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Bihar News: ‘घर खाली नहीं किए तो जान से हाथ धो बैठोगे’, मुंगेर में RJD नेता को जान से मारने की मिली धमकी
Bihar News: ‘घर खाली नहीं किए तो जान से हाथ धो बैठोगे’, मुंगेर में RJD नेता को जान से मारने की मिली धमकी <p><strong>Munger RJD Leader Threat To Kill:</strong> मुंगेर के बेलन बाजार स्थित अपने आवास पर शुक्रवार (19 जुलाई) को आरजेडी महानगर अध्यक्ष सैयद जुनैद मखमूर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस किया. जहां उन्होंने कहा कि जिला महानगर प्रधान महासचिव को उनके मकान मालिक ने जान से मारने की धमकी दी है. इसे लेकर पुलिस अच्छी तरह जांच करे और दोषियों पर कानूनी कार्रवाई हो. </p>
<p><strong>मुंगेर में आरजेडी नेता को मिली धमकी</strong></p>
<p>दरअसल मुंगेर के मंगल बाजार मोहल्ले में चार सालों से किराए में मकान लेकर रह रहे आरजेडी के महानगर प्रधान महा सचिव राज रमण से किसी बात को लेकर उनके मकान मालिक दवेंद्र कुमार सिंह और उनके परिवार वालों के बीच विवाद हो गया. इसके बाद मकान मालिक देवेंद्र कुमार सिंह के परिवार वालो ने उन्हें जान से मारने की धमकी दे दी, जिसके बाद प्रधान महासचिव ने इस मामले को लेकर वासुदेवपुर थाना में आवेदन देकर पुलिस से जानमाल की गुहार लगाई.</p>
<p>इसी मामले को लेकर जिला आरजेडी महानगर अध्यक्ष सैयद जुनैद मखमूर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की. उन्होंने कहा कि आरजेडी के महानगर प्रधान सचिव राज रमण किराए के मकान में रहते हैं, जंहा मकान मालिक ने उनसे अभद्र व्यवहार के साथ घर खाली करने की धमकी दी जो गलत है. उन्होंने कहा कि इसको लेकर प्रधान महासचिव ने वासुदेवपुर थाना में आवेदन दिया है. हम लोगों की मांग है कि पुलिस इस मामले पर जल्द से जल्द कार्रवाई करे.</p>
<p>वहीं, आरजेडी के पूव प्रवक्ता मंटू शर्मा ने कहा कि इस इस सुशासन की सरकार में जब से नया कानून आया है, उतना ही क्राइम का ग्राफ में बढ़ोतरी हुई है. आए दिन जिले में डबल मर्डर हो रहा है. लूट बंद घरों में चोरी रंगदारी का मामला बढ़ गया है. अपराधियों में पुलिस का डर दिखता ही नहीं है. अपराधी बढ़ चढ़ कर घटना को अंजाम देकर अपनी उपस्थिति दर्ज कराने में जुटा हुए हैं और अब हमारे पार्टी के प्रधान महासचिव को जान से मारने की धमकी दी जा रही है.</p>
<p>उन्होंने कहा कि हम जानते हैं जिसका घर होता है. उसी का होता है, लेकिन घर खाली कराने का तरीका प्रेम पूर्वक होना चाहिए. कुछ समय दिया जाता है ना कि डरा धमका कर घर खाली कराया जाता है. पुलिस इसकी जांच कर दोषियों पर कानूनी कार्रवाई करे और जान माल की सुरक्षा दे.</p>
<p><strong>मामले में क्या बोले आरजेडी नेता?</strong></p>
<p>वहीं राज रमण ने कहा कि हम देवेंद्र सिंह के मकान मंगल बाज़ार मोहल्ले में चार सालों से रह रहे हैं, हम दोनों के बीच एक पारिवारिक रिश्ता है, मगर एक दिन कुछ अपराधी तत्व व्यक्ति ने मुझे घर खाली कराने को लेकर धमकी दी. हमने उस बात को नजरअंदाज किया, मगर कुछ दिन पूर्व देवेन्द्र अपने पुत्र और पत्नी के साथ मेरे घर पर धमक गए और अभद्र व्यवहार करते हुए गली गलौज की. उनकी पत्नी और पुत्र ने हमे जान से मारने की धमकी दे डाली. कहा अगर जल्द घर खाली नहीं किए तो तुम अपने जान से हाथ धो बैठोगे.</p>
<p>राज रमण ने कहा कि हम घर में सिर्फ पति पत्नी रहते हैं. हमे दो बेटी है, जो बाहर पढ़ती है. हमारे साथ देवेंद्र सिंह ने जो घटना किया उससे हम सहमे डरे हुए हैं. हमारे साथ जो भी घटना घटी वह सभी घर में लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद है. पुलिस इसकी निष्पक्ष जांच कर दोषियों पर कानूनी कार्रवाई करे. मेरे और मेरे परिवार की जान माल की सुरक्षा प्रदान करे.</p>
<p><strong>ये भी पढ़ेंः <a href=”https://www.abplive.com/states/bihar/bihar-rjd-leader-mrityunjay-tiwari-on-samrat-chaudhary-over-lalu-family-murderer-of-mukesh-sahani-father-ann-2741214″>Bihar Politics: ‘अपराध से बिहार कराह रहा, NDA के लोग लालू-तेजस्वी चालीसा पढ़ रहे हैं’, सम्राट चौधरी पर मृत्युंजय तिवारी का पलटवार</a></strong></p>
संभल में जामा मस्जिद या हरिहर मंदिर? ASI की 150 साल पुरानी रिपोर्ट में पृथ्वीराज चौहान का जिक्र
संभल में जामा मस्जिद या हरिहर मंदिर? ASI की 150 साल पुरानी रिपोर्ट में पृथ्वीराज चौहान का जिक्र <p style=”text-align: justify;”><strong>Sambhal Shahi Masjid History:</strong> अयोध्या, मथुरा, काशी के साथ यूपी के संभल में स्थित शाही जामा मस्जिद जिसे बाबरी मस्जिद भी कहा जाता है, इस पर भी हिन्दू पक्ष द्वारा दावा किया जाता है कि ये हर हरिहर मंदिर है. ये मामला कोर्ट में चल रहा है, हिन्दू पक्ष का कहना है कि ये मस्जिद भी मंदिर को तोड़कर बनाई गई है. लेकिन, इसकी सच्चाई क्या है? क्या ये मस्जिद सच में मजहबी स्थल है या फिर किसी हिंदू मंदिर को तोड़ कर बनाई गई है. एबीपी न्यूज ने इस सवाल की पड़ताल की, जिसमें चौंकाने वाला खुलासा हुआ है. </p>
<p style=”text-align: justify;”>इस सवाल का जवाब तलाशने के लिए एबीपी न्यूज की टीम ने ऐतिहासिक और पुरातात्विक (Archeological) साक्ष्य खंगालने शुरू किए और हमारे हाथ लगी भारतीय पुरातत्व विभाग (Archeological Survey of India) की साल 1879 की एक्सक्लूसिव रिपोर्ट जिसमें संभल की जामा मस्जिद का पूरा सर्वेक्षण है. ये रिपोर्ट ASI के तत्कालीन अधिकारी एसीएल कारले ने संभल की जामा मस्जिद का 1875 में सर्वेक्षण करके तैयार किया था. इस रिपोर्ट का टाइटल है Tours in the Central Doab and Gorakhpur 1874–1875 and 1875–1876.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>पुरानी रिपोर्ट में चौंकाने वाले खुलासा</strong><br />रिपोर्ट के पेज 25 और 26 में ASI ने अपने सर्वेक्षण में पाया था कि मस्जिद के अंदर और बाहर के खंभे पुराने हिंदू मंदिर के हैं, जिसे प्लास्टर लगा कर छुपा दिया गया है. ASI ने अपने इस दावे के पीछे तर्क दिया था कि सर्वेक्षण के दौरान ASI के अधिकारी ने पाया कि मस्जिद के एक खंभे से प्लास्टर उखड़ा हुआ है और ईंटों के पीछे सर्वे करने पर पता लगा कि इसके पीछे लाल रंग का खंभा है जो ना सिर्फ मस्जिद के कालखंड के प्राचीन है बल्कि ऐसे खंभे हिंदू मंदिरों के होते हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”><br /><img src=”https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2024/11/22/820b36a147857b3b3637d177482617df1732241923968487_original.jpg” /></p>
<p style=”text-align: justify;”>मस्जिद के खंभों के अलावा ASI ने अपनी सर्वेक्षण रिपोर्ट में बताया था कि मस्जिद के गुंबद का जीर्णोद्धार हिंदू सम्राट पृथ्वीराज चौहान ने करवाया था, साथ ही मस्जिद के हिन्दू खंभे, मुस्लिम खंभों से बिल्कुल अलग हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”><br /><img src=”https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2024/11/22/9e6c098bea336fd6f1f331f8b020727c1732241970552487_original.jpg” /></p>
