हरियाणा के रेवाड़ी में रेवाड़ी पटौदी रोड पर गांव काकोडिय़ा के पास एक तेज रफ्तार कार ने बाइक चालक को टक्कर मार दी। हादसे में युवक की मौके पर ही मौत हो गई। सदर थाना पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर जांच शुरू कर दी है। युवक अपने पिता को लेने के लिए खलीलपुर रेलवे स्टेशन जा रहा था। मिली जानकारी के अनुसार, रेवाड़ी के गांव लाला निवासी कृष्ण कुमार बताया कि वह पेशे से किसान है और किसी काम से दिल्ली गया था। गुरुवार की देर शाम वापस ट्रेन में सवार होकर घर आ रहा था। जब ट्रेन खलीलपुर स्टेशन से पहले पहुंची तो किसी यात्री के फोन से अपने बेटे रवि कुमार को बताया कि वह खलीलपुर पहुंचने वाला है उसे लेने के लिए पहुंच जाना। अंजान व्यक्ति ने फोन पर दी जानकारी पिता का फोन आने के बाद रवि घर से बाइक लेकर निकल गया। कृष्ण कुमार खलीलपुर स्टेशन पर पहुंच गया।लेकिन काफी देर बाद भी जब उसका बेटा रवि नहीं पहुंचा तो उसने फिर से किसी के फोन से रवि के पास कॉल की। लेकिन इस बार फोन किसी राहगीर ने फोन उठाया और कहा कि बाइक सवार युवक का काकोडिय़ा के पास एक्सीडेंट हो गया है और उसकी हालत गंभीर है। इसी दौरान उसने एक बाइक चालक से लिफ्ट ली और एक्सीडेंट की बात कहते हुए काकोडिय़ा तक छोड़ आने के लिए कहा। जब मृतक के पिता वहा पहुंचे तो उस वक्त तक रवि को एंबुलेंस से सरकारी अस्पताल पहुंचा दिया गया था। अस्पताल पहुंचने पर मिली बेटे की मौत की जानकारी पिता सरकारी अस्पताल पहुंचे तो पता चला कि रवि की हादसे में मौत हो चुकी है। सूचना के बाद सदर थाना पुलिस पहले मौके पर पहुंची और फिर शव को कब्जे में लिया। पूछताछ में पता चला कि रवि की बाइक को तेज रफ्तार कार ने टक्कर मारी है। सदर थाना पुलिस ने कार चालक के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। हरियाणा के रेवाड़ी में रेवाड़ी पटौदी रोड पर गांव काकोडिय़ा के पास एक तेज रफ्तार कार ने बाइक चालक को टक्कर मार दी। हादसे में युवक की मौके पर ही मौत हो गई। सदर थाना पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर जांच शुरू कर दी है। युवक अपने पिता को लेने के लिए खलीलपुर रेलवे स्टेशन जा रहा था। मिली जानकारी के अनुसार, रेवाड़ी के गांव लाला निवासी कृष्ण कुमार बताया कि वह पेशे से किसान है और किसी काम से दिल्ली गया था। गुरुवार की देर शाम वापस ट्रेन में सवार होकर घर आ रहा था। जब ट्रेन खलीलपुर स्टेशन से पहले पहुंची तो किसी यात्री के फोन से अपने बेटे रवि कुमार को बताया कि वह खलीलपुर पहुंचने वाला है उसे लेने के लिए पहुंच जाना। अंजान व्यक्ति ने फोन पर दी जानकारी पिता का फोन आने के बाद रवि घर से बाइक लेकर निकल गया। कृष्ण कुमार खलीलपुर स्टेशन पर पहुंच गया।लेकिन काफी देर बाद भी जब उसका बेटा रवि नहीं पहुंचा तो उसने फिर से किसी के फोन से रवि के पास कॉल की। लेकिन इस बार फोन किसी राहगीर ने फोन उठाया और कहा कि बाइक सवार युवक का काकोडिय़ा के पास एक्सीडेंट हो गया है और उसकी हालत गंभीर है। इसी दौरान उसने एक बाइक चालक से लिफ्ट ली और एक्सीडेंट की बात कहते हुए काकोडिय़ा तक छोड़ आने के लिए कहा। जब मृतक के पिता वहा पहुंचे तो उस वक्त तक रवि को एंबुलेंस से सरकारी अस्पताल पहुंचा दिया गया था। अस्पताल पहुंचने पर मिली बेटे की मौत की जानकारी पिता सरकारी अस्पताल पहुंचे तो पता चला कि रवि की हादसे में मौत हो चुकी है। सूचना के बाद सदर थाना पुलिस पहले मौके पर पहुंची और फिर शव को कब्जे में लिया। पूछताछ में पता चला कि रवि की बाइक को तेज रफ्तार कार ने टक्कर मारी है। सदर थाना पुलिस ने कार चालक के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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SC कमीशन ने हिसार एसपी को भेजा नोटिस:7 दिनों में मांगा जवाब; 4 पुलिसकर्मियों ने दलित युवक को दी थी थर्ड डिग्री
SC कमीशन ने हिसार एसपी को भेजा नोटिस:7 दिनों में मांगा जवाब; 4 पुलिसकर्मियों ने दलित युवक को दी थी थर्ड डिग्री हरियाणा के हिसार में दलित युवक को थर्ड डिग्री देने का मामला राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग (SC कमीशन) पहुंच गया है। इस मामले में अयोग ने हिसार एसपी को नोटिस देकर 7 दिनों के अंदर जवाब मांगा है। भीम आर्मी जिला महासचिव अमित जाटव के साथ बस स्टैंड चौकी के 4 पुलिसकर्मियों ने थर्ड डिग्री टॉर्चर किया था। पीड़ित ने बताया कि उनके साथ 23 सितंबर 2024 की रात्रि बस स्टैंड चौकी हिसार के 4 पुलिसकर्मियों ने दुर्व्यवहार कर थर्ड डिग्री दी थी। इस मामले में 42 दिन बाद सिटी थाना में मुकदमा दर्ज हुआ था। लेकिन पीड़ित की शिकायत को नजरअंदाज कर जांच अधिकारी महेंद्र ने जानबूझकर आरोपी को फायदा पहुंचाने के लिए बयानों के अनुसार धारा ना लगाकर और 2 पुलिसकर्मियों का नाम एफआईआर में नहीं जोड़कर केस को कमजोर कर दिया था। डीएसपी, एसपी और आईजी को गुहार लगाने के बाद भी कोई सुनवाई नहीं हुई। तब पीड़ित अमित जाटव ने राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग को इनकी शिकायत भेजी थी। जिस पर आयोग ने एसपी को तलब कर 7 दिनों में जवाब मांगा है। राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग की ओर से भेजा गया नोटिस… अमित ने शिकायत में बताया उस रात का वाकया… 1. रात को पुलिस ने बेवजह रोका, डंडे मारे
मिल गेट शिवनगर निवासी अमित ने बताया था कि 23 सितंबर की रात को अपने सेक्टर 1-4 निवासी दोस्त संदीप की मम्मी से मिलने सेवक सभा अस्पताल गया था। साथ में दोस्त भी था। संदीप की मम्मी से मिले के बाद हम घूमने के लिए नीलम सिनेमा वाले रोड पर चले गए। रात करीब 10.30 बजे बाइक पर दो पुलिसकर्मी वाले आए और हमे रोक लिया, जिनका नाम बसाउराम और सुरेश था। पुलिस कर्मचारियों ने पूछा कि कहां के हो। हमने अपना पूरा पता बता दिया। पुलिस वाले बसाउराम ने मेरा आधार कार्ड मांगा तो मैंने कहा कि आधार कार्ड नहीं है। मैं फोन में अपना आधार देखने लगा तो बसाउ ने मुझे गालियां दी। मैंने कहा कि सर गाली मत दो। तभी दोनों बाइक से उतर कर हमें मारने लगे। इतना ही नहीं हाथ में डंडे लेकर मारने लगे। मुझे जबरन बाइक पर बैठाने लगे तो बाइक गिर गई। 2. मैं डर के भागने लगा तो जबरन ऑटो से चौकी ले गए
अमित ने बताया कि मैं डर के मारे भागने लगा, तभी पीछे से होमगार्ड बसाउराम एक ऑटो में आया और मुझे जबरदस्ती ऑटो में डाल दिया और मेरा फोन व 1300 रुपए छीन लिए, और मेरे को ऑटो में जबरदस्ती बैठाकर हिसार बस अड्डा चौकी के पास अलग कमरे में ले गए। तभी बसाउ ने फोन करके बाइक सवार दूसरे सिपाहियों को बुला लिया और मुझे एक कमरे में बंद करके बसाउराम, सुरेश और बाइक सवार 2 सिपाहियों ने मिलकर मुझे प्लास्टिक के डंडे से बुरी तरह मारा। तभी एक सिपाही ने पूछा क्या जाति है तेरी? तभी मैंने कहा कि मैं भीम आर्मी चलाता हूं। भीम आर्मी का जिला महासचिव हूं। इसके बाद पुलिसकर्मी और पीटने लगे और कहा कि तूने कहीं शिकायत की तो जान से मार देंगे। जाते वक्त मेरा फोन मुझे दे दिया, मैंने मेरे 1300 रुपए तो मांगे तो बोले भाग जा नहीं तो दोबारा पीटेंगे। इसके बाद मैं सरकारी अस्पताल दाखिल हो गया। 3. शिकायत के 42 दिन बाद केस दर्ज हुआ
अमित का कहना है कि शिकायत करने के 42 दिन बाद सिटी थाने पर आरोपी पुलिस कर्मी बसाउराम, एसपीओ सुरेश सहित दो अन्य पुलिस कर्मियों के खिलाफ धारा 115(2), 127(2), 351(2), 3(5) के तहत केस दर्ज कर लिया था। अब अमित का कहना है कि शिकायत के मुताबिक इसमें धाराएं नहीं जोड़ी गई। बल्कि हल्की धाराएं लगाकर पुलिसकर्मियों को बचाने का प्रयास किया गया।
