रोहतक के एक गांव से नाबालिग छात्र के लापता होने का मामला सामने आया है। जिसे मोटरसाइकिल में प्रेशर हॉर्न लगाने पर डाट मारी थी। जिसके बाद जब 9वीं का छात्र दुकान से सामान लेने गया तो वह लापता हो गया। जिसके बाद परिवार वालों ने उसकी तलाश आरंभ कर दी। वहीं मामले की शिकायत पुलिस को दे दी। पुलिस ने मामला दर्ज करके बच्चे की तलाश आरंभ कर दी। रोहतक के एक गांव निवासी व्यक्ति ने सांपला थाना में नाबालिग बेटे के लापता होने की शिकायत दर्ज करवाई है। शिकायत में बताया कि उसके पास दो बच्चे (एक बड़ा बेटा व एक छोटी बेटी) है। उसका करीब 14 वर्षीय बड़ा लड़का 9वीं कक्षा में पढ़ता है। 13 जुलाई को उसके बेटे ने मोटरसाइकिल में प्रेशर हॉर्न लगवा लिया था। इसक पता लगने के बाद उसके पिता ने डाट लगा दी और कहा कि इसका पुलिस चालान भी काट देगी। तलाश में जुटा परिवार व पुलिस
पिता द्वारा डाट मारने के कारण बेटे ने घर छोड़ दिया। पीड़ित ने बताया कि 14 जुलाई की दोपहर को उसका बेटा घर से दुकान पर सामान लेने के लिए गया था। लेकिन वापस घर पर नहीं लौटा। इसके बाद वे नाबालिग को तलाश करने लगे, लेकिन कहीं पर भी कोई सुराग नहीं लग पाया। इसके बाद मामले की शिकायत पुलिस को दे दी। सांपला थाना पुलिस ने मामला दर्ज करके नाबालिग बच्चे की तलाश आरंभ कर दी। लेकिन अभी तक नाबालिग बच्चा नहीं मिला है। रोहतक के एक गांव से नाबालिग छात्र के लापता होने का मामला सामने आया है। जिसे मोटरसाइकिल में प्रेशर हॉर्न लगाने पर डाट मारी थी। जिसके बाद जब 9वीं का छात्र दुकान से सामान लेने गया तो वह लापता हो गया। जिसके बाद परिवार वालों ने उसकी तलाश आरंभ कर दी। वहीं मामले की शिकायत पुलिस को दे दी। पुलिस ने मामला दर्ज करके बच्चे की तलाश आरंभ कर दी। रोहतक के एक गांव निवासी व्यक्ति ने सांपला थाना में नाबालिग बेटे के लापता होने की शिकायत दर्ज करवाई है। शिकायत में बताया कि उसके पास दो बच्चे (एक बड़ा बेटा व एक छोटी बेटी) है। उसका करीब 14 वर्षीय बड़ा लड़का 9वीं कक्षा में पढ़ता है। 13 जुलाई को उसके बेटे ने मोटरसाइकिल में प्रेशर हॉर्न लगवा लिया था। इसक पता लगने के बाद उसके पिता ने डाट लगा दी और कहा कि इसका पुलिस चालान भी काट देगी। तलाश में जुटा परिवार व पुलिस
पिता द्वारा डाट मारने के कारण बेटे ने घर छोड़ दिया। पीड़ित ने बताया कि 14 जुलाई की दोपहर को उसका बेटा घर से दुकान पर सामान लेने के लिए गया था। लेकिन वापस घर पर नहीं लौटा। इसके बाद वे नाबालिग को तलाश करने लगे, लेकिन कहीं पर भी कोई सुराग नहीं लग पाया। इसके बाद मामले की शिकायत पुलिस को दे दी। सांपला थाना पुलिस ने मामला दर्ज करके नाबालिग बच्चे की तलाश आरंभ कर दी। लेकिन अभी तक नाबालिग बच्चा नहीं मिला है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
