लखनऊ के फैजुल्लागंज में नकली चायपत्ती बनाने की फैक्ट्री का खुलासा हुआ है। छापेमारी के दौरान बड़ी मात्रा में नकली चायपत्ती और उसे बनाने का सामान बरामद हुआ है। कई ब्रांडेड चायपत्ती कंपनियों के रैपर भी बरामद हुए हैं। रैपर लगाकर नकली चायपत्ती को ब्रांडेड कंपनियों के नाम पर मार्केट में सप्लाई की जा रही थी। इस गिरोह की जड़ें न केवल भारत बल्कि पड़ोसी देश नेपाल तक फैली हुई हैं। छापेमारी के दौरान लगभग 11,209 किलोग्राम नकली चायपत्ती, रंग, केमिकल और पैकिंग सामग्री जब्त की गई है। गिरोह नेपाल से सस्ती और घटिया चायपत्ती मंगाकर उसमें खतरनाक केमिकल और रंग मिलाकर ब्रांडेड कंपनी के रैपर में पैक कर बाजार में बेचता था। सीतापुर के रहने वाले आरिफ को STF और FSDA की टीम ने मिलकर गिरफ्तार किया है। अब जानिए कैसे चल रहा था यह कारोबार ? कौन सी घातक बीमारियां लोगों को हो सकती हैं…। पहले देखें तीन तस्वीरें… नेपाल से खरीदते सस्ती चायपत्ती
छापेमारी में गिरफ्तार मुख्य आरोपी मोहम्मद आरिफ ने कई चौंकाने वाले खुलासे किए। आरिफ ने बताया कि वह और उसके साथी नेपाल से सस्ती चायपत्ती मंगाते थे। इस चायपत्ती को पहले कई तरह के केमिकल और रंगों से मिलाकर इसे स्ट्रॉन्ग और कलरयुक्त बनाया जाता था। इसके बाद बड़े ब्रांड्स जैसे गार्डन फेस, लम्सा, गुड मॉर्निंग असम और टाइगर चाय के नाम से पैकिंग कर बाजार में उतारते थे। 40 जिलों में करते थे सप्लाई
गिरोह ने फैजुल्लागंज के तीन मंजिला मकान में गोदाम, फैक्ट्री और पैकिंग सेंटर बनाया था। यहां रोजाना 2 क्विंटल से अधिक चायपत्ती तैयार कर उत्तर प्रदेश के 40 जिलों में सप्लाई की जाती थी। लखनऊ, बाराबंकी, सीतापुर, शाहजहांपुर और बहराइच जैसे जिलों में यह चायपत्ती प्रमुखता से बेची जाती थी। एक साल की निगरानी, फिर बड़ा ऑपरेशन
STF को पिछले एक साल से इस गिरोह की गतिविधियों की जानकारी मिल रही थी। STF के डिप्टी एसपी अवनीश्वर चंद्र श्रीवास्तव और निरीक्षक फैजुद्दीन सिद्दीकी के नेतृत्व में मंगलवार को फैजुल्लागंज इलाके में छापेमारी की गई। इस ऑपरेशन में FSDA के अधिकारी, स्थानीय पुलिस और महिला पुलिसकर्मी भी शामिल रहीं। छापेमारी में बड़ी मात्रा में मिलावटी चायपत्ती, उपकरण, रंग, हार्डस्टोन पाउडर और पैकिंग सामग्री जब्त की गई। STF टीम को मुखबिर से सूचना मिली थी कि फैजुल्लागंज में नकली चायपत्ती बनाने का बड़ा कारोबार चल रहा है। FSDA को भी फर्जी फैक्ट्री के बारे में पता चला। सूचना के आधार पर अधिकारियों ने फैजुल्लागंज की कृष्णलोक कॉलोनी के मकान नंबर-58 पर छापा मारा। कैंसर होने का खतरा
STF और FSDA की जांच में पाया गया कि मिलावटी चायपत्ती में इस्तेमाल किए गए रंग और केमिकल मानव स्वास्थ्य के लिए बेहद हानिकारक हैं। लगातार इस चाय के सेवन से पेट संबंधी बीमारियां, कैंसर और अन्य गंभीर समस्याएं हो सकती हैं। खाद्य सुरक्षा अधिकारी सीताराम सिंह कुशवाहा ने बताया, मिलावट में इस्तेमाल किए गए रंग और हार्डस्टोन पाउडर बेहद जहरीले हैं। यह मानव शरीर को गंभीर नुकसान पहुंचा सकते हैं। सस्ते दामों में बेचते थे
गिरोह उत्तर प्रदेश के लगभग 40 जिलों में नकली चायपत्ती की सप्लाई कर रहा था। लखनऊ के खदरा, मदेयगंज और सआदतगंज जैसे इलाकों में इसे प्रमुखता से बेचा जाता था। इसके अलावा बहराइच, सीतापुर और शाहजहांपुर जैसे जिलों में भी इसकी मांग थी। गिरोह ने स्थानीय किराना दुकानदारों को सस्ती दरों पर चायपत्ती उपलब्ध कराई, जिसे वह मुनाफे के साथ बेचते थे। 30 लाख का स्टॉक जब्त, जांच जारी
छापेमारी के दौरान जब्त किए गए माल की कीमत करीब 30 लाख रुपए बताई जा रही है। इसमें चायपत्ती के अलावा पैकिंग मशीन, रंग, हार्डस्टोन पाउडर और अन्य उपकरण शामिल हैं। खाद्य सुरक्षा अधिकारियों ने चायपत्ती के नमूने जांच के लिए भेज दिए हैं। गिरोह की सप्लाई चेन और इससे जुड़े अन्य सदस्यों की तलाश जारी है। पैकिंग और टैक्स चोरी का खेल
गिरफ्तार आरिफ ने बताया कि उसके पास जीएसटी रजिस्ट्रेशन या लाइसेंस नहीं था। वह ब्रांड नेम का इस्तेमाल कर चायपत्ती को पैक करता था। लेनदेन का कोई रिकॉर्ड नहीं रखा जाता था, जिससे किसी भी तरह की टैक्स चोरी का पता न चल सके। एक्सपर्ट बोले- उपभोक्ता रहें जागरूक
खाद्य विशेषज्ञ डॉ. अंशुल ने कहा, इस तरह के केमिकल वाले चायपत्ती का सेवन करने से पेट के अल्सर, कैंसर और अन्य बीमारियों का खतरा बढ़ सकता है। यह बहुत गंभीर मामला है और उपभोक्ताओं को जागरूक होना चाहिए।
छापेमारी की मूल खबर भी पढ़ें… लखनऊ में पत्थर और केमिकल से बन रही चाय पत्ती:STF ने फैक्ट्री पर मारा छापा, 11000 किलो माल जब्त; 18 जिलों में सप्लाई लखनऊ में STF और खाद्य सुरक्षा विभाग (FSDA) ने नकली चाय पत्ती बनाने की फैक्ट्री पकड़ी है। यहां केमिकल और सेंडस्टोन (बलुआ पत्थर) मिलाकर चायपत्ती तैयार की जा रही थी। इसे अलग-अलग नाम के रैपर में पैक कर लखनऊ और आसपास के इलाकों में बेचा जा रहा था। फैक्ट्री मड़ियांव थाना क्षेत्र के फैजुल्लागंज में स्थित फैक्ट्री में से टीम ने 11 हजार किलो नकली चायपत्ती, सिंथेटिक कलर और सेंडस्टोन बरामद किया है। इसकी कीमत 13 लाख रुपए है। अधिकारियों ने चायपत्ती, सिंथेटिक रंग और सेंडस्टोन के सैंपल लेकर जांच के लिए लैब भेज दिए हैं। पूरी खबर पढ़ें… लखनऊ के फैजुल्लागंज में नकली