यूपी रोडवेज में संविदा पर कंडक्टर (परिचालक) की नौकरी कर रहे हैं। पर वहां पर बहुत शोषण होता है। झांसी डिपो में तैनात हैं। किलोमीटर के बेसिस पर सैलरी मिलती है। महीनेभर में बमुश्किल 5 से 6 हजार मिलते हैं। किसी महीने ज्यादा चल लिए तो थोड़ी ज्यादा कमाई हो गई। पर 15 घंटे की ड्यूटी के हिसाब से सैलरी बहुत कम है। साथ में अधिकारियों की तरफ से टारगेट का प्रेशर है। ये कहना है गोंडा के रहने वाले अवधेश कुमार का। सोमवार को ITI अलीगंज में टाटा मोटर्स के जॉब फेयर में अवधेश कुमार शामिल होने पहुंचे थे। उन्होंने बताया कि यहां आने पर पता चला कि सिर्फ एक्सपीरियंस वालों को ही जॉब मिल रही। बाकी लोगों को अप्रेंटिसशिप का ऑफर दे रहे। इसलिए निराशा हुई। कैंपस@लखनऊ सीरीज के 92वें एपिसोड में लखनऊ के ITI अलीगंज के जॉब फेयर में शामिल होने पहुंचे अभ्यर्थियों से बातचीत… पुलिस भर्ती की तैयारी कर रहे पर जॉब फेयर में शामिल होने आए बहराइच से आए सुमित कुमार भी कहते हैं कि जॉब के लिए आया था पर ये कह रहे कि अप्रेंटिसशिप करिए। पर इसमें एक साल के लिए मौका मिलेग। उन्होंने बताया कि मैं पुलिस भर्ती की तैयारी कर रहा हूं पर 10 नंबर से चूक गया था। फिर से तैयारी कर रहा था। इस बीच सोचा कि नौकरी कर ली जाए, इसलिए यहां आया पर नौकरी नहीं मिली। गाजीपुर से जॉब फेयर में शामिल होने आए गाजीपुर के निवासी निरंजन कुमार प्रजापति कहते हैं कि मैंने एक साल टाटा मोटर्स में पहले अप्रेंटिसशिप किया था। अभी नोएडा की एक कंपनी में काम कर रहा। जॉब फेयर में शामिल होने पर जब मैंने अप्रेंटिसशिप के बारे में बताया तो तुरंत मेरा सिलेक्शन हो गया। 14 हजार 300 सैलरी के साथ PF भी कटेगा। कहा गया कि आपके पास कॉल या मेल आएगी। यूपी रोडवेज में संविदा पर कंडक्टर (परिचालक) की नौकरी कर रहे हैं। पर वहां पर बहुत शोषण होता है। झांसी डिपो में तैनात हैं। किलोमीटर के बेसिस पर सैलरी मिलती है। महीनेभर में बमुश्किल 5 से 6 हजार मिलते हैं। किसी महीने ज्यादा चल लिए तो थोड़ी ज्यादा कमाई हो गई। पर 15 घंटे की ड्यूटी के हिसाब से सैलरी बहुत कम है। साथ में अधिकारियों की तरफ से टारगेट का प्रेशर है। ये कहना है गोंडा के रहने वाले अवधेश कुमार का। सोमवार को ITI अलीगंज में टाटा मोटर्स के जॉब फेयर में अवधेश कुमार शामिल होने पहुंचे थे। उन्होंने बताया कि यहां आने पर पता चला कि सिर्फ एक्सपीरियंस वालों को ही जॉब मिल रही। बाकी लोगों को अप्रेंटिसशिप का ऑफर दे रहे। इसलिए निराशा हुई। कैंपस@लखनऊ सीरीज के 92वें एपिसोड में लखनऊ के ITI अलीगंज के जॉब फेयर में शामिल होने पहुंचे अभ्यर्थियों से बातचीत… पुलिस भर्ती की तैयारी कर रहे पर जॉब फेयर में शामिल होने आए बहराइच से आए सुमित कुमार भी कहते हैं कि जॉब के लिए आया था पर ये कह रहे कि अप्रेंटिसशिप करिए। पर इसमें एक साल के लिए मौका मिलेग। उन्होंने बताया कि मैं पुलिस भर्ती की तैयारी कर रहा हूं पर 10 नंबर से चूक गया था। फिर से तैयारी कर रहा था। इस बीच सोचा कि नौकरी कर ली जाए, इसलिए यहां आया पर नौकरी नहीं मिली। गाजीपुर से जॉब फेयर में शामिल होने आए गाजीपुर के निवासी निरंजन कुमार प्रजापति कहते हैं कि मैंने एक साल टाटा मोटर्स में पहले अप्रेंटिसशिप किया था। अभी नोएडा की एक कंपनी में काम कर रहा। जॉब फेयर में शामिल होने पर जब मैंने अप्रेंटिसशिप के बारे में बताया तो तुरंत मेरा सिलेक्शन हो गया। 14 हजार 300 सैलरी के साथ PF भी कटेगा। कहा गया कि आपके पास कॉल या मेल आएगी। उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
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हिमाचल HC की चमियाना की 8 ओपीडी सेवाओं पर रोक:IGMC में चलाने का दिया आदेश; 12 अगस्त को की गई थी शिफ्ट
हिमाचल HC की चमियाना की 8 ओपीडी सेवाओं पर रोक:IGMC में चलाने का दिया आदेश; 12 अगस्त को की गई थी शिफ्ट हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल चमियाना की विभिन्न विभागों की ओपीडी के संचालन पर रोक लगा दी है। सोमवार को हाईकोर्ट में मामले में सुनवाई करते हुए कोर्ट ने चल रही सभी ओपीडी सेवाओं पर रोक लगाने का आदेश दिया है। हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश एम एस रामचंद्र राव और न्यायाधीश सत्येन वैद्य की खंडपीठ ने सरकार को फटकार लगाते हुए कहा कि हॉस्पिटल में केमिस्ट सड़क , पुलिस पोस्ट जैसी मूलभूत सुविधाएं नहीं है। पीठ के कहा कि जब तक चमियाणा हॉस्पिटल तक सड़क की मेटलिंग करके पक्का नहीं कर लिया जाता और सड़क को सुरक्षित तथा वाहन योग्य नहीं बना लिया जाता, तब तक आईजीएमसी शिमला में ही यह सारी ओपीडी चलाई जाएं। स्वास्थ्य सचिव व PWD विभाग की स्टेटस रिपोर्ट पर दिए आदेश खंड पीठ ने प्रदेश सरकार स्वास्थ्य विभाग के सचिव और लोक निर्माण विभाग द्वारा हॉस्पिटल की व्यवस्थाओं को लेकर कोर्ट में दायर स्टेट्स रिपोर्ट पर आदेश पारित में कहा कि चमियाणा अस्पताल में केंटीन और वहां तक मरीजों और स्वास्थ्य कर्मियों को पहुंचने के लिए अच्छी सड़क जैसी मूलभूत सुविधा नहीं है। HRTC ने बसों और स्टाप की कमी का दिया हवाला दोनों विभागों द्वारा कोर्ट को दी गयी स्टेटस रिपोर्ट में बताया गया था कि आईजीएमसी के प्रधानाचार्य को एचआरटीसी से बसें उपलब्ध करवाने को कहा गया था परंतु एचआरटीसी ने बसों और स्टाफ की कमी का हवाला देते हुए बसें उपलब्ध करवाने से इंकार कर दिया। चमियाणा अस्पताल परिसर में केमिस्ट की दुकान तक नहीं है। स्टाफ और चिकित्सकों को रहने के आवास नहीं है। तीन किलोमीटर सड़क तक स्ट्रीट लाइट भी नहीं है। सुरक्षा की दृष्टि ने वहां कोई पुलिस पोस्ट तक नहीं है।
31 अक्टूबर तक दुबारा स्टेट्स रिपोर्ट पेश करे विभाग हाइकोर्ट में सुनवाई करते हुए खण्ड पीठ ने इस मामले में स्वास्थ्य सचिव व लोक निर्माण विभाग को 31 अक्टूबर तक पुनः स्टेट्स रिपोर्ट दायर करने के आदेश भी दिए। चमियाना में चल रही थी 8 विभागों की ओपीडी बता दें कि सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल चमियाना बीते 12 अगस्त से आठ विभागों जिसमें कार्डियोलॉजी, यूरोलोजी, गैस्ट्रोएनलॉजी, न्यूरोलोजी, नेफ़ॉलोजी, प्लास्टिक सर्जरी व एंडोक्रिनोलोजी विभाग की ओपीडी शिफ्ट हो गयी थी । परंतु हाई कोर्ट ने प्रदेश सरकार के फैसले पर रोक लगाते हुए ओपीडी सेवाओं को तुंरत बन्द करने का फैसला किया है। अब सभी विभागों की ओपीडी सेवाएं IGMC में ही चलेगी।
हरियाणा में मायावती ने बढ़ाई BJP-कांग्रेस की टेंशन:35 सीटों पर खेल बिगाड़ सकते हैं दलित वोटर, इनेलो से गठबंधन कर जाटों को लुभाया
