हरियाणा लोकसभा चुनाव में भाजपा ने बागियों, भीतरघातियों के खिलाफ कार्रवाई करनी शुरू कर दी है। पहली कड़ी में 5 के खिलाफ नोटिस जारी किया गया है। इन नेताओं और संगठन के पदाधिकारियों ने पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की करनाल सीट पर प्रचार के दौरान खिलाफ की है। इनमें हरियाणा के राज्यमंत्री महिपाल ढांडा के करीबी पूर्व सरपंच और BJP के शक्ति केंद्र के प्रमुख अवतार शास्त्री का नाम भी शामिल है। ऐसी जानकारी मिली है कि इन्होंने प्रचार के दौरान कहीं बोला कि, पंजाबी को ज्यादा वोट मत दे देना। अपने सहयोगी को नोटिस जारी होने से राज्यमंत्री ढांडा काफी परेशान हैं। उन्हें डर है कि इसका असर आने वाले विधानसभा चुनाव में पड़ेगा। BJP कार्यकारिणी सदस्य JJP के बस्ते पर दिखे इसके अलावा इसराना विधानसभा के खलीला निवासी आजाद की एक फोटो जारी हुई है, जिसमें उन्हें चुनाव के दिन JJP के बस्ते के साथ देखा गया था। आजाद अभी भाजपा में किसान मोर्चा प्रदेश कार्यकारिणी के सदस्य हैं। भाजपा की इस कार्रवाई से नेताओं और पदाधिकारियों में नाराजगी है। हालांकि इस मामले में पार्टी का कोई भी बड़ा नेता कुछ भी बोलने से इंकार कर रहा है। हालांकि आजाद ने नोटिस जारी होने पर कहा है कि बूथ पर फार्म साइन करने के लिए JJP वाले से पेन मांगा तो उसने बस्ते से निकालने को कहा। बस्ता पकड़ा तो किसी ने फोटो खींच लिया। कोर कमेटी मेंबर रोड शो में शामिल नहीं हुए करनाल लोकसभा चुनाव के दौरान मनोहर लाल ने ग्रामीण विधानसभा एरिया में रोड शो किया था, जिसका रूट राजाखेड़ी गांव था, भाजपा जिला कोर कमेटी के सदस्य पूर्व जिला पार्षद देव मलिक राजाखेड़ी गांव के रहने वाले हैं, लेकिन रोड शो में शामिल नहीं हुए। हालांकि मलिक ने कहा है कि वह उस दिन गांव में नहीं थे। इसको लेकर उन्हें पार्टी की ओर से नोटिस जारी किया गया है। वहीं पार्टी विरोधी गतिविधियों के लिए समालखा से पूर्व पार्षद सुरेश झंडा को भी कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। भाजपा के जिला अध्यक्ष दुष्यंत भट्ट ने यह पार्टी का अंदरूनी मामला है। इसलिए गंभीर है भाजपा लोकसभा चुनाव में पार्टी के भीतरघातियों और बागियों को लेकर इसलिए गंभीर हैं, क्योंकि अब सूबे में विधानसभा चुनाव होने हैं। यदि अभी ऐसे लोगों पर कार्रवाई नहीं की गई, तो लोकसभा की तरह विधानसभा चुनाव में भी पार्टी को नुकसान हो सकता है। यही वजह है कि पंचकूला में वोटिंग के तुरंत बाद हुई रिव्यू मीटिंग में सीएम नायब सैनी के द्वारा प्रत्याशियों से बागियों की लिस्ट मांगी गई है। इसके साथ ही जिलाध्यक्षों और प्रदेश के पदाधिकरियों से भी इसका इनपुट लिया जा रहा है। हरियाणा लोकसभा चुनाव में भाजपा ने बागियों, भीतरघातियों के खिलाफ कार्रवाई करनी शुरू कर दी है। पहली कड़ी में 5 के खिलाफ नोटिस जारी किया गया है। इन नेताओं और संगठन के पदाधिकारियों ने पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की करनाल सीट पर प्रचार के दौरान खिलाफ की है। इनमें हरियाणा के राज्यमंत्री महिपाल ढांडा के करीबी पूर्व सरपंच और BJP के शक्ति केंद्र के प्रमुख अवतार शास्त्री का नाम भी शामिल है। ऐसी जानकारी मिली है कि इन्होंने प्रचार के दौरान कहीं बोला कि, पंजाबी को ज्यादा वोट मत दे देना। अपने सहयोगी को नोटिस जारी होने से राज्यमंत्री ढांडा काफी परेशान हैं। उन्हें डर है कि इसका असर आने वाले विधानसभा चुनाव में पड़ेगा। BJP कार्यकारिणी सदस्य JJP के बस्ते पर दिखे इसके अलावा इसराना विधानसभा के खलीला निवासी आजाद की एक फोटो जारी हुई है, जिसमें उन्हें चुनाव के दिन JJP के बस्ते के साथ देखा गया था। आजाद अभी भाजपा में किसान मोर्चा प्रदेश कार्यकारिणी के सदस्य हैं। भाजपा की इस कार्रवाई से नेताओं और पदाधिकारियों में नाराजगी है। हालांकि इस मामले में पार्टी का कोई भी बड़ा नेता कुछ भी बोलने से इंकार कर रहा है। हालांकि आजाद ने नोटिस जारी होने पर कहा है कि बूथ पर फार्म साइन करने के लिए JJP वाले से पेन मांगा तो उसने बस्ते से निकालने को कहा। बस्ता पकड़ा तो किसी ने फोटो खींच लिया। कोर कमेटी मेंबर रोड शो में शामिल नहीं हुए करनाल लोकसभा चुनाव के दौरान मनोहर लाल ने ग्रामीण विधानसभा एरिया में रोड शो किया था, जिसका रूट राजाखेड़ी गांव था, भाजपा जिला कोर कमेटी के सदस्य पूर्व जिला पार्षद देव मलिक राजाखेड़ी गांव के रहने वाले हैं, लेकिन रोड शो में शामिल नहीं हुए। हालांकि मलिक ने कहा है कि वह उस दिन गांव में नहीं थे। इसको लेकर उन्हें पार्टी की ओर से नोटिस जारी किया गया है। वहीं पार्टी विरोधी गतिविधियों के लिए समालखा से पूर्व पार्षद सुरेश झंडा को भी कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। भाजपा के जिला अध्यक्ष दुष्यंत भट्ट ने यह पार्टी का अंदरूनी मामला है। इसलिए गंभीर है भाजपा लोकसभा चुनाव में पार्टी के भीतरघातियों और बागियों को लेकर इसलिए गंभीर हैं, क्योंकि अब सूबे में विधानसभा चुनाव होने हैं। यदि अभी ऐसे लोगों पर कार्रवाई नहीं की गई, तो लोकसभा की तरह विधानसभा चुनाव में भी पार्टी को नुकसान हो सकता है। यही वजह है कि पंचकूला में वोटिंग के तुरंत बाद हुई रिव्यू मीटिंग में सीएम नायब सैनी के द्वारा प्रत्याशियों से बागियों की लिस्ट मांगी गई है। इसके साथ ही जिलाध्यक्षों और प्रदेश के पदाधिकरियों से भी इसका इनपुट लिया जा रहा है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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हरियाणा में राजनीतिक धौंस नहीं दिखा सकेंगे अधिकारी:लिखा- अपने हितों के लिए प्रभाव डालने की कोशिश करते हैं, आदेश नहीं माने तो नौकरी जाएगी
हरियाणा में राजनीतिक धौंस नहीं दिखा सकेंगे अधिकारी:लिखा- अपने हितों के लिए प्रभाव डालने की कोशिश करते हैं, आदेश नहीं माने तो नौकरी जाएगी हरियाणा में अगर कोई वरिष्ठ अधिकारी राजनीतिक प्रभाव दिखाता है तो उसकी नौकरी जा सकती है। इसे लेकर हेल्थ डिपार्टमेंट की तरफ से आदेश जारी किए गए हैं। डायरेक्टर ने सभी जिलों के चीफ मेडिकल ऑफिसर (CMO) को लेटर लिखा है। डायरेक्टर की तरफ से भेजे गए लेटर में लिखा है कि अक्सर देखने में आया है कि अधिकारी या कर्मचारी अपनी सेवा से जुड़े मामलों में अपने हितों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से वरिष्ठ अधिकारियों पर राजनीतिक प्रभाव डालने की कोशिश करते हैं, जो हरियाणा सिविल सेवा नियम 2016 के नियम 26 का उल्लंघन है। इसलिए सभी को इन नियमों का पालन करना चाहिए। ऐसा न करने वालों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। हालांकि, यह लेटर क्यों लिखा गया है, इसके पीछे का उद्देश्य अभी सामने नहीं आया है। फिलहाल इसे हेल्थ डिपार्टमेंट के कर्मचारियों द्वारा डाले जा रहे राजनीतिक दबाव से जोड़कर देखा जा रहा है। हरियाणा की हेल्थ मिनिस्टर केंद्रीय राज्यमंत्री राव इंद्रजीत सिंह की बेटी आरती राव हैं। इससे पहले डॉ. कमल गुप्ता और अनिल विज मंत्रालय संभाल चुके हैं। हेल्थ डिपार्टमेंट की ओर से जारी लेटर… हेल्थ डिपार्टमेंट में सबसे ज्यादा सिफारिश
हरियाणा के हेल्थ डिपार्टमेंट में अच्छा पद पाने के लिए सबसे ज्यादा सिफारिश की जाती है। डिस्ट्रिक्ट हेल्थ ऑफिसर (DHO), पीएनडीटी एक्ट की गठित टीमें, सैंपलिंग टीम सहित कई पदों के लिए सिफारिशें की जाती हैं। इसमें सीएमओ या उच्च अधिकारियों पर राजनीतिक दबाब डालकर मनचाही पोस्ट पर नियुक्ति करवाई जाती है। इससे परेशान होकर हेल्थ डायरेक्टर की ओर से पत्र लिखा गया है। मंत्री और BJP नेता अधिकारियों को दे चुके चेतावनी… अनिल विज बोले- यहां काम करने वाले रहेंगे
19 अक्टूबर को अंबाला कैंट से भाजपा विधायक और कैबिनेट मंत्री अनिल विज ने अधिकारियों को चेतावनी दी। उन्होंने कहा कि काम किया है और काम करेंगे। हमेशा से मेरा यही नारा रहा है। यहां पर वही अफसर रह सकेगा, जो इस नारे पर काम करेगा। राव नरबीर अधिकारियों से बोले- पैसे लिए तो जेल में डालूंगा
कैबिनेट मंत्री राव नरबीर ने 18 अक्टूबर को गुरुग्राम में अधिकारियों की मीटिंग ली थी। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा था- जो अधिकारी पैसे लेकर काम करेगा, उस पर सख्त कार्रवाई होगी। जेल के अंदर कराऊंगा और पैसे वसूल करूंगा। जिस भी अधिकारी की शिकायत आई, मेरे से बुरा कोई नहीं होगा। सभी के पास दिवाली तक का टाइम है। अपने-अपने आकाओं से बात करलो। कोई बचाने वाला नहीं होगा। या तो नरबीर मंत्री रहेगा या आप लोग रहोगे। पैसा बर्दाश्त नहीं करूंगा। आप लोगों ने गुरुग्राम को बुरा हाल कर दिया। भाजपा नेता कौशिक बोले- कार्यकर्ता का चालान काटा तो मेवात ट्रांसफर करा दूंगा
