हरियाणा के रेवाड़ी जिले में युवक का अपहरण कर बेरहमी से पीटने के मामले में एक माह बीत जाने के बाद भी आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं हो पाई है। इससे नाराज ग्रामीणों ने गुरुवार को एसपी गौरव राजपुरोहित से मुलाकात की और आरोप लगाया कि रामपुरा थाना पुलिस आरोपियों को गिरफ्तार नहीं कर रही है। एसपी ने आश्वासन दिया कि आरोपियों को जल्द ही पकड़ लिया जाएगा। गांव मुंडी निवासी पीड़ित अमित ने बताया- मेरे साथ यह घटना 28 मई को हुई थी। बस से उतारकर मेरा अपहरण कर लिया गया। इसमें सरपंच के पति व अन्य लोग शामिल थे। मैं पिछले एसपी से 3 बार मिला, एसएचओ से कई बार मिला। लेकिन उसके बाद भी आरोपी नहीं पकड़े गए। पुलिस ने अभी तक घटना में शामिल केवल नवीन नामक एक आरोपी को ही गिरफ्तार किया है। बिना किसी रंजिश के मेरा अपहरण कर मारपीट की गई। आरोपियों की गिरफ्तारी को लेकर आज नए एसपी से मिला हूं। ये था पूरा मामला रेवाड़ी के गांव मूंदी का रहने वाला अमित (25) शहर के अरोड़ा अस्पताल में नर्सिंग स्टाफ में कार्यरत हैं। रोजाना की तरह 28 मई की शाम वह ड्यूटी पर जाने के लिए अपने गांव के बस स्टैंड से प्राइवेट बस में सवार हुआ था। बस जब हरीनगर फ्लाइओवर के पास पहुंची तो पीछे से आई गुरुग्राम नंबर की एक वैगनार कार में सवार 3-4 लड़कों ने बस के आगे गाड़ी लगाकर उसे रूकवा लिया और बस की पिछली सीट पर बैठे अमित को घसीटते हुए नीचे उतार अपनी गाड़ी में डाल लिया। आरोपियों में गांव मूंदी निवासी नवीन और उसके साथी शामिल थे। नवीन गांव की सरपंच का देवर है। अमित ने सरपंच पति अनिल पर भी आरोप लगाए थे। रामपुरा थाना पुलिस ने अमित के पिता राजेश की शिकायत पर आरोपियों के खिलाफ अपहरण सहित अन्य धाराओं में केस दर्ज किया था। पुलिस ने केस दर्ज होने के बाद दबिश दी तो वारदात वाली रात ही आरोपियों ने अमित को रेवाड़ी शहर के आश्रम रोड पर छोड़ दिया था। आरोपियों ने इससे पहले उसके साथ काफी मारपीट की थी। अमित का आरोप है कि केस दर्ज होने के एक बाद से ज्यादा वक्त गुजरने के बाद भी पुलिस ने सिर्फ एक आरोपी को पकड़ा है, जबकि अन्य आरोपी अभी फरार है। हरियाणा के रेवाड़ी जिले में युवक का अपहरण कर बेरहमी से पीटने के मामले में एक माह बीत जाने के बाद भी आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं हो पाई है। इससे नाराज ग्रामीणों ने गुरुवार को एसपी गौरव राजपुरोहित से मुलाकात की और आरोप लगाया कि रामपुरा थाना पुलिस आरोपियों को गिरफ्तार नहीं कर रही है। एसपी ने आश्वासन दिया कि आरोपियों को जल्द ही पकड़ लिया जाएगा। गांव मुंडी निवासी पीड़ित अमित ने बताया- मेरे साथ यह घटना 28 मई को हुई थी। बस से उतारकर मेरा अपहरण कर लिया गया। इसमें सरपंच के पति व अन्य लोग शामिल थे। मैं पिछले एसपी से 3 बार मिला, एसएचओ से कई बार मिला। लेकिन उसके बाद भी आरोपी नहीं पकड़े गए। पुलिस ने अभी तक घटना में शामिल केवल नवीन नामक एक आरोपी को ही गिरफ्तार किया है। बिना किसी रंजिश के मेरा अपहरण कर मारपीट की गई। आरोपियों की गिरफ्तारी को लेकर आज नए एसपी से मिला हूं। ये था पूरा मामला रेवाड़ी के गांव मूंदी का रहने वाला अमित (25) शहर के अरोड़ा अस्पताल में नर्सिंग स्टाफ में कार्यरत हैं। रोजाना की तरह 28 मई की शाम वह ड्यूटी पर जाने के लिए अपने गांव के बस स्टैंड से प्राइवेट बस में सवार हुआ था। बस जब हरीनगर फ्लाइओवर के पास पहुंची तो पीछे से आई गुरुग्राम नंबर की एक वैगनार कार में सवार 3-4 लड़कों ने बस के आगे गाड़ी लगाकर उसे रूकवा लिया और बस की पिछली सीट पर बैठे अमित को घसीटते हुए नीचे उतार अपनी गाड़ी में डाल लिया। आरोपियों में गांव मूंदी निवासी नवीन और उसके साथी शामिल थे। नवीन गांव की सरपंच का देवर है। अमित ने सरपंच पति अनिल पर भी आरोप लगाए थे। रामपुरा थाना पुलिस ने अमित के पिता राजेश की शिकायत पर आरोपियों के खिलाफ अपहरण सहित अन्य धाराओं में केस दर्ज किया था। पुलिस ने केस दर्ज होने के बाद दबिश दी तो वारदात वाली रात ही आरोपियों ने अमित को रेवाड़ी शहर के आश्रम रोड पर छोड़ दिया था। आरोपियों ने इससे पहले उसके साथ काफी मारपीट की थी। अमित का आरोप है कि केस दर्ज होने के एक बाद से ज्यादा वक्त गुजरने के बाद भी पुलिस ने सिर्फ एक आरोपी को पकड़ा है, जबकि अन्य आरोपी अभी फरार है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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हरियाणा के युवक के सुसाइड का लाइव VIDEO:जल्द अमीर बनने के चक्कर में ऑनलाइन बैटिंग की, नुकसान हुआ तो टंकी से कूदा
हरियाणा के युवक के सुसाइड का लाइव VIDEO:जल्द अमीर बनने के चक्कर में ऑनलाइन बैटिंग की, नुकसान हुआ तो टंकी से कूदा पंजाब के खरड़ स्थित चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी (CU) में पढ़ने वाले छात्र ने 100 फीट ऊंची पानी की टंकी से छलांग लगाकर आत्महत्या कर ली। उसके छलांग लगाने की वीडियो सामने आई है। जिसमें वह कूदता दिख रहा है। मरने वाले छात्र की पहचान 19 वर्षीय सुमित छिक्कारा निवासी बहादुरगढ़ (हरियाणा) के रूप में हुई है। वह माता-पिता का इकलौता बेटा था। जानकारी के मुताबिक युवक ने जल्द अमीर बनने के लिए ऑनलाइन बैटिंग (सट्टा) की थी। जिसमें उसे नुकसान हुआ था। वहीं दोस्तों ने पुलिस को बताया कि मृतक ने ये कदम उठाने से पहले भी आत्महत्या का प्रयास किया था। घटना 15 जुलाई की बताई जा रही है। फिलहाल पुलिस इस मामले में जांच कर रही है। यूनिवर्सिटी में BBA कर रहा था
सुमित वह घडूआं स्थित CU में BBA का स्टूडेंट था। उसके साथियों आदित्य और वैभव ने बताया कि सुमित उनका दोस्त था, जो कुछ दिनों से पैसों के लेनदेन को लेकर परेशान था। सुमित ने पहले हाथ की नस काटी और फिर अचानक मॉर्डन सिटी सेंटर में बनी पानी की टंकी के ऊपर चढ़ गया। जैसे ही दोस्तों व आसपास के लोगों ने उसे टंकी पर चढ़ा देखा तो वे उसे रोकने की कोशिश में लगे। दो व्यक्ति उसे रोकने के लिए टंकी पर भी चढ़े, लेकिन सुमित ने उन्हें चढ़ता देख टंकी से छलांग लगा दी। युवक की हड्डियां बाहर आ गईं थी