हरियाणा में मायावती ने बढ़ाई BJP-कांग्रेस की टेंशन:35 सीटों पर खेल बिगाड़ सकते हैं दलित वोटर, इनेलो से गठबंधन कर जाटों को लुभाया हरियाणा में बसपा सुप्रीमो मायावती बीजेपी और कांग्रेस दोनों की टेंशन बढ़ा सकती हैं। इसकी सबसे बड़ी वजह बीएसपी का परंपरागत वोट बैंक है, जो चुनाव में खेल बना भी सकता है और बिगाड़ भी सकता है। मायावती हरियाणा पर इसलिए भी फोकस कर रही हैं, क्योंकि यहां 21 फीसदी दलित वोट बैंक है। यही वो वोट बैंक है, जो मायावती को हरियाणा में मजबूत दावेदार बनाता है। प्रदेश में दलित आबादी वंचित अनुसूचित जाति (DSCs) और अन्य अनुसूचित जाति (OSCs) के रूप में वर्गीकृत हैं। हालांकि बीएसपी को छोड़कर सभी राजनीतिक दल इन पर अपना हक जताते हैं, लेकिन पिछले 4 चुनावों के आंकड़ों पर नजर डालें तो राज्य में बीएसपी का वोट बैंक जरूर बढ़ा या घटा है। इसके अलावा विधानसभा की 17 सीटें आरक्षित हैं और राज्य की 35 सीटों पर दलित वोटरों का प्रभाव है। बीएसपी सुप्रीमो का टारगेट 17 और 35 सीटों पर है, जहां दलित वोटरों का प्रभाव है, ताकि हरियाणा में बीएसपी गेम चेंजर की भूमिका में रहे। हरियाणा में दलित वोट का महत्व
2011 की जनगणना के अनुसार, हरियाणा की आबादी में दलितों की हिस्सेदारी 20.2% है, जिसमें 17 विधानसभा सीटें अनुसूचित जाति (SC) उम्मीदवारों के लिए आरक्षित हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में, एससी आबादी शहरी क्षेत्रों में 15.8% की तुलना में 22.5% अधिक है। मायावती कैसे बढ़ाएंगी बीजेपी और कांग्रेस की टेंशन? कांग्रेस के लिए ये खड़ी होंगी मुश्किलें
1. 2019 में इनमें से 21 सीटें भाजपा ने जीती थीं, 15 कांग्रेस ने और 8 जेजेपी ने जीती थीं। हालांकि, 2024 के लोकसभा चुनावों में कांग्रेस-आप गठबंधन ने 68% दलित वोट हासिल किए, जिससे उसे स्पष्ट बढ़त मिली। लेकिन अब जेजेपी-भीम आर्मी और BSP-INLD गठबंधन की नज़र उन्हीं मतदाताओं पर है, ऐसे में कांग्रेस के लिए मुश्किल काम होगा। 2. 2024 में दलितों के समर्थन से कांग्रेस सबसे बड़ी लाभार्थी बनकर उभरी, लेकिन मायावती और आजाद दोनों ही पार्टी की संभावनाओं को बिगाड़ने के लिए पर्याप्त वोट खींच सकते हैं, क्योंकि इस मुकाबले में कांटे की टक्कर होने की उम्मीद है। BJP की टेंशन की ये है बड़ी वजह
1. 2024 के लोकसभा चुनावों में, भाजपा को अपने दलित वोटों में भारी गिरावट देखने को मिली, जो कांग्रेस की ओर चले गए। लगभग 68% दलित मतदाताओं ने I.N.D.I.A (कांग्रेस-आप) का समर्थन किया, जो 40% से अधिक की वृद्धि है। केवल 24 प्रतिशत दलितों ने भगवा पार्टी का समर्थन किया, जो 34% की गिरावट है। इस बदलाव के परिणामस्वरूप, भाजपा ने 10 संसदीय सीटों में से 5 खो दीं। कांग्रेस ने एससी-आरक्षित दोनों लोकसभा सीटें -अंबाला और सिरसा जीतीं। हालांकि, यह प्रभुत्व अब बीएसपी और भीम आर्मी से खतरे में पड़ सकता है, जिन्होंने अपनी किस्मत आज़माई है। 2. हरियाणा में बीजेपी को लगता है कि लोकसभा चुनाव में विपक्ष द्वारा उठाए गए संविधान के मुद्दे से दलित वोटरों में बीजेपी के प्रति एक प्रकार का भय है, जिसे दूर करने के लिए पार्टी जी तोड़ प्रयास कर रही है। हाल ही में हरियाणा दौरे पर आए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी अपने भाषण में दलित आरक्षण का जिक्र किया, उन्होंने यहां तक दावा किया कि कांग्रेस यदि सत्ता में आती है तो वह आरक्षण को खत्म कर देगी। BSP का वोट 2 चुनावों में कैसे घटा
हालांकि बीएसपी का वोट शेयर हर चुनाव में घटता जा रहा है, पिछले 2 विधानसभा चुनावों के आंकड़ों को यदि हम देखें तो 2014 में उन्होंने 4.4% वोट शेयर लिया था, इस चुनाव में उन्होंने एक सीट पर जीत भी हासिल की थी। वहीं 2019 में .2% की वोट में गिरावट आई और वोट शेयर 4.2% वोट लेने में सफल रही। भले ही बसपा के वोट शेयर में गिरावट देखी गई हो, लेकिन सूबे के क्षेत्रीय दल जननायक जनता पार्टी (JJP) और इंडियन नेशनल लोकदल (INLD) से ज्यादा है। ताबड़तोड़ 4 रैलियां करेंगी बसपा सुप्रीमों
बसपा सुप्रीमों मायावती हरियाणा में 4 रैलियां करेंगी। 25 सितंबर को वह जींद में अपनी पहली रैली करेंगी। इसके बाद फरीदाबाद, करनाल और 1 अक्टूबर को यमुनानगर में अपने चुनावी अभियान को विराम देंगी। मायावती को हरियाणा के साथ ही जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के लिए पार्टी ने स्टार प्रचारक बनाया है। उनके इस अभियान में उनके उत्तराधिकारी, भतीजे पार्टी के नेशनल कनवीनर आकाश आनंद भी हरियाणा पर फोकस करेंगे। वह प्रदेश में 18 सितंबर से नौ दिन चनाव अभियान चलाएंगे। हरियाणा में INLD के साथ लड़ रही चुनाव
हरियाणा में इस बार हो रहे विधानसभा चुनाव में बसपा, इंडियन नेशनल लोकदल के साथ गठबंधन कर चुनाव लड़ रही है। प्रदेश की 90 सीटों पर 37 सीटों पर बसपा ने अपने उम्मीदवार खड़े किए हैं। इस गठबंधन की घोषणा जून में पार्टी के नेशनल कनवीनर आकाश आनंद ने नई दिल्ली में दोनों दलों की संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में की थी।
जींद में बाइक और कार की टक्कर:करनाल के दंपती की मौत, बेटी से मिलने जा रहे थे दोनों
जींद में बाइक और कार की टक्कर:करनाल के दंपती की मौत, बेटी से मिलने जा रहे थे दोनों जींद जिले के बहादुरगढ़ गांव के पास एक कार और बाइक में जोरदार टक्कर हो गई। टक्कर इतनी भयानक थी कि बाइक का अगला हिस्सा टूट गया तो कार भी पलट कर खेतों में जा गिरी। इस हादसे में बाइक सवार पति पत्नी की मौत हो गई और कार सवार दो लोग घायल हो गए। मृतकों की पहचान करनाल जिले के मानपुरा गांव निवासी जयकुमार और उसकी पत्नी सरोज के रूप में हुई। वहीं कार सवार दोनों घायल बुढ़ाखेड़ा गांव के बताए जा रहे हैं। आमने सामने से हुई टक्कर जानकारी के अनुसार बुढ़ाखेड़ा गांव के लोग कार में सवार होकर सफीदों की तरफ आ रहे थे और मानपुरा गांव निवासी जयकुमार और उसकी पत्नी बाइक पर जींद की तरफ जा रहे थे। बहादुरगढ़ गांव के पास कार और बाइक की आमने-सामने की टक्कर हो गई। टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि कार पलटी मारकर खेतों में जा गिरी और उसके परखच्चे उड़ गए तथा बाइक का अगला हिस्सा चकनाचूर हो गया। हादसे के बाद घायलों को सफीदों के नागरिक अस्पताल में लाया गया तो यहां चिकित्सकों ने दो लोगों को मृत घोषित कर दिया। बताया जा रहा है कि जयकुमार और उसकी पत्नी सरोज अपनी बेटी से मिलने के लिए दालमवाला गांव में जा रहे थे कि रास्ते में यह हादसा हो गया। सदर थाना प्रभारी आत्मा राम ने बताया कि कार चालक के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।