लखनऊ के काकोरी के रहमान खेड़ा और आसपास के इलाकों में बाघ की मौजूदगी ने ग्रामीणों के बीच खौफ पैदा कर दिया है। सोमवार सुबह बाघ ने चार किलोमीटर दूर नीलगाय का शिकार किया। एक स्थानीय कर्मचारी ने रहमान खेड़ा के पास बाघ की पहली तस्वीर अपने कैमरे में कैद की है, जिससे बाघ की मौजूदगी की पुष्टि हो गई है। ग्रामीणों में खौफ का माहौल बाघ की तस्वीर सामने आने के बाद रहमान खेड़ा और आसपास के गांवों में डर का माहौल है। ग्रामीण रात के समय घर से बाहर निकलने में संकोच कर रहे हैं। क्षेत्र में पशुओं की सुरक्षा के लिए विशेष उपाय किए जा रहे हैं। वन विभाग का सर्च ऑपरेशन तेज अवध वन प्रभाग के डीएफओ सितांशु पांडे के नेतृत्व में वन विभाग की तीन टीमें लगातार इलाके में सर्च ऑपरेशन चला रही हैं। बाघ को ट्रैक करने के लिए 12 कैमरा ट्रैप और 2 ट्रैपिंग केज लगाए गए हैं। इसके साथ ही थर्मल ड्रोन कैमरों से भी निगरानी की जा रही है। ग्रामीणों को किया जा रहा है जागरूक वन विभाग की टीमें प्रभावित इलाकों में गश्त कर रही हैं और ग्रामीणों को सतर्क रहने की सलाह दे रही हैं। उन्हें रात में बाहर न जाने, बच्चों और मवेशियों को सुरक्षित रखने और किसी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत देने के निर्देश दिए गए हैं। विशेषज्ञों की राय, भटक गया बाघ वन्यजीव विशेषज्ञों का मानना है कि जंगलों के सिमटने और शहरीकरण के कारण वन्यजीव भटककर मानव बस्तियों में आ रहे हैं। यह बाघ पास के जंगल से भटककर रहमान खेड़ा और उसके आसपास के इलाकों में पहुंचा है। वन विभाग का आश्वासन वन विभाग ने ग्रामीणों को आश्वस्त किया है कि बाघ को सुरक्षित रेस्क्यू करने के लिए सभी प्रयास किए जा रहे हैं। डीएफओ लखनऊ ने कहा कि टीम पूरी तरह सतर्क है और स्थिति पर नजर बनाए हुए है। लखनऊ के काकोरी के रहमान खेड़ा और आसपास के इलाकों में बाघ की मौजूदगी ने ग्रामीणों के बीच खौफ पैदा कर दिया है। सोमवार सुबह बाघ ने चार किलोमीटर दूर नीलगाय का शिकार किया। एक स्थानीय कर्मचारी ने रहमान खेड़ा के पास बाघ की पहली तस्वीर अपने कैमरे में कैद की है, जिससे बाघ की मौजूदगी की पुष्टि हो गई है। ग्रामीणों में खौफ का माहौल बाघ की तस्वीर सामने आने के बाद रहमान खेड़ा और आसपास के गांवों में डर का माहौल है। ग्रामीण रात के समय घर से बाहर निकलने में संकोच कर रहे हैं। क्षेत्र में पशुओं की सुरक्षा के लिए विशेष उपाय किए जा रहे हैं। वन विभाग का सर्च ऑपरेशन तेज अवध वन प्रभाग के डीएफओ सितांशु पांडे के नेतृत्व में वन विभाग की तीन टीमें लगातार इलाके में सर्च ऑपरेशन चला रही हैं। बाघ को ट्रैक करने के लिए 12 कैमरा ट्रैप और 2 ट्रैपिंग केज लगाए गए हैं। इसके साथ ही थर्मल ड्रोन कैमरों से भी निगरानी की जा रही है। ग्रामीणों को किया जा रहा है जागरूक वन विभाग की टीमें प्रभावित इलाकों में गश्त कर रही हैं और ग्रामीणों को सतर्क रहने की सलाह दे रही हैं। उन्हें रात में बाहर न जाने, बच्चों और मवेशियों को सुरक्षित रखने और किसी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत देने के निर्देश दिए गए हैं। विशेषज्ञों की राय, भटक गया बाघ वन्यजीव विशेषज्ञों का मानना है कि जंगलों के सिमटने और शहरीकरण के कारण वन्यजीव भटककर मानव बस्तियों में आ रहे हैं। यह बाघ पास के जंगल से भटककर रहमान खेड़ा और उसके आसपास के इलाकों में पहुंचा है। वन विभाग का आश्वासन वन विभाग ने ग्रामीणों को आश्वस्त किया है कि बाघ को सुरक्षित रेस्क्यू करने के लिए सभी प्रयास किए जा रहे हैं। डीएफओ लखनऊ ने कहा कि टीम पूरी तरह सतर्क है और स्थिति पर नजर बनाए हुए है। उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
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शिमला के संजौली में लगाए गए ‘सनातन सब्जी वाला’ के बोर्ड, देवभूमि संघर्ष समिति ने की खरीदारी की अपील
शिमला के संजौली में लगाए गए ‘सनातन सब्जी वाला’ के बोर्ड, देवभूमि संघर्ष समिति ने की खरीदारी की अपील <p style=”text-align: justify;”><strong>Himachal Pradesh News:</strong> हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला के संजौली इलाके में देवभूमि संघर्ष समिति ने एक नया अभियान शुरू कर दिया है. यहां देवभूमि संघर्ष समिति की ओर से हिंदू दुकानदारों की सब्जी की दुकान के बाहर एक बोर्ड लगाया जा रहा है. इस बोर्ड में ‘सनातन सब्जी वाला’ लिखा गया है. इसका उद्देश्य यह है कि स्थानीय लोग हिंदू दुकानदारों से खरीदारी करें और बाहरी लोगों का बॉयकॉट किया जाए.</p>
<p style=”text-align: justify;”>देवभूमि संघर्ष समिति के राज्य सह संयोजक विजय शर्मा ने कहा कि समिति की ओर से यह अभियान शुरू किया गया है. इस अभियान का उद्देश्य संजौली इलाके में हिंदू सब्जीवालों को बढ़ावा देना है. उन्होंने कहा कि वे लोगों से यह भी अपील कर रहे हैं कि बाहरी लोगों से वह खरीददारी न करें और स्थानीय दुकानदारों को आगे बढ़ाएं, ताकि उनका रोजगार चल सके. </p>
<p style=”text-align: justify;”>विजय शर्मा ने कहा, “हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला के संजौली इलाके में रोहिंग्या जैसे लोगों का आना शुरू हो गया है. यह लोग यहां पर व्यापार कर रहे हैं. इस बीच देवभूमि संघर्ष समिति ने स्थानीय दुकानदारों को आगे बढ़ने का बीड़ा उठाया है.”</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>नेम प्लेट वाले मामले पर हो चुका है विवाद </strong><br />हिमाचल प्रदेश देवभूमि संघर्ष समिति के इस अभियान के बाद अब संजौली में सब्जी बेच रहे दुकानदारों का धर्म प्रदर्शित होगा. इससे पहले हिमाचल प्रदेश में शहरी विकास मंत्री विक्रमादित्य सिंह के नेम प्लेट वाले बयान को लेकर भी खासा विवाद हो चुका है. </p>
<p style=”text-align: justify;”>विक्रमादित्य सिंह ने उत्तर प्रदेश के तर्ज पर हिमाचल प्रदेश के रेहड़ी-फड़ी वालों के नाम प्रदर्शित करने की बात कही थी. हालांकि बाद में उन्होंने स्पष्ट किया था कि इस पूरे मामले का उत्तर प्रदेश और मुख्यमंत्री <a title=”योगी आदित्यनाथ” href=”https://www.abplive.com/topic/yogi-adityanath” data-type=”interlinkingkeywords”>योगी आदित्यनाथ</a> के मॉडल से कोई लेना-देना नहीं है. </p>
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