Related Posts
महासभा में विवाद से चर्चा में बिश्नोई समाज:महिला हिरण के बच्चे को दूध पिलाती है, शादी में फेरे नहीं, पेड़ बचाने को सिर कटाए
महासभा में विवाद से चर्चा में बिश्नोई समाज:महिला हिरण के बच्चे को दूध पिलाती है, शादी में फेरे नहीं, पेड़ बचाने को सिर कटाए बिश्नोई समाज इन दिनों सुर्खियों में बना हुआ है। इसका बड़ा कारण है पूर्व सांसद कुलदीप बिश्नोई और बिश्नोई महासभा के प्रधान देवेंद्र के बीच चल रही तनातनी। हाल ही में दोनों ने संगठन में रहते हुए एक-दूसरे को अपने-अपने पदों से हटा दिया था। वहीं, बुधवार को बिश्नोई समाज ने बैठक कर 5 फैसले लिए हैं। इनमें सबसे बड़ा फैसला महासभा का संरक्षक पद खत्म करना था। इसके साथ ही फैसला लिया गया कि कुलदीप बिश्नोई से ‘बिश्नोई रत्न’ भी वापस लिया जाएगा। संगठन में चल रहे विवाद के कारण भले ही इस वक्त बिश्नोई समाज सुर्खियों में आ गया हो, लेकिन आपको बता दें कि प्रकृति से प्रेम करने वाला यह समाज वन्य जीवों के लिए त्याग करने के लिए समाज में एक मिसाल माना जाता है। बिश्नोई महिला हिरण के बच्चे को अपना दूध पिलाती है। पेड़ बचाने के लिए वह सिर तक कटा देते हैं। उनके यहां शादी में दूल्हा-दुल्हन फेरे नहीं लेते। महासभा में चल रहे विवाद के बीच बिश्नोई समाज की पूरी कहानी पढ़ें… सबसे पहले ये तस्वीर देखें… हिरण के बच्चे को अपना दूध पिला रही ये महिला बिश्नोई समाज की है। ये तस्वीर ही उस दस्तूर की बानगी है, जिसमें बिश्नोई समाज का जानवरों के प्रति अटूट प्रेम दिखता है। बिश्नोई… यह बीस और नौ शब्द से बना है. जिसका मतलब होता है 29 नियमों का पालन करने वाला एक पंथ। इसमें से एक है जानवरों पर दया करना। जहां-जहां बिश्नोई बसाहट है, वहां हिरण, मोर और काले तीतर के झुंड मिलेंगे। इनकी रक्षा के लिए यह पंथ अपनी जान तक दे देता है और इन्हें बचाने के लिए किसी की जान ले भी सकता है। बिश्नोई समाज को प्रह्लादपंथी कहा जाता है। ये भक्त प्रह्लाद को मानते हैं। इसलिए, होलिका दहन के दिन शोक मनाते हैं। उस दिन इनके घर में खिचड़ी बनती है। इसी तरह इस समाज में पेड़-पौधे को काटना मना है। इसलिए, मरने के बाद इन्हें जलाया नहीं जाता, बल्कि मिट्टी में दफना दिया जाता है। हर घर के आगे खेजड़ी का पेड़ होना भी जरूरी है। बिश्नोई समाज ने हिसार में 40 हजार करोड़ की टाउनशिप का प्लान शिफ्ट कराया हरियाणा के हिसार में गांव बड़ोपल से कुछ दूरी पर संकरी सड़क के दोनों ओर दूर तक जंगल है। आसपास कंटीली झाड़ियां और कुछ कोस पर कीकर और खेजड़ी के पेड़ हैं। यहां ब्लैक बक सेंचुरी है। इस सेंचुरी में केंद्र सरकार का 40,000 करोड़ रुपए का टाउनशिप का एक प्लान बिश्नोई समाज के लोगों ने लंबी लड़ाई लड़कर शिफ्ट करवाया है। इस जंगल में हिरण, सांप, नील गाय समेत अनेक जीव और खेजड़ी के पेड़ हैं। इस बारे में कुलदीप बिश्नोई कहते हैं, ‘गुरु जम्भेश्वर ने हमें 29 नियमों का मंत्र दिया था। उन्हीं को मानते हुए आज भी हम वन्यजीव और वन बचाने के लिए वचनबद्ध हैं। इसके लिए युवाओं की प्रबंधन कमेटियां बनाई गई हैं। बिश्नोइयों के इलाके में कोई शिकारी या लकड़ी तस्कर आने की हिम्मत नहीं करते।’ बिश्नोई समाज के जीव प्रेमी अनिल खिच्चड़ मंगाली बताते हैं, ‘यह हमारे लिए ये सब सामाजिक नहीं धार्मिक काम हैं। हिरण के लिए हम ज्यादा संवेदनशील है। इसकी वजह यह है कि यह सबसे ज्यादा निरीह और कमजोर है। इस वजह से इसके इंसान भी दुश्मन हैं और दूसरे जानवर भी। अबोहर और राजस्थान में बिश्नोई समाज के घरों में आमतौर पर हिरण आ जाते हैं। हिरण के छोटे बच्चे को महिलाएं अपना दूध पिलाकर बड़ा करती हैं।’ बिश्नोइयों को प्रह्लाद पंथी क्यों कहते हैं? कहा जाता है कि भक्त प्रह्लाद को भगवान विष्णु ने वचन दिया था कि वो कलयुग में उन जीवों का उद्धार करने के लिए आएंगे जो सतयुग में रह गए हैं। बिश्नोई समाज गुरु जम्भेश्वर को भी विष्णु का अवतार मानता है। ज्यादातर बिश्नोई जाट समाज से इस पंथ में आए हैं। इस समाज को मानने वाले राजस्थान, हरियाणा, मध्यप्रदेश और उत्तर प्रदेश के कुछ इलाकों में रहते हैं। हिसार शहर से 40 किलोमीटर दूर आदमपुर का गांव सदलपुर बिश्नोई बहुल समाज का गांव है। यहां बिश्नोई मंदिर है। इसमें गुरु जम्भेश्वर के सिवाय कोई और मूर्ति नहीं है। गुरु जम्भेश्वर की मूर्ति के सामने कुछ भी नहीं रखा जाता। हिंदू मंदिरों से तुलना करें तो यहां सब कुछ बेहद सादा है। गुरु जम्भेश्वर वचन का पाठ हो होता है। हवन के बाद आरती होती है। यहां हवन में गाय के गोबर के उपलों को जलाकर उस पर सूखे नारियल की गिरियां, शुद्ध घी, सौंफ, तिल और हवन सामग्री डाली जाती है। आरती की थाली गुरु जम्भेश्वर की मूर्ति की ओर नहीं रखी जाती। जो व्यक्ति आरती कर रहा है उसकी पीठ मूर्ति की ओर रहती है। इसकी वजह भगत राम बताते हैं, ‘गुरु जम्भेश्वर का कहना था कि मैं जोत में हूं, जिसका मुंह चारों ओर है। इसलिए, आरती उनकी मूर्ति को न दिखाकर चारों ओर दिखाई जाती है।’ गुरु जम्भेश्वर के भक्त घर या मंदिर में सुबह और शाम सिर्फ हवन करते हैं। गुरु जम्भेश्वर का कहना है कि कोई मूर्ति पूजा नहीं करनी है। घर में सुबह-शाम हवन करना है। बिश्नोई समाज में बच्चे का जन्म और शादी के रीति-रिवाज भी अलग होते हैं। बच्चा पैदा होने के बाद 29 दिन बच्चे और उसकी मां को अलग रखा जाता है। 