युवक उसे सरकारी अस्पताल खरड़ ले आए। डॉक्टरों ने जांच के बाद उसे मृत घोषित कर दिया। जानकारी के मुताबिक युवक की दोनों टांगें टूटी हुई थीं। टांगों की हड्डियां बाहर दिखाई दे रही थी। पुलिस ने शव परिजनों को सौंपा
वह मॉर्डन वैली खानपुर के एक पीजी में अपने दोस्तों के साथ रहता था और वह अपने माता-पिता का इकलौता बेटा था। इस हादसे की सूचना मिलने के बाद मृतक के परिजन हरियाणा के बहादुरगढ़ से सरकारी अस्पताल खरड़ पहुंचे थे। पुलिस ने शव का पोस्टमॉर्टम करवाकर शव परिजनों को सौंप दिया है।
जींद में 120 फुट ऊंचे मोबाइल टावर पर चढ़ा व्यक्ति:जमीन के 1.70 लाख रुपए का विवाद; 2 घंटे बाद उतरते हुए गिरा
जींद में 120 फुट ऊंचे मोबाइल टावर पर चढ़ा व्यक्ति:जमीन के 1.70 लाख रुपए का विवाद; 2 घंटे बाद उतरते हुए गिरा हरियाणा के जींद के सफीदों क्षेत्र के गांव बहादुरगढ़ का कृष्ण अपनी मांग मनवाने के लिए सोमवार को गांव में स्थित एक मोबाइल फोन के ऊंचे टावर पर चढ़ गया। कृष्ण का कहना था कि उसके द्वारा जमीन बेचने के बाद 1.70 लाख रुपए नहीं देने व प्रशासन द्वारा कोई भी सुनवाई नहीं करने से परेशान होकर वह टावर पर चढ़ा है। मोबाइल टावर की ऊंचाई करीब 120 फुट थी। व्यक्ति को टावर पर चढ़े देख मौके पर ग्रामीणों की भीड़ लग गई। टावर पर चढ़े कृष्ण ने मीडिया से मोबाइल फोन पर बातचीत की। बताया कि उसने गांव के ही एक व्यक्ति को अपनी जमीन बेची थी। खरीददार ने उसे 8.10 लाख रूपए दे दिए थे और 1.70 लाख रुपए ओर देने की बात कही थी। उसे अभी तक 1.70 लाख रुपए नहीं दिए गए हैं। उसकी 17 मरले जमीन की रजिस्ट्री अपने नाम करवाकर कब्जा ली है। कृष्ण का कहना था कि इस मामले को लेकर वह 6 महीने से सफीदों व जिला प्रशासन के आलाधिकारियों के पास चक्कर काटकर न्याय की गुहार लगा चुका है, लेकिन उसकी कोई सुनवाई नहीं हुई। उसके बाद उसने सीएम विंडो में भी शिकायत लगाई थी। लेकिन वहां भी कुछ नहीं हुआ। करीब 15-20 दिन पहले वह सीएम नायब सैनी से मिला था। इसके बाद भी कहीं से कोई कार्रवाई नहीं हुई। उसने परेशान होकर गांव के टावर पर चढ़ने का फैसला लेना पड़ा। करीब 2 घंटे चला हाई प्रोफाइल ड्रामा
कृष्ण का यह ड्रामा लगभग 2 घंटे तक चला। इस दौरान प्रशासन कृष्ण से लगातार फोन पर बात करता रहा। प्रशासन द्वारा किसी भी अप्रिय घटना से बचने के लिए मौके पर एंबुलेंस व दमकल की गाड़ी भी मौके पर बुला ली थी। इस दौरान प्रशासनिक अधिकारियों ने मौके पर उसके परिजनों को भी बुलाया। लेकिन कृष्ण ने उनकी एक ना सुनी और वह टावर से चढ़ा रहा। करीब 2 घंटे के बाद कृष्ण ने नीचे उतरना शुरू तो किया, लेकिन वह अचानक अनियंत्रित होकर करीब 5 फुट ऊंचाई से नीचे गिर गया। टावर की दो-तीन पौड़ियों से गिरते के बाद वह रास्ते में अटक गया। कुछ समय तक बदहोश हो गया। इस दौरान उसे चोटें भी आई है। उसके बाद प्रशासनिक अधिकारियों, ग्रामीणों व परिजनों के काफी समझाने के बाद कृष्ण नीचे उतर गया। उसके नीचे उतरने के बाद तत्काल उसे सफीदों के नागरिक अस्पताल में दाखिल करवाया गया। डीएसपी जितेंद्र का कहना है कि आज ही उनको शिकायत प्राप्त हुई थी। इसके बाद उन्होंने दोनों पार्टियों को बुलाया था। दोनों पार्टियों में से दूसरी पार्टी का कहना था कि जो जमीन उनके द्वारा बेची गई थी, उसकी पूरी पेमेंट में वे कृष्ण को कर चुके हैं। पूरी पेमेंट होने के बाद कृष्ण ने उनके हक में रजिस्ट्री भी करवाई हुई है। कृष्ण खरीददार की तरफ 1.70 लाख रूपए बकाया बता रहा है। पुलिस जांच कर रही है।
दुष्यंत चौटाला का विरोध, जनसभा रद्द करनी पड़ी:गांव में नहीं घुसने दी गाड़ी; मंदिर से वर्कर के घर तक पीछा करते रहे ग्रामीण
दुष्यंत चौटाला का विरोध, जनसभा रद्द करनी पड़ी:गांव में नहीं घुसने दी गाड़ी; मंदिर से वर्कर के घर तक पीछा करते रहे ग्रामीण हरियाणा विधानसभा चुनाव में प्रचार के लिए उतरे पूर्व डिप्टी CM दुष्यंत चौटाला को कैथल में जबरदस्त विरोध का सामना करना पड़ा। वह गुहला चीका में JJP कैंडिडेट कृष्ण कुमार बाजीगर के लिए वोट मांगने गए थे। वहां गांव बलबेहड़ा में किसानों ने गांव के बाहर ही उनकी गाड़ी रोक ली। ग्रामीणों को जैसी ही दुष्यंत के आने की सूचना मिली थी, वे काले झंडे लेकर रास्ते पर पहुंच गए थे। गांव में दुष्यंत का कार्यक्रम मंदिर परिसर में रखा गया था। जब ग्रामीणों ने विरोध किया तो कार्यक्रम स्थल एक कार्यकर्ता के घर शिफ्ट कर दिया गया, लेकिन लोग वहां भी पहुंच गए। इसके बाद दुष्यंत को जनसभा रद्द करनी पड़ी और रास्ता बदलकर निकलना पड़ा। ग्रामीणों का कहना था कि 5 साल सरकार में रहते हुए दुष्यंत ने उनकी कोई सुध नहीं ली। अब उन्हें गांव की सीमा से होकर भी नहीं गुजरने देंगे। वहीं, हरिगढ़ किंगन गांव में भी एक युवा ने दुष्यंत चौटाला की जमकर क्लास लगाई। उनसे बहस हुई और युवक ने उनसे सवाल भी पूछे। 2 वीडियो वायरल हो रहे, एक में दुष्यंत नहीं दिख रहे
जानकारी के अनुसार, मंगलवार को गुहला हलके में पूर्व डिप्टी CM के प्रोग्राम रखे गए थे। इस दौरान उन्हें दर्जन भर गांवों में जाना था। अपनी पार्टी कैंडिडेट की जीत की अपील भी लोगों से करनी थी। इसके लिए ही वह गुहला हलके में पहुंचे थे। इस दौरान उनका विरोध किया गया। दुष्यंत चौटाला के विरोध को लेकर सोशल मीडिया पर कई वीडियो वायरल हो रहे हैं। उनमें से एक 17 सेकेंड का है। उस वीडियो में बलबेहड़ा गांव में किसान JJP के झंडे वाली गाड़ी को घेरे खड़े हैं। वे दुष्यंत चौटाला के खिलाफ नारेबाजी कर रहे हैं और काले झंडे दिखा रहे हैं। गाड़ी में कंडक्टर साइड में बैठा व्यक्ति तो शीशा उतार कर बातचीत करता है, लेकिन गाड़ी का पीछे का शीशा नहीं उतारा जाता। गाड़ी में पीछे दुष्यंत थे या कोई अन्य, लेकिन किसान नारेबाजी कर उस गाड़ी काे वापस कर देते हैं। युवक ने क्लास लगाई
वहीं, दूसरी वीडियो हरिगढ़ किंगन गांव की बताई जा रही है। इसमें एक युवक दुष्यंत चौटाला को अपनी आपबीती सुना रहा है। वह सरकार में रहते हुए उनके किए को लेकर सवाल भी कर रहा है। इस दौरान दुष्यंत अपने वर्करों के साथ मौजूद हैं। वह युवक की बातें सुन रहे हैं। इसके बाद जवाब भी देते हैं, और कुछ हो-हल्ला हो उठता है। हालांकि, यह पहला मौका नहीं है जब दुष्यंत का विरोध हो रहा है। अभी 3 दिन पहले भी उचाना दौरे पर उन्हें काले झंडे दिखाए गए थे। यहां छातर गांव में उनका विरोध हुआ। दुष्यंत का काफिला जैसे ही गांव में पहुंचा तो वहां युवाओं ने नारेबाजी शुरू कर दी। युवकों ने आरोप लगाया कि दुष्यंत चौटाला को पिछले विधानसभा चुनाव में यहां के लोगों ने बड़ी जीत दिलाई थी। लोगों ने भाजपा के खिलाफ होकर दुष्यंत के लिए वोटिंग की। दुष्यंत चुनाव जीत गए तो वह खुद भाजपा के साथ चले गए। इसे लेकर लोगों में बहुत नाराजगी है। इन नेताओं का भी विरोध हो चुका… आदमपुर में कुलदीप बिश्नोई का विरोध हिसार जिले के आदमपुर विधानसभा क्षेत्र में सोमवार को प्रचार करने गए कुलदीप बिश्नोई और विधायक के बेटे भव्य बिश्नोई को भारी विरोध का सामना करना पड़ा। विरोध के दौरान धक्का-मुक्की भी हुई। इस दौरान लोगों ने आरोप लगाया कि एक ग्रामीण का फोन तोड़ दिया गया। इसके बाद स्थानीय लोगों से कुलदीप बिश्नोई की तीखी बहस हुई। नौबत मारपीट तक की पहुंच गई थी। बात बढ़ती देख पूर्व विधायक अपने बेटे को लेकर वहां से निकल गए। उनके काफिले का लोगों ने दौड़कर पीछा भी किया। कुलदीप ने मांफी मांगी
घटना के बाद कुलदीप बिश्नोई खुद गांव में हुई पंचायत में पहुंचे और अपनी और भव्य की तरफ से माफी मांगी। कुलदीप बिश्नोई ने पंचायत में जाकर कहा कि आदमपुर के सभी लोग मेरे परिवार की तरह हैं, आप सभी भी मेरे परिवार के सदस्य हैं और परिवार में किसी तरह का अहंकार नहीं है। इससे पहले ग्रामीणों ने भव्य बिश्नोई से कहा कि यहां कोई काम नहीं हुआ। बिश्नोई परिवार ने गांव के साथ सौतेला व्यवहार किया है। यह घटना आदमपुर के कुतियावाली गांव में हुई। इस घटना के बाद प्रशासन सक्रिय हो गया है। एसपी ने आदमपुर थाने से पूरे मामले की रिपोर्ट मांगी है। उधर, आदमपुर थाना प्रभारी अमित कुंडू ने कहा है कि अभी हमारे पास कोई सूचना नहीं है। अनिल विज के प्रोग्राम में हंगामा
