रोहतक में बदमाशों की मदद से एक महिला के प्लॉट पर कब्जा करने का मामला सामने आया है। महिला ने करीब 15 साल पहले 2009 में 300 गज जमीन खरीदी थी। जिस पर अब आरोपियों ने कब्जा कर लिया है। हालांकि शुरुआत में उन्होंने प्लॉट के लिए पैसे देने का झूठा वादा किया था। लेकिन अब उन्होंने जबरन प्लॉट पर कब्जा कर लिया है। उन्होंने जाति के आधार पर उसके साथ गाली-गलौज और धमकी भी दी। जिसकी शिकायत पुलिस में दर्ज कराई गई है। रोहतक के लाढोत गांव की रहने वाली मायावती ने सांपला थाने में शिकायत दर्ज कराई है। जिसमें उसने बताया कि 8 दिसंबर 2009 को उसने सांपला में करीब 300 गज का प्लॉट खरीदा था। इसकी रजिस्ट्री हुए करीब 15 साल हो चुके हैं। करीब एक सप्ताह पहले नसीब नाम के व्यक्ति ने उसके प्लॉट पर कब्जा कर लिया। आरोपी बोले- रजिस्ट्री के पैसे हम देंगे आरोपी ने उनके द्वारा बनाई गई प्लॉट की चारदीवार को तोड़ दिया और मकान का निर्माण शुरू कर दिया। वहीं प्लॉट में रखी करीब 70 हजार ईंटें भी अपने निर्माण में लगा ली। जब आरोपियों से बातचीत की तो उन्होंने धमकाने का प्रयास किया। पहले कहा कि रजिस्ट्री के जो पैसे हैं वह दे देंगे। गुंडों ने डराया-धमकाया पीड़िता ने बताया कि उसके प्लॉट की कीमत करीब 85 लाख रुपए है और आरोपी उसे 25 लाख रुपए में हड़पना चाहते हैं। जब उसने प्लॉट बेचने से मना किया तो वे उसे धमकाने लगे। उसने बताया कि अब आरोपी उसके प्लॉट पर अवैध कब्जा करना चाहते हैं। इसलिए आरोपियों ने गुंडों से हाथ मिलाकर उसे डराने-धमकाने की कोशिश की। उन्होंने पूरे परिवार को जान से मारने की धमकी दी। उन्होंने जाति सूचक गाली-गलौज भी की। पीड़िता ने मामले की शिकायत पुलिस से की और बताया कि उसे आरोपियों से खतरा है। जिसके बाद पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। रोहतक में बदमाशों की मदद से एक महिला के प्लॉट पर कब्जा करने का मामला सामने आया है। महिला ने करीब 15 साल पहले 2009 में 300 गज जमीन खरीदी थी। जिस पर अब आरोपियों ने कब्जा कर लिया है। हालांकि शुरुआत में उन्होंने प्लॉट के लिए पैसे देने का झूठा वादा किया था। लेकिन अब उन्होंने जबरन प्लॉट पर कब्जा कर लिया है। उन्होंने जाति के आधार पर उसके साथ गाली-गलौज और धमकी भी दी। जिसकी शिकायत पुलिस में दर्ज कराई गई है। रोहतक के लाढोत गांव की रहने वाली मायावती ने सांपला थाने में शिकायत दर्ज कराई है। जिसमें उसने बताया कि 8 दिसंबर 2009 को उसने सांपला में करीब 300 गज का प्लॉट खरीदा था। इसकी रजिस्ट्री हुए करीब 15 साल हो चुके हैं। करीब एक सप्ताह पहले नसीब नाम के व्यक्ति ने उसके प्लॉट पर कब्जा कर लिया। आरोपी बोले- रजिस्ट्री के पैसे हम देंगे आरोपी ने उनके द्वारा बनाई गई प्लॉट की चारदीवार को तोड़ दिया और मकान का निर्माण शुरू कर दिया। वहीं प्लॉट में रखी करीब 70 हजार ईंटें भी अपने निर्माण में लगा ली। जब आरोपियों से बातचीत की तो उन्होंने धमकाने का प्रयास किया। पहले कहा कि रजिस्ट्री के जो पैसे हैं वह दे देंगे। गुंडों