लखनऊ में 4 बच्चों की मौत हो गई। इनमें 2 बच्चियां हैं। बाल गृह निर्वाण आश्रय केंद्र के 29 बच्चों की तबीयत बिगड़ने पर अलग-अलग अस्पतालों में भर्ती करवाया गया। 18 बच्चे लोकबंधु अस्पताल में भर्ती हैं। जबकि दो की हालत ज्यादा सीरियस होने पर केजीएमयू रेफर किया गया है। बाल गृह सेंटर का दावा है कि बच्चों को दही-खिचड़ी दी गई थी। 23 मार्च से 26 मार्च के बीच बाल गृह से बच्चों को लोकबंधु अस्पताल में भर्ती किया गया। इनमें 15 साल के करीब की 2 बच्चियों की मौत हो गई हैं। मृतक का नाम रेनू और दीपा है। इसके अलावा गोपाल और लकी को गंभीर हालत के चलते KGMU रेफर किया गया है। PPP मॉडल पर होता हैं रिहैब का संचालन अस्पताल के सीएमएस डॉ.राजीव दीक्षित ने बताया कि सभी बच्चों में एक्यूट पानी की कमी थी। लक्षण डायरिया के थे। देर शाम रात 8 बजे के करीब डीएम विशाख जी. और सीएमओ डॉ.एनबी सिंह पहुंचे। डॉक्टर के मुताबिक ये सभी बच्चे अनाथ हैं। मानसिक मंदित होने के कारण अटेंडेंट के भरोसे ही ये खा पी सकते हैं। डॉ.राजीव दीक्षित के मुताबिक पिछले साल भी यहां के बच्चों को गंभीर हालत में लाया गया था। तब बहुत गर्मी पड़ रही थी। कुछ ऐसे ही लक्षण बच्चों में थे। डायरिया का ही इलाज चला था। इस संस्थान का संचालन PPP मॉडल से चलता है। ऐसे में यहां बड़ी गड़बड़ी की आशंका है। लूज मोशन-डायरिया के लक्षण
डॉ.अजय शंकर त्रिपाठी ने बताया कि इन बच्चों में फूड पॉइजनिंग के बाद लूज मोशन और डायरिया जैसे गंभीर लक्षण हैं। इस लिए अस्पताल में भर्ती किया गया है। लोकबंधु अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक अजय शंकर त्रिपाठी ने बताया कि अब तक 5 बच्चों को ठीक होने पर वापस भेज दिया गया है। जबकि 16 स्टेबल हैं, जिनका इलाज चल रहा है। इसके अलावा 3 बच्चे बलरामपुर अस्पताल में भर्ती हैं। रिहैब सेंटर में 147 बच्चियां
निर्वाण संस्था में अनाथ और मानसिक रूप से कमजोर बच्चे रहते हैं। डीपीओ विकास सिंह ने बताया की इस रिहैब सेंटर में कुल 147 बच्चियां हैं। रविवार से अचानक एक के बाद एक बच्चों की तबीयत बिगड़ने लगी। कुछ को उल्टी भी हो रही थी। एक बालिका की मंगलवार और एक बालिका कि बुधवार को मौत हुई है। दोनों की उम्र 13 साल के आसपास है। डीपीओ का कहना है- हम डॉक्टरों से संपर्क में हैं। जो बच्चे भर्ती हैं, उनका बेहतर इलाज किया जा रहा है। शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा गया है। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में मौत का सही कारण पता चल सकेगा। विभागीय जांच भी कराई जाएगी। बलरामपुर अस्पताल से एक बच्चे को मिली छुट्टी बलरामपुर अस्पताल के प्रभारी निदेशक डॉ.संजय तेवतिया ने बताया- महिमा और संगीता वॉर्ड नंबर 8 में भर्ती हैं। जबकि बग्गु को डिस्चार्ज कर दिया गया है। कुल 3 बच्चों को बलरामपुर अस्पताल लाया गया था। दिन का खाना शाम को खाने से बिगड़ी तबीयत आशंका है कि शाम का खाना खाने की वजह से इन बच्चों की तबीयत बिगड़ी है। बताया तो यह भी जा रहा है कि शाम के खाने में इन बच्चों को दिन का बचा हुआ खाना परोसा गया था। गर्मी में यह खाना दूषित हो गया था। इसे खाने के बाद एक एक कर बच्चे बीमार होते चले गए। खबर मिलते ही पुलिस और प्रशासन ने मामले की जांच शुरू कर दी है। कुछ बोलने से बच रहे अधिकारी घटना की जानकारी मिलते ही स्वास्थ्य विभाग और खाद्य सुरक्षा विभाग के अधिकारी अस्पताल पहुंचे। इन अधिकारियों ने अस्पताल में भर्ती बच्चों से पूछताछ की। हालांकि अभी कोई भी अधिकारी इस संबंध में कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है। हालांकि आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक स्वास्थ्य विभाग एवं खाद्य सुरक्षा विभाग की एक टीम ने रिहैब सेंटर पहुंच कर खाने का सैंपल लिया है। बताया जा रहा है कि सैंपल की जांच रिपोर्ट आने के बाद ही कोई एक्शन लिया जा सकता है। ———————————————- यह खबर भी पढ़े लखनऊ में बहनों ने ज्वेलर को ईंट से कुचलकर मारा:भाइयों ने एम्बुलेंस में भरकर फेंका; ब्याज के बदले शारीरिक संबंध बनाना चाहता था लखनऊ में 18 मार्च को हुई सर्राफा व्यापारी रूप नारायण सोनी की हत्या दो नाबालिग बहनों ने की थी। बहनों ने घर बुलाकर उसका सिर ईंट से कुचल दिया था। इसके बाद मौसेरे भाइयों की मदद से शव को एम्बुलेंस में भरकर घैला नाले में फेंक दिया था। यह खबर भी पढ़े लखनऊ में 4 बच्चों की मौत हो गई। इनमें 2 बच्चियां हैं। बाल गृह निर्वाण आश्रय केंद्र के 29 बच्चों की तबीयत बिगड़ने पर अलग-अलग अस्पतालों में भर्ती करवाया गया। 18 बच्चे लोकबंधु अस्पताल में भर्ती हैं। जबकि दो की हालत ज्यादा सीरियस होने पर केजीएमयू रेफर किया गया है। बाल गृह सेंटर का दावा है कि बच्चों को दही-खिचड़ी दी गई थी। 23 मार्च से 26 मार्च के बीच बाल गृह से बच्चों को लोकबंधु अस्पताल में भर्ती किया गया। इनमें 15 साल के करीब की 2 बच्चियों की मौत हो गई हैं। मृतक का नाम रेनू और दीपा है। इसके अलावा गोपाल और लकी को गंभीर हालत के चलते KGMU रेफर किया गया है। PPP मॉडल पर होता हैं रिहैब का संचालन अस्पताल के सीएमएस डॉ.राजीव दीक्षित ने बताया कि सभी बच्चों में एक्यूट पानी की कमी थी। लक्षण डायरिया के थे। देर शाम रात 8 बजे के करीब डीएम विशाख जी. और सीएमओ डॉ.एनबी सिंह पहुंचे। डॉक्टर के मुताबिक ये सभी बच्चे अनाथ हैं। मानसिक मंदित होने के कारण अटेंडेंट के भरोसे ही ये खा पी सकते हैं। डॉ.राजीव दीक्षित के मुताबिक पिछले साल भी यहां के बच्चों को गंभीर हालत में लाया गया था। तब बहुत गर्मी पड़ रही थी। कुछ ऐसे ही लक्षण बच्चों में थे। डायरिया का ही इलाज चला था। इस संस्थान का संचालन PPP मॉडल से चलता है। ऐसे में यहां बड़ी गड़बड़ी की आशंका है। लूज मोशन-डायरिया के लक्षण
डॉ.अजय शंकर त्रिपाठी ने बताया कि इन बच्चों में फूड पॉइजनिंग के बाद लूज मोशन और डायरिया जैसे गंभीर लक्षण हैं। इस लिए अस्पताल में भर्ती किया गया है। लोकबंधु अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक अजय शंकर त्रिपाठी ने बताया कि अब तक 5 बच्चों को ठीक होने पर वापस भेज दिया गया है। जबकि 16 स्टेबल हैं, जिनका इलाज चल रहा है। इसके अलावा 3 बच्चे बलरामपुर अस्पताल में भर्ती हैं। रिहैब सेंटर में 147 बच्चियां
निर्वाण संस्था में अनाथ और मानसिक रूप से कमजोर बच्चे रहते हैं। डीपीओ विकास सिंह ने बताया की इस रिहैब सेंटर में कुल 147 बच्चियां हैं। रविवार से अचानक एक के बाद एक बच्चों की तबीयत बिगड़ने लगी। कुछ को उल्टी भी हो रही थी। एक बालिका की मंगलवार और एक बालिका कि बुधवार को मौत हुई है। दोनों की उम्र 13 साल के आसपास है। डीपीओ का कहना है- हम डॉक्टरों से संपर्क में हैं। जो बच्चे भर्ती हैं, उनका बेहतर इलाज किया जा रहा है। शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा गया है। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में मौत का सही कारण पता चल सकेगा। विभागीय जांच भी कराई जाएगी। बलरामपुर अस्पताल से एक बच्चे को मिली छुट्टी बलरामपुर अस्पताल के प्रभारी निदेशक डॉ.संजय तेवतिया ने बताया- महिमा और संगीता वॉर्ड नंबर 8 में भर्ती हैं। जबकि बग्गु को डिस्चार्ज कर दिया गया है। कुल 3 बच्चों को बलरामपुर अस्पताल लाया गया था। दिन का खाना शाम को खाने से बिगड़ी तबीयत आशंका है कि शाम का खाना खाने की वजह से इन बच्चों की तबीयत बिगड़ी है। बताया तो यह भी जा रहा है कि शाम के खाने में इन बच्चों को दिन का बचा हुआ खाना परोसा गया था। गर्मी में यह खाना दूषित हो गया था। इसे खाने के बाद एक एक कर बच्चे बीमार होते चले गए। खबर मिलते ही पुलिस और प्रशासन ने मामले की जांच शुरू कर दी है। कुछ बोलने से बच रहे अधिकारी घटना की जानकारी मिलते ही स्वास्थ्य विभाग और खाद्य सुरक्षा विभाग के अधिकारी अस्पताल पहुंचे। इन अधिकारियों ने अस्पताल में भर्ती बच्चों से पूछताछ की। हालांकि अभी कोई भी अधिकारी इस संबंध में कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है। हालांकि आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक स्वास्थ्य विभाग एवं खाद्य सुरक्षा विभाग की एक टीम ने रिहैब सेंटर पहुंच कर खाने का सैंपल लिया है। बताया जा रहा है कि सैंपल की जांच रिपोर्ट आने के बाद ही कोई एक्शन लिया जा सकता है। ———————————————- यह खबर भी पढ़े लखनऊ में बहनों ने ज्वेलर को ईंट से कुचलकर मारा:भाइयों ने एम्बुलेंस में भरकर फेंका; ब्याज के बदले शारीरिक संबंध बनाना चाहता था लखनऊ में 18 मार्च को हुई सर्राफा व्यापारी रूप नारायण सोनी की हत्या दो नाबालिग बहनों ने की थी। बहनों ने घर बुलाकर उसका सिर ईंट से कुचल दिया था। इसके बाद मौसेरे भाइयों की मदद से शव को एम्बुलेंस में भरकर घैला नाले में फेंक दिया था। यह खबर भी पढ़े उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
लखनऊ में बाल आश्रम के 4 बच्चों की मौत:29 की तबीयत बिगड़ी, 20 गंभीर; बाल गृह का दावा-दही-खिचड़ी दी थी
