लखनऊ में दीपावली का त्योहार धूमधाम से मनाया जा रहा है। लक्ष्मी-गणेश पूजन के बाद घरों को दीयों से रोशन किया गया है। जमकर आतिशबाजी की जा रही है। लोगों में उमंग और उत्साह है। सभी एक दूसरे को दीपावली की शुभकामनाएं दे रहे हैं। घरों, दुकानों और बाजारों में भव्य सजावट दिखाई दे रही है। मंदिर ही नहीं घरों में पूजन, बाजार का माहौल और खरीदारी के लिए उमड़ी भीड़ से शहर की रौनक बढ़ गई है। चौक, अमीनाबाद, हजरतगंज और आलमबाग के बाजार में जबरदस्त चहल-पहल है। यहां व्यापारी दुकानों में पूजन के बाद आतिशबाजी कर रहे हैं। सर्राफा बाजार से लेकर इलेक्ट्रॉनिक्स की दुकानों तक, हर जगह लोग खरीदारी कर रहे हैं। इलेक्ट्रॉनिक सामान, सोना-चांदी के गहने, कपड़े और दीवाली के तोहफों पर विशेष छूट से भी ग्राहक आकर्षित हो रहे हैं। लखनऊ की प्रसिद्ध मिठाई की दुकान छप्पन भोग, राधे लाल और काकोरी हाउस पर खूब बिक्री हो रही है। लोग सबसे ज्यादा काजू कतली, लड्डू, बेसन की बर्फी, गुझिया और पिस्ता रोल की खरीदारी कर रहे हैं। इस साल नई वैराइटी की भी मिठाइयां बनाई गई है। कई दुकानों ने होम डिलीवरी की भी व्यवस्था की है। लोग एक दूसरे को मिठाई और गिफ्ट दे रहे हैं। लखनऊ में दीपावली का त्योहार धूमधाम से मनाया जा रहा है। लक्ष्मी-गणेश पूजन के बाद घरों को दीयों से रोशन किया गया है। जमकर आतिशबाजी की जा रही है। लोगों में उमंग और उत्साह है। सभी एक दूसरे को दीपावली की शुभकामनाएं दे रहे हैं। घरों, दुकानों और बाजारों में भव्य सजावट दिखाई दे रही है। मंदिर ही नहीं घरों में पूजन, बाजार का माहौल और खरीदारी के लिए उमड़ी भीड़ से शहर की रौनक बढ़ गई है। चौक, अमीनाबाद, हजरतगंज और आलमबाग के बाजार में जबरदस्त चहल-पहल है। यहां व्यापारी दुकानों में पूजन के बाद आतिशबाजी कर रहे हैं। सर्राफा बाजार से लेकर इलेक्ट्रॉनिक्स की दुकानों तक, हर जगह लोग खरीदारी कर रहे हैं। इलेक्ट्रॉनिक सामान, सोना-चांदी के गहने, कपड़े और दीवाली के तोहफों पर विशेष छूट से भी ग्राहक आकर्षित हो रहे हैं। लखनऊ की प्रसिद्ध मिठाई की दुकान छप्पन भोग, राधे लाल और काकोरी हाउस पर खूब बिक्री हो रही है। लोग सबसे ज्यादा काजू कतली, लड्डू, बेसन की बर्फी, गुझिया और पिस्ता रोल की खरीदारी कर रहे हैं। इस साल नई वैराइटी की भी मिठाइयां बनाई गई है। कई दुकानों ने होम डिलीवरी की भी व्यवस्था की है। लोग एक दूसरे को मिठाई और गिफ्ट दे रहे हैं। उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
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मोगा में किसानों ने लगाया जाम:बिजली नहीं आने से हो रहे परेशान, बोले- फसल खराब होने पर सरकार की जिम्मेदारी मोगा जिले के कस्बा निहाल सिंह वाला में बिजली नहीं आने से परेशान किसानों ने रोड जाम करके रोष प्रदर्शन किया। अस दौरान किसानों ने पंजाब सरकार के खिलाफ की नारेबाजी भी की। किसानों का कहना है कि पंजाब सरकार अपने कही अनुसार बिजली नहीं दे रही है। पंजाब सरकार पर लगाए आरोप जानकारी देते हुए किसान अमरीक सिंह ने कहा के पंजाब सरकार की ओर से किसानों को 8 घंटे बिजली देने के वादे किए थे। नहरी पानी देने की बात की थी, कि सभी को पानी मिलेगा। किसी की भी मोटर नहीं चलेगी और किसी को भी धरना देने की जरूरत नहीं पड़ेगी। हमारी मोटर जरूर बंद है परंतु लाइट न मिलने के कारण फसल को पानी नहीं मिल रहा है। फसल खराब हो रही है और बिजली विभाग के अधिकारी हमारी कोई भी सुनवाई नहीं हो रही है। जिसको आज हमने निहाल सिंह वाला में रोड जाम किया और पंजाब सरकार को यह चतावनी भी दे रहे है कि अगर फसलों का नुकसान हुआ तो पंजाब सरकार इसकी जिम्मेदारी होगी। किसान पहले ही कर्जे की मार झेल रहे है। किसान और कर्जे की मार नहीं झेल सकते। किसानों को 8 घंटे बिजली दी जाए।
