फेडरेशन ऑफ इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (FIMA) के राष्ट्रीय महासचिव और KGMU के रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. दिव्यांश सिंह कहते हैं कि कोलकाता की घटना के बाद से 2 महीने से देशभर में प्रोटेस्ट कर रहे हैं। इस बीच चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया ने जब काम पर लौटने की गुहार लगाई तो हम सभी वापस काम पर लौट आए, पर हालात अभी भी बदले नहीं हैं। कैंपस@लखनऊ सीरीज के 17वें एपिसोड में KGMU के रेजिडेंट डॉ. दिव्यांश सिंह से बातचीत.. डॉ. दिव्यांश कहते हैं कि, व्यवस्था में बदलाव लाने की बात तो दूर, ऐसा लगता है कि अब पहले से ज्यादा घटनाएं बढ़ गई हैं। पिछले 14 दिन में KGMU के डॉक्टर्स पर 2 बार हमला हुआ। उसमें भी कोई कार्रवाई नहीं हुई। कोलकाता के मामले में अभी तक न्याय नहीं मिला है। डॉक्टरों के साथ मारपीट रोकने के लिए कानून लाया जाने वाला था। उसकी कोई चर्चा नहीं है। कुछ दिन पहले डॉ. वैभव की गाड़ी से एक टक्कर हुई। उन पर चार्ज फ्रेम कर दिया गया कि उन्होंने शराब के नशे में गाड़ी चलाई। जबकि हकीकत यह है कि जो 2 लड़के थे वो खुद शराब के नशे में थे। वो गांजा बेचने का काम करते थे। डॉक्टरों को भगवान छोड़िए, इंसान भी नहीं समझा जा रहा। यही कारण है कि हम जस्टिस अभया के लिए चाहते हैं। जस्टिस डॉ. वैभव के लिए। बस यही चाहते हैं कि किसी के साथ कोई अन्याय न हो। डॉ. मेघा आर्या ने कहा कि सिक्योरिटी के लिए देशभर के डॉक्टर प्रोटेस्ट कर रहे हैं। लेकिन सिर्फ आश्वासन मिल रहा है। कोई ठोस कार्रवाई नहीं की जा रही। डॉ. पलक कहती हैं कि सरकार ने हम लोगों को पर्याप्त सिक्योरिटी देने की बात कही है पर अभी तक कोई कदम नहीं उठाया गया है। डॉ. आयुषी सिंह कहती हैं कि डॉक्टरों को सुरक्षा प्रदान करने का सिर्फ आश्वासन ही मिला है। अभी तक कुछ हुआ नहीं। डॉक्टरों पर हमले की घटनाएं रुक नहीं रही। KGMU में भी ऐसी शिकायत आ रही है, अन्य जगहों पर भी ऐसे ही हालात हैं। फेडरेशन ऑफ इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (FIMA) के राष्ट्रीय महासचिव और KGMU के रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. दिव्यांश सिंह कहते हैं कि कोलकाता की घटना के बाद से 2 महीने से देशभर में प्रोटेस्ट कर रहे हैं। इस बीच चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया ने जब काम पर लौटने की गुहार लगाई तो हम सभी वापस काम पर लौट आए, पर हालात अभी भी बदले नहीं हैं। कैंपस@लखनऊ सीरीज के 17वें एपिसोड में KGMU के रेजिडेंट डॉ. दिव्यांश सिंह से बातचीत.. डॉ. दिव्यांश कहते हैं कि, व्यवस्था में बदलाव लाने की बात तो दूर, ऐसा लगता है कि अब पहले से ज्यादा घटनाएं बढ़ गई हैं। पिछले 14 दिन में KGMU के डॉक्टर्स पर 2 बार हमला हुआ। उसमें भी कोई कार्रवाई नहीं हुई। कोलकाता के मामले में अभी तक न्याय नहीं मिला है। डॉक्टरों के साथ मारपीट रोकने के लिए कानून लाया जाने वाला था। उसकी कोई चर्चा नहीं है। कुछ दिन पहले डॉ. वैभव की गाड़ी से एक टक्कर हुई। उन पर चार्ज फ्रेम कर दिया