21 दिसंबर को जिले में हो रहे नगर निगम, नगर पंचायत और नगर परिषद चुनावों की सभी तैयारियां पंजाब चुनावा आयोग ने कर ली हैं। आज अमृतसर में बने सभी बूथों के लिए EVM मशीनें रवाना हो जाएंगी। निकाय चुनावों को करने के लिए जिला प्रशासन की तरफ से कुल 841 बूथ बनाए गए हैं। यहीं वोटिंग के बाद वोटों की गिनती भी की जाएगी। जानकारी देते हुए अतिरिक्त जिला चुनाव अधिकारी और अतिरिक्त डिप्टी कमिश्नर (ग्रामीण विकास) परमजीत कौर ने बताया कि नगर निगम के 85 वार्डों के लिए कुल 811 बूथ बनाए गए हैं, जिनमें से 300 संवेदनशील और 245 अति संवेदनशील घोषित किए गए हैं। बाबा बकाला व मजीठा के बूथ संवेदनशील घोषित उन्होंने बताया कि बाबा बकाला साहिब में 13 वार्डों के लिए 13 बूथ, राय और मजीठा में 1-1 बूथ पर चुनाव कराए जा रहे हैं, जहां सभी बूथों को संवेदनशील घोषित किया गया है। इसी तरह, राजासांसी में 13 वार्डों के लिए 13 बूथ और अजनाला में 2 वार्डों के लिए 2 बूथ बनाए गए हैं। कुल मिलाकर जिले के 115 वार्डों में चुनाव होंगे। कई बूथों में किए गए बदलाव 21 दिसंबर को जिले में हो रहे नगर निगम, नगर पंचायत और नगर परिषद चुनावों की सभी तैयारियां पंजाब चुनावा आयोग ने कर ली हैं। आज अमृतसर में बने सभी बूथों के लिए EVM मशीनें रवाना हो जाएंगी। निकाय चुनावों को करने के लिए जिला प्रशासन की तरफ से कुल 841 बूथ बनाए गए हैं। यहीं वोटिंग के बाद वोटों की गिनती भी की जाएगी। जानकारी देते हुए अतिरिक्त जिला चुनाव अधिकारी और अतिरिक्त डिप्टी कमिश्नर (ग्रामीण विकास) परमजीत कौर ने बताया कि नगर निगम के 85 वार्डों के लिए कुल 811 बूथ बनाए गए हैं, जिनमें से 300 संवेदनशील और 245 अति संवेदनशील घोषित किए गए हैं। बाबा बकाला व मजीठा के बूथ संवेदनशील घोषित उन्होंने बताया कि बाबा बकाला साहिब में 13 वार्डों के लिए 13 बूथ, राय और मजीठा में 1-1 बूथ पर चुनाव कराए जा रहे हैं, जहां सभी बूथों को संवेदनशील घोषित किया गया है। इसी तरह, राजासांसी में 13 वार्डों के लिए 13 बूथ और अजनाला में 2 वार्डों के लिए 2 बूथ बनाए गए हैं। कुल मिलाकर जिले के 115 वार्डों में चुनाव होंगे। कई बूथों में किए गए बदलाव पंजाब | दैनिक भास्कर
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आज अमृतसर में ट्रेन रोकेंगे किसान:पंजाब सरकार को अल्टीमेटम, किसानों से बात करने पहुंचे डीसी और एसएसपी किसान मजदूर संघर्ष कमेटी की ओर से आज से अमृतसर के देवीदासपुरा में रेल रोको आंदोलन शुरू किया जाएगा। आंदोलन शुरू करने से पहले सरकार को 12 बजे तक का अल्टीमेटम दिया गया है। अगर मसला हल हो गया तो आंदोलन कैंसिल हो जाएगा। वहीं आंदोलन से पहले सरवन सिंह पंधेर ने हरियाणा के पूर्व सीएम मनोहर लाल खट्टर के बयान पर भी प्रतिक्रिया दी