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बलवंत राजोआना की मर्सी पिटीशन ली जाएगी वापस:अकाल तख्त साहिब की बैठक में फैसला; सिख संगठनों राय देने के लिए भी कहा पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह की हत्या करने वाले बलवंत सिंह राजोआना की मर्सी पटीशन को वापस लेने का फैसला किया गया है। ये फैसला श्री अकाल तख्त साहिब पर आज शुक्रवार हुई पांच तख्तों के जत्थेदारों की बैठक में लिया गया। जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह ने स्पष्ट किया कि लंबे समय से ये मर्सी पिटीशन राष्ट्रपति के पास पेंडिंग है और अब राजओना भी यही चाहता है कि इस पिटीशन को वापस लिया जाए। जत्थेदान ज्ञानी रघबीर सिंह ने 5 तख्तों के जत्थेदारों की बैठक का फैसला बताते हुए कहा कि बैठक में बलवंत सिंह राजोआना पर गंभीरता से विचार किया गया। जिसमें अब उनकी मर्सी पटीशन जो लंबे समय से राष्ट्रपति के पास है, उसे वापस लिया जाए। बलवंत सिंह राजोआना को फांसी की सजा सुनाए 18 साल से अधिक का समय हो चुका और उनकी फांसी की सजा को उम्र कैद में बदलने के लिए भारत सरकार को भेजी मर्सी पटीशन 12 साल से अधिक समय से विचाराधीन पड़ी है और उस पर कोई फैसला पेंडिंग है। बलवंत सिंह राजोआना की इच्छा पर SGPC ने श्री अकाल तख्त साहिब को खत लिखा। बैठक में फैसला लिया गया कि बलवंत सिंह राजोआना की सिख कौम के लिए दी कुर्बानी बहुत बड़ी है और उनका जीवन कौम की अमानत है। सिख जत्थेबंदियां इस पर अपना विचार जल्द से जल्द श्री अकाल तख्त साहिब को लिख कर भेजें। एक तरफा फैसला लेने के लिए पहले भी कहा बलवंत सिंह राजोआना को पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह की हत्या का दोषी बनाया गया था। जिसके बाद उन्हें फांसी की सजा सुनाई गई। एसजीपीसी की तरफ से इसके लिए सुप्रीम कोर्ट में भी अर्जी दाखिल की गई थी और राष्ट्रपति को भी लिखा था। सुप्रीम कोर्ट ने कुछ साल पहले ही बलवंत सिंह राजोआना पर फैसला लेने के लिए सरकार को कहा। वहीं, राष्ट्रपति को दी गई अर्जी पर आज तक फैसला नहीं हो पाया। कुछ महीने पहले पटियाला की जेल में बंद बलवंत सिंह राजोआना ने भूख हड़ताल शुरू कर दी थी। उनकी मांग थी कि एक तरफ का फैसला लिया जाए। वे बंदी सिख भी नहीं हैं, क्योंकि उसे तो मौत की सजा सुनाई गई है। राष्ट्रपति से मिलना चाहता है एसजीपीसी वफद एसजीपीसी का एक वफद जल्द ही राष्ट्रपति से मिलना चाहता है। एसजीपीसी ने बीते दिनों अंतरिम कमेटी की बैठक में फैसला लिया था कि बलवंत राजोआना की सजा माफी को लेकर वे राष्ट्रपति से मुलाकात करेंगे। लेकिन अब श्री अकाल तख्त साहिब ने मर्सी पटीशन वापस लेने का फैसला किया है। अब एसजीपीसी राष्ट्रपति से मिलेंगे या मर्सी पिटीशन वापस लेंगे, इस पर फैसला लिया जाना है।
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