बहादुरगढ़ विधानसभा सीट से चुनाव हारने वाले भाजपा उम्मीदवार दिनेश कौशिक ने 20 अक्टूबर को कार्यकर्ता सम्मेलन में कहा कि भाइयों अपने वाहनों के पूरे कागज रखा करो। रही बात हेलमेट की तो कोई नहीं। पुलिस से मेरी बात करा दिया करो। कोई चालान काटे तो तुम मेरी बात करा दिया करो। अगर कोई पुलिसवाला बात न करे तो उसके कान पर फोन लगाकर मेरी बात करा देना। अगर फिर भी चालान कट जाए तो उसका नंबर नोट कर लेना। उसको बहादुरगढ़ में नहीं छोडूंगा। उसका नंबर ऊपर दे दूंगा। वो मेवात ही जाएगा, बहादुरगढ़ में नहीं मिलेगा। मेरा वजन 60 किलो है। ये 60 किलो सब पर भारी पड़ जाएगा। अगर चुनाव जीत जाता तो मैं खतरनाक विधायक साबित होता। डिप्टी स्पीकर बोले- मैं कॉल नहीं करूंगा, विज की आएगी
हरियाणा के डिप्टी स्पीकर और जींद से भाजपा विधायक डॉ. कृष्ण मिड्ढा ने 22 अक्टूबर को जींद में अधिकारियों को चेतावनी दी थी। मीटिंग में बिजली निगम से जुड़ी शिकायतों और लोगों की सुनवाई न होने पर कृष्ण मिड्ढा ने अधिकारियों को फटकार लगाते हुए कहा कि दोबारा SE साहब को फोन नहीं करूंगा। अब सीधे मंत्री जी की कॉल आएगी। आपको पता है न आपके विभाग के मंत्री कौन हैं? कृष्ण मिड्ढा ने यह भी कहा कि कुछ अधिकारियों के दिमाग में था कि हमारी सरकार नहीं आएगी। अब विकास कार्यों को गंभीरता से लें। यह डिपार्टमेंट सबसे ज्यादा बदनाम है। आपका विभाग अनिल विज के पास आ गया है। अब मंत्री आ गए हैं, वह अपने आप सुधार देंगे।
लोक प्रशासन विषय परिषद का गठन
लोक प्रशासन विषय परिषद का गठन सिरसा| राजकीय महिला कॉलेज में लोक प्रशासन विषय परिषद का गठन किया गया। इस दौरान भाषण प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। उक्त आयोजन प्राचार्य डॉ. राजकुमार जांगड़ा व विभागाध्यक्ष मुकेश कुमार विभाग के मार्गदर्शन में हुआ। इस दौरान बीए प्रथम, बीए द्वितीय वर्ष व अंतिम वर्ष की छात्राओं ने बढ़ चढ़कर भाग लिया । छात्राओं द्वारा लोक प्रशासन विषय के उद्भव एवं विकास पर भाषण प्रतियोगिता में भाग लिया गया व जिसके परिणाम के आधार पर लोक प्रशासन विषय परिषद के सदस्यों का चयन किया गया। निर्णायक मंडल की भूमिका प्रोफेसर किरण व प्रोफेसर मनीषा ने निभाई। लोक प्रशासन विषय परिषद के अध्यक्ष व उपाध्यक्ष के लिए बीए. अंतिम वर्ष की नीलम रानी व मुस्कान को चुना गया, सचिव पद के लिए बीए. अंतिम वर्ष की किरण को चुना गया, उपसचिव पद के लिए द्वितीय वर्ष की विनोद मेहरा को चुना गया,वित्त प्रबंधन के लिए बीए. द्वितीय वर्ष की अनु को चुना गया तथा सदस्य पद के लिए बीए. प्रथम वर्ष की ललिता और अनु व अंतिम वर्ष की संतोष को चुना गया।
गोहाना में अरविंद शर्मा पर ‘कमल’ खिलाने का दबाव:विरोध के बावजूद BJP ने दिया टिकट; यहां कभी मुकाबले में नहीं रही भाजपा
गोहाना में अरविंद शर्मा पर ‘कमल’ खिलाने का दबाव:विरोध के बावजूद BJP ने दिया टिकट; यहां कभी मुकाबले में नहीं रही भाजपा हरियाणा के सोनीपत जिले की गोहाना विधानसभा सीट पर भाजपा ने विरोध के बावजूद रोहतक से लोकसभा चुनाव हारे पूर्व सांसद अरविंद शर्मा को प्रत्याशी घोषित कर दिया है। बाहरी प्रत्याशी को टिकट देने के पीछे भाजपा के चुनावी समीकरण क्या हैं, नेता व आमजन इसके जोड़तोड़ में जुट गए हैं। अरविंद शर्मा पर गोहाना हलके में ‘कमल खिलाने’ का दारोमदार है। इस हलके से भाजपा आज तक कोई विधानसभा चुनाव नहीं जीत सकी है। माना जा रहा है कि यहां पर भाजपा के पास कोई बड़ा चेहरा नहीं था। हालांकि पहलवान योगेश्वर दत्त और 2019 में हारे तीर्थ राणा, वीरेंद्र आर्य भी टिकट मांग रहे थे, लेकिन BJP ने तीनों को किनारे कर दिया। गोहाना हलके में ब्राह्मण समाज की वोट अन्य वर्गों की तुलना में काफी कम हैं। हलके का इतिहास देखें तो 1967 व 1968 के चुनाव में रामधारी गौड यहां से चुनाव जीते थे, इसके बाद से यहां ब्राह्मण समाज से कोई विधायक नहीं रहा है। अरविंद शर्मा का नाता भी हलके से केवल यही है कि वे सोनीपत लोकसभा क्षेत्र से सांसद रह चुके हैं। गोहाना एक जाट बहुल सीट है और 1967 से अब तक हुए विधानसभा के 13 चुनाव में से 10 बार जाट समाज से ही विधायक बना है। डा. अरविंद शर्मा ने वर्ष 1996 में सोनीपत लोकसभा से निर्दलीय के तौर पर चुनाव जीतकर 2 लाख 71 हजार 552 वोट हासिल किए थे। भाजपा के स्थानीय नेता और पदाधिकारी बाहरी को टिकट देने का विरोध कर रहे थे। स्थानीय नेता सामूहिक तौर पर प्रदेशाध्यक्ष को पत्र लिख चुके हैं और दिल्ली में पहुंच कर विरोध भी जता चुके हैं। अब टिकट की घोषणा के बाद भाजपा के नेताओं का क्या रुख रहेगा इस पर सभी की नजर टिकी है। गोहाना से कभी नहीं जीती भाजपा
गोहाना विधानसभा क्षेत्र का इतिहास देखें तो यहां से भारतीय जनता पार्टी कभी भी विधानसभा चुनाव नहीं जीत सकी है। यहां हुए कुल 13 चुनावों में से 7 बार कांग्रेस जीती है। तीन चुनाव मे इनेलो-लोकदल के प्रत्याशी जीते। 1996 में बंसीलाल की हरियाणा विकास पार्टी के जगबीर सिंह मलिक जीते थे, वहीं 2 चुनावों में निर्दलीय प्रत्याशियों ने बाजी मारी। यहां भाजपा जीत के लिए तरस रही है। पिछड़ा वर्ग को लगा धक्का
गोहाना विधानसभा हलके में जातिय समीकरण की बात करें तो यहां 1 लाख 94 हजार मतदाता हैं। इनमें करीब 92 हजार वोट जाट समुदाय और अन्य नॉन जाट समुदाय के शामिल हैं। पूरे हलके में एक भी ऐसा बड़ा गांव नहीं है, जहां ब्राह्मण समाज के 4-5 हजार वोट हों। राजनीतिक दलों के नेताओं की मानें तो गोहाना हलके में ब्राह्मण व इससे जुड़े अन्य वर्गों की वोट का आंकड़ा 10 हजार के करीब है। दूसरी तरफ एससी और बीसी समाज की वोटों की बात करें तो यह 65-70 हजार के करीब है। इसमें पिछड़ा वर्ग की वोट ज्यादा हैं। इसी को देखते हुए कुरुक्षेत्र के नेता राजकुमार सैनी भी यहां से चुनाव लड़ चुके हैं। सैनी समाज से रामकुमार सैनी इनेलो की टिकट पर वर्ष 2000 में चुनाव भी जीत चुके हैं। 2014 में भाजपा की टिकट पर रामचंद्र जांगड़ा ने चुनाव लड़ा था, लेकिन वे तीसरे नंबर पर रहे थे। इस बार भी वे टिकट के दावेदार थे। अपने समाज की टिकट में अनदेखी से पिछड़ा वर्ग के लोगों में रोष है। देखें कब कौन किस पार्टी से बना विधायक