30वें दिन हवन होता है और पाल-पानी रखा जाता है। गुरु जम्भेश्वर के 120 शब्दवाणी से इसे मंत्रित किया जाता है। इस पाल को बच्चे को पिलाया जाता है, जिसे पीने से वह बिश्नोई हो जाता है। उसके बाद वह घर के अंदर आकर बाकी परिवार के साथ सामान्य जीवन जीता है। दरअसल, पाल एक मंत्र फूंका हुआ पानी होता है जिसे यह लोग गंगाजल की तरह पवित्र मानते हैं। बिश्नोई समाज में शादी के रीति-रिवाज भी अलग हैं। इनके यहां फेरे नहीं होते हैं। बल्कि, दूल्हा और दुल्हन को दो अलग-अलग पीढ़े पर बैठा देते हैं। उनके सामने गुरु जम्भेश्वर की शब्दवाणी पढ़ी जाती है। पाल की कसम खिलाई जाती है। बस शादी हो गई। बिश्नोई समाज पुनर्जन्म में यकीन नहीं रखता है। उसका मानना है कि कर्म के हिसाब से जो है इसी जन्म में है। इनकी पूजा इबादत जो है, वह पर्यावरण से ही जुड़ी है। इसलिए, यह मरने के बाद शव को जलाते नहीं हैं, बल्कि उसे दफनाते हैं। बीते साल जोधपुर के गांव में शैतान सिंह ने एक शिकारी के चंगुल से एक हिरण को बचाने के लिए अपनी जान दे दी। इन लोगों के लिए जीव जंतु इतने अहम हैं कि मरने के बाद यह लोग इंसानों की ही तरह से पशु पक्षियों का दाह संस्कार करते हैं। बिश्नोई समाज के लोग होली भी नहीं मनाते हैं। वह होली के त्योहार को काला दिन मानते हैं, क्योंकि इस दिन होलिका भक्त प्रह्लाद को दहन करने के लिए अपनी गोद में लेकर बैठी थी। बिश्नोई समाज के लोग इस दिन सूतक रखते हैं। ये लोग इस दिन एक-दूसरे के घर जाते हैं। अफसोस करते हैं। गुरु जम्भेश्वर और भक्त प्रह्लाद की बातें करते हैं। शाम को जल्दी खाना खाकर सो जाते हैं। इस दिन वह बहुत ही सादा खाना खिचड़ा खाते हैं। कोई किसी से हंसी-मजाक नहीं करता है। इस दिन किसी के बच्चा हो जाए तो खुशी नहीं मनाई जाती है। सारे शुभ काम टाल दिए जाते हैं। होली के अगले दिन जब देखा जाता है कि भक्त प्रह्लाद जले नहीं हैं, भगवान विष्णु ने उन्हें बचा लिया है, तब खुशी मनाते हैं। खेजड़ी के पेड़ बचाने के लिए 363 बिश्नोइयों ने अपने सिर कटवाए
खेजड़ी इनका धार्मिक पेड़ है। हर बिश्नोई के घर के बाहर यह पेड़ आपको मिलेगा। इसके पीछे एक कहानी है। आज से लगभग 300 साल पहले की बात है। राजा अभय सिंह ने अपने महल के दरवाजे बनवाने के लिए हरे पेड़ों की लकड़ी कटवाने का आदेश दिया। उन्हें पता लगा कि बिश्नोई बहुल इलाके में सबसे ज्यादा पेड़ मिलेंगे। जब उनकी सेना वहां पेड़ काटने के लिए गई तब वहां बिश्नोई समाज की महिला ‘माता अमृता देवी’ ने इसका विरोध किया। जब उनकी बात नहीं सुनी गई तो उन्होंने अपना शीश कटा दिया। शीश कटवाने से पहले माता अमृता देवी ने उनसे कहा, ‘सिर सांटे रूख रहे, तो भी सस्तो जाणिये।’ कहने का मतलब है- अगर सिर कटवा देने से एक पेड़ भी बच जाता है तो यह मेरे लिए सस्ता सौदा है। इसके बाद से खेजड़ी के पेड़ की पूजा शुरू हो गई। उस वक्त 363 बिश्नोइयों ने भी अपना सिर कटवा दिया था। **************** ये खबर भी पढ़ें… अखिल भारतीय बिश्नोई महासभा में बवाल:बैठक में लिए 5 फैसले; संरक्षक पद खत्म, कुलदीप से बिश्नोई रत्न वापस लिया जाए अखिल भारतीय बिश्नोई महासभा के प्रधान देवेंद्र बूड़िया और पूर्व सीएम भजनलाल के बेटे कुलदीप बिश्नोई के बीच चल रहे विवाद में अब नया मोड आ गया है। बिश्नोई समाज के धार्मिक स्थल मुकाम धाम पर बुधवार को बैठक हुई। (पूरी खबर पढ़ें)
