रोहतक के गांव लाढ़ौत स्थित एक फैक्ट्री में तीन महिलाओं द्वारा चोरी करने का मामला सामने आया है। यह वारदात वहां लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई। जिसमें तीन महिलाएं स्कूटी पर आईं और एक लोडिंग टेंपो से करीब 400 किलो एल्युमिनियम प्लेट चोरी कर फरार हो गईं। पुलिस में शिकायत दर्ज कराई गई है। रोहतक के सैनीपुरा निवासी चिराग ने सदर थाने में चोरी की शिकायत दर्ज कराई है। शिकायत में चिराग ने बताया कि गांव लाढ़ौत में अमन मेटल्स नाम से फैक्ट्री है। 24 जून को दोपहर करीब साढ़े 12 बजे जब फैक्ट्री के सभी कर्मचारी आराम कर रहे थे तो दो अज्ञात महिलाएं फैक्ट्री में घुस आईं। दोनों महिलाओं ने फैक्ट्री में रखी एल्युमिनियम प्लेट चोरी कर लीं। उन्होंने बताया कि फैक्ट्री में एल्युमिनियम को काटकर ये प्लेट बनाई जाती थीं। उन्होंने करीब 40 प्लेट चोरी कीं। एक प्लेट का वजन करीब 10 किलो है। अज्ञात महिलाओं ने करीब 400 किलो सामान चोरी कर लिया जिसकी कीमत एक लाख रुपये है। सीसीटीवी में कैद आरोपी महिला चिराग ने बताया कि जब इस चोरी का पता लगा तो मामले की शिकायत पुलिस को दी। वहीं आरोपी महिला फैक्ट्री में लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई। सीसीटीवी फुटेज चेक की तो पता लगा की तीन महिलाएं स्कूटी पर सवार होकर आई थी और लोडिंग टैंपो में एल्युमिनियम की प्लेट चोरी करके लेकर गई है। इसके बाद मामले की शिकायत सदर थाना पुलिस को दे दी। पुलिस ने मामले की सूचना मिलते ही मौके पर पहुंचकर जांच आरंभ कर दी। रोहतक के गांव लाढ़ौत स्थित एक फैक्ट्री में तीन महिलाओं द्वारा चोरी करने का मामला सामने आया है। यह वारदात वहां लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई। जिसमें तीन महिलाएं स्कूटी पर आईं और एक लोडिंग टेंपो से करीब 400 किलो एल्युमिनियम प्लेट चोरी कर फरार हो गईं। पुलिस में शिकायत दर्ज कराई गई है। रोहतक के सैनीपुरा निवासी चिराग ने सदर थाने में चोरी की शिकायत दर्ज कराई है। शिकायत में चिराग ने बताया कि गांव लाढ़ौत में अमन मेटल्स नाम से फैक्ट्री है। 24 जून को दोपहर करीब साढ़े 12 बजे जब फैक्ट्री के सभी कर्मचारी आराम कर रहे थे तो दो अज्ञात महिलाएं फैक्ट्री में घुस आईं। दोनों महिलाओं ने फैक्ट्री में रखी एल्युमिनियम प्लेट चोरी कर लीं। उन्होंने बताया कि फैक्ट्री में एल्युमिनियम को काटकर ये प्लेट बनाई जाती थीं। उन्होंने करीब 40 प्लेट चोरी कीं। एक प्लेट का वजन करीब 10 किलो है। अज्ञात महिलाओं ने करीब 400 किलो सामान चोरी कर लिया जिसकी कीमत एक लाख रुपये है। सीसीटीवी में कैद आरोपी महिला चिराग ने बताया कि जब इस चोरी का पता लगा तो मामले की शिकायत पुलिस को दी। वहीं आरोपी महिला फैक्ट्री में लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई। सीसीटीवी फुटेज चेक की तो पता लगा की तीन महिलाएं स्कूटी पर सवार होकर आई थी और लोडिंग टैंपो में एल्युमिनियम की प्लेट चोरी करके लेकर गई है। इसके बाद मामले की शिकायत सदर थाना पुलिस को दे दी। पुलिस ने मामले की सूचना मिलते ही मौके पर पहुंचकर जांच आरंभ कर दी। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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पानीपत कांग्रेस में बगावत शुरू:शहरी सीट पर पूर्व विधायक रोहिता रेवड़ी, ग्रामीण पर विजय जैन लड़ेंगे निर्दलीय; बीजेपी से गए थे दोनों