चायपत्ती बनाने की फैक्ट्री का खुलासा हुआ है। छापेमारी के दौरान बड़ी मात्रा में नकली चायपत्ती और उसे बनाने का सामान बरामद हुआ है। कई ब्रांडेड चायपत्ती कंपनियों के रैपर भी बरामद हुए हैं। रैपर लगाकर नकली चायपत्ती को ब्रांडेड कंपनियों के नाम पर मार्केट में सप्लाई की जा रही थी। इस गिरोह की जड़ें न केवल भारत बल्कि पड़ोसी देश नेपाल तक फैली हुई हैं। छापेमारी के दौरान लगभग 11,209 किलोग्राम नकली चायपत्ती, रंग, केमिकल और पैकिंग सामग्री जब्त की गई है। गिरोह नेपाल से सस्ती और घटिया चायपत्ती मंगाकर उसमें खतरनाक केमिकल और रंग मिलाकर ब्रांडेड कंपनी के रैपर में पैक कर बाजार में बेचता था। सीतापुर के रहने वाले आरिफ को STF और FSDA की टीम ने मिलकर गिरफ्तार किया है। अब जानिए कैसे चल रहा था यह कारोबार ? कौन सी घातक बीमारियां लोगों को हो सकती हैं…। पहले देखें तीन तस्वीरें… नेपाल से खरीदते सस्ती चायपत्ती
छापेमारी में गिरफ्तार मुख्य आरोपी मोहम्मद आरिफ ने कई चौंकाने वाले खुलासे किए। आरिफ ने बताया कि वह और उसके साथी नेपाल से सस्ती चायपत्ती मंगाते थे। इस चायपत्ती को पहले कई तरह के केमिकल और रंगों से मिलाकर इसे स्ट्रॉन्ग और कलरयुक्त बनाया जाता था। इसके बाद बड़े ब्रांड्स जैसे गार्डन फेस, लम्सा, गुड मॉर्निंग असम और टाइगर चाय के नाम से पैकिंग कर बाजार में उतारते थे। 40 जिलों में करते थे सप्लाई
गिरोह ने फैजुल्लागंज के तीन मंजिला मकान में गोदाम, फैक्ट्री और पैकिंग सेंटर बनाया था। यहां रोजाना 2 क्विंटल से अधिक चायपत्ती तैयार कर उत्तर प्रदेश के 40 जिलों में सप्लाई की जाती थी। लखनऊ, बाराबंकी, सीतापुर, शाहजहांपुर और बहराइच जैसे जिलों में यह चायपत्ती प्रमुखता से बेची जाती थी। एक साल की निगरानी, फिर बड़ा ऑपरेशन
STF को पिछले एक साल से इस गिरोह की गतिविधियों की जानकारी मिल रही थी। STF के डिप्टी एसपी अवनीश्वर चंद्र श्रीवास्तव और निरीक्षक फैजुद्दीन सिद्दीकी के नेतृत्व में मंगलवार को फैजुल्लागंज इलाके में छापेमारी की गई। इस ऑपरेशन में FSDA के अधिकारी, स्थानीय पुलिस और महिला पुलिसकर्मी भी शामिल रहीं। छापेमारी में बड़ी मात्रा में मिलावटी चायपत्ती, उपकरण, रंग, हार्डस्टोन पाउडर और पैकिंग सामग्री जब्त की गई। STF टीम को मुखबिर से सूचना मिली थी कि फैजुल्लागंज में नकली चायपत्ती बनाने का बड़ा कारोबार चल रहा है। FSDA को भी फर्जी फैक्ट्री के बारे में पता चला। सूचना के आधार पर अधिकारियों ने फैजुल्लागंज की कृष्णलोक कॉलोनी के मकान नंबर-58 पर छापा मारा। कैंसर होने का खतरा