हरियाणा BJP की विधानसभा चुनाव के लिए प्लानिंग:इस बार 75 पार की जगह नया नारा दिया, एंटी इनकंबेंसी समेत 3 बड़ी चुनौतियां
हरियाणा BJP की विधानसभा चुनाव के लिए प्लानिंग:इस बार 75 पार की जगह नया नारा दिया, एंटी इनकंबेंसी समेत 3 बड़ी चुनौतियां हरियाणा में अबकी बार भाजपा 75 पार नहीं बल्कि तीसरी बार भाजपा सरकार के नारे को लेकर आगे बढ़ेगा। भाजपा कुरूक्षेत्र की थानेसर विधानसभा रण से चुनावी शंखनाद फूंकेगी। यहां भाजपा बड़ी रैली करेगी। इस रैली में प्रदेश भाजपा प्रभारी केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान मौजूद रहेंगे। इसके साथ सह प्रभारी बिप्लव कुमार देव और मुख्यमंत्री नायब सैनी समेत प्रदेश भाजपा की पूरी टीम मौजूद रहेगी। भाजपा हरियाणा में 90 की 90 विधानसभा सीटों में इसी प्रकार से रैली करेगी। भाजपा के सह मीडिया प्रभारी संदीप आजाद ने बताया कि “भाजपा 2 अगस्त को चंडीगढ़ में पार्टी के आगामी कार्यक्रमों का पूरा शेड्यूल जारी करेगी। इस शेड्यूल में जिक्र होगा कि किस दिन कौन से विधानसभा में कार्यक्रम होगा। मंथन का दौर जारी
भाजपा संगठन की ओर से 90 विधानसभा में रैली का शेड्यूल लगभग तैयार कर लिया गया है। किस विधानसभा की रैली में कौन आएगा इसके लिए मंथन का दौर जारी है। भाजपा की राज्य कार्यकारिणी दिल्ली में डेरा डाले हुए है और केंद्रीय नेतृत्व के साथ मिलकर पूरी योजना तैयार की जा रही है। मनोहर लाल खट्टर भी इस कैंपेन को बारीकी से देख रहे हैं। मनोहर लाल खट्टर हरियाणा में स्टार प्रचारक की तरह रैलियों में भाग लेते नजर आएंगे। हरियाणा में 2014 से सत्ता में भाजपा
हरियाणा में 2014 से ही भाजपा सत्ता में है। केंद्र में 2014 में मोदी सरकार के समानांतर ही हरियाणा में खट्टर सरकार बनी थी। 2019 में भी हरियाणा में मनोहर लाल खट्टर के नेतृत्व में चुनाव लड़ा गया और भाजपा जजपा के सहयोग से सत्ता तक पहुंची। मगर अबकी बार खट्टर सांसद का चुनाव जीतकर केंद्र में मंत्री बन गए हैं। अब नायब सिंह सैनी मुख्यमंत्री हैं। ऐसे में यह चुनाव भाजपा के लिए आसान नहीं है। खट्टर के जाने के बाद भाजपा के पास प्रदेश में कोई बड़ा चेहरा नहीं है। भाजपा की राह आसान नहीं
2019 में जहां भाजपा ने लोकसभा में हरियाणा की 10 में से 10 सीटें जीती थीं वहीं इस बार लोकसभा के चुनाव में भाजपा 5 सीटों पर ही सिमट गई। कांग्रेस लोकसभा चुनावों में मजबूत बनकर उभरी है। 90 विधानसभा सीटों में से कांग्रेस ने गठबंधन में रहते हुए 46 सीटों पर बढ़त बनाई। वहीं भाजपा 42 विधानसभा सीटों पर आगे रही। ऐसे में भाजपा के सामने इस बार मुकाबला टफ है। भाजपा के सामने ये 3 बड़ी चुनौतियां 1. सत्ता विरोधी लहर : भाजपा हरियाणा में सत्ता विरोधी लहर का सामना कर रही है। हरियाणा में 10 साल से भाजपा की सरकार है। हालांकि लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा ने मुख्यमंत्री का चेहरा बदला, मगर इसका फायदा नहीं मिला। लोकसभा चुनाव में भाजपा को जरूर मोदी के नाम के वोट मिले, मगर अबकी बार विधानसभा चुनाव की राह कठिन है। 2. जाट और एससी समाज की नाराजगी : भाजपा के सामने सबसे बड़ी चुनौती जाट और एससी समाज है। लोकसभा चुनाव में दोनों समाज ने भाजपा के खिलाफ एकजुट होकर वोट किया। इसका परिणाम था कि जिन विधानसभा में जाट समाज या एससी समाज का प्रभाव है उन विधानसभा में भाजपा की हार हुई है। भाजपा के सामने सबसे बड़ी चुनौती दोनों वर्गों को साधने की है। 3. किसान आंदोलन और अग्निवीर योजना : केंद्र सरकार की योजनाओं को लेकर लोगों में नाराजगी है। केंद्र सरकार की ओर से बनाए गए तीन कृषि कानून को लेकर लंबा आंदोलन हुआ था। इसमें हरियाणा के किसानों ने भूमिका निभाई। कई बार हरियाणा पुलिस और किसानों के बीच टकराव हुआ। इस कारण किसान हरियाणा सरकार से नाराज हो गए। वहीं केंद्र की अग्निवीर योजना से हरियाणा के युवा खासकर ग्रामीण इलाकों से आने वाले युवक नाराज हैं। हरियाणा में बड़े स्तर पर युवा आर्मी भर्ती की तैयारी करते हैं। अब पढ़िए लोकसभा चुनाव में भाजपा का प्रदर्शन 11.06% वोट शेयर घटा
हरियाणा में इस लोकसभा चुनाव में भाजपा को 46.06 प्रतिशत वोट मिले हैं। जबकि 2019 में हुए लोकसभा चुनाव में भाजपा का वोट शेयर 58 प्रतिशत था। 5 सालों में पार्टी का प्रदेश में 11.06 वोट प्रतिशत घटा है। वहीं, इस बार कांग्रेस का वोट शेयर 43.73 प्रतिशत रहा। 2019 में कांग्रेस को सिर्फ 28.42 प्रतिशत वोट शेयर मिला था। 5 साल में कांग्रेस के वोट शेयर में 15.31 फीसदी बढ़ोतरी हुई है। इन मंत्रियों और विधायकों के गढ़ में पिछड़ी पार्टी
अंबाला शहर से असीम गोयल (परिवहन मंत्री), जगाधरी से कंवरपाल गुर्जर (कृषि मंत्री), पिहोवा से संदीप सिंह (पूर्व खेल मंत्री), कलायत से कमलेश ढांडा (पूर्व मंत्री), आदमपुर से भव्य बिश्नोई, नलवा से रणबीर सिंह गंगवा, बवानीखेड़ा से बिशंबर वाल्मीकि (राज्य मंत्री), फतेहाबाद से दुड़ाराम, रतिया से लक्ष्मण नापा, लोहारू से जेपी दलाल (कृषि मंत्री), कोसली से लक्ष्मण यादव, हथीन से प्रवीण डागर, होडल से जगदीश नागर के विधानसभा क्षेत्रों में पार्टी के उम्मीदवार की हार हुई। संगठन के बावजूद हरियाणा में BJP 49% बूथ हारी
हरियाणा में BJP का बूथ स्तर पर संगठन है, लेकिन लोकसभा चुनाव में 49% बूथों पर पार्टी हार गई। लोकसभा चुनाव में 19812 बूथ थे। इन बूथों में से BJP 9740 बूथ जीत पाई है। बाकी बचे 10,072 बूथ पर कांग्रेस सहित अन्य दल जीते, मगर भाजपा से अधिक बूथ बिना संगठन वाली कांग्रेस ने जीते। वहीं भाजपा के लिए यह राहत है कि भाजपा ने 2019 के विधानसभा की तुलना में इस बार लोकसभा में ज्यादा बूथ जीते हैं। पिछली बार भाजपा ने 19481 बूथ में से 8528 बूथ जीते थे तो वहीं कांग्रेस 5934 बूथ ही जीत पाई थी। इस बार भाजपा ने 9740 बूथ जीते हैं।
सोनीपत पुलिस ने किया साइबर ठग गिरोह का भंडाफोड़:4291 लोगों से ठगे पौने 17 करोड़ रुपए; शेयर मार्केट में मुनाफे का दिया झांसा
सोनीपत पुलिस ने किया साइबर ठग गिरोह का भंडाफोड़:4291 लोगों से ठगे पौने 17 करोड़ रुपए; शेयर मार्केट में मुनाफे का दिया झांसा हरियाणा के सोनीपत में पुलिस ने एक ऐसे ठग गिरोह को काबू किया है, जो कि शेयर मार्किट से मुनाफे का लालच देकर देशभर में 4291 लोगों को ठग चुका है। गिरोह के सदस्यों ने तकरीबन 16 करोड़ 74 लाख रुपए की ठगी की है। गिरोह के चार सदस्यों को साइबर थाना पुलिस ने काबू किया है। इनकी पहचान आशीष, दिव्या, हर्षिल, तुषार के तौर पर हुई है। इनको अहमदाबाद (गुजरात) व जीरकपुर (पंजाब) से गिरफ्तार किया गया है। पुलिस उपायुक्त पूर्व सोनीपत व साइबर प्रबीना पी ने गुरुवार को बताया कि 30 अगस्त सेक्टर 23 में रहने वाली नैन्सी ने पुलिस को शिकायत दी थी कि 19 जून को उसने शेयर की जानकारी लेने के लिये एक वाट्सऐप ग्रुप जॉइन किया था। कुछ दिन तक प्रतिदिन उस ग्रुप में शेयर 58-208 के रिटर्न के साथ देने का झांसा दिया गया। 20 जुलाई को उसे बताया गया कि दो महीने के लिये एक प्लान शुरू कर रहे हैं, जिसमें 8 गुणा रिटर्न मिल सकता है। वह उनके झांसे में फंसकर 23 अगस्त तक 60 लाख रुपए लगा चुकी। नैंसी ने बताया कि 23 अगस्त को 40 लाख रुपए का लोन उसी ऐप में दिया। 25 अगस्त को उनको बताया गया कि उसे पहले 40 लाख रुपए जमा कराने होंगे। इसके बाद ही वह अपने लगाए गए रुपए निकाल पाएगी। उसे ठगी का अहसास हुआ तो उसने SEBI की हेल्पलाइन से पूछताछ की। तब उनको बताया गया कि फर्जी कंपनी है। इसके बाद उसने थाना साइबर क्राइम में इसकी शिकायत की। पुलिस टीम ने अब कार्रवाई करते हुए 4 साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार आरोपियों से ठगी किए हुए रुपयों में से 70 हजार रुपए भी बरामद किए हैं। एक लाख 20 हजार रुपए को बैंक खातों में सीज किया है। गिरफ्तार साइबर ठगों से 7 मोबाइल फोन व 11 सिम कार्ड भी बरामद किये हैं। पुलिस जांच में पता चला कि ठग गिरोह के खिलाफ 149 एफआईआर दर्ज हैं। ठगी की 4291 वारदातों में इनका हाथ है।