पानीपत कांग्रेस में बगावत शुरू:शहरी सीट पर पूर्व विधायक रोहिता रेवड़ी, ग्रामीण पर विजय जैन लड़ेंगे निर्दलीय; बीजेपी से गए थे दोनों हरियाणा विधानसभा चुनाव के नामांकन के आखिरी दिन से ठीक एक रात पहले कांग्रेस ने अपने उम्मीदवारों का ऐलान किया है। इसमें पानीपत की शहरी और ग्रामीण सीटों पर भी घोषणा की गई है। शहरी सीट से वरिंदर बुल्ले शाह और ग्रामीण सीट से सचिन कुंडू को मैदान में उतारा है। जिसके बाद कांग्रेस में बगावत शुरू हो गई है। यहां शहरी सीट पर दावा ठोक रही पूर्व विधायक रोहिता रेवड़ी ने कांग्रेस पार्टी की सदस्यता और सभी पदों से इस्तीफा दे दिया। साथ ही शहरी सीट पर निर्दलीय लड़ने का भी ऐलान कर दिया है। इसके अलावा विजय जैन ने भी निर्दलीय तौर पर ही लड़ने का फैसला लिया है। इससे सीधे तौर पर कांग्रेस को ही नुकसान होगा। दोनों नेता बीजेपी छोड़कर कांग्रेस में गए थे। दोनों को भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने ही पार्टी में शामिल करवाया था। 2013 में निगम पार्षद और 2014 में रोहिता बनीं विधायक
शहर की राजनीति में सुरेंद्र रेवड़ी सक्रिय रहते हैं, लेकिन उन्होंने खुद की बजाय अपनी पत्नी रोहित को चुनाव लड़ने के लिए तैयार किया। रोहिता रेवड़ी ने 2013 में वार्ड 9 से नगर निगम पार्षद का चुनाव लड़ा। वे 10400 वोटो से जीतकर सदन में पहुंची। उस वक्त निकाय में यह सबसे बड़ी जीत थी। 2014 में भाजपा ने रोहिता रेवड़ी को शहरी विधानसभा से टिकट दिया। कांग्रेस से वरिंद्र सिंह बुल्ले शाह चुनाव मैदान में थे। रोहिता रेवड़ी ने शहरी विधानसभा से 92767 वोट हासिल किए, जबकि बुल्ले शाह को 39 036 वोट मिले। रोहिता रेवड़ी ने 53721 वोटो से वरिंदर शाह को हरा दिया था। उसे समय करीब 68 प्रतिशत वोट रोहित को मिले थे। वोट प्रतिशत में रोहिता रेवड़ी की जीत प्रदेश में बड़ी बताई गई थी। हैदराबादी बिरादरी के हैं 20 हजार से ज्यादा वोट
पूर्व विधायक रोहिता रेवड़ी के पति सुरेंद्र रेवड़ी यार्न व्यापारी हैं और लंबे समय तक यार्न डीलर एसोसिएशन की कमान संभाली है। वे समाजसेवा में भी आगे रहते हैं। रेवाड़ी हैदराबादी बिरादरी से संबंध रखती हैं। पानीपत शहर में हैदराबादी बिरादरी के 15 से 16000 वोट बताए जा रहे हैं। पूरी बिरादरी राजनीतिक मामलों में एकजुट रहती है।
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हरियाणा में डेरा प्रमुख महाराज बहादुर चंद का निधन:1 साल से थे बीमार, वार्षिक समागम रद्द; दोपहर 3.30 पर अंतिम दर्शन हरियाणा के सिरसा जिले में डेरा जगमाल वाली के प्रमुख महाराज बहादुर चंद वकील का आज सुबह निधन हो गया। पिछले कई दिनों से उनकी तबीयत खराब थी। डेरा प्रमुख की हालत बिगड़ने के कारण उन्हें दिल्ली के मैक्स अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां उनका इलाज चल रहा था। संत वकील करीब 1 साल से बीमार थे। आज दोपहर करीब 3.30 बजे उनका अंतिम दर्शन के लिए जगमाल वाली डेरा लाया जाएगा। डेरा प्रमुख के निधन की खबर के कारण डेरा में 3 से 4 अगस्त तक होने वाला वार्षिक समागम रद्द कर दिया गया है। ऐसा पहली बार होगा जब डेरा में कोई वार्षिक समागम नहीं हो रहा है। डेरा प्रमुख की गंभीर हालत के कारण उनके भक्तों में चिंता थी। इसे लेकर डेरा प्रबंधन कमेटी लगातार स्वास्थ्य बुलेटिन जारी कर भक्तों को सांत्वना दे रही थी। 31 जुलाई को डेरा प्रबंधन ने स्वास्थ्य बुलेटिन जारी किया था जिसमें कहा गया कि, “सतगुरु के प्रिय भक्त परम पूज्य महाराज जी का इलाज बहुत अनुभवी और विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम द्वारा किया जा रहा है और उनकी स्वास्थ्य स्थिति स्थिर बनी हुई है। इसलिए भक्तों से अनुरोध है कि वे अस्पताल आने के बजाय महाराज जी के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ के लिए अधिक से अधिक सिमरन करें और अफवाहों पर ध्यान न दें।” हिसार और चंडीगढ़ में की पढ़ाई संत बहादुर चंद (वकील साहिब जी) मूल रूप से गांव चौटाला के रहने वाले हैं। उनका जन्म 10 दिसंबर 1944 को गांव चौटाला में हुआ था। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा गांव के ही स्कूल में की। स्कूल पास करने के बाद उन्होंने हिसार के दयानंद कॉलेज में दाखिला लिया। जहां वे लाजपत राय छात्रावास में रहे और आर्य समाज प्रचारणी सभा के अध्यक्ष बने। फिर उन्होंने चंडीगढ़ के लॉ कॉलेज से स्नातक की उपाधि प्राप्त की। वर्ष 1968 में अपनी लॉ की पढ़ाई पूरी करने के बाद वे डेरा जगमालवाली में शामिल हो गए। 9 अगस्त 1998 को संत बहादुर चंद को डेरे की गद्दी सौंपी गई और तब से वे मस्ताना शाह बलूचिस्तानी डेरा जगमालवाली के प्रमुख हैं। देश-विदेश में प्रसिद्ध है डेरा कालांवाली मंडी से 8 किलोमीटर की दूरी पर स्थित गांव जगमालवाली करीब 300 साल पहले बसा था। डबवाली रोड पर स्थित यह छोटा सा गांव देश ही नहीं बल्कि विदेश में भी प्रसिद्ध है और इसकी वजह है गांव में स्थित मस्ताना शाह बलूचिस्तानी आश्रम। इसके अलावा गांव में शिवरात्रि पर्व पर मेला लगता है, जिसमें खेलकूद प्रतियोगिताएं होती हैं। बाबा मोती पुरी स्पोर्ट्स क्लब द्वारा रक्तदान समेत कई समाज कल्याण के कार्य भी किए जाते हैं। क्लब ने गांव में स्थित श्मशान घाट को भी खूबसूरत रूप दिया है। गांव का क्षेत्रफल करीब 5 हजार एकड़ है। यहां 3 गुरुद्वारे और 2 बड़े डेरे हैं। बलूचिस्तानी आश्रम आकर्षण और श्रद्धा का केंद्र वर्ष 1964-65 में यहां के एक किसान बाबा सज्जन सिंह रूहल, जो फकीर और अविवाहित थे, ने संत गुरबख्श सिंह मैनेजर साहिब को कई एकड़ जमीन दान में दी और उनसे यहां एक डेरा बनाने का अनुरोध किया। जिस पर संत गुरबख्श सिंह मैनेजर साहिब ने जहां मस्ताना शाह बलूचिस्तानी आश्रम की स्थापना की। शुरू में छोटा सा यह आश्रम अब संत की प्रसिद्धि के कारण विशाल रूप ले चुका है। डेरे के अंदर करीब 100-100 फीट का एक बहुत ही भव्य सचखंड बनाया गया है, जिसकी खासियत यह है कि इसमें कोई स्तंभ नहीं बना है। वर्तमान में डेरे की गद्दी संत बहादुर चंद वकील साहिब के पास है। जिनका अब निधन हो गया। डेरा जगमालवाली का अगला मुखी कौन होगा? मस्ताना शाह बलूचिस्तानी आश्रम डेरा जगमालवाली के संस्थापक गुरुबख्श सिंह मैनेजर साहब ने अपनी वसीयत के अनुसार बहादुर चंद वकील साहब को अपना उत्तराधिकारी नियुक्त किया था, लेकिन वकील साहब के बाद डेरा का उत्तराधिकारी कौन होगा, इस बारे में कोई जानकारी सामने नहीं आ रही है। बहादुर चंद को डेरा प्रमुख बनाए जाने के बाद गुरुबख्श सिंह के बेटे रघुबीर सिंह ने खुशपुर गोरीवाला में नया डेरा शुरू किया, जिसका प्रबंधन अब चंद महात्मा कर रहे हैं।
हरियाणा में एयरफोर्स जवान ने की मां की हत्या:बरामदे में मिली लाश, पत्नी बोली- पति झगड़ा करता था, उसे छोड़ मायके रह रही
हरियाणा में एयरफोर्स जवान ने की मां की हत्या:बरामदे में मिली लाश, पत्नी बोली- पति झगड़ा करता था, उसे छोड़ मायके रह रही हरियाणा के झज्जर में एयरफोर्स के जवान ने अपनी बुजुर्ग मां की हत्या कर दी। शनिवार दोपहर को महिला का शव अपने घर से ही बरामद हुआ। उसके चेहरे पर चोट के निशान थे। सूचना के बाद पुलिस मौके पर पहुंची और छानबीन के बाद शव को पोस्टमॉर्टम के लिए नागरिक अस्पताल पहुंचाया। बहू ने अपने पति पर ही सास की हत्या का आरोप लगाया है। मृतका के फरार बेटे का अभी तक कोई सुराग नहीं लगा है। साल्हावास थाना में दी शिकायत में सुमन ने बताया कि उसकी शादी 17 फरवरी 2015 को गांव मातनहेल में प्रवीण के साथ हुई थी। शादी के 2 दिन बाद ही उसके ससुर रामफुल का देहांत हो गया था। पति प्रवीण भारतीय वायुसेना में जम्मू में तैनात है। शादी के बाद उनका 7 साल का बेटा है। वह अपने बेटे और अपनी सास कृष्णा (58) के साथ जनवरी 2024 में पति के पास जम्मू चली गई थी। महिला बोली- पति झगड़ा करता था
सुमन ने बताया कि पति प्रवीण उनके साथ झगड़ा करता था। इसके बाद वह बेटे को लेकर 10 जून को मायके एमपीमाजरा गांव आ गई थी। सास कृष्णा पति के पास ही रह गई थी। बाद में पति प्रवीण सास के साथ झगड़ा करता था। इस कारण कृष्णा भी जम्मू से अपने घर गांव मातनहेल आ गई थी। महिला ने बताया कि वह 20 जुलाई को अपने मायके गांव एमपी माजरा में थी। मातनहेल की सरपंच विजयलता ने उसे सूचना दी कि सास कृष्णा का मर्डर हो गया है। बरामदे में पड़ी थी लाश
वह अपने परिवार वालों के साथ मातनहेल आई तो देखा सास कृष्णा मृत अवस्था में घर के बरामदे में पड़ी हुई थी। उसे पूरा शक है कि सास कृष्णा की हत्या पति प्रवीण ने की है। मातनहेल चौकी प्रभारी कुलदीप ने बताया कि मृतक महिला कृष्णा कुछ दिन से गांव में थी। शनिवार को घर का दरवाजा दोपहर तक बंद था। गली की महिलाओं ने आवाज दी। कोई जवाब नहीं आया। इसके बाद पुलिस को सूचना दी गई। बहू की शिकायत पर बेटे प्रवीण के खिलाफ हत्या का केस दर्ज किया गया है।