<p style=”text-align: justify;”>संभल की जामा मस्जिद के हिन्दू मन्दिर को तोड़ कर बनाया जाने पर ASI का सबसे बड़ा तर्क मस्जिद का एक शिलालेख था. जिसका उल्लेख करते हुए ASI ने अपनी रिपोर्ट में लिखा था कि मस्जिद में मौजूद शिलालेख जिस पर दर्ज है कि इसका निर्माण 933 हिजरी साल में पूरा हुआ था और हिंदू मंदिर से इसे मस्जिद में परिवर्तित करने वाले व्यक्ति का नाम मीर हिंदू बेग है जो कि बाबर का दरबारी था.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>बाबरनामा में भी मंदिर को मस्जिद बनाने का जिक्र</strong><br />ASI की रिपोर्ट के इतर हिंदू पक्ष के याचिकर्ता हरिशंकर जैन ने अपनी याचिका में बाबरनामा का जिक्र करते हुए याचिका में दावा किया है कि बाबरनामा के अंग्रेजी अनुवाद में दर्ज है कि भगवान विष्णु के हिन्दू मन्दिर का मस्जिद में परिवर्तन मीर हिंदू बेग नाम के बाबर के दरबारी ने किया था जैसा कि उल्लेख शिलालेख में भी मिलता है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>हिंदू पक्ष के इस दावे पर मुहर लगाते हुए इतिहासकार और भारतीय इतिहास अनुसंधान परिषद के निदेशक डॉ ओमजी उपाध्याय ने एबीपी न्यूज से बात करते कहा कि बाबरनामा से लेकर तारीख ए बाबरी में इस बात के कई प्रमाण मिलते हैं कि संभल की जामा मस्जिद भगवान विष्णु के मंदिर को तोड़ कर बनी है, बाबरनामा जिसे खुद बाबर ने लिखा था और जिसका अंग्रेजी अनुवाद बेवरेज ने किया है उसके पेज नंबर 687 पर साफ साफ लिखा है बाबर के आदेश पर उसके दरबारी मीर हिंदू बेग ने संभल के हिंदू मंदिर को जामा मस्जिद में परिवर्तित किया.</p>
<p style=”text-align: justify;”>डॉ ओमजी उपाध्याय की माने तो इतिहास में कई ऐसे उदाहरण मिलते हैं जहां इस्लामी आक्रांताओं ने मंदिरों को मस्जिद में परिवर्तित किया, ऐसा इसलिए नहीं था कि जगह की कमी थी ऐसा इसलिए किया गया क्योंकि भारत की हिन्दू आबादी के सामने आक्रांताओं को दिखाना था कि वो उनके गुलाम हैं और ऐसा एक दो के साथ नहीं किया बल्कि 1800 से ज्यादा मस्जिदों का इतिहास पूर्व में किताबों में दर्ज है जो कभी हिंदू मंदिर थे.</p>
<p style=”text-align: justify;”>हिंदू पक्ष के याचिकर्ता हरिशंकर जैन ने एबीपी न्यूज से बातचीत करते हुए कहा कि अयोध्या, काशी, मथुरा, भोजशाला, कुतुब मीनार और अब संभल की मस्जिद के बाद अभी और भी ऐसी मस्जिदें हैं जो हिंदू मंदिर तोड़ कर बने हैं और आने वाले दिनों में वो कोर्ट में उसके लिए भी लड़ेंगे.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>मुस्लिम पक्ष ने हिन्दू पक्ष के दावे को नकारा</strong><br />हालांकि इस पूरे मामले में मुस्लिम पक्ष के तर्क हिंदू पक्ष, इतिहासकारों और पुरातत्व सबूतों से अलग हैं. संभल की जामा मस्जिद के अध्यक्ष मोहम्मद जफर का दावा है कि मस्जिद किसी भी मंदिर को तोड़ कर नहीं बनी और मस्जिद के हिन्दू मन्दिर के कोई निशान नहीं है. संभल की जामा मस्जिद के कोर्ट कमिश्नर सर्वे के आदेश पर मोहम्मद जफर आश्चर्य जताते हुए दावा करते हैं कि ऐसा पहली बार हुआ है एक ही दिन में कोर्ट के मामला आता है, उसी दिन सुनवाई होती है और याचिका स्वीकार होकर कोर्ट कमिश्नर सर्वे का आदेश होता है और उसी रात सर्वे शुरू भी हो जाता है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>संभल की जामा मस्जिद में कोर्ट कमिश्नर सर्वे का पहला चरण मंगलवार को हुआ था और आने वाले दिन में अभी फिर से सर्वे टीम मस्जिद में जाकर सर्वे का काम पूरा करेगी और कोर्ट को अपनी रिपोर्ट सौंपेगी.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong><a href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/mathura-parliament-passes-resolution-to-make-cow-state-mother-and-remove-shahi-idgah-mosque-2828058″>मथुरा में धर्म संसद का आयोजन, कृष्ण जन्मभूमि परिसर से शाही ईदगाह-मीना मस्जिद हटाने का प्रस्ताव</a></strong><br /><br /></p>