है। आंदोलन से पहले किसानों की ओर से देवीदास पूरा रेलवे ट्रैक पर तैयारी कर ली गई है। किसान ट्रैक के साइड पर टेंट लगाकर बैठे हैं। जानकारी के मुताबिक अभी प्रशासन के अधिकारी डीसी और एसएसपी पहुंचे हैं। सीएम का बयान चुनावों के मद्देनजर किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने हरियाणा के पूर्व सीएम मनोहर लाल खट्टर की ओर से दिए बयान को उनकी सच्चाई बताई है। उन्होंने कहा की खट्टर के मुंह पर खुद ही आ गया कि उन्होंने बड़े बड़े बैरिगेट लगाकर हरियाणा में किसानों को भी रोका है। इसकी असली सच्चाई है कि उनके कारण ही ट्रांसपोर्ट व्यापारी सब रुक गए हैं। खट्टर के मुताबिक इससे हरियाणा के लोग खुश हैं। जबकि पंधेर के मुताबिक इसका फैसला आने वाले चुनावों में हो जाएगा। उन्होंने कहा कि खट्टर को बयानबाजी करने की आदत है पहले भी उन्होंने किसानों के खिलाफ बयान दिया था और फिर माफी मांगनी पड़ी थी। वहीं कंगना रनोट के बयान पर भी पंधेर ने कहा कि उन्होंने इसे अपना निजी बयान बताया है। जबकि वो सांसद हैं, जिसका बयान निजी नहीं होता। पंधेर के मुताबिक यह सारे बयान भाजपा करवा रही है। किसानों की पंजाब सरकार से मांगें किसानों की ओर से पंजाब सरकार से मांगों को लेकर कल से आंदोलन किया जा रहा है। कल डीसी दफ्तर में धरना दिया गया था। वहीं आज रेल रोकने का अल्टीमेटम है। किसानों की ओर आंदोलन के शहीदों के परिवारों को नौकरी और मुआवजा, शंभू बॉर्डर मोर्चा में लौटते समय बस दुर्घटना में घायल हुए किसान मजदूरों को मुआवजा, पराली समेत लूटपाट, भारत माला प्रोजेक्ट से जुड़ी समस्याएं और डीएपी की कमी जैसे मुद्दों के हल की मांग की गई थी। इस संबंध में किसानों के मुताबिक मांगों का कोई ठोस समाधान कल नहीं हुआ था। सरकार को चेतावनी किसान नेताओं ने कहा कि अफसरशाही का रवैया पूरी तरह से उदासीन रहा, शहीद किसानों के मुआवजे के अलावा किसी भी मांग पर प्रशासन ने संतोषजनक कार्रवाई नहीं की। जिला अध्यक्ष रणजीत सिंह कलेर एवं प्रदेश नेता गुरबचन सिंह चाबा ने कहा कि हम रेल का चक्का जाम नहीं करना चाहते। इसी आधार पर हम एक बार फिर सरकार को 12 बजे तक का समय दे रहे हैं। कोई रेल 12 बजे तक नहीं रोकी जाएगी। लेकिन सरकार ने मांग की स्थिति नहीं सुधारी तो हम 12 बजे रेल लाइन काटने को मजबूर होंगे।
पंजाब में अकाली दल की कोर कमेटी भंग:अकाल तख्त में पेशी से पहले सुखबीर बादल का फैसला; बागियों को बाहर निकालने की तैयारी
पंजाब में अकाली दल की कोर कमेटी भंग:अकाल तख्त में पेशी से पहले सुखबीर बादल का फैसला; बागियों को बाहर निकालने की तैयारी पंजाब में शिरोमणि अकाली दल (बादल) ने अचानक कोर कमेटी भंग कर दी है। इस बारे में अकाली दल के सोशल मीडिया अकाउंट से एक लाइन की पोस्ट डाली गई है। पिछले 2 विधानसभा चुनाव और लोकसभा चुनाव में करारी हार के बाद अकाली दल में बगावत हो रही है। इसके खिलाफ बागी गुट सिखों के सर्वोच्च तख्त श्री अकाल तख्त साहिब पर माफीनामा भी दे चुका है। जिसके बाद अकाल तख्त ने सुखबीर बादल को पेश होने के लिए कहा है। सुखबीर बादल को प्रधान बनाए रखने का विरोध करने वालों में शामिल प्रेम सिंह चंदूमाजरा, सुरजीत रखड़ा और सिकंदर सिंह मलूका कोर कमेटी के मेंबर थे। बागी गुट के चरणजीत बराड़ ने कहा कि सिर्फ कोर कमेटी ही क्यों भंग की गई। अगर पार्टी संगठन का नए सिरे से संगठन बनाना है तो फिर बागी विंग भंग क्यों नहीं किए गए। अकाली दल के प्रवक्ता एडवोकेट अर्शदीप सिंह कलेर ने कहा कि यह एक रूटीन प्रोसेस है। शिरोमणि अकाली दल (बादल) की पोस्ट… सीनियर नेताओं के साथ मीटिंग के बाद लिया फैसला
कोर कमेटी भंग होने के बाद अकाली दल के प्रवक्ता डॉक्टर दलजीत चीमा ने कहा कि वर्किंग कमेटी ने प्रधान सुखबीर बादल को पार्टी संगठन को नए सिरे से बनाने के अधिकार दे दिए हैं। इस संबंध में पार्टी प्रधान ने सीनियर नेताओं के साथ चंडीगढ़ में मीटिंग की। जिसके बाद कोर कमेटी भंग करने का फैसला लिया गया। इसे तुरंत दोबारा बना लिया जाएगा। इस दौरान पंजाब में होने वाले विधानसभा उपचुनावों पर भी चर्चा की गई। इस मीटिंग में हरजिंदर सिंह धामी, बलविंदर सिंह भूंदड़, महेश इंदर सिंह ग्रेवाल, दलजीत चीमा, परमजीत सरना, इकबाल सिंह झूंदा और हरचरण सिंह बैंस मौजूद रहे। लोकसभा चुनाव में एक सीट जीत पाई पार्टी
पंजाब में हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव में शिरोमणि अकाली दल को बड़ी हार का सामना करना पड़ा था। पार्टी ने भाजपा से गठबंधन तोड़कर 13 लोकसभा सीटों पर अकेले चुनाव लड़ा था, लेकिन बठिंडा सीट को छोड़कर पार्टी किसी भी सीट पर जीत हासिल नहीं कर पाई थी। बठिंडा से भी बादल परिवार की बहू हरसिमरत कौर चुनाव जीतीं थी। इसके बाद से ही पार्टी में बगावत शुरू हो गईथी। पार्टी नेताओं का साफ कहना था कि लोकसभा चुनाव में अकेले जाना गलती थी। अगर भाजपा के साथ चुनाव में जाते तो पार्टी को जीत मिल सकती थी। हालांकि 2019 के लोकसभा चुनाव में अकाली दल दो सीटें जीतने में कामयाब रहा था। हालांकि उस समय प्रदेश में सरकार कांग्रेस की थी। सुखबीर के करीबी चरणजीत सिंह के बागी तेवर
जैसे ही लोकसभा चुनाव के बाद पार्टी प्रधान सुखबीर बादल ने चुनाव नतीजों की समीक्षा करने के लिए मीटिंग बुलाई थी तो उससे पहले अकाली दल के अंदर चल रही बगावत सामने आ गई थी। किसी समय में सुखबीर बादल के करीबियों में शामिल चरणजीत सिंह ने उनके प्रधान पद से इस्तीफे की मांग कर डाली थी। हालांकि उस समय सीनियर नेताओं का कहना था कि पार्टी के मंच पर उन्हें यह बात रखनी चाहिए। इसके बाद यह खाई बढ़ती चली गई। जालंधर उपचुनाव में फूट आई सामने
इसके बाद जालंधर वेस्ट के उपचुनाव की बारी थी। इस दौरान शिरोमणि अकाली दल ने उम्मीदवार के नाम की सिफारिश करने के लिए तीन मेंबरों की कमेटी गठित की है। कमेटी में बीबी जागीर कौर, जत्थेदार गुर प्रताप सिंह बडाला व डॉ. सुखविंदर सिंह सुखी शामिल थे। कमेटी को उपचुनाव के लिए सारी मुहिम की निगरानी की कमान दी गई। उनकी तरफ से सुरजीत कौर को उम्मीदवार ऐलान किया गया, लेकिन पार्टी प्रधान सुखबीर बादल ने इस फैसले को गलत बताया। साथ ही उक्त सीट पर बसपा के उम्मीदवार बिंदर लाखा को समर्थन दे दिया, लेकिन अकाली दल की उम्मीदवार चुनावी मैदान से नहीं हटी। उन्होंने अकाली दल के निशान पर चुनाव लड़ा। हालांकि पार्टी को इस चुनाव में करारी हार मिली। अगर बसपा और अकाली दल के दोनों उम्मीदवारों के मत मिला दिए जाएं तो यह दो हजार से अधिक नहीं थे। उम्मीदवारों की जमानत तक जब्त हो गई थी। श्री अकाल तख्त साहिब पर पेश होकर माफीनामा सौंपा था
1 जुलाई को अकाली दल का बागी गुट अमृतसर में श्री अकाल तख्त साहिब पहुंचा था। यहां उन्होंने श्री अकाल तख्त साहिब के आगे पेश होकर माफीनामा दिया। जिसमें सुखबीर बादल से हुई 4 गलतियों पर माफी मांगी गई है। जिसमें डेरा सच्चा सौदा मुखी राम रहीम को माफी देने की गलती मानी गई है। 2015 में फरीदकोट के बरगाड़ी में बेअदबी की सही जांच न होने के लिए भी माफी मांगी गई है। वहीं IPS अधिकारी सुमेध सैनी को DGP बनाने और मुहम्मद इजहार आलम की पत्नी को टिकट देने की भी गलती मानी गई है। इसके बाद अकाल तख्त ने सुखबीर बादल को तलब किया था।
बठिंडा में किसानों ने किया प्रदर्शन:केंद्र और हरियाणा सरकार का फूंका पुतला; बोले- मांगें पूरा नहीं होने पर करेंगे तीखा संघर्ष
बठिंडा में किसानों ने किया प्रदर्शन:केंद्र और हरियाणा सरकार का फूंका पुतला; बोले- मांगें पूरा नहीं होने पर करेंगे तीखा संघर्ष बठिंडा के सरदारगड़ गांव में किसानों ने विरोध प्रदर्शन किया। उन्होंने सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए केंद्र सरकार और हरियाणा के मुख्यमंत्री का पुतला जलाया। किसानों ने कहा कि मांगें पूरा नहीं होने पर तीखा संघर्ष करेंगे। किसान नेता जगसीर ने कहा कि बीते दिन शंभू बॉर्डर पर पंजाब से 101 किसान दिल्ली की तरफ जा रहे थे। जब वह रास्ता पार करने लगे, तो बॉर्डर के पास हरियाणा पुलिस ने आंसू गैस के गोले फेंके। जिसमें कई किसान घायल हो गए। जिससे भारतीय किसान यूनियन एकता उग्रहा में रोष है। किसान नेता जसविंदर सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार कानून लेकर आई थी। हम लम्बे संघर्ष बाद उनको वापस करवाने में सफल हुए थे और कुछ बातों पर हमारा समझौता हुआ था उन बातों को मनाने के लिए दिल्ली जा रहे थे।