ने डराया-धमकाया पीड़िता ने बताया कि उसके प्लॉट की कीमत करीब 85 लाख रुपए है और आरोपी उसे 25 लाख रुपए में हड़पना चाहते हैं। जब उसने प्लॉट बेचने से मना किया तो वे उसे धमकाने लगे। उसने बताया कि अब आरोपी उसके प्लॉट पर अवैध कब्जा करना चाहते हैं। इसलिए आरोपियों ने गुंडों से हाथ मिलाकर उसे डराने-धमकाने की कोशिश की। उन्होंने पूरे परिवार को जान से मारने की धमकी दी। उन्होंने जाति सूचक गाली-गलौज भी की। पीड़िता ने मामले की शिकायत पुलिस से की और बताया कि उसे आरोपियों से खतरा है। जिसके बाद पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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हांसी में घर से व्यक्ति का अपहरण, खेतों में पीटा:सुबह खेत में लहूलुहान हालत में मिला; मृत समझ छोड़ गए थे हमलावर हरियाणा के हिसार जिले के गांव ढाणी पाल के एक घर में घुसकर व्यक्ति का अपहरण कर खेतों में ले जाकर मारपीट करने का मामला सामने आया है। घायल व्यक्ति का हिसार के नागरिक अस्पताल में इलाज चल रहा है। घायल के भतीजे के बयान पर हांसी शहर थाना पुलिस ने 3 नामजद आरोपियों के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। गांव ढाणी पाल निवासी राजेन्द्र कुमार ने पुलिस को दी शिकायत में बताया कि वह खेती-बाड़ी का काम करता है। मेरा चाचा महेन्द्र सिंह गांव ढाणी पाल के खेतों में मकान बनाकर अपने बच्चों के साथ रहता है। एक जून की रात करीब 11 बजे उसका चाचा महेन्द्र अपने बच्चों सहित घर पर सोया हुआ था। उसी दौरान ढाणी पाल निवासी प्रदीप, इल्लु व सुनील उसके चाचा महेन्द्र के घर में जबरदस्ती घुस गए और महेंद्र के साथ मारपीट की। इसके बाद तीनों आरोपी महेन्द्र को घर से उठा कर खेतों में ले गए और वहां पर उसके साथ बिन्डों व रॉड से महेन्द्र के साथ मारपीट की। इसके बाद महेन्द्र को मरा हुआ समझ कर खेत मे ही छोड़ कर भाग गए। परिजनों ने सुबह उठकर देखा तो महेन्द्र खेतों में लहूलुहान अवस्था में पड़ा था। उन्होंने शोर मचाया तो शोर सुन कर मैं और मेरे परिवार के अन्य सदस्य मौके पर पहुंचे। उसके बाद वो महेंद्र को इलाज के लिए हांसी के नागरिक अस्पताल में ले गए। जहां से डॉक्टरों ने उसे हिसार रेफर कर दिया। जिसका हिसार के नागरिक अस्पताल में इलाज चल रहा है। पुलिस ने घायल महेंद्र के भतीजे राजेंद्र कुमार के बयानों के आधार पर प्रदीप, इल्लु व सुनील के खिलाफ जबरदस्ती घर में घुसने, मारपीट करने और अपहरण करने सहित विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्ज कर लिया है। पुलिस मामले की गहनता से जांच कर रही है।
हरियाणा के युवक की बेलारूस में मौत:पिता ने घर गिरवी रख भेजा था, डंकी रूट से जाते वक्त पैर में लगी थी चोट
हरियाणा के युवक की बेलारूस में मौत:पिता ने घर गिरवी रख भेजा था, डंकी रूट से जाते वक्त पैर में लगी थी चोट हरियाणा के करनाल के युवक की बेलारूस में मौत हो गई। युवक डंकी रूट से जर्मनी जा रहा था। रास्ते में उसे पैर में चोट लगी थी। पिता ने घर गिरवी रखकर उसे विदेश भेजा था। बेलारूस में उसकी मौत कैसे हुई इस बात का अभी तक खुलासा नहीं हुआ है। युवक की पहचान विशाल निवासी गांव बंदराणा (कैथल) के रूप में हुई है। उसका एक 8 साल का भाई है। परिवार ने सरकार से बेटे के शव को भारत लाने में मदद करने की गुहार लगाई है। घर गिरवी रख एजेंट को दी फीस
कैथल के बंदराणा निवासी वेदप्रकाश ने बताया कि वह दिहाड़ी मजदूरी करते हैं। विशाल को विदेश भेजना चाहते थे। जिसके लिए उन्होंने औंगद के सरपंच सियाराम, सतपाल, और इटली में रहने वाले अंकित राणा से संपर्क किया। इन तीनों ने मिलकर विशाल को जर्मनी भेजने का वादा किया और इसके लिए उनसे साढ़े 7 लाख रुपए मांगे। बेटे को विदेश भेजने के लिए अपना घर भी गिरवी रख पैसों का इंतजाम किया। डील के तहत उसने एजेंट को पूरी पेमेंट समय से कर दी। जर्मनी के लिए निकला, रूस में अटका
विशाल 5 दिसंबर 2023 को घर से निकला और 16 दिसंबर को फ्लाइट से अर्मेनिया पहुंच गया। बीती 16 फरवरी को वह रूस की राजधानी मॉस्को भी पहुंच गया था, लेकिन वो फिर रूस में ही अटका रहा। परिवार के लोग उसे रहने-खाने का खर्चा भेजते रहे। परिवार को उम्मीद थी की एक दिन उनका बेटा जर्मनी जरूर पहुंचेगा। पार नहीं कर पाया बॉर्डर
17 जुलाई को एजेंट ने विशाल को डंकी रूट से जर्मनी भेजने का प्रयास किया। बॉर्डर पर सख्ती की वजह से वो बॉर्डर पार नहीं कर पाया। इस दौरान उसके पैर में चोट भी लग गई। बॉर्डर पर हुई घटना से डरे हुए विशाल ने फिर 6 अगस्त को अपने परिवार को फोन किया और बताया कि उसके पैर में चोट लगी है और अब वह यहां से आगे नहीं जाना चाहता। विशाल ने एजेंट से बात की और उसे कहा कि “मुझे भारत वापस आना है”। परिवार ने भी जब एजेंट पर बेटे को वापस भारत लाने का दबाव बनाया तो एजेंट मान गया। एजेंट ने परिवार को आश्वासन दिया की वो टिकट करवाकर उनके बेटे को भारत सुरक्षित वापस लाएगा। 6 अगस्त के बाद टूटा परिवार से संपर्क
6 अगस्त के बाद से विशाल का अपने परिवार से कोई संपर्क नहीं हुआ। बेटे के गायब होने से परिवार चिंतित था। पिता वेदप्रकाश का कहना है कि बेटे के लापता होने के बाद उन्होंने कई बार एजेंट, सरपंच और दूसरे लोगों से बात की, लेकिन उन्होंने बेटे के संबंध में कोई भी जानकारी नहीं दी। एजेंट से सिर्फ आश्वासन मिला की उनका बेटा जल्द ही भारत लौट आएगा। बेलारूस दूतावास ने दी मौत की जानकारी
22 अगस्त को बेलारूस दूतावास ने कैथल लघु सचिवालय को एक मेल भेजा। जिसमें बताया गया कि विशाल की बेलारूस में मौत हो गई है। मौत कैसे हुई है इसकी जानकारी नहीं दी गई। बेलारूस दूतावास ने मेल में पासपोर्ट नंबर की जानकारी देते हुए कहा कि- इसकी पुष्टि करें, वरना बेलारूस सरकार मृतक का अंतिम संस्कार कर देगी। सचिवालय से सूचना लेकर पुलिस फौरन विशाल के घर गांव बंदराणा पहुंची। बेटे की मौत की खबर मिलते ही घर में मातम छा गया। परिवार कर रहा शव को भारत लाने की मांग