अंबाला कैंट विधानसभा सीट से भाजपा उम्मीदवार और प्रदेश के पूर्व गृहमंत्री अनिल विज को बीते रविवार शाम को जलबेड़ा और शाहपुर गांव में किसानों का विरोध झेलना पड़ा। विज के इन दोनों गांवों में चुनावी कार्यक्रम रखे गए थे। इसकी भनक लगते ही किसान यूनियनों से जुड़े लोग वहां पहुंच गए और झंडे लहराते हुए नारेबाजी करने लगे। शाहपुर गांव में विरोध जताने वाले लोग भारतीय किसान यूनियन (भगत सिंह गुट) से जुड़े थे। वह यूनियन के झंडे लेकर कार्यक्रम के अंदर पहुंच गए। हंगामे के दौरान विज सर्मथकों ने भी ‘अनिल विज जिंदाबाद’ के नारे लगाने शुरू कर दिए। दोनों पक्षों के आमने-सामने हो जाने और नारेबाजी से माहौल गर्मा गया। हंगामा बढ़ता देखकर अनिल विज प्रोग्राम बीच में ही छोड़कर शाहपुर गांव से रवाना हो गए। जींद में भाजपा उम्मीदवार कृष्ण बेदी से तीखी बहस
हाल ही में जींद जिले के नरवाना विधानसभा क्षेत्र में BJP कैंडिडेट पूर्व मंत्री कृष्ण बेदी और ग्रामीणों के बीच तीखी बहस हो गई। वह भिखेवाला गांव में चुनाव प्रचार करने गए थे। इस दौरान उन्हें ग्रामीणों के विरोध का सामना करना पड़ा। किसान आंदोलन के दौरान भाजपा के व्यवहार से लोगों में रोष था। कृष्ण बेदी चुनाव प्रचार के लिए गांव भिखेवाला की चौपाल में पहुंचे थे। वहां एकत्रित लोगों ने कृष्ण बेदी को कहा कि उन्होंने मंत्री रहते हुए कभी उनके गांव की समस्याओं को निपटाने में दिलचस्पी नहीं ली। इसलिए, अब विधानसभा चुनाव में गांव के लोग भी कृष्ण बेदी की कोई बात नहीं सुनेंगे। इस दौरान ग्रामीणों व कृष्ण बेदी के बीच खूब सवाल-जवाब हुए। ग्रामीणों ने यहां तक कह दिया कि जिस प्रकार का अपमान भाजपा और उसके मंत्रियों ने किसानों- मजदूरों का किया, ठीक उसी प्रकार अब वे विधानसभा चुनाव में भाजपा के साथ करेंगे। इस दौरान कृष्ण बेदी लोगों को समझाते हुए नजर आए, लेकिन लोग उनकी बात सुनने के लिए राजी नहीं हुए। उकलाना में अनूप धानक का विरोध
हिसार जिले की उकलाना विधानसभा सीट से भाजपा उम्मीदवार अनूप धानक को बीते शनिवार को विरोध का सामना करना पड़ा। धानक प्रभुवाला और कंडूल गांव में पहुंचे तो यहां ग्रामीणों ने नारेबाजी की। प्रभुवाला में ग्रामीणों ने कहा कि आप पिछले 10 वर्षों से हलके के विधायक रहे। एक बार भी उनका हाल-चाल लेने नहीं आए। जब मंत्री बने हुए थे तो हमारे से बदबू आती थी। अगर खुशी में मिठाई देने जाते तो वह भी खाने की बजाय दीवार पर रख देते थे। आज ग्रामीणों की याद कैसे आ गई। कंडूल गांव में ग्रामीणों ने कहा कि 10 वर्षों में उनके गांव में करीब 50 लोगों की मौत हो चुकी है। किसी के यहां शोक जताने तक नहीं आए। किसानों ने भयाना से पूछा- शुभकरण को गोली क्यों मारी?
वहीं, हांसी के गांव घिराय में किसानों ने विनोद भयाना के कार्यक्रम में हंगामा करते हुए पूछा कि किसान आंदोलन में आपकी सरकार ने शुभकरण को गोली क्यों मरवाई। हांसी में DP वत्स और बृजेंद्र सिंह ने किसान आंदोलन के विरोध में ट्रैक्टर मार्च निकाला था। किसानों ने कहा कि आपकी सरकार किसान विरोधी है, जो कृषि यंत्रों पर 28 प्रतिशत GST लगाया गया है। हांसी से भाजपा उम्मीदवार भयाना बोले- इस बात का विरोध करना है तो वोट मत देना, लेकिन बहसबाजी मत करो।