STF और FSDA की जांच में पाया गया कि मिलावटी चायपत्ती में इस्तेमाल किए गए रंग और केमिकल मानव स्वास्थ्य के लिए बेहद हानिकारक हैं। लगातार इस चाय के सेवन से पेट संबंधी बीमारियां, कैंसर और अन्य गंभीर समस्याएं हो सकती हैं। खाद्य सुरक्षा अधिकारी सीताराम सिंह कुशवाहा ने बताया, मिलावट में इस्तेमाल किए गए रंग और हार्डस्टोन पाउडर बेहद जहरीले हैं। यह मानव शरीर को गंभीर नुकसान पहुंचा सकते हैं। सस्ते दामों में बेचते थे
गिरोह उत्तर प्रदेश के लगभग 40 जिलों में नकली चायपत्ती की सप्लाई कर रहा था। लखनऊ के खदरा, मदेयगंज और सआदतगंज जैसे इलाकों में इसे प्रमुखता से बेचा जाता था। इसके अलावा बहराइच, सीतापुर और शाहजहांपुर जैसे जिलों में भी इसकी मांग थी। गिरोह ने स्थानीय किराना दुकानदारों को सस्ती दरों पर चायपत्ती उपलब्ध कराई, जिसे वह मुनाफे के साथ बेचते थे। 30 लाख का स्टॉक जब्त, जांच जारी
छापेमारी के दौरान जब्त किए गए माल की कीमत करीब 30 लाख रुपए बताई जा रही है। इसमें चायपत्ती के अलावा पैकिंग मशीन, रंग, हार्डस्टोन पाउडर और अन्य उपकरण शामिल हैं। खाद्य सुरक्षा अधिकारियों ने चायपत्ती के नमूने जांच के लिए भेज दिए हैं। गिरोह की सप्लाई चेन और इससे जुड़े अन्य सदस्यों की तलाश जारी है। पैकिंग और टैक्स चोरी का खेल
गिरफ्तार आरिफ ने बताया कि उसके पास जीएसटी रजिस्ट्रेशन या लाइसेंस नहीं था। वह ब्रांड नेम का इस्तेमाल कर चायपत्ती को पैक करता था। लेनदेन का कोई रिकॉर्ड नहीं रखा जाता था, जिससे किसी भी तरह की टैक्स चोरी का पता न चल सके। एक्सपर्ट बोले- उपभोक्ता रहें जागरूक
खाद्य विशेषज्ञ डॉ. अंशुल ने कहा, इस तरह के केमिकल वाले चायपत्ती का सेवन करने से पेट के अल्सर, कैंसर और अन्य बीमारियों का खतरा बढ़ सकता है। यह बहुत गंभीर मामला है और उपभोक्ताओं को जागरूक होना चाहिए।
छापेमारी की मूल खबर भी पढ़ें… लखनऊ में पत्थर और केमिकल से बन रही चाय पत्ती:STF ने फैक्ट्री पर मारा छापा, 11000 किलो माल जब्त; 18 जिलों में सप्लाई लखनऊ में STF और खाद्य सुरक्षा विभाग (FSDA) ने नकली चाय पत्ती बनाने की फैक्ट्री पकड़ी है। यहां केमिकल और सेंडस्टोन (बलुआ पत्थर) मिलाकर चायपत्ती तैयार की जा रही थी। इसे अलग-अलग नाम के रैपर में पैक कर लखनऊ और आसपास के इलाकों में बेचा जा रहा था। फैक्ट्री मड़ियांव थाना क्षेत्र के फैजुल्लागंज में स्थित फैक्ट्री में से टीम ने 11 हजार किलो नकली चायपत्ती, सिंथेटिक कलर और सेंडस्टोन बरामद किया है। इसकी कीमत 13 लाख रुपए है। अधिकारियों ने चायपत्ती, सिंथेटिक रंग और सेंडस्टोन के सैंपल लेकर जांच के लिए लैब भेज दिए हैं। पूरी खबर पढ़ें… उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर