हरियाणा के रेवाड़ी जिले में पड़ रही भीषण गर्मी से राहत पाने के लिए जोहड़ में नहाने उतरे एक युवक की गहने पानी में डूबने से मौत हो गई। युवक के जोहड़ में डूबने की सूचना के बाद ग्रामीणों ने गोताखोरों के साथ मिलकर उसकी तलाश की। करीब 2 घंटे बाद उसके शव को जोहड़ से निकाला गया। मिली जानकारी के अनुसार, गांव कसौला निवासी संदीप कुमार (17) अपने माता-पिता का इकलौता बेटा था। रोजाना की तरह अपने साथियों के साथ सुबह घूमने व दौड़ लगाने गया था। भीषण गर्मी को देखते हुए संदीप और उसके दोस्त जोहड़ में नहाने उतर गए। संदीप का नहाते समय अचानक पैर फिसल गया और वह गहरे पानी में डूबता चला गया। 2 घंटे बाद जोहड़ से निकाला उसके साथियों ने शोर मचाया और इसकी सूचना कसौला थाना पुलिस को दी। मौके पर पहुंचे जांचकर्ता अधिकारी धीरज कुमार ने गोताखारों की मदद से 2 घंटे की मेहनत के बाद संदीप को जोहड़ के गहरे पानी से बाहर निकाला। उसे अस्पताल ले जा गया। जहां डाक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। उसके पिता मजदूरी करते हैं। इकलौते पुत्र की मौत से पूरा परिवार का रो-रो कर बुरा हाल है। हरियाणा के रेवाड़ी जिले में पड़ रही भीषण गर्मी से राहत पाने के लिए जोहड़ में नहाने उतरे एक युवक की गहने पानी में डूबने से मौत हो गई। युवक के जोहड़ में डूबने की सूचना के बाद ग्रामीणों ने गोताखोरों के साथ मिलकर उसकी तलाश की। करीब 2 घंटे बाद उसके शव को जोहड़ से निकाला गया। मिली जानकारी के अनुसार, गांव कसौला निवासी संदीप कुमार (17) अपने माता-पिता का इकलौता बेटा था। रोजाना की तरह अपने साथियों के साथ सुबह घूमने व दौड़ लगाने गया था। भीषण गर्मी को देखते हुए संदीप और उसके दोस्त जोहड़ में नहाने उतर गए। संदीप का नहाते समय अचानक पैर फिसल गया और वह गहरे पानी में डूबता चला गया। 2 घंटे बाद जोहड़ से निकाला उसके साथियों ने शोर मचाया और इसकी सूचना कसौला थाना पुलिस को दी। मौके पर पहुंचे जांचकर्ता अधिकारी धीरज कुमार ने गोताखारों की मदद से 2 घंटे की मेहनत के बाद संदीप को जोहड़ के गहरे पानी से बाहर निकाला। उसे अस्पताल ले जा गया। जहां डाक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। उसके पिता मजदूरी करते हैं। इकलौते पुत्र की मौत से पूरा परिवार का रो-रो कर बुरा हाल है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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यौन शोषण मामले में IPS अधिकारी को क्लीन चिट:कमेटी ने सबमिट की फाइनल रिपोर्ट, नहीं मिला कोई सबूत
यौन शोषण मामले में IPS अधिकारी को क्लीन चिट:कमेटी ने सबमिट की फाइनल रिपोर्ट, नहीं मिला कोई सबूत हरियाणा के IPS ऑफिसर सुमित कुमार पर महिला पुलिसकर्मी यौन शोषण के आरोपों के मामले में क्लीन चिट मिल गई है। डीजीपी की तरफ से गठित इन्क्वायरी कमेटी की फाइनल रिपोर्ट में आईपीएस अधिकारी सुमित कुमार को निर्दोष ठहराया गया है और उन पर लगे आरोप निराधार मिले हैं। कमेटी को यौन शोषण के मामले में कोई भी सबूत नहीं मिला है। जिन महिला पुलिसकर्मियों के नाम से शिकायत आई थी, उन नाम से भी जींद में कोई महिला पुलिस कर्मचारी नहीं मिली। कमेटी ने जांच में करीब 168 महिला पुलिस कर्मियों के बयान लिए थे। इसके अलावा आईपीएस अधिकारी के जींद में कार्यकाल के दौरान महिला पुलिस कर्मियों के सर्विस रिकॉर्ड की भी जांच की। इसके बाद जो फाइनल रिपोर्ट सौंपी गई, जिसमें आईपीएस अधिकारी पर लगे आरोप निराधार बताते हुए उन्हें क्लीन चिट दे दी। 