़ा हैं। उन्हें अपनी जाति के अलावा जाट वोटरों का साथ मिला। जाट, बिश्नोई वोटरों की नाराजगी और OBC वोट बैंक को कांग्रेस भुनाने में सफल रही। बिश्नोई समाज इसलिए भी नाराज 1. फोन न उठाना, न मिलना: बिश्नोई सभा हिसार के पूर्व प्रधान रहे प्रदीप बेनीवाल ने बताया कि अकेले बिश्नोई समाज ही नहीं पूरे हलके में कुलदीप बिश्नोई और इनके परिवार से नाराजगी है। यह न तो किसी का फोन उठाते हैं और न ही किसी का काम करते हैं। 2. बिश्नोई सभा से 603 मेंबर निष्कासित किए: बिश्नोई सभा हिसार में 2020 में झगड़ा जगजाहिर हुआ था। हिसार के बिश्नोई मंदिर में कुलदीप बिश्नोई मुर्दाबाद के नारे लगे थे। कुलदीप बिश्नोई पर आरोप था कि चुनाव जीतने के लिए कुलदीप बिश्नोई ने संरक्षक पद का दुरुपयोग करते हुए 603 परमानेंट मेंबरों को सभा से इसलिए निष्कासित कर दिया था, क्योंकि वह उनके विरोध में आवाज उठा रहे थे। तब से ही समाज में नाराजगी है। देवीलाल की लहर में भी आदमपुर जीता था भजन लाल का परिवार वर्ष 1968 के बाद अब तक 12 सामान्य व 4 उपचुनाव हुए। इन सभी में भजनलाल परिवार विजयी रहा। इस सीट से चौधरी भजनलाल 9 बार विधायक रहे हैं। यहां से एक बार उनकी पत्नी जसमा देवी विधायक रही। चार बार उनके बेटे कुलदीप बिश्नोई विधायक बन चुके हैं। एक बार रेणुका बिश्नाई विधायक बनकर चंडीगढ़ जा चुकी हैं। यह हरियाणा में रिकॉर्ड है कि एक सीट पर पति के बाद पत्नी, बेटा तथा बहू विधायक बनी। वर्ष 1987 में जब लोकदल को 85 सीट मिली तब भी इस सीट को जसमा देवी बचाने में सफल रही थी। कुलदीप बिश्नोई हरियाणा जनहित पार्टी बनाने के बाद भी लगातार इस सीट को जीतते रहे हैं। आदमपुर में चंद्रप्रकाश को 33 गांवों में मिली लीड
क्र. गांव लीड
1. चबरवाल +17
2. खासा महाजन +861
3. फ्रांसी +392
4. कालीरावन +1010
5. खैरमपुर +184
6. चुली बागड़िया +840
7. चुली खुर्द +481
8. चुली कलां +522
9. दड़ौली +400
10. किशनगढ़ +400
11. कोहली +91
12. जगान +636
13. चिकनवास +51
14. पिरावली +36
15. घोड़ा फार्म +46
16. टीटीसी +283
17. दुर्जनपुर +448
18. काजला +142
19. मलापुर +94
20. मोहबतपुर +178
21. मोडाखेड़ा +835
22. घुड़साल +480
23. बगला +370
24. जाखोद +618
25. न्योलीखुर्द +228
26. खारिया +603
27. डोभी +348
28. तेलनवाली +176
29. कुतियावाली +222
30. बांडाहेड़ी +1247
31. सुंडावास +225
32. बालसमंद +1466
33. बुड़ाक +441
नोट : कांग्रेस को 33 गांव और पोस्टल मिलाकर 14371 वोट मिले — आदमपुर के 22 गांवों में भव्य को मिली लीड क्र. गांव लीड
1. भोडिया +604
2. भाणा +953
3. सारंगपुर +275
4. ढाणीखांसा+132
5. सदलपुर +3333
6. खारा बरवाला +188
7. मंडीआदमपुर+1191
8. आदमपुर +1532
9. महलसरा +498
10. मोठसरा +190
11. असरावा +639
12. ठसका +23
13. बीड़ बबरान +152
14. ढंढूर +252
15. झिड़ी +216
16. संजयनगर +234
17. लाडवी +282
18. सीसवाल +965
19. ढाणी मोहबतपुर +134
20 काबरेल +07
21. सलेमगढ़ +327
22. चौधरीवाली +964
भाजपा को 22 गांवों में पोस्टल वोट मिलाकर 13093 वोट मिले