सिद्धू ने सोशल मीडिया पर शेयर की वीडियो:नवजोत बोले- सांपों के डर से जंगल नहीं छोड़े जाते, समर्थकों ने कहा-पाजी इज बैक
सिद्धू ने सोशल मीडिया पर शेयर की वीडियो:नवजोत बोले- सांपों के डर से जंगल नहीं छोड़े जाते, समर्थकों ने कहा-पाजी इज बैक कांग्रेस पार्टी से करीब 9 महीने से दूरी बनाकर चले सीनियर नेता और पूर्व क्रिकेटर नवजोत सिंह सिद्धू क्या आने वाले समय में फिर से राजनीति में एक्टिव होंगे? यह तो अभी कहा नहीं जा सकता है। लेकिन उन्होंने सोशल मीडिया अकाउंट एक्स इस तरह के वीडियो शेयर कर अपने इरादे साफ कर दिए हैं। उन्होंने 3 दिन में 2 इस तरह के वीडियो शेयर किए है। सिद्धू ने 3 पहले शेयर किए अपने 9 सेकेंड के वीडियो में कहा है कि फन कुचलने का हुनर सीखिए जनाब, सांपों के डर से जंगल नहीं छोड़े जाते। वहीं, एक वीडियो उन्होंने कुछ समय पहले शेयर किया है। जिसमें वह कह रहे हैं हीरे की शफा है तो अंधेरों में चमक, धूप में तो शीशा भी चमकता है। वहीं, उनकी पोस्ट पर कई लोगों ने कमेंट किए । जिसमें कुछ ने लिखा है पाजी इज बैक, तो एक न लिखा है कि भाजी आपके इलाकों को आपकी बहुत जरूरत है। जनवरी में कांग्रेस से बना ली थी दूरी नवजोत सिंह सिद्धू ने इस साल जनवरी से प्रदेश कांग्रेस से दूरी बना ली थी। वह न तो किसी कांग्रेस की मीटिंग में शामिल हुए थे, और न ही कांग्रेस के मंच पर दिखे थे। यहां तक कि लोकसभा चुनाव में भी वह पार्टी से दूर रहे । उन्होंने किसी भी उम्मीदवार के हक में प्रचार तक नहीं किया। पटियाला के सांसद डॉ. धर्मवीर गांधी ने चुनाव के समय कहा था कि नवजोत सिंह सिद्धू ने उनसे वादा किया था कि वह उनके लिए प्रचार करने आएंगे। हालांकि वह उनके लिए भी प्रचार करने नहीं गए थे। वहीं, उनके करीबी रहे नेता और पूर्व प्रधान प्रधान मोहिंदर सिंह केपी शिरोमणि अकाली दल में शामिल हो गए थे। केंद्र नहीं पंजाब की राजनीति में दिलचस्पी नवजोत सिंह सिद्धू की केंद्र की राजनीति में दिलचस्पी नहीं है। वह पंजाब के लोगों की सेवा करना चाहते हैं। मार्च माह में लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लगने से पहले वह पंजाब के तत्कालीन गवर्नर बीएल पुरोहित से मिलने पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने गवर्नर से मुलाकात के बाद कहा था कि वह केंद्र नहीं पंजाब की सेवा करना चाहते हैं। उन्होंने केंद्र में मंत्री बनना होता तो वह 2014 में ही बन जाते। उस समय भाजपा उन्हें कुरुक्षेत्र से मैदान में उतार रही थी। वहीं, उन्होंने पंजाब के लिए पद छोड़ा है। दशक बाद कमेंट्री में की वापसी इसी साल 22 मार्च को नवजोत सिंह सिद्धू ने क्रिकेट में वापसी की थी। उन्होंने इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) 2024 में कमेंट्री शुरू की थी। लेकिन उन्होंने कुछ ही समय में लोगों का दिल जीत लिया था। उनकी कमेंट्री को सुनकर लगता ही नहीं था कि वह करीब एक दशक तक कमेंट्री से दूर रहे हैं। हालांकि इस दौरान वह अपनी पत्नी का पूरा ख्याल रखते थे। क्योंकि उनकी पत्नी कैंसर से जंग लड़ रही है। ऐसे में उनकी सेहत से जुड़ा अपडेट शेयर करते है। इसके अलावा पिछले दिनों वह परिवार के साथ घूमकर आए है। इसकी जानकारी भी उन्होंने शेयर की है।