गया कि उन्होंने शराब के नशे में गाड़ी चलाई। जबकि हकीकत यह है कि जो 2 लड़के थे वो खुद शराब के नशे में थे। वो गांजा बेचने का काम करते थे। डॉक्टरों को भगवान छोड़िए, इंसान भी नहीं समझा जा रहा। यही कारण है कि हम जस्टिस अभया के लिए चाहते हैं। जस्टिस डॉ. वैभव के लिए। बस यही चाहते हैं कि किसी के साथ कोई अन्याय न हो। डॉ. मेघा आर्या ने कहा कि सिक्योरिटी के लिए देशभर के डॉक्टर प्रोटेस्ट कर रहे हैं। लेकिन सिर्फ आश्वासन मिल रहा है। कोई ठोस कार्रवाई नहीं की जा रही। डॉ. पलक कहती हैं कि सरकार ने हम लोगों को पर्याप्त सिक्योरिटी देने की बात कही है पर अभी तक कोई कदम नहीं उठाया गया है। डॉ. आयुषी सिंह कहती हैं कि डॉक्टरों को सुरक्षा प्रदान करने का सिर्फ आश्वासन ही मिला है। अभी तक कुछ हुआ नहीं। डॉक्टरों पर हमले की घटनाएं रुक नहीं रही। KGMU में भी ऐसी शिकायत आ रही है, अन्य जगहों पर भी ऐसे ही हालात हैं। उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
Related Posts
लुधियाना की बोर्स्टल जेल में कैदी देंगे परीक्षा:ऑब्जर्वर बोले- बंदियों को नहीं मिल रही अच्छी शिक्षा, शिक्षकों के सभी 12 पद खाली
लुधियाना की बोर्स्टल जेल में कैदी देंगे परीक्षा:ऑब्जर्वर बोले- बंदियों को नहीं मिल रही अच्छी शिक्षा, शिक्षकों के सभी 12 पद खाली लुधियाना की ताजपुर रोड स्थित नई सेंट्रल जेल, बोरस्टल जेल को पहली बार राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान (NIOS) के छात्रों के लिए परीक्षा केंद्र बनाया गया है, जिससे कैदियों को 22 अक्टूबर से 29 नवंबर तक जेल परिसर में ही कक्षा 10वीं और 12वीं की परीक्षा देने की अनुमति मिल गई है। इससे पहले, कैदियों को अक्सर असुविधा और कलंक का सामना करते हुए अन्य केंद्रों पर जाना पड़ता था। बोरस्टल जेल के फ्लाइंग स्क्वायड ऑब्जर्वर प्रदीप कुमार, जो सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्कूल, पीएयू के प्रिंसिपल भी हैं, ने इस पहल की सराहना की। उन्होंने मीडिया को बताया कि यह पहल कैदियों के लिए पुनर्वास शिक्षा प्रदान करने में मददगार साबित होगी, जिससे उन्हें समाज में बेहतर तरीके से एकीकृत होने में मदद मिलेगी। यह कैदियों को सम्मान प्रदान करता है और उनकी पहचान छिपी रहती है। यहां परीक्षा का माहौल किसी भी अन्य केंद्र जैसा ही है, जो कैदियों को अपनी शिक्षा जारी रखने के लिए प्रोत्साहित करता है। शिक्षकों की कमी से जूझ रहे जेल में बंद कैदी इस प्रगति के बावजूद, जेल में शिक्षकों की भारी कमी शैक्षणिक प्रयासों में बाधा बन रही है। स्टाफ की कमी को दूर न किए जाने से जेल में कैदियों को अच्छी शिक्षा सुनिश्चित नहीं हो पा रही है, जिससे उनका जीवन बदल सके। जानकारी के अनुसार, 12 शिक्षकों के पदों में से सभी रिक्त हैं। डिप्टी सुपरिंटेंडेंट मनप्रीत सिंह ने बताया कि पिछले छह महीने से पद रिक्त हैं। सिंह ने बताया कि पिछले दो डिप्टी टीचर भी कुछ महीने पहले ही रिलीव हुए हैं। फिलहाल हम ऑनलाइन पढ़ाई या स्वेच्छा से पढ़ाने वाले जेल स्टाफ सदस्यों पर निर्भर हैं। अगर शिक्षकों के पद भरे जाते हैं, तो कैदियों को नियमित शिक्षकों से काफी लाभ होगा। जिला शिक्षा अधिकारी (सेकेंडरी) डिंपल मदान ने आश्वासन दिया कि सुविधा केंद्र में एक शिक्षक की नियुक्ति की गई है, लेकिन दूरी और पूरे स्कूल समय जेल में रहना कई शिक्षकों के लिए मुश्किल है। इसके अलावा, पहले से ही कई स्कूल हैं जहां शिक्षकों की कमी है, जिससे वे स्कूल भी काफी प्रभावित हैं। फिर भी मैं यहां 2-3 और शिक्षकों की नियुक्ति करने का प्रयास करूंगा।
करनाल में नर्स और जूनियर डॉक्टर हड़ताल पर:ऑपरेशन और अन्य सेवाएं बाधित, मरीज परेशान, कोलकाता रेप कांड पर भड़के
करनाल में नर्स और जूनियर डॉक्टर हड़ताल पर:ऑपरेशन और अन्य सेवाएं बाधित, मरीज परेशान, कोलकाता रेप कांड पर भड़के कोलकाता में महिला डॉक्टर से बलात्कार और हत्या के मामले में करनाल के कल्पना चावला मेडिकल कॉलेज की नर्सों के बाद अब जूनियर डॉक्टर भी 2 दिन की हड़ताल पर चले गए हैं। डॉक्टरों की हड़ताल के कारण ओटी, ओपीडी, वार्ड, लैब, फील्ड, टीचिंग ड्यूटी समेत अन्य सेवाएं बाधित हुई हैं। मेडिकल कॉलेज में हड़ताल पर बैठे जूनियर डॉक्टरों ने बताया कि पिछले दिनों कोलकाता के अस्पताल के उस हिस्से में अज्ञात हथियारबंद लोगों ने तोड़फोड़ की, जहां पिछले हफ्ते महिला डॉक्टर से बलात्कार और हत्या का मामला सामने आया था। इस घटना के बाद डॉक्टरों का गुस्सा और बढ़ गया है। सुरक्षा की मांग
डॉक्टर अब संस्थानों और अस्पतालों में सुरक्षा की मांग कर रहे हैं। डॉक्टर हड़ताल पर हैं और स्वास्थ्य सेवाओं पर पड़ने वाले असर का अंदाजा बखूबी लगाया जा सकता है। सबसे ज्यादा असर ओपीडी और सर्जरी के मरीजों पर पड़ सकता है। क्या है मामला
गौरतलब है कि 9 अगस्त की सुबह कोलकाता मेडिकल कॉलेज में चेस्ट मेडिसिन की एक युवा पोस्ट ग्रेजुएट छात्रा के साथ बेरहमी से बलात्कार कर उसकी हत्या कर दी गई। इस घटना ने मेडिकल बिरादरी और पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। इसके बाद से ही रेजिडेंट डॉक्टर हड़ताल पर हैं। आईएमए की ओर से देशभर में विरोध प्रदर्शन और कैंडल मार्च भी निकाले गए हैं। डॉक्टरों का आरोप है कि कॉलेज प्रशासन ने अपराध की स्थिति को बहुत खराब तरीके से संभाला और पहले दिन के बाद पुलिस जांच ठप हो गई। जांच सीबीआई को सौंपने की मांग
डॉ. मंदीप व अन्य ने बताया कि 13 अगस्त को कलकत्ता उच्च न्यायालय ने अब तक की जांच पर असंतोष जताते हुए राज्य पुलिस से मामले को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को सौंपने को कहा है। उन्होंने यह भी कहा कि अगर राज्य पुलिस अपनी जांच जारी रखती है तो सबूत नष्ट हो सकते हैं। 15 अगस्त को एक बड़ी भीड़ ने अस्पताल में तोड़फोड़ की और अस्पताल के कई हिस्सों को नष्ट कर दिया, जिसमें पीड़िता का शव मिलने वाला क्षेत्र भी शामिल है। प्रदर्शनकारी मेडिकल छात्रों पर भी हमला किया गया। डॉक्टरों की मांगें
