हरियाणा के रोहतक जिले के महम थाने में एक जेबीटी टीचर के खिलाफ फर्जी अनुसूचित जाति प्रमाण पत्र के आधार पर नौकरी प्राप्त करने का मामला सामने आया है। खरकड़ा गांव के भिखलाना पाना के सुनील कुमार, जो वर्तमान में फरमाणा गांव की राजकीय प्राथमिक पाठशाला में कार्यरत हैं, के विरुद्ध भारतीय न्याय संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है। केवल 25 रूपए फीस की जमा जानकारी के अनुसार रोहतक की कैलाश कालोनी की शिकायतकर्ता सुनीता शर्मा ने पुलिस को दी गई शिकायत में बताया कि सुनील कुमार जाट समुदाय से हैं, लेकिन उन्होंने फर्जी तरीके से बाल्मीकि जाति का प्रमाण पत्र बनवाकर अनुसूचित जाति के आरक्षण का लाभ उठाया। मामले में एक महत्वपूर्ण सबूत जेबीटी कोर्स में दाखिले के समय भरा गया फॉर्म है। सुनील कुमार ने स्वयं अपनी श्रेणी SC कोड 02 लिखी और केवल 25 रुपए की फीस जमा की। जबकि सामान्य श्रेणी की फीस 75 रुपए थी। इस फॉर्म में उन्होंने अपना पूरा नाम, पता, जन्म तिथि भरने के साथ फोटो लगाकर हस्ताक्षर भी किए हैं। विभागीय कार्रवाई की भी संभावना पिछले 20 वर्षों से शिक्षा विभाग में सेवारत इस टीचर के विरुद्ध केस दर्ज होने के बाद विभागीय कार्रवाई की भी संभावना है। शिकायतकर्ता ने गांव में जांच के बाद कुछ अन्य दस्तावेज भी प्रस्तुत किए हैं, जो आरोपी द्वारा की गई धोखाधड़ी को साबित करते हैं। शिकायतकर्ता ने एससीईआरटी द्वारा करवाई गई जांच का पत्र भी पुलिस को उपलब्ध करवाया है। यह जांच जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी रोहतक द्वारा की गई थी। एससी कटेगरी में जेबीटी डिप्लोमा किया प्राप्त जांच में पाया गया कि सुनील कुमार ने एससी कटेगरी के तहत अध्ययन करके जेबीटी डिप्लोमा प्राप्त किया है। जाति प्रमाण पत्र फर्जी बनवाया गया है। इसके बारे में उसने सीधा पुलिस में शिकायत करने की बजाय एसडीएम महम कार्यालय में इसकी सत्यापन प्रक्रिया अमल में लाई गई। जिसमें पाया गया कि इस नाम का अनुसूचित जाति प्रमाण पत्र एसडीएम कार्यालय में बनवाया गया था। हरियाणा के रोहतक जिले के महम थाने में एक जेबीटी टीचर के खिलाफ फर्जी अनुसूचित जाति प्रमाण पत्र के आधार पर नौकरी प्राप्त करने का मामला सामने आया है। खरकड़ा गांव के भिखलाना पाना के सुनील कुमार, जो वर्तमान में फरमाणा गांव की राजकीय प्राथमिक पाठशाला में कार्यरत हैं, के विरुद्ध भारतीय न्याय संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है। केवल 25 रूपए फीस की जमा जानकारी के अनुसार रोहतक की कैलाश कालोनी की शिकायतकर्ता सुनीता शर्मा ने पुलिस को दी गई शिकायत में बताया कि सुनील कुमार जाट समुदाय से हैं, लेकिन उन्होंने फर्जी तरीके से बाल्मीकि जाति का प्रमाण पत्र बनवाकर अनुसूचित जाति के आरक्षण का लाभ उठाया। मामले में एक महत्वपूर्ण सबूत जेबीटी कोर्स में दाखिले के समय भरा गया फॉर्म है। सुनील कुमार ने स्वयं अपनी श्रेणी SC कोड 02 लिखी और केवल 25 रुपए की फीस जमा की। जबकि सामान्य श्रेणी की फीस 75 रुपए थी। इस फॉर्म में उन्होंने अपना पूरा नाम, पता, जन्म तिथि भरने के साथ फोटो लगाकर हस्ताक्षर भी किए हैं। विभागीय कार्रवाई की भी संभावना पिछले 20 वर्षों से शिक्षा विभाग में सेवारत इस टीचर के विरुद्ध केस दर्ज होने के बाद विभागीय कार्रवाई की भी संभावना है। शिकायतकर्ता ने गांव में जांच के बाद कुछ अन्य दस्तावेज भी प्रस्तुत किए हैं, जो आरोपी द्वारा की गई धोखाधड़ी को साबित करते हैं। शिकायतकर्ता ने एससीईआरटी द्वारा करवाई गई जांच का पत्र भी पुलिस को उपलब्ध करवाया है। यह जांच जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी रोहतक द्वारा की गई थी। एससी कटेगरी में जेबीटी डिप्लोमा किया प्राप्त जांच में पाया गया कि सुनील कुमार ने एससी कटेगरी के तहत अध्ययन करके जेबीटी डिप्लोमा प्राप्त किया है। जाति प्रमाण पत्र फर्जी बनवाया गया है। इसके बारे में उसने सीधा पुलिस में शिकायत करने की बजाय एसडीएम महम कार्यालय में इसकी सत्यापन प्रक्रिया अमल में लाई गई। जिसमें पाया गया कि इस नाम का अनुसूचित जाति प्रमाण पत्र एसडीएम कार्यालय में बनवाया गया था। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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29 सितंबर को होगी प्रवेश परीक्षा भास्कर न्यूज | सिरसा चौधरी देवीलाल यूनिवर्सिटी में पीएचडी दाखिला को लेकर अधिसूचना जारी हो चुकी है लेकिन अभी तक ऑनलाइन पोर्टल नहीं खुल पाया है। ऐसे में दाखिला के इच्छुक विद्यार्थी ऑनलाइन आवेदन नहीं कर पा रहे हैं। इसी बीच सीडीएलयू ने पीएचडी दाखिला शेडयूल में भी बदलाव कर दिया है। सीडीएलयू की ओर से विभिन्न विभागों में दाखिला के लिए शेड्यूल जारी किया गया था। इसमें विभिन्न विभागों में संचालित पीएचडी में दाखिला के लिए बाकायदा उपलब्ध सीटों का ब्योरा जारी करते हुए दाखिला शेड्यूल बताया गया था। लेकिन इसके बाद कुछ अन्य विभागों में भी खाली सीटों के संबंध में सूचना आ गई। ऐसे में 9 सितंबर को एक बार फिर बैठक का आयोजन किया गया और उसमें बदलाव के साथ नया शेड्यूल जारी किया गया। अब जहां एक ओर कंप्यूटर साइंस विभाग में एक सीट बढ गई है वहीं दूसरी ओर विधि विभाग में भी पीएचडी दाखिला हो सकेगा। पुराने शेड्यूल में विधि विभाग शामिल नहीं था। ^दाखिला के लिए आवेदन शुरू हो चुके हैं। यदि पोर्टल में तकनीकी समस्या है तो चैक करवा लेते हैं। – डॉ. राजेश कुमार बांसल, रजिस्ट्रार, सीडीएलयू, सिरसा। जरूरी तारीख, जिन्हें याद रखना है आवश्यक बेशक, सीडीएलयू ने दाखिला शेड्यूल जारी कर दिया है। लेकिन ऑनलाइन आवेदन के लिए अभी तक पोर्टल नहीं खुल पाया है। पीएचडी दाखिला के लिए पोर्टल पर अभी भी एरर आ रहा है। ऐसे में इच्छुक विद्यार्थी आवेदन नहीं कर पा रहे हैं। बता दें कि 7 सितंबर से आवेदन शुरू होने का दावा किया गया था जबकि 27 सितंबर तक आवेदन का मौका मिलेगा।
अपडेट के फेर में उलझा वेंडिंग जोन, दावा- चुनाव के बाद काम शुरू होगा, रेहड़ी-पटरी से मिलेगा छुटकारा
