रोहतक जिले में पत्नी की हत्या के आरोपी पति व दो देवरों को अदालत ने सबूतों के अभाव में बरी कर दिया। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश संदीप दुग्गल ने अदालत में बचाव पक्ष के अधिवक्ता ओपी चुघ की जोरदार दलील के बाद अपना फैसला सुनाया। अदालत में यह साबित नहीं हो पाया कि आरोपियों ने महिला की हत्या की है। बता दें कि गांव बसाना निवासी रीना का शव 1 अक्टूबर 2019 को सैंपल गांव के पास खेतों में पेड़ से लटका मिला था। उसके शरीर व सिर पर गहरी चोटों के निशान थे। इस संबंध में रीना के पिता मुल्कराज ने कलानौर थाने में शिकायत दर्ज कराई थी कि बेटी रीना की हत्या कर शव को पेड़ पर लटका दिया गया है, ताकि इसे आत्महत्या का रूप दिया जा सके। पति पर मारपीट करने का लगाया था आरोप मृतका के पिता मुलकराज ने बताया कि 27 फरवरी 2009 को बसाना गांव के सतीश के साथ रीना की शादी की थी। शादी के बाद से सतीश और उसके परिजन रीना के साथ मारपीट करते थे। इस बारे में कई बार समझौता भी कराया गया। इस शादी से रीना को 2 बेटे व एक बेटी है। ससुराल वालों की मारपीट से रीना काफी तंग हो चुकी थी। ससुराल वाले नहीं दे पाए संतोषजनक जवाब मुलकराज ने बताया कि 1 अक्टूबर की रात को कलानौर थाने के एसएचओ ने उन्हें फोन पर सूचना दी कि सैंपल के पास एक खेत में रीना का शव पेड़ से लटका हुआ है। 2 अक्टूबर को जब सतीश के परिजनों से इस बारे में पूछा गया तो वे कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे पाए। मुलकराज की शिकायत पर पुलिस ने सतीश और उसके दो भाइयों प्रदीप और मंदीप के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया था। एक साल बाद आरोपियों को मिली जमानत पत्नी की हत्या के आरोप में पति सतीश और उसके दो भाइयों को एक साल जेल में गुजारना पड़ा। इसके बाद आरोपियों को जमानत मिल गई। वरिष्ठ अधिवक्ता ओपी चुघ ने कोर्ट में मामले की पैरवी करते हुए कहा कि आरोपियों को उनके खुलासे के आधार पर सजा नहीं दी जा सकती। इस मामले में कोई प्रत्यक्ष साक्ष्य नहीं मिला है। सबूतों के अभाव में रिहा पत्नी की हत्या के मामले में पुलिस टीम ने जिस कुल्हाड़ी और डंडे से हत्या करने की बात कही थी, उस पर फिंगर प्रिंट और ब्लड रिपोर्ट मैच नहीं हुई। कॉल डिटेल और लोकेशन डिटेल से भी हत्या साबित नहीं हो पाई। मृतका का अंतिम संस्कार भी बसना गांव में ही हुआ और तीनों बच्चे बसना गांव में ही सतीश के परिवार के साथ रहे। इन सभी दलीलों को सुनने के बाद कोर्ट ने आरोपी को रिहा कर दिया। रोहतक जिले में पत्नी की हत्या के आरोपी पति व दो देवरों को अदालत ने सबूतों के अभाव में बरी कर दिया। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश संदीप दुग्गल ने अदालत में बचाव पक्ष के अधिवक्ता ओपी चुघ की जोरदार दलील के बाद अपना फैसला सुनाया। अदालत में यह साबित नहीं हो पाया कि आरोपियों ने महिला की हत्या की है। बता दें कि गांव बसाना निवासी रीना का शव 1 अक्टूबर 2019 को सैंपल गांव के पास खेतों में पेड़ से लटका मिला था। उसके शरीर व सिर पर गहरी चोटों के निशान थे। इस संबंध में रीना के पिता मुल्कराज ने कलानौर थाने में शिकायत दर्ज कराई थी कि बेटी रीना की हत्या कर शव को पेड़ पर लटका दिया गया है, ताकि इसे आत्महत्या का रूप दिया जा सके। पति पर मारपीट करने का लगाया था आरोप मृतका के पिता मुलकराज ने बताया कि 27 फरवरी 2009 को बसाना गांव के सतीश के साथ रीना की शादी की थी। शादी के बाद से सतीश और उसके परिजन रीना के साथ मारपीट करते थे। इस बारे में कई बार समझौता भी कराया गया। इस शादी से रीना को 2 बेटे व एक बेटी है। ससुराल वालों की मारपीट से रीना काफी तंग हो चुकी थी। ससुराल वाले नहीं दे पाए संतोषजनक जवाब मुलकराज ने बताया कि 1 अक्टूबर की रात को कलानौर थाने के एसएचओ ने उन्हें फोन पर सूचना दी कि सैंपल के पास एक खेत में रीना का शव पेड़ से लटका हुआ है। 2 अक्टूबर को जब सतीश के परिजनों से इस बारे में पूछा गया तो वे कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे पाए। मुलकराज की शिकायत पर पुलिस ने सतीश और उसके दो भाइयों प्रदीप और मंदीप के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया था। एक साल बाद आरोपियों को मिली जमानत पत्नी की हत्या के आरोप में पति सतीश और उसके दो भाइयों को एक साल जेल में गुजारना पड़ा। इसके बाद आरोपियों को जमानत मिल गई। वरिष्ठ अधिवक्ता ओपी चुघ ने कोर्ट में मामले की पैरवी करते हुए कहा कि आरोपियों को उनके खुलासे के आधार पर सजा नहीं दी जा सकती। इस मामले में कोई प्रत्यक्ष साक्ष्य नहीं मिला है। सबूतों के अभाव में रिहा पत्नी की हत्या के मामले में पुलिस टीम ने जिस कुल्हाड़ी और डंडे से हत्या करने की बात कही थी, उस पर फिंगर प्रिंट और ब्लड रिपोर्ट मैच नहीं हुई। कॉल डिटेल और लोकेशन डिटेल से भी हत्या साबित नहीं हो पाई। मृतका का अंतिम संस्कार भी बसना गांव में ही हुआ और तीनों बच्चे बसना गांव में ही सतीश के परिवार के साथ रहे। इन सभी दलीलों को सुनने के बाद कोर्ट ने आरोपी को रिहा कर दिया। हरियाणा | दैनिक भास्कर