1. प्रदर्शनकारी डॉक्टरों की मांग है कि ऐसे अपराधों की जांच प्रक्रिया में तेजी लाई जाए और न्याय के लिए फास्ट ट्रैक कोर्ट का गठन किया जाए। 2. ड्यूटी पर तैनात महिला डॉक्टर की सुरक्षा में अपना कर्तव्य निभाने में विफल रहने वाले प्रिंसिपल, एमएसवीपी, डीन, पल्मोनरी मेडिसिन के एचओडी, आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल पुलिस चौकी के एसीपी समेत सभी जिम्मेदार अधिकारियों का इस्तीफा लिया जाए। 3. पीड़िता के शोक संतप्त परिवार को पर्याप्त मुआवजा दिया जाए। 4. कल्पना चावला राजकीय मेडिकल कॉलेज के विद्यार्थियों और निवासियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए तत्काल कदम उठाए जाने चाहिए। (जिसमें 24 घंटे सीसीटीवी निगरानी और पर्याप्त संख्या में पुरुष और महिला सुरक्षा गार्डों की तैनाती शामिल है)।
PU छात्र संघ चुनाव से पहले NSUI में विवाद:पैनल घोषित करने के समय प्रधान प्रेस कांफ्रेंस छोड़ निकले, कल भरे जाएंगे नामांकन
PU छात्र संघ चुनाव से पहले NSUI में विवाद:पैनल घोषित करने के समय प्रधान प्रेस कांफ्रेंस छोड़ निकले, कल भरे जाएंगे नामांकन पंजाब यूनिवर्सिटी छात्र संघ चुनाव से पहले ही कांग्रेस के छात्र संगठन NSUI में विवाद सामने आया है। बुधवार को सेक्टर-35 स्थित कांग्रेस भवन में चुनाव के लिए पैनल घोषित करने के लिए प्रेस काँफ्रेंस रखी गई थी। इस दौरान NSUI के अध्यक्ष सिकंदर भूरा ने इस्तीफा देने की बात कहकर बाहर निकल गए। उन्होंने दिल्ली से आए पार्टी आदेशों पर असंतोष जताया। इसके बाद राहुल नैन को अध्यक्ष, अर्चित गर्ग को उपाध्यक्ष और अनुराग दलाल को सचिव पद का उम्मीदवार घोषित किया गया। वहीं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एसएस लक्की ने कहा कि जल्द ही इस मामले को निपटा लिया जाएगा। दूसरी तरफ से अन्य दलों ने भी अपने उम्मीदवार घोषित कर दिए हैं। कल नामांकन भरने की प्रक्रिया होगी। ABVP ने अर्पिता मलिक को बनाया उम्मीदवार ABVP ने अपने पैनल की घोषणा की। इस दौरान अर्पिता मलिक को अध्यक्ष, अभिषेक कपूर को उपाध्यक्ष, आरव कुमार सिंह सेक्रेटरी व जसविंदर राणा को संयुक्त सचिव पद का उम्मीदवार घोषित किया है। ABVP ने दावा किया पार्टी सारी सीटों पर जीत हासिल करेगी। AAP अध्यक्ष पद का चुनाव ही लड़ेगी आम आदमी पार्टी की छात्र इकाई छात्र युवा संघर्ष समिति (CYSS) ने बुधवार को पंजाब यूनिवर्सिटी (पीयू) छात्रसंघ चुनाव के लिए अध्यक्ष पद के उम्मीदवार की घोषणा की। प्रिंस चौधरी सीवाईएसएस के उम्मीदवार होंगे। CYSS ने इस बार सिर्फ अध्यक्ष पद के लिए ही उम्मीदवार खड़ा करने का फैसला किया है। चंडीगढ़ में पार्टी कार्यालय में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में इसकी जानकारी देते हुए आप के युवा नेता परमिंदर सिंह गोल्डी ने कहा कि 2022 में CYSS ने पहली बार पीयू छात्र चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। आप के युवा नेता परमिंदर सिंह गोल्डी ने कहा कि 2022 में CYSS ने पहली बार पीयू छात्र चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। अपने पिछले कार्यकाल के दौरान छात्रों और विश्वविद्यालय के कल्याण के लिए हमने लगन से काम किया। उस दौरान हमने दो नए छात्रावास स्वीकृत कराए। उसके निर्माण के लिए पंजाब सरकार ने अपनी ग्रांट भी जारी कर दी है।