अपडेट के फेर में उलझा वेंडिंग जोन, दावा- चुनाव के बाद काम शुरू होगा, रेहड़ी-पटरी से मिलेगा छुटकारा प्रदेश सरकार की ओर से फंड मिलने के बाद तीन चरण में 11 वेिंंडंग जोन बनाने हैं। जोन के लिए बूथ, वाहन पार्किंग, रास्ते, टॉयलेट, बिजली, पानी और सीवर आदि जरूरी संसाधनों को व्यवस्थित कर स्ट्रीट वेंडरों को बूथ अलॉट किए जा सकें। तीन चरण में विकसित होंगे 11 स्ट्रीट वेंडिंग जोन हरियाणा सरकार की ओर से वर्ष 2018 में वेंडरों का सर्वे शुरू कराया गया। 4 हजार 500 स्ट्रीट वेंडर चिह्नित कर जरूरी कागजातों के साथ वेरीफिकेशन की प्रक्रिया पूरी हुई। सभी स्ट्रीट वेंडरों का अस्थाई पंजीकरण किया, लेकिन कोराना को देखते केंद्र सरकार ने पूरी पॉलिसी में बदलाव कर नया पोर्टल बनाया। पीएम स्वनिधि योजना शुरू की। इसके जरिए स्ट्रीट वेंडरों का रजिस्ट्रेशन करते हुए उन्हें तीन कैटेगरी में 10, 20 और 50 हजार का लोन भी दिलाने का प्रबंध किया। तब से अब तक जिले में 7 हजार 600 स्ट्रीट वेंडरों को पीएम स्वनिधि योजना में पंजीकरण करते हुए लोन आवंटित कराए जा चुके हैं। हालांकि, पंजीकरण 12,500 स्ट्रीट वेंडरों का हो चुका है। सर्कुलर रोड ओल्ड आईटीआई ग्राउंड, नया बसस्टैंड, सेक्टर-1, 2, 3 की मार्केट, गांधी कैंप, राजीव चौक दिल्ली बाईपास के पास केंद्रीय विद्यालय के सामने, जींद बाईपास चौक, माडल टाउन आदि स्थलों को वेिडंग जोन निर्माण के लिए चिंह्नित किया है। भास्कर न्यूज | रोहतक केंद्र की तरफ से अपडेट किए जाने के फेर में 4 साल से लंबित शहर के 12 से अधिक प्रमुख बाजार और चौक-चौराहे अतिक्रमण और अनाधिकृत ढंग से लग रही रेहड़ियों, फड़ियों के चलते ट्रैफिक जाम के हालात से जूझ रहे हैं। इनकी वजह से जहां दिनभर जाम लगता है। वहीं, शहरवासियों का पैदल निकलना भी मुश्किल हो जाता है, लेकिन अब वेंडिंग जोन प्रोजेक्ट के पटरी पर लौटने की उम्मीद है। चिह्नित किए गए 11 वेंडिंग जोन के लिए संबंधित सभी विभागों से एनओसी नगर निगम को मिल गई है। अगली कार्रवाई साइटों के स्थानांतरण की है, ताकि डिटेल इंप्लीमेंटेशन प्लान यानी डीआईपी तैयार करके चंडीगढ़ से निर्माण के लिए बजट मांगा जा सके। सीपीओ कार्यालय की मानें तो विधानसभा चुनाव के बाद यानि डेढ़ महीने के बाद इस प्रोजेक्ट पर काम शुरू कर दिया जाएगा। प्रोजेक्ट पूरा होने पर रेहड़ी और पटरी से छुटकारा मिल जाएगा। ^ 11 वेंडिंग जोन बनेंगे। संबंधित विभागों को एनओसी मिल गई है। डिटेल इंप्लीमेंटेशन प्लान यानी डीआईपी तैयार करने की है, विस चुनाव की आचार संहिता हटने के बाद काम शुरू होगा। इसके बाद मुख्यालय फाइल भेजकर निर्माण के लिए फंड मंगाया जाएगा। फिर काम शुरू कर दिया जाएगा। -जगदीश चंद्र, सिटी प्रोजेक्ट ऑफिसर।
हरियाणा में टिकट बंटवारे पर BJP-RSS दोफाड़:संघ नए चेहरों के पक्ष में, विधायकों-मंत्रियों की टिकट कटेगी; नेता पुरानों के हक में, एंटी इनकंबेंसी का खतरा
हरियाणा में टिकट बंटवारे पर BJP-RSS दोफाड़:संघ नए चेहरों के पक्ष में, विधायकों-मंत्रियों की टिकट कटेगी; नेता पुरानों के हक में, एंटी इनकंबेंसी का खतरा हरियाणा विधानसभा चुनाव में टिकट बंटवारे को लेकर प्रदेश BJP और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) दोफाड़ हो गए हैं। ग्राउंड सर्वे के बाद RSS चाहता है कि 70% नए चेहरों को टिकट दी जाए। RSS ने इसके लिए 90 सीटों पर 2-2 संभावित नामों की लिस्ट तैयार की है। वहीं प्रदेश भाजपा पुराने नेताओं को टिकट देने पर अड़ी है। भाजपा ने इसके लिए हर सीट पर 3-3 नाम दावेदारों की लिस्ट तैयार की है। इस लिस्ट पर अब गुरुग्राम में प्रदेश चुनाव समिति मंथन करेगी। उसके बाद हर सीट पर 2 या 3 दावेदारों का एक पैनल बनाकर लिस्ट केंद्रीय नेतृत्व को भेजकर नाम फाइनल कराए जाएंगे। भाजपा सूत्रों के मुताबिक हरियाणा में टिकटों को फाइनल करने में सबसे अहम भूमिका अमित शाह निभाएंगे। जिन्हें हरियाणा जिताने का जिम्मा सौंपा गया है। RSS और BJP के मतभेद का टिकट बंटवारे पर क्या असर.. अगर RSS की चली तो… RSS का फोकस नए चेहरों पर है। उनकी लिस्ट मानी गई तो 2019 का चुनाव लड़े 60 से ज्यादा नेताओं की टिकट कट जाएगी। जिसमें विधायक से लेकर मंत्री तक शामिल हो सकते हैं। इसका फायदा-नुकसान क्या?: नए चेहरों से 10 साल से सरकार चला रही भाजपा के प्रति एंटी इनकंबेंसी घट सकती है। वहीं सेकेंड लाइन लीडरशिप तैयार होगी। इसके साथ RSS व पार्टी संगठन से जुड़े नेताओं को चुनावी सियासत में आने का मौका मिलेगा। अगर प्रदेश BJP की चली तो… भाजपा पुराने नेताओं को ही टिकट के मूड़ में है। ऐसे में वही चेहरे चुनाव लड़ेंगे। नए नेताओं को मौका नहीं मिलेगा। इसका फायदा-नुकसान क्या?: पुराने नेता 10 साल से अपनी सीट पर काम कर रहे हैं तो जनता उन्हें जानती है। वह पहले से चुनाव लड़ने को लेकर वर्किंग भी कर रहे हैं। नुकसान यह कि इनकी वजह से एंटी इनकंबेंसी का खतरा रहेगा। नए नेता मायूस होंगे और घर बैठ सकते हैं। हरियाणा विधानसभा चुनाव में RSS को इतनी तरजीह क्यों? 1. लोकसभा चुनाव में साथ नहीं लिया, इसलिए नुकसान हुआ
लोकसभा चुनाव में BJP ने RSS से दूरी बना ली। RSS से जुड़े सूत्रों के मुताबिक उनसे टिकट बंटवारे से लेकर प्रचार तक कोई राय नहीं ली गई। हरियाणा में इस वजह से भाजपा 10 में से 5 सीटों पर सिमट गई। RSS दावा कर चुकी है कि वे साथ होते तो 8 सीटें जीत सकते थे। 2. भाजपा संगठन से ज्यादा RSS के मेंबर एक्टिव
हरियाणा में संघ की ताकत BJP से ज्यादा है। संघ से जुड़े नेता दावा करते हैं कि उनके 4 लाख से अधिक मेंबर राज्य में एक्टिव हैं। इसमें विश्व हिंदू परिषद (VHP), अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) और दूसरे विंग वाले मेंबर हैं। संघ चुनाव में रैली-रोड शो जैसे प्रचार के बजाय बूथ लेवल पर मतदाताओं को प्रभावित करने की माइक्रो वर्किंग करता है। संघ-प्रदेश BJP के मतभेद में अहम कड़ी होंगे शाह