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करनाल में एक्सप्रेस ट्रेन से कटकर व्यक्ति की मौत:नहीं हुई पहचान; पास मिली बाइक का एड्रेस शाहबाद, शिनाख्त करने में जुटी पुलिस करनाल में एक्सप्रेस ट्रेन की चपेट में आने से व्यक्ति की मौत हो गई। मृतक की शिनाख्त नहीं हो पाई है। उसके पास से बाइक बरामद हुई, जिसका एड्रेस शाहबाद है। जीआरपी ने शव को अपने कब्जे में लेकर करनाल के मॉर्च्युरी हाउस में रखवा दिया है। जीआरपी के मुताबिक, बीती रात को करीब साढ़े 12 बजे बजीदा जाटान के पास रेलवे ट्रैक पर एक व्यक्ति को पूजा एक्सप्रेस ट्रेन से कट गया। हादसे की जानकारी ट्रेन के लोको पायलट ने स्टेशन मास्टर को दी। स्टेशन मास्टर ने जीआरपी करनाल को सूचित किया। जिसके बाद पुलिस रात को ही मौके पर पहुंच गई। मृतक से कुछ दूरी पर मिली बाइक मृतक की उम्र करीब 55 वर्ष बताई जा रही है। मृतक ने सफेद रंग की शर्ट व नीले रंग की पेंट डाली हुई थी। मृतक से कुछ ही दूरी पर एक बाइक मिली है। जिसका नंबर सर्च करने के बाद शाहबाद का एड्रेस है। जीआरपी के एसएचओ ओमप्रकाश ने बताया कि मृतक की शिनाख्त नहीं हो पाई है। एक बाइक भी मौके से बरामद हुई। जिसके आधार पर पहचान का प्रयास किया जा रहा है। शिनाख्त नहीं होने पर पोस्टमॉर्टम के बाद दाह संस्कार करवा दिया जाएगा।
घरौंडा में बारिश में रात को गिरी मकान की छत:कमरे में सो रहे पति-पत्नी घायल; गहरी नींद में था पूरा परिवार
घरौंडा में बारिश में रात को गिरी मकान की छत:कमरे में सो रहे पति-पत्नी घायल; गहरी नींद में था पूरा परिवार हरियाणा में करनाल जिला के घरौंडा के गांव कैरवाली में देर रात बारिश के चलते एक गरीब परिवार के मकान की छत गिरने से बड़ा हादसा हुआ। इस हादसे में कमरे में सो रहे दंपती घायल हो गए। हादसा रात 2 बजे हुआ, जब पूरा परिवार गहरी नींद में था। गनीमत रही कि गाटर दंपती पर नहीं गिरा, अन्यथा जान भी जा सकती थी। घायलों को घरौंडा के सरकारी अस्पताल में भर्ती करवाया गया। पीड़ित परिवार ने मुआवजे की मांग की है। जानकारी अनुसार गांव कैरवाली निवासी 40 वर्षीय बिजेंद्र सिंह मेहनत मजदूरी का काम करता है। उसका मकान कड़ियों का बना हुआ है। लंबे समय से छत की मरम्मत की जरूरत थी। लगातार हो रही बारिश के कारण छत की मजबूती कम हो गई थी, जिसके चलते यह हादसा हुआ। उसने बताया कि घटना के समय वह और उसकी पत्नी सुषमा तथा 17 वर्षीय बेटा टिंकू कमरे में सो रहे थे। रात को तेज बारिश हुई थी। जिससे घर की छत अचानक ढह गई और वह और उसकी पत्नी मलबे में दब गए। कड़ियां ऊपर गिरने की वजह से गंभीर व गुम चोटे आई है। गनीमत रही कि बेटे को कोई चोट नहीं आई। हादसा होने के बाद आसपास के ग्रामीण मौके पर पहुंच गए और उन्हें मलबे से बाहर निकाला और नजदीकी अस्पताल पहुंचाया। बिजेंद्र ने बताया कि उसका परिवार पहले से ही आर्थिक तंगी से जूझ रहा था, और अब इस हादसे के बाद उनकी हालत और भी खराब हो गई है। उनके घर का सारा सामान मलबे के नीचे दब चुका है। सिर से छत जा चुके है। ऐसे में सरकार से मुआवजे की मांग है, ताकि हम अपने घर की मरम्मत कर सकें और अपने जीवन को फिर से पटरी पर ला सकें। ग्रामीणों ने भी प्रशासन से मदद की गुहार लगाई है और उम्मीद जताई है कि सरकार जल्द से जल्द इस परिवार की सहायता करेगी। वहीं गांव के सरपंच प्रतिनिधि मनीष राणा ने बताया कि बिजेंद्र के मकान की छत ढह गई है और दोनों चोटें भी आई है। गरीब परिवार है, इसकी सहायता के लिए सरकार से मुआवजे का निवेदन किया जाएगा।