रोहतक में JBT टीचर ने बनवाया फर्जी SC सर्टिफिकेट:20 साल से कर रहे नौकरी, आरक्षण का गलत फायदा उठाने का आरोप

रोहतक में JBT टीचर ने बनवाया फर्जी SC सर्टिफिकेट:20 साल से कर रहे नौकरी, आरक्षण का गलत फायदा उठाने का आरोप

हरियाणा के रोहतक जिले के महम थाने में एक जेबीटी टीचर के खिलाफ फर्जी अनुसूचित जाति प्रमाण पत्र के आधार पर नौकरी प्राप्त करने का मामला सामने आया है। खरकड़ा गांव के भिखलाना पाना के सुनील कुमार, जो वर्तमान में फरमाणा गांव की राजकीय प्राथमिक पाठशाला में कार्यरत हैं, के विरुद्ध भारतीय न्याय संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है। केवल 25 रूपए फीस की जमा जानकारी के अनुसार रोहतक की कैलाश कालोनी की शिकायतकर्ता सुनीता शर्मा ने पुलिस को दी गई शिकायत में बताया कि सुनील कुमार जाट समुदाय से हैं, लेकिन उन्होंने फर्जी तरीके से बाल्मीकि जाति का प्रमाण पत्र बनवाकर अनुसूचित जाति के आरक्षण का लाभ उठाया। मामले में एक महत्वपूर्ण सबूत जेबीटी कोर्स में दाखिले के समय भरा गया फॉर्म है। सुनील कुमार ने स्वयं अपनी श्रेणी SC कोड 02 लिखी और केवल 25 रुपए की फीस जमा की। जबकि सामान्य श्रेणी की फीस 75 रुपए थी। इस फॉर्म में उन्होंने अपना पूरा नाम, पता, जन्म तिथि भरने के साथ फोटो लगाकर हस्ताक्षर भी किए हैं। विभागीय कार्रवाई की भी संभावना पिछले 20 वर्षों से शिक्षा विभाग में सेवारत इस टीचर के विरुद्ध केस दर्ज होने के बाद विभागीय कार्रवाई की भी संभावना है। शिकायतकर्ता ने गांव में जांच के बाद कुछ अन्य दस्तावेज भी प्रस्तुत किए हैं, जो आरोपी द्वारा की गई धोखाधड़ी को साबित करते हैं। शिकायतकर्ता ने एससीईआरटी द्वारा करवाई गई जांच का पत्र भी पुलिस को उपलब्ध करवाया है। यह जांच जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी रोहतक द्वारा की गई थी। एससी कटेगरी में जेबीटी डिप्लोमा किया प्राप्त जांच में पाया गया कि सुनील कुमार ने एससी कटेगरी के तहत अध्ययन करके जेबीटी डिप्लोमा प्राप्त किया है। जाति प्रमाण पत्र फर्जी बनवाया गया है। इसके बारे में उसने सीधा पुलिस में शिकायत करने की बजाय एसडीएम महम कार्यालय में इसकी सत्यापन प्रक्रिया अमल में लाई गई। जिसमें पाया गया कि इस नाम का अनुसूचित जाति प्रमाण पत्र एसडीएम कार्यालय में बनवाया गया था। हरियाणा के रोहतक जिले के महम थाने में एक जेबीटी टीचर के खिलाफ फर्जी अनुसूचित जाति प्रमाण पत्र के आधार पर नौकरी प्राप्त करने का मामला सामने आया है। खरकड़ा गांव के भिखलाना पाना के सुनील कुमार, जो वर्तमान में फरमाणा गांव की राजकीय प्राथमिक पाठशाला में कार्यरत हैं, के विरुद्ध भारतीय न्याय संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है। केवल 25 रूपए फीस की जमा जानकारी के अनुसार रोहतक की कैलाश कालोनी की शिकायतकर्ता सुनीता शर्मा ने पुलिस को दी गई शिकायत में बताया कि सुनील कुमार जाट समुदाय से हैं, लेकिन उन्होंने फर्जी तरीके से बाल्मीकि जाति का प्रमाण पत्र बनवाकर अनुसूचित जाति के आरक्षण का लाभ उठाया। मामले में एक महत्वपूर्ण सबूत जेबीटी कोर्स में दाखिले के समय भरा गया फॉर्म है। सुनील कुमार ने स्वयं अपनी श्रेणी SC कोड 02 लिखी और केवल 25 रुपए की फीस जमा की। जबकि सामान्य श्रेणी की फीस 75 रुपए थी। इस फॉर्म में उन्होंने अपना पूरा नाम, पता, जन्म तिथि भरने के साथ फोटो लगाकर हस्ताक्षर भी किए हैं। विभागीय कार्रवाई की भी संभावना पिछले 20 वर्षों से शिक्षा विभाग में सेवारत इस टीचर के विरुद्ध केस दर्ज होने के बाद विभागीय कार्रवाई की भी संभावना है। शिकायतकर्ता ने गांव में जांच के बाद कुछ अन्य दस्तावेज भी प्रस्तुत किए हैं, जो आरोपी द्वारा की गई धोखाधड़ी को साबित करते हैं। शिकायतकर्ता ने एससीईआरटी द्वारा करवाई गई जांच का पत्र भी पुलिस को उपलब्ध करवाया है। यह जांच जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी रोहतक द्वारा की गई थी। एससी कटेगरी में जेबीटी डिप्लोमा किया प्राप्त जांच में पाया गया कि सुनील कुमार ने एससी कटेगरी के तहत अध्ययन करके जेबीटी डिप्लोमा प्राप्त किया है। जाति प्रमाण पत्र फर्जी बनवाया गया है। इसके बारे में उसने सीधा पुलिस में शिकायत करने की बजाय एसडीएम महम कार्यालय में इसकी सत्यापन प्रक्रिया अमल में लाई गई। जिसमें पाया गया कि इस नाम का अनुसूचित जाति प्रमाण पत्र एसडीएम कार्यालय में बनवाया गया था।   हरियाणा | दैनिक भास्कर