BJP से जुड़े सूत्र बताते हैं कि संघ और प्रदेश संगठन के बीच मतभेद के बीच सबसे अहम रोल केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का होगा। इसकी 2 वजहें हैं… पहली… शाह बचपन से ही संघ से जुड़े रहे। 14 साल की उम्र में वे स्वयंसेवक बन गए। वे संघ के कामकाज को अच्छे से जानते हैं। संघ ने हरियाणा चुनाव में जो वर्किंग की, उसके आधार पर वह फैसला ले सकते हैं। दूसरी… शाह भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष रह चुके हैं। संगठन को अच्छे से जानते हैं। पार्टी क्या तर्क दे रही, वे बेहतर ढंग से समझ सकते हैं। वे पीएम नरेंद्र मोदी के भी करीबी हैं तो उनके फैसले पर कोई विवाद की गुंजाइश भी नहीं होगी। खट्टर को भी जिम्मेदारी से छूट नहीं
BJP सूत्रों के मुताबिक मनोहर लाल खट्टर भले ही राज्य से केंद्र में चले गए लेकिन उन्हें जिम्मेदारी से छूट नहीं मिलेगी। टिकट बंटवारे में खट्टर की राय ली जाएगी और जिताऊ कैंडिडेट के बारे में उनका फीडबैक भी अहम होगा। खट्टर साढ़े 9 साल सीएम रहे। अब लोकसभा चुनाव जीतकर केंद्र में मंत्री जरूर बन गए लेकिन भाजपा को वोट उन्हीं के कामकाज पर मिलने हैं क्योंकि नायब सैनी अंतिम दिनों में मुख्यमंत्री बने तो इतनी जल्दी उनके कामकाज का जनता आकलन नहीं करेगी। आगे क्या… पैनल के लिए गुरुग्राम में BJP की मीटिंग प्रदेश में टिकटें फाइनल करने के लिए भाजपा ने 23-24 को गुरुग्राम में प्रदेश चुनाव समिति की मीटिंग बुला ली है। जिसमें सीएम नायब सैनी, प्रदेश अध्यक्ष मोहन बड़ौली के अलावा तीनों केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल, राव इंद्रजीत और कृष्णपाल गुर्जर समेत समिति के सभी मेंबर होंगे। पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि गुरुग्राम में होने वाली बैठकों में नामों को फाइनल किया जाएगा। इसके बाद पैनल बनाकर लिस्ट केंद्रीय चुनाव समिति में भेजी जाएगी। जिसके बाद उम्मीदवारों का ऐलान किया जाएगा। इसमें थोड़ा समय लग सकता है। हरियाणा में BJP की 2 बड़ी चुनावी तैयारियां? 1. चुनाव के लिए 3 कमेटियां बनाईं
भाजपा ने विधानसभा चुनाव के लिए 3 कमेटियां बनाई हैं। जिसमें प्रदेश चुनाव समिति, प्रदेश चुनाव प्रबंधन समिति और प्रदेश मेनिफेस्टो कमेटी शामिल है। इन कमेटियों में क्षेत्र और जातीय संतुलन को साधते हुए नेताओं को शामिल किया गया है। 2. पंचकूला-रोहतक में 2 वार रूम बनाए
चुनावी रणनीति को बनाने से लेकर सिरे चढ़ाने तक के लिए 2 वार रूम बनाए जा रहे हैं। इनमें एक रोहतक और दूसरा पंचकूला में बनेगा। पंचकूला के वार रूम का जिम्मा हरियाणा CMO से जुड़े रहे बड़े अफसर को दी गई है। वह मीडिया प्रबंधन की भी जिम्मेदारी देखेंगे। 2 टर्म से सरकार, पहले बहुमत, फिर गठबंधन की मदद
राज्य में भाजपा 2 टर्म से सरकार चला रही है। 2014 में भाजपा को 90 में से 47 सीटों पर जीत मिली। भाजपा ने पूर्ण बहुमत की सरकार बनाई। 2019 में भाजपा को एंटी इनकंबेंसी का नुकसान झेलना पड़ा। भाजपा को सिर्फ 40 सीटें मिलीं। हालांकि सबसे बड़ी पार्टी बनकर आई। भाजपा ने 10 सीटें जीतने वाली JJP से गठबंधन कर सरकार बना ली।