परिजनों ने मांग रखी है कि विशाल की मौत की जांच की जाए। परिवार का कहना है कि 7 अगस्त को उनके बेटे की मौत हो गई थी, लेकिन एजेंट ने 22 तारीख उन्हें धोखे में रखा। अगर दूतावास से सूचना नहीं आती तो परिवार को कभी भी बेटे की कोई सूचना मिलती ही नहीं। परिवार को शक है कि एजेंट के कारण ही उनके बेटे की मौत हुई है। परिवार ने एजेंट अंकित के साथ साथ दो अन्य लोगों पर कार्रवाई की मांग की है। साथ ही उन्होंने भारत सरकार से मांग की है कि उनके बेटे के शव को भारत लाया जाए। कैथल एसपी ने लोगों से की अपील
कैथल के SP राजेश कालिया ने बताया की मामला संज्ञान में है। जांच के बाद जरूरी कार्रवाई की जाएगी। परिवार की भी हर संभव सहायता की जाएगी। उन्होंने लोगों से अपील करते हुए कहा कि- एजेंट के बारे में जांच-पड़ताल करके ही अपने बच्चों को विदेश भेजने की प्लानिंग करें।
नूंह में गौरक्षक को गोली मारने में दूसरी गिरफ्तारी:15 जून को मुंबई एक्सप्रेसवे पर हुई मुठभेड़; 3 दिन के रिमांड पर लिया
नूंह में गौरक्षक को गोली मारने में दूसरी गिरफ्तारी:15 जून को मुंबई एक्सप्रेसवे पर हुई मुठभेड़; 3 दिन के रिमांड पर लिया हरियाणा के नूंह के थाना फिरोजपुर झिरका की सीमा में दिल्ली मुंबई एक्सप्रेस वे पर बीते 15 जून की सुबह गौ रक्षकों और गौ तस्करों में मुठभेड़ मामले में नूंह पुलिस ने दूसरी गिरफ्तारी की है। गिरफ्तार आरोपी की पहचान हनुमान उर्फ अढमान के रूप में हुई है। आरोपी को कोर्ट में पेश कर 3 दिन की रिमांड लिया है। इस मुठभेड़ में गोली लगने से एक गौ-रक्षक सोनू उर्फ देवेंद्र निवासी फीदेडी जिला रेवाड़ी गंभीर रूप से घायल हो गया था। नूंह पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि दिल्ली मुंबई एक्सप्रेस वे पर गो तस्कर और गौ-रक्षक मुठभेड़ मामले में दूसरी गिरफ्तारी की है। गिरफ्तार आरोपी की पहचान हनुमान उर्फ अढमान बागरियों की ढाणी जिला दूदू राजस्थान के रूप में हुई है। आरोपी हनुमान को दूदू जिले में राष्ट्रीय राजमार्ग 48 से पुलिस ने बीते शुक्रवार को दबोचा था। उसको कोर्ट में पेश कर तीन दिन पुलिस रिमांड पर लिया है। इस मामले में अभी एक आरोपी की गिरफ्तारी और होनी है। बता दें कि बीते 15 जून की गो-रक्षक टीम को सूचना मिली थी दिल्ली मुंबई एक्सप्रेस वे पर एक बोलेरो पिकअप जयपुर से दिल्ली की ओर आ रही है।जिसमें गोवंश को तस्करी कर ले जाया जा रहा है। जिसकी सूचना गो-रक्षा स्टाफ को दी गई। जिसके मुताबिक गो-रक्षक पुलिस स्टाफ के साथ दिल्ली मुंबई एक्सप्रेसवे के एक मार्ग ठिकाने पर पहुंचे। जहां राजस्थान की ओर से आ रही पिकअप गाड़ी को रुकने का इशारा किया। चालक ने गाड़ी की स्पीड बढ़ा दी। गो-रक्षकों ने पीछा किया तो तस्कर चलती हुई पिकअप छोड़कर भागने लगे। इसी दौरान गो रक्षक सोनू उर्फ देवेंद्र ने गो-तस्कर को पकड़ने का प्रयास किया। लेकिन पिकअप में बैठे एक तस्कर ने सोनू को गोली मार दी। पिकअप गाड़ी साइड में पलट गई। जबकि गौरक्षक सोनू गंभीर रूप से घायल हो गया। एक गो-तस्कर को काबू कर लिया गया। घायल गौरक्षक सोनू उर्फ देवेंद्र को गुरुग्राम मेदांता अस्पताल में भर्ती कराया।