26 अक्टूबर 2024 को हरियाणा में IPS ऑफिसर पर महिला पुलिसकर्मियों ने यौन शोषण के आरोप लगाए थे। महिला पुलिसकर्मियों ने इसको लेकर हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी को चिट्ठी लिखी थी। यह चिट्ठी सोशल मीडिया पर वायरल हो गई थी। इस पर 7 महिला पुलिसकर्मियों के साइन भी थे। चिट्ठी में लिखा था- शारीरिक संबंध बनाने का दबाव बनाया चिट्ठी में आरोप लगाया गया था कि IPS ऑफिसर ने एक महिला पुलिस अधिकारी से मिलकर शारीरिक संबंध बनाने के लिए दबाव बनाया और ऐसा नहीं करने पर वार्षिक गोपनीय रिपोर्ट (ACR) खराब करने की धमकी तक दी। महिला पुलिसकर्मियों ने घटना के बारे में महिला DSP को भी बताया था। CM को लिखे पत्र में महिला पुलिसकर्मियों ने कहा था कि अगर उनकी शिकायत पर गौर नहीं किया तो वह आत्महत्या के लिए मजबूर हो जाएंगी। इसके बाद मामले की जांच शुरू हो गई थी। जांच टीम में सिरसा एसपी आस्था मोदी को भी शामिल किया गया था। महिला आयोग की तरफ से भी जांच शुरू की गई थी। इस दौरान आईपीएस को जींद से अंबाला ट्रांसफर कर दिया था। महिला पुलिसकर्मियों के यौन शोषण के आरोपों की अब 3 स्तर पर जांच की जा रही थी। बुरे दिन थे, जो अब टल गए
महिला आयोग की टीम के साथ-साथ दो आईपीएस अधिकारी इस मामले की जांच कर रहे थे। फतेहाबाद की महिला आईपीएस अधिकारी आस्था मोदी और एडीजीपी ममता सिंह भी जांच कर रही थीं। इसके अलावा एसआईटी जांच भी की गई। हिसार एसपी के नेतृत्व में एसआईटी जांच के लिए टीम बनाई गई थी। अब कमेटी की फाइनल रिपोर्ट में आईपीएस अधिकारी को क्लीन चिट दे दी है। इस मामले में आईपीएस से बात की गई तो उन्होंने कहा कि उन्हें पहले ही पता था कि जांच में वह निर्दोष साबित होंगे। कुछ बुरे दिन थे, जो अब टल गए हैं। उन्होंने खुद ही जांच के लिए पत्र लिखा था।

रोहतक में युवक से धोखाधड़ी:बैंक में नौकरी लगाने का दिया झांसा, फीस के नाम पर मांगे रुपए, 79913 रुपए ठगे
रोहतक में युवक से धोखाधड़ी:बैंक में नौकरी लगाने का दिया झांसा, फीस के नाम पर मांगे रुपए, 79913 रुपए ठगे रोहतक में एक युवक से नौकरी का झांसा देकर रुपए ठगने का मामला सामने आया है। आरोपियों ने पहले युवक को अपने झांसे में फंसाया और फिर उसे नौकरी लगाने के बात कहकर विभिन्न फीस के माध्यम से उससे 79 हजार 913 रुपए ठग लिए। जिसकी शिकायत पुलिस को दी गई है। रोहतक के शक्ति नगर निवासी प्रशांत कुमार ने आर्य नगर थाना में धोखाधड़ी की शिकायत दी। शिकायत में बताया कि वह बेरोजगार है और नौकरी की तलाश में कई जगह आवेदन किए। एक अक्टूबर को उसे प्लेसमेंट एजेंसी के नाम से कॉल आई, जिसमें सामने वाले ने खुद को अधिकारी बताया और बैंक में अकाउंटेंट के पद का ऑफर दिया। इसलिए उसने नौकरी के लिए हां भर दी। इसके बाद फोन पर इंटरव्यू लेने की बात कही। दूसरे नंबर से कॉल आई और बैंक अधिकारी बनकर इंटरव्यू लिया। अगले दिन फोन करके इंटरव्यू पास होने की बात कहकर रजिस्ट्रेशन प्रोसेस के लिए कहा। फीस के नाम पर मांगे पैसे
प्रशांत कुमार ने बताया कि रजिस्ट्रेशन फीस के नाम पर 799 रुपए मांगे। इसके बाद प्रोफाइल सर्टिफिकेशन जनरेट करने के लिए 3850 रुपए, बैंक में अकाउंट खोलने के लिए 7500 रुपए व दस्तावेज मांगे। इसके बाद प्लेसमेंट फीस के नाम पर 13542 रुपए मांगे। ऑफर लेटर दिया और कहा कि एक माह की ट्रेनिंग में 25500 रुपए व बाद में 40500 रुपए मिलेंगे। ज्वाइनिंग के लिए 28500 रुपए मांगे। इसके पश्चात बीमा के नाम पर 25 हजार 722 रुपए जमा करवाए। नौकरी का झांसा देकर 79 हजार 913 रुपए ठगे
उन्होंने बताया कि दीपावली के बाद ज्वाइनिंग का शेड्यूल किया। जब ज्वाइनिंग लोकेशन के बारे में पूछा तो उससे लैपटॉप सिक्योरिटी के नाम पर 30 हजार 500 रुपए मांगे। इस पर पुलिस की धमकी दी और लोकेशन पर आकर पैसे देने की बात कही। उसके वाट्सअप पर भेजे कागजात में दिए पते पर जाकर देखा तो वहां दूसरी कंपनी का एड्रेस निकला। जिसके बाद पता चला कि उससे धोखाधड़ी हुई है। नौकरी का झांसा देकर 79 हजार 913 रुपए ठगे हैं। जिसके बाद मामले की शिकायत पुलिस को दे दी। पुलिस ने केस दर्ज करके जांच शुरू कर दी।

सोनीपत में हैफेड के गोदाम का गड़बड़झाला:गेहूं की तौल और मॉइस्चर में गड़बड़ी का पर्दाफाश; एक सस्पेंड और दूसरे का तबादला, FIR के आदेश
सोनीपत में हैफेड के गोदाम का गड़बड़झाला:गेहूं की तौल और मॉइस्चर में गड़बड़ी का पर्दाफाश; एक सस्पेंड और दूसरे का तबादला, FIR के आदेश हरियाणा के सोनीपत जिले के गोहाना में गेहूं की खरीद प्रक्रिया में लाखों के घोटाले में दो कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की गई है। जहां तौल और मॉइस्चर (नमी) की मात्रा में गड़बड़ी कर अनाज में हेराफेरी की जा रही थी। एसीएस आनंद मोहन के निर्देश पर गोहाना की एसडीएम अंजलि ने सख्त कार्रवाई करते हुए हैफेड के गोदाम में तैनात एएफआई (AFI) बादल को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए हैं। वहीं रामगढ़ में स्टोरकीपर के अतिरिक्त पद पर तैनात जयप्रकाश को हटाकर माहरा में ट्रांसफर कर दिया गया है। इस मामले में लाखों क्विंटल गेहूं के घोटाले की संभावना जताई जा रही है। क्या था पूरा मामला
गोहाना की अनाज मंडी से आढ़तियों के गेहूं की तौल के बाद गेहूं के बैग्स को लिफ्टिंग कर रामगढ़ स्थित हैफेड के गोदाम में भेजा जाता है। वहां पर AFI बादल और एएफआई (AFI) जयप्रकाश की ड्यूटी थी। 13 अप्रैल को हुई जांच में तौल में भारी गड़बड़ी पकड़ी गई थी, जहां एक गाड़ी में करीब डेढ़ क्विंटल गेहूं यानि तीन बैग कम पाया गया। वहीं मॉइस्चर के नाम पर आढ़तियों से कटौती या पैसे की मांग की जाती थी।
जिसको लेकर शुक्रवार को एसीएस आनंद मोहन ने मौके पर एसडीएम को सस्पेंड कर एफ आई आर करवाने के आदेश जारी किए थे। सिलसिलेवार जानिए कैसे हुआ खुलासा:
13 अप्रैल को कैसे हुआ खुलासा गोहाना अनाज मंडी एसोसिएशन के प्रतिनिधियों ने हैफेड और वेयरहाउस मैनेजर के साथ मिलकर जांच की। इस दौरान तौल और मॉइस्चर(नमी) में की जा रही धांधली उजागर हुई। जब यह मामला एसीएस आनंद मोहन के संज्ञान में आया, तो उन्होंने तुरंत प्रभाव से बादल को सस्पेंड कर एफआईआर के आदेश दिए और जयप्रकाश का ट्रांसफर कर दिया। गोहाना की एसडीएम अंजलि श्रोत्रिय का बयान एसडीएम अंजलि श्रोत्रिय ने बताया कि ACS आनंद मोहन के निर्देश पर AFI बादल को सस्पेंड कर एफआईआर दर्ज करने के आदेश जारी किए गए हैं। पहले भी तौल में 1.5 क्विंटल का अंतर आ रहा था, जिसे सुधारा गया था, लेकिन कुछ समय बाद दोबारा गड़बड़ी शुरू हो गई। परचेज एजेंसी को यह सुनिश्चित करना होता है कि कांटे सही तरीके से काम कर रहे हों, लेकिन ऐसा नहीं किया गया। इससे यह स्पष्ट होता है कि यह जानबूझकर किया गया घोटाला है। एक आढ़ती द्वारा दी गई शिकायत के अनुसार रामगढ़ स्थित हैफेड गोदाम में मॉइस्चर (नमी) ज्यादा बताकर गेहूं में कटौती कर पैसे की डिमांड की जा रही थी। इस मामले की भी जांच चल रही है। ACS आनंद मोहन का एक्शन एसीएस ने मौके पर निरीक्षण कर कर्मचारियों से पूछताछ की और शिकायत सही पाए जाने पर सख्त एक्शन लिया। उन्होंने स्पष्ट किया कि इस प्रकार की गड़बड़ी किसी भी स्तर पर बर्दाश्त नहीं की जाएगी। मामले की तह तक जाकर अन्य दोषियों पर भी कड़ी कार्रवाई की जाएगी। भ्रष्टाचार के मामले में बादल और जयप्रकाश की भूमिका की पूरी तरह से जांच होगी तो निश्चित तौर पर कई बड़े खुलासे हो सकते हैं। पूरा मामला किसी एक व्यक्ति का नहीं है। संभावना मानी जा रही है कि इसमें कई अन्य नाम भी जुड़ सकते हैं।