UPSC परीक्षा में एक बार फिर लखनऊ के मेधावियों ने परचम लहराया है। शहर के एक दर्जन अभ्यर्थियों का फाइनल लिस्ट में नाम आया। लखनऊ के कुमुद मिश्रा को 69वीं रैंक, अमन तिवारी को 74वीं रैंक मिली, जबकि 102वीं रैंक पर प्रशांत सिंह काबिज रहे। रजत सिंह को 132वीं रैंक, अदिति दुबे को 180वीं रैंक और अनुश्री सचान को 220वीं रैंक मिली है। इसके अलावा आकाश निगम को 418 रैंक, दिशा द्विवेदी को 672 रैंक, मनीष कुमार को 748 रैंक, उत्कर्ष नारायण को 850 रैंक और नैंसी सिंह 970 रैंक पर काबिज रहे। रिजल्ट आने के बाद सफल अभ्यर्थियों के घर में देर रात तक जश्न जैसा माहौल रहा। बड़ी संख्या में लोग जुटे रहे। हालांकि, इस बार शहर का कोई मेधावी टॉप 10 में जगह नहीं बना पाया। पिछले साल शहर के आदित्य श्रीवास्तव ने ऑल इंडिया टॉप किया था। दूसरे प्रयास में कुमुद को मिली 69वीं रैंक 69 रैंक लाने वाली कुमुद मिश्रा ने बताया कि लखनऊ विश्वविद्यालय से राजनीति विज्ञान में स्नातक किया। दूसरे प्रयास में उन्हें सफलता हासिल हुई। पहले प्रयास में 259वीं रैंक लाकर भारतीय राजस्व सेवा के लिए चयनित हुई थी, जिसका मलाल था। नौकरी ज्वाइन किया पर छुट्टी लेकर दोबारा तैयारी शुरू की और अब IAS बन गई। पिता बीएस मिश्रा भारतीय सेना में कैप्टन पद से रिटायर्ड हैं और मां इंदु देवी गृहिणी हैं। इंटरमीडिएट की पढ़ाई केंद्रीय विद्यालय से की है। 74 रैंक लाने वाले अमन तिवारी सैमसंग में कर चुके हैं नौकरी अमन तिवारी ने CMS से 2017 में इंटरमीडिएट की परीक्षा पास किया था। IIT दिल्ली से 2021 में इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग की। 2 साल सैमसंग में नौकरी की। दैनिक भास्कर से बातचीत में उन्होंने बताया कि हमेशा से सिविल सर्विस में जाना चाहते थे। जून 2023 में सैमसंग से रिजाइन करके तैयारी शुरू कर दी। MNC का उन्हें एक्सपोजर मिल चुका था। मेहनत से तैयारी की और पहले ही प्रयास में उन्होंने सफलता अर्जित कर ली। चौथे प्रयास में पाई सफलता लखनऊ से प्रशांत सिंह ने ऑल इंडिया 102वीं रैंक हासिल कर चौथे प्रयास में सफलता हासिल की। सफलता से उत्साहित प्रशांत ने अपने सक्सेस मंत्रा शेयर करते हुए कहा कि सफलता का कोई शॉर्ट कट नहीं है। ईमानदारी से मेहनत कीजिए और असफल होने पर भी हार न मानिए आपको कामयाबी जरूरी मिलेगी। प्रशांत की स्कूली शिक्षा सीएमएस अलीगंज शाखा से हुई। स्नातक दिल्ली विश्वविद्यालय से किया। प्रशांत के पिता सुशील सिंह सरकारी सेवा में हैं। मां कनकलता गृहणी हैं। वह जौनपुर जिले के खलीलपुर गांव के मूल निवासी हैं। घर में एक छोटी और एक बड़ी बहन हैं। वह भी प्रशासनिक सेवा की तैयारी कर रही हैं। प्रशांत ने कहा कि मैं आईएएस बनने का ख्वाब बुन रहे युवाओं से कहूंगा कि मेहनत ईमानदारी से करें, वही सफलता दिलाएगी। रेलवे की नौकरी के साथ UPSC क्लीयर किया इस बार UPSC में 132वीं रैैंक हासिल करने वाले रजत सिंह का ये चौथा अटैंप्ट था। इससे पहले साल 2022 में रजत ने 379वीं रैंक हासिल की थी और रेलवे ट्रैफिक सर्विस ज्वाइन की। हालांकि, रेलवे ज्वाइन करने के बाद भी रजत ने अपनी तैयारी जारी रखी और जॉब के साथ स्टडी को बैलेंस करते हुए 132वीं रैंक हासिल की। रजत ने शुरुआती पढ़ाई CMS गोमतीनगर से की और उसके बाद IIT रूड़की से केमिकल इंजीनियरिंग की और फिर UPSC के लिए प्रिपेयर किया और चार प्रयासों में दो बार सफलता हासिल की। UPSC जर्नी के दौरान आने वाली हार्डशिप्स को लेकर रजत कहते हैं कि टाइम मैनेजमेंट सबसे बड़ा चैलेंज होता है क्योंकि हम एक जॉब कर रहे हैं, उसके साथ में प्रिपेयर करने के लिए हम कई एक्टिविटीज में से टाइम कट करते है। ताकि पढ़ाई कर सकें तो कहीं ना कहीं कुछ चीजें मिस भी होती हैं प्रिपरेशन को बैलेंस करना सबसे जरूरी है। रजत के पिता राकेश कुमार सिंह डीएफओ और माता प्रतिमा सिंह होममेकर हैं। रजत की एडवाइस है कि प्री से पहले कुछ भी नया पढ़ने की जगह रिवीजन पर फोकस करें। चौथे प्रयास में अनुश्री को मिली सफलता लखनऊ की रहने वाली अनुश्री ने 220वीं रैंक हासिल की है। अनुश्री ने शुरुआती पढ़ाई लखनऊ के CMS से की है और इसके बाद आईआईटी बॉम्बे से ग्रेजुएशन की। सिविल सर्विसेज में ये अनुश्री का चौथा प्रयास था, इससे पहले 2022 में अनुश्री को 633वीं रैंक थी, मगर उन्होंने जॉइन नहीं किया क्योंकि अनुश्री को खुद पर विश्वास था कि वह बेहतर कर सकती हैं। अनुश्री के पिता सुशील सचान बीएसएनएल में डीईटी हैं और माता शर्मिला सचान होममेकर हैं। UPSC की जर्नी के बारे में बात करते हुए अनुश्री कहती हैं कि यूपीएससी एक लंबी जर्नी है, जिसमें कई बार निराशा का सामना करना पड़ता। ऐसे में, आपके पेरेंट्स और करीबी दोस्त ही आपके लिए मोटिवेटर का काम करते हैं, इसके साथ ही एक अच्छा, बैलेंस्ड रूटीन विद फिजिकल एक्सरसाइज आपकी प्रिपरेशन में बहुत हेल्पफुल साबित हो सकता है। उत्कर्ष नारायण ने रेलवे की नौकरी करते हुए पाई सफलता उत्कर्ष नारायण केशव नगर में रहते हैं। उन्होंने 850वीं रैंक हासिल की है। उन्होंने रेलवे की नौकरी करते हुए यह सफलता हासिल की है। वर्तमान में सहायक सुरक्षा आयुक्त रेलवे सुरक्षा, खड़गपुर पश्चिम बंगाल के पद पर तैनात हैं। लखनऊ के मेधावियों ने लहराया परचम पढ़िए किसको कितनी रैंक मिली… कुमुद मिश्र को 69 रैंक अमन तिवारी को 74 रैंक प्रशांत सिंह को 102 रजत सिंह को 132 रैंक अदिति दुबे को 180 रैंक अनुश्री सचान को 220 आकाश निगम को 418 रैंक दिशा द्विवेदी – 672 रैंक मनीष कुमार – 748 रैंक हिमांशु मोहन – 821 रैंक उत्कर्ष नारायण को 850 रैंक नैंसी सिंह 970 रैंक UPSC परीक्षा में एक बार फिर लखनऊ के मेधावियों ने परचम लहराया है। शहर के एक दर्जन अभ्यर्थियों का फाइनल लिस्ट में नाम आया। लखनऊ के कुमुद मिश्रा को 69वीं रैंक, अमन तिवारी को 74वीं रैंक मिली, जबकि 102वीं रैंक पर प्रशांत सिंह काबिज रहे। रजत सिंह को 132वीं रैंक, अदिति दुबे को 180वीं रैंक और अनुश्री सचान को 220वीं रैंक मिली है। इसके अलावा आकाश निगम को 418 रैंक, दिशा द्विवेदी को 672 रैंक, मनीष कुमार को 748 रैंक, उत्कर्ष नारायण को 850 रैंक और नैंसी सिंह 970 रैंक पर काबिज रहे। रिजल्ट आने के बाद सफल अभ्यर्थियों के घर में देर रात तक जश्न जैसा माहौल रहा। बड़ी संख्या में लोग जुटे रहे। हालांकि, इस बार शहर का कोई मेधावी टॉप 10 में जगह नहीं बना पाया। पिछले साल शहर के आदित्य श्रीवास्तव ने ऑल इंडिया टॉप किया था। दूसरे प्रयास में कुमुद को मिली 69वीं रैंक 69 रैंक लाने वाली कुमुद मिश्रा ने बताया कि लखनऊ विश्वविद्यालय से राजनीति विज्ञान में स्नातक किया। दूसरे प्रयास में उन्हें सफलता हासिल हुई। पहले प्रयास में 259वीं रैंक लाकर भारतीय राजस्व सेवा के लिए चयनित हुई थी, जिसका मलाल था। नौकरी ज्वाइन किया पर छुट्टी लेकर दोबारा तैयारी शुरू की और अब IAS बन गई। पिता बीएस मिश्रा भारतीय सेना में कैप्टन पद से रिटायर्ड हैं और मां इंदु देवी गृहिणी हैं। इंटरमीडिएट की पढ़ाई केंद्रीय विद्यालय से की है। 74 रैंक लाने वाले अमन तिवारी सैमसंग में कर चुके हैं नौकरी अमन तिवारी ने CMS से 2017 में इंटरमीडिएट की परीक्षा पास किया था। IIT दिल्ली से 2021 में इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग की। 2 साल सैमसंग में नौकरी की। दैनिक भास्कर से बातचीत में उन्होंने बताया कि हमेशा से सिविल सर्विस में जाना चाहते थे। जून 2023 में सैमसंग से रिजाइन करके तैयारी शुरू कर दी। MNC का उन्हें एक्सपोजर मिल चुका था। मेहनत से तैयारी की और पहले ही प्रयास में उन्होंने सफलता अर्जित कर ली। चौथे प्रयास में पाई सफलता लखनऊ से प्रशांत सिंह ने ऑल इंडिया 102वीं रैंक हासिल कर चौथे प्रयास में सफलता हासिल की। सफलता से उत्साहित प्रशांत ने अपने सक्सेस मंत्रा शेयर करते हुए कहा कि सफलता का कोई शॉर्ट कट नहीं है। ईमानदारी से मेहनत कीजिए और असफल होने पर भी हार न मानिए आपको कामयाबी जरूरी मिलेगी। प्रशांत की स्कूली शिक्षा सीएमएस अलीगंज शाखा से हुई। स्नातक दिल्ली विश्वविद्यालय से किया। प्रशांत के पिता सुशील सिंह सरकारी सेवा में हैं। मां कनकलता गृहणी हैं। वह जौनपुर जिले के खलीलपुर गांव के मूल निवासी हैं। घर में एक छोटी और एक बड़ी बहन हैं। वह भी प्रशासनिक सेवा की तैयारी कर रही हैं। प्रशांत ने कहा कि मैं आईएएस बनने का ख्वाब बुन रहे युवाओं से कहूंगा कि मेहनत ईमानदारी से करें, वही सफलता दिलाएगी। रेलवे की नौकरी के साथ UPSC क्लीयर किया इस बार UPSC में 132वीं रैैंक हासिल करने वाले रजत सिंह का ये चौथा अटैंप्ट था। इससे पहले साल 2022 में रजत ने 379वीं रैंक हासिल की थी और रेलवे ट्रैफिक सर्विस ज्वाइन की। हालांकि, रेलवे ज्वाइन करने के बाद भी रजत ने अपनी तैयारी जारी रखी और जॉब के साथ स्टडी को बैलेंस करते हुए 132वीं रैंक हासिल की। रजत ने शुरुआती पढ़ाई CMS गोमतीनगर से की और उसके बाद IIT रूड़की से केमिकल इंजीनियरिंग की और फिर UPSC के लिए प्रिपेयर किया और चार प्रयासों में दो बार सफलता हासिल की। UPSC जर्नी के दौरान आने वाली हार्डशिप्स को लेकर रजत कहते हैं कि टाइम मैनेजमेंट सबसे बड़ा चैलेंज होता है क्योंकि हम एक जॉब कर रहे हैं, उसके साथ में प्रिपेयर करने के लिए हम कई एक्टिविटीज में से टाइम कट करते है। ताकि पढ़ाई कर सकें तो कहीं ना कहीं कुछ चीजें मिस भी होती हैं प्रिपरेशन को बैलेंस करना सबसे जरूरी है। रजत के पिता राकेश कुमार सिंह डीएफओ और माता प्रतिमा सिंह होममेकर हैं। रजत की एडवाइस है कि प्री से पहले कुछ भी नया पढ़ने की जगह रिवीजन पर फोकस करें। चौथे प्रयास में अनुश्री को मिली सफलता लखनऊ की रहने वाली अनुश्री ने 220वीं रैंक हासिल की है। अनुश्री ने शुरुआती पढ़ाई लखनऊ के CMS से की है और इसके बाद आईआईटी बॉम्बे से ग्रेजुएशन की। सिविल सर्विसेज में ये अनुश्री का चौथा प्रयास था, इससे पहले 2022 में अनुश्री को 633वीं रैंक थी, मगर उन्होंने जॉइन नहीं किया क्योंकि अनुश्री को खुद पर विश्वास था कि वह बेहतर कर सकती हैं। अनुश्री के पिता सुशील सचान बीएसएनएल में डीईटी हैं और माता शर्मिला सचान होममेकर हैं। UPSC की जर्नी के बारे में बात करते हुए अनुश्री कहती हैं कि यूपीएससी एक लंबी जर्नी है, जिसमें कई बार निराशा का सामना करना पड़ता। ऐसे में, आपके पेरेंट्स और करीबी दोस्त ही आपके लिए मोटिवेटर का काम करते हैं, इसके साथ ही एक अच्छा, बैलेंस्ड रूटीन विद फिजिकल एक्सरसाइज आपकी प्रिपरेशन में बहुत हेल्पफुल साबित हो सकता है। उत्कर्ष नारायण ने रेलवे की नौकरी करते हुए पाई सफलता उत्कर्ष नारायण केशव नगर में रहते हैं। उन्होंने 850वीं रैंक हासिल की है। उन्होंने रेलवे की नौकरी करते हुए यह सफलता हासिल की है। वर्तमान में सहायक सुरक्षा आयुक्त रेलवे सुरक्षा, खड़गपुर पश्चिम बंगाल के पद पर तैनात हैं। लखनऊ के मेधावियों ने लहराया परचम पढ़िए किसको कितनी रैंक मिली… कुमुद मिश्र को 69 रैंक अमन तिवारी को 74 रैंक प्रशांत सिंह को 102 रजत सिंह को 132 रैंक अदिति दुबे को 180 रैंक अनुश्री सचान को 220 आकाश निगम को 418 रैंक दिशा द्विवेदी – 672 रैंक मनीष कुमार – 748 रैंक हिमांशु मोहन – 821 रैंक उत्कर्ष नारायण को 850 रैंक नैंसी सिंह 970 रैंक उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
लखनऊ की कुमुद मिश्रा की UPSC में 69 रैंक:शहर के एक दर्जन मेधावियों ने पास की परीक्षा,अभ्युदय कोचिंग के 13 सेलेक्शन
