लखनऊ के सिविल हॉस्पिटल में मेडिकोज बन रहे एक्सपर्ट:एडवांस इमरजेंसी लाइफ सपोर्ट की मिल रही ट्रेनिंग; फॉरेन से की थी पढ़ाई

लखनऊ के सिविल हॉस्पिटल में मेडिकोज बन रहे एक्सपर्ट:एडवांस इमरजेंसी लाइफ सपोर्ट की मिल रही ट्रेनिंग; फॉरेन से की थी पढ़ाई

लखनऊ के डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी (सिविल) अस्पताल में इंटर्नशिप करने वाले मेडिकोज अब एडवांस लाइफ सपोर्ट में भी पारंगत हो रहे। यहां हर साल 40 मेडिकोज को इंटर्नशिप का मौका मिलता है। खास बात ये है कि इंटर्नशिप के दौरान उन्हें राउंड द क्लॉक इमरजेंसी केयर और मेडिसिन की कई एडवांस फील्ड में एक्सपोजर का मौका मिल रहा है। ये कहना है सिविल अस्पताल के सीएमएस डॉ.राजेश श्रीवास्तव का। डॉ.श्रीवास्तव कहते है कि लखनऊ के सिविल हॉस्पिटल में पेशेंट हैंडलिंग का एक्सपोजर लाइफ लांग एक्सपीरियंस होता है, जो इन ग्रूमिंग डॉक्टर्स के करियर के लिए बेहद सहायक होता है। कैंपस@लखनऊ सीरीज के 71वें एपिसोड में यूपी के हाई प्रोफाइल डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी सिविल अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. राजेश श्रीवास्तव से बातचीत… डॉ. राजेश श्रीवास्तव ने कहा- इंटर्नशिप करने के दौरान सबसे ज्यादा फोकस पेशेंट हैंडलिंग पर रहता है। क्रिटिकल केयर, इमरजेंसी लाइफ सपोर्ट, पैलिएटिव केयर ट्रीटमेंट, कार्डियो रेस्पिरेटरी पेशेंट केयर की भी जानकारी दी जाती है। मेडिकल बैचलर की पढ़ाई करने वाले ऐसे 40 कैंडिडेट्स जिन्होंने MBBS, BAMS, BHMS, या BUMS की पढ़ाई की है, उन्हें इंटर्नशिप कराई जा रही है। इन्हें ओवर ऑल मेडिसिन के सभी फील्ड की प्रैक्टिकल नॉलेज मिल रही है। पढ़ें पूरी खबर… लखनऊ के डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी (सिविल) अस्पताल में इंटर्नशिप करने वाले मेडिकोज अब एडवांस लाइफ सपोर्ट में भी पारंगत हो रहे। यहां हर साल 40 मेडिकोज को इंटर्नशिप का मौका मिलता है। खास बात ये है कि इंटर्नशिप के दौरान उन्हें राउंड द क्लॉक इमरजेंसी केयर और मेडिसिन की कई एडवांस फील्ड में एक्सपोजर का मौका मिल रहा है। ये कहना है सिविल अस्पताल के सीएमएस डॉ.राजेश श्रीवास्तव का। डॉ.श्रीवास्तव कहते है कि लखनऊ के सिविल हॉस्पिटल में पेशेंट हैंडलिंग का एक्सपोजर लाइफ लांग एक्सपीरियंस होता है, जो इन ग्रूमिंग डॉक्टर्स के करियर के लिए बेहद सहायक होता है। कैंपस@लखनऊ सीरीज के 71वें एपिसोड में यूपी के हाई प्रोफाइल डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी सिविल अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. राजेश श्रीवास्तव से बातचीत… डॉ. राजेश श्रीवास्तव ने कहा- इंटर्नशिप करने के दौरान सबसे ज्यादा फोकस पेशेंट हैंडलिंग पर रहता है। क्रिटिकल केयर, इमरजेंसी लाइफ सपोर्ट, पैलिएटिव केयर ट्रीटमेंट, कार्डियो रेस्पिरेटरी पेशेंट केयर की भी जानकारी दी जाती है। मेडिकल बैचलर की पढ़ाई करने वाले ऐसे 40 कैंडिडेट्स जिन्होंने MBBS, BAMS, BHMS, या BUMS की पढ़ाई की है, उन्हें इंटर्नशिप कराई जा रही है। इन्हें ओवर ऑल मेडिसिन के सभी फील्ड की प्रैक्टिकल नॉलेज मिल रही है। पढ़ें पूरी खबर…   उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर