लखनऊ के CISH परिसर में बाघ को घेरने की तैयारी:वन विभाग ने मचान के पास रखा शिकार, 500 मीटर दूर डबल ट्रैप पिंजरा लगाया

लखनऊ के CISH परिसर में बाघ को घेरने की तैयारी:वन विभाग ने मचान के पास रखा शिकार, 500 मीटर दूर डबल ट्रैप पिंजरा लगाया

लखनऊ के रहमानखेड़ा स्थित केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान (CISH) में बाघ को घेरा जाएगा। मंगलवार सुबह बाघ के पगचिह्न CISH परिसर में ही मिलने के बाद वन विभाग ने रणनीति बदली है। इसके तहत यहां मचान के पास पाड़े का मृत शरीर रखकर बाघ का इंतजार किया जा रहा है। कुछ दूरी पर ही मचान पर ट्रेंकुलाइजर टीम तैनात की गई है। वहीं करीब 500 मीटर की दूरी पर लखीमपुर से मंगाए गए डबल ट्रैप पिंजरा लगाया गया है। CISH परिसर में ही बाघ का मूवमेंट DFO सितांशु पांडेय ने बताया कि CISH परिसर के ब्लॉक-4 में लगाए गए फोटो ट्रैप कैमरे में सोमवार सुबह साढ़े 7 बजे बाघ कैद हुआ था। इसके बाद से बाघ का मूवमेंट परिसर के अंदर ही बना हुआ है। बाघ डिस्टर्ब नहीं हो इसके लिए हथिनी सुलोचना और डायना को कॉम्बिंग से रोका गया है। संस्थान परिसर में बाघ को पकड़ने में आसानी होगी। बैकअप प्लान के तहत पिंजरा लगाया DFO ने बताया कि बैकअप प्लान के तहत CISH परिसर के ब्लॉक-4 में जहां शिकार रखा गया है। वहां से करीब 500 मीटर की दूरी पर मीठे नगर जाने वाले रास्ते पर डबल ट्रैप पिंजरा रखा गया है। SDO हरिलाल ने बताया कि लखीमपुर से खास तौर पर डबल ट्रैप पिंजरा मंगाया गया है। इसमें डबल चैम्बर है। एक चैंबर में पड़वा बांधा गया है, जबकि दूसरा चैम्बर में पिंजरे में प्रवेश के लिए है। इस तरह के पिंजरे में बिना शिकार के भी बाघ पिंजरे में कैद हो जाएगा। गांव के लोगों को जागरूक किया रहमानखेड़ा के 50 से अधिक गांवों में बाघ का डर बना हुआ है। गांव मीठे नगर के रहने वाले गंगाराम यादव ने बताया, हमारे गांव में सबसे पहले बाघ के पैरों के निशान मिले थे। बाघ हमारे पालतू जानवर को खा चुका है। हम पूरी रात जागते हैं। खेतों में जाना बंद हो गया है। वन विभाग वाले कहते हैं कि बाहर न निकलें, लेकिन फसल की देखभाल न करें तो नुकसान होगा। वन विभाग ने ग्रामीणों की परेशानी को देखते हुए गांव-गांव जाकर जागरूकता अभियान चलाया। इसके तहत ग्रामीणों को सतर्क रहने और समूह में बाहर निकलने की जानकारी दी गई। —————- यह खबर भी पढ़े… वन-विभाग में कोऑर्डिनेशन की कमी से नहीं पकड़ाया बाघ:लखनऊ में तलाश रही 3 जिले की एक्सपर्ट टीम; नहीं मिली सही लोकेशन, 50 गांवों में कर्फ्यू जैसा माहौल लखनऊ के 50 गांवों में कर्फ्यू जैसा माहौल है। बाघ को पकड़ने के लिए 3 जिलों के एक्सपर्ट पहुंचे लेकिन अब तक बाघ की सही लोकेशन नहीं मिल पाई। माना जा रहा है कि वन-विभाग के कोऑर्डिनेशन की कमी के कारण बाघ एक महीने से पकड़ से दूर है। रहमानखेड़ा के ग्रामीण डर की जिंदगी जी रहे हैं। यहां पढ़े पूरी खबर लखनऊ के रहमानखेड़ा स्थित केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान (CISH) में बाघ को घेरा जाएगा। मंगलवार सुबह बाघ के पगचिह्न CISH परिसर में ही मिलने के बाद वन विभाग ने रणनीति बदली है। इसके तहत यहां मचान के पास पाड़े का मृत शरीर रखकर बाघ का इंतजार किया जा रहा है। कुछ दूरी पर ही मचान पर ट्रेंकुलाइजर टीम तैनात की गई है। वहीं करीब 500 मीटर की दूरी पर लखीमपुर से मंगाए गए डबल ट्रैप पिंजरा लगाया गया है। CISH परिसर में ही बाघ का मूवमेंट DFO सितांशु पांडेय ने बताया कि CISH परिसर के ब्लॉक-4 में लगाए गए फोटो ट्रैप कैमरे में सोमवार सुबह साढ़े 7 बजे बाघ कैद हुआ था। इसके बाद से बाघ का मूवमेंट परिसर के अंदर ही बना हुआ है। बाघ डिस्टर्ब नहीं हो इसके लिए हथिनी सुलोचना और डायना को कॉम्बिंग से रोका गया है। संस्थान परिसर में बाघ को पकड़ने में आसानी होगी। बैकअप प्लान के तहत पिंजरा लगाया DFO ने बताया कि बैकअप प्लान के तहत CISH परिसर के ब्लॉक-4 में जहां शिकार रखा गया है। वहां से करीब 500 मीटर की दूरी पर मीठे नगर जाने वाले रास्ते पर डबल ट्रैप पिंजरा रखा गया है। SDO हरिलाल ने बताया कि लखीमपुर से खास तौर पर डबल ट्रैप पिंजरा मंगाया गया है। इसमें डबल चैम्बर है। एक चैंबर में पड़वा बांधा गया है, जबकि दूसरा चैम्बर में पिंजरे में प्रवेश के लिए है। इस तरह के पिंजरे में बिना शिकार के भी बाघ पिंजरे में कैद हो जाएगा। गांव के लोगों को जागरूक किया रहमानखेड़ा के 50 से अधिक गांवों में बाघ का डर बना हुआ है। गांव मीठे नगर के रहने वाले गंगाराम यादव ने बताया, हमारे गांव में सबसे पहले बाघ के पैरों के निशान मिले थे। बाघ हमारे पालतू जानवर को खा चुका है। हम पूरी रात जागते हैं। खेतों में जाना बंद हो गया है। वन विभाग वाले कहते हैं कि बाहर न निकलें, लेकिन फसल की देखभाल न करें तो नुकसान होगा। वन विभाग ने ग्रामीणों की परेशानी को देखते हुए गांव-गांव जाकर जागरूकता अभियान चलाया। इसके तहत ग्रामीणों को सतर्क रहने और समूह में बाहर निकलने की जानकारी दी गई। —————- यह खबर भी पढ़े… वन-विभाग में कोऑर्डिनेशन की कमी से नहीं पकड़ाया बाघ:लखनऊ में तलाश रही 3 जिले की एक्सपर्ट टीम; नहीं मिली सही लोकेशन, 50 गांवों में कर्फ्यू जैसा माहौल लखनऊ के 50 गांवों में कर्फ्यू जैसा माहौल है। बाघ को पकड़ने के लिए 3 जिलों के एक्सपर्ट पहुंचे लेकिन अब तक बाघ की सही लोकेशन नहीं मिल पाई। माना जा रहा है कि वन-विभाग के कोऑर्डिनेशन की कमी के कारण बाघ एक महीने से पकड़ से दूर है। रहमानखेड़ा के ग्रामीण डर की जिंदगी जी रहे हैं। यहां पढ़े पूरी खबर   उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर