उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में तीन दिवसीय आम महोत्सव का शुभारंभ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के द्वारा 12 जुलाई को किया जाएगा। उत्तर प्रदेश में पैदा होने वाले आम की विभिन्न प्रजातियों को लोगो के बीच में लोकप्रिय बनाने व संरक्षण देने के लिए इस तीन दिवसीय आम महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है। दुनिया भर में आम का सबसे ज्यादा निर्यात उत्तर प्रदेश के द्वारा किया जाता है। यही कारण है की सरकार आम की गुणवत्ता बढ़ाने के साथ ही पैकेजिंग पर विशेष ध्यान दे रही है। जिससे आम के निर्यात में बढ़ोत्तरी हो और आम व्यापारियों की आमदनी बढे़ और इसके साथ ही आम के किसानों को भी इसका लाभ मिले सके। प्रदेश के कृषि विपणन एवं कृषि निर्यात राज्य मंत्री दिनेश प्रताप सिंह ने बताया कि फलों का राजा आम खासतौर से उत्तर प्रदेश में अपनी विशिष्ट पहचान रखता है। एक बडे़ क्षेत्रफल में विभिन्न प्रजातियों का उत्पादन किया जाता है और आम उत्पादन में स्वरोजगार के साथ ही आमदनी की संभावनाएं हैं। राज्य सरकार आम की गुणवत्ता, विविधिता तथा विभिन्न प्रजातियों को बढ़ावा देने के लिए लगातार प्रयास कर रही है। इसके लिए आम उत्पादको के लिए पैकहाउस से लेकर निर्यातको, खुदरा व्यापारियों और रेस्टोरेन्ट एवं आमजनमानस को एक मंच पर लाकर आम की बिक्री और खपत बढ़ाने पर विशेष जोर दिया जा रहा हैं। आम निर्यात की पूरी श्रृंखला की जानकारी देने के लिए यह तीन दिवसीय आम महोत्सव का आयोजन किया जा रहा हैं। 800 से अधिक आम के प्रदर्शन के लिए लगेंगे 100 से ज्यादा स्टॉल उद्यान मंत्री ने बताया कि आम महोत्सव-2024 में आम के सभी किसान, समितियां, स्वयं सहायता समूह, पैक हाउस, फूड प्रोसेसर, निर्यातक, व्यापारी, नर्सरी मालिक, मशीनरी और उपकरण आपूर्तिकर्ता, शोधकर्ता, वैज्ञानिक भी शामिल होगें। आम महोत्सव 2024 में लगभग 800 से अधिक आम की प्रजातियों का प्रदर्शन किया जायेगा। इस साल 100 से अधिक स्टॉल लगाए जा रहे हैं। आम महोत्सव में आम से बने विभिन्न पकवान एवं व्यंजन भी प्रदर्शित किये जायेंगे, साथ ही प्रतिभागियों द्वारा तैयार आम के पकवानों की प्रतियोगिता का भी आयोजन किया जायेगा। आप महोत्सव में प्रतियोगिताएं और प्रशिक्षण सेमिनार का किया जाएगा आयोजन इस साल विशेष आकर्षण में आम विविधता प्रदर्शनी में 120 से अधिक किस्मों के प्रदर्शन किया जायेगा। इस अवसर पर आम उत्पादकों-विक्रेताओं एवं क्रेताओं-निर्यातकों की एक बॉयर सेलर मीट का आयोजन कराकर आम क्रेताओं-विक्रेताओं को एक मंच उपलब्ध कराया जायेगा, इससे अन्य प्रान्तों में भी आम के और अधिक प्रभावी विपणन के लिए कार्यवाही की जा सकेगी। इसके साथ ही विभिन्न प्रतियोगितायें और प्रशिक्षण सेमीनार आयोजित किये जायेंगे। आम महोत्सव में प्रदेश के अतिरिक्त मध्य प्रदेश, उत्तराखण्ड, छत्तीसगढ़, राजस्थान एवं अन्य राज्यों के उद्यान विभाग के प्रतिनिधि, प्रगतिशील बागवान एवं निर्यातकों द्वारा प्रतिभाग किया जायेगा। आम के निर्यात को बढ़ावा देने के लिए बनेगा इंटीग्रेटेड टेस्टिंग एवं ट्रीटमेंट पार्क उद्यान मंत्री ने बताया कि आम महोत्सव प्रदेश के कृषि उत्पादों को देश और दुनिया के बाजार में स्थान दिला रहा है। प्रदेश से सीधे कार्गाे द्वारा दूसरे देशों को आम एवं अन्य फलों व सब्जियों के सीधे निर्यात हेतु तथा प्रदेश से अन्य देशों में निर्यात को बढ़ावा देने के लिए जेवर एयरपोर्ट के पास इंटीग्रेटेड टेस्टिंग एवं ट्रीटमेंट पार्क का निर्माण किया जाना प्रस्तावित है। इससे प्रदेश द्वारा दूसरे देशों को फल एवं सब्जी के निर्यात पर होने वाले भारी व्यय में कटौती होगी जिससे की किसानों को उनके उत्पादों का लाभ प्राप्त हो सकेगा। उन्होंने बताया कि प्रदेश में 3.20 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल में लगभग 58 लाख मीट्रिक टन से अधिक आम का पैदावार होता हैं। इस साल उत्तर प्रदेश से प्रथम बार जून माह के प्रारम्भ में केन्द्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान, रहमानखेड़ा, लखनऊ के प्रयासों से अमेरिका को आम का निर्यात किया गया है। साल 2024 के जून महीने में अब तक 70 मीट्रिक टन आम का निर्यात किया जा चुका है। वही मंत्री ने बताया कि पिछले साल की तरह इस साल भी आम महोत्सव के अवसर पर प्रदेश से जापान एवं मलेशिया को आम का निर्यात किया जायेगा। साल 2023 में प्रदेश से 44.59 मीट्रिक टन आम का निर्यात अन्य देशों को किया गया। वही पिछले साल आम महोत्सव 2023 में 7 श्रेणियों के 58 वर्गों में लगभग 700 से अधिक प्रजातियों का प्रदर्शन किया गया। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में तीन दिवसीय आम महोत्सव का शुभारंभ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के द्वारा 12 जुलाई को किया जाएगा। उत्तर प्रदेश में पैदा होने वाले आम की विभिन्न प्रजातियों को लोगो के बीच में लोकप्रिय बनाने व संरक्षण देने के लिए इस तीन दिवसीय आम महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है। दुनिया भर में आम का सबसे ज्यादा निर्यात उत्तर प्रदेश के द्वारा किया जाता है। यही कारण है की सरकार आम की गुणवत्ता बढ़ाने के साथ ही पैकेजिंग पर विशेष ध्यान दे रही है। जिससे आम के निर्यात में बढ़ोत्तरी हो और आम व्यापारियों की आमदनी बढे़ और इसके साथ ही आम के किसानों को भी इसका लाभ मिले सके। प्रदेश के कृषि विपणन एवं कृषि निर्यात राज्य मंत्री दिनेश प्रताप सिंह ने बताया कि फलों का राजा आम खासतौर से उत्तर प्रदेश में अपनी विशिष्ट पहचान रखता है। एक बडे़ क्षेत्रफल में विभिन्न प्रजातियों का उत्पादन किया जाता है और आम उत्पादन में स्वरोजगार के साथ ही आमदनी की संभावनाएं हैं। राज्य सरकार आम की गुणवत्ता, विविधिता तथा विभिन्न प्रजातियों को बढ़ावा देने के लिए लगातार प्रयास कर रही है। इसके लिए आम उत्पादको के लिए पैकहाउस से लेकर निर्यातको, खुदरा व्यापारियों और रेस्टोरेन्ट एवं आमजनमानस को एक मंच पर लाकर आम की बिक्री और खपत बढ़ाने पर विशेष जोर दिया जा रहा हैं। आम निर्यात की पूरी श्रृंखला की जानकारी देने के लिए यह तीन दिवसीय आम महोत्सव का आयोजन किया जा रहा हैं। 800 से अधिक आम के प्रदर्शन के लिए लगेंगे 100 से ज्यादा स्टॉल उद्यान मंत्री ने बताया कि आम महोत्सव-2024 में आम के सभी किसान, समितियां, स्वयं सहायता समूह, पैक हाउस, फूड प्रोसेसर, निर्यातक, व्यापारी, नर्सरी मालिक, मशीनरी और उपकरण आपूर्तिकर्ता, शोधकर्ता, वैज्ञानिक भी शामिल होगें। आम महोत्सव 2024 में लगभग 800 से अधिक आम की प्रजातियों का प्रदर्शन किया जायेगा। इस साल 100 से अधिक स्टॉल लगाए जा रहे हैं। आम महोत्सव में आम से बने विभिन्न पकवान एवं व्यंजन भी प्रदर्शित किये जायेंगे, साथ ही प्रतिभागियों द्वारा तैयार आम के पकवानों की प्रतियोगिता का भी आयोजन किया जायेगा। आप महोत्सव में प्रतियोगिताएं और प्रशिक्षण सेमिनार का किया जाएगा आयोजन इस साल विशेष आकर्षण में आम विविधता प्रदर्शनी में 120 से अधिक किस्मों के प्रदर्शन किया जायेगा। इस अवसर पर आम उत्पादकों-विक्रेताओं एवं क्रेताओं-निर्यातकों की एक बॉयर सेलर मीट का आयोजन कराकर आम क्रेताओं-विक्रेताओं को एक मंच उपलब्ध कराया जायेगा, इससे अन्य प्रान्तों में भी आम के और अधिक प्रभावी विपणन के लिए कार्यवाही की जा सकेगी। इसके साथ ही विभिन्न प्रतियोगितायें और प्रशिक्षण सेमीनार आयोजित किये जायेंगे। आम महोत्सव में प्रदेश के अतिरिक्त मध्य प्रदेश, उत्तराखण्ड, छत्तीसगढ़, राजस्थान एवं अन्य राज्यों के उद्यान विभाग के प्रतिनिधि, प्रगतिशील बागवान एवं निर्यातकों द्वारा प्रतिभाग किया जायेगा। आम के निर्यात को बढ़ावा देने के लिए बनेगा इंटीग्रेटेड टेस्टिंग एवं ट्रीटमेंट पार्क उद्यान मंत्री ने बताया कि आम महोत्सव प्रदेश के कृषि उत्पादों को देश और दुनिया के बाजार में स्थान दिला रहा है। प्रदेश से सीधे कार्गाे द्वारा दूसरे देशों को आम एवं अन्य फलों व सब्जियों के सीधे निर्यात हेतु तथा प्रदेश से अन्य देशों में निर्यात को बढ़ावा देने के लिए जेवर एयरपोर्ट के पास इंटीग्रेटेड टेस्टिंग एवं ट्रीटमेंट पार्क का निर्माण किया जाना प्रस्तावित है। इससे प्रदेश द्वारा दूसरे देशों को फल एवं सब्जी के निर्यात पर होने वाले भारी व्यय में कटौती होगी जिससे की किसानों को उनके उत्पादों का लाभ प्राप्त हो सकेगा। उन्होंने बताया कि प्रदेश में 3.20 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल में लगभग 58 लाख मीट्रिक टन से अधिक आम का पैदावार होता हैं। इस साल उत्तर प्रदेश से प्रथम बार जून माह के प्रारम्भ में केन्द्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान, रहमानखेड़ा, लखनऊ के प्रयासों से अमेरिका को आम का निर्यात किया गया है। साल 2024 के जून महीने में अब तक 70 मीट्रिक टन आम का निर्यात किया जा चुका है। वही मंत्री ने बताया कि पिछले साल की तरह इस साल भी आम महोत्सव के अवसर पर प्रदेश से जापान एवं मलेशिया को आम का निर्यात किया जायेगा। साल 2023 में प्रदेश से 44.59 मीट्रिक टन आम का निर्यात अन्य देशों को किया गया। वही पिछले साल आम महोत्सव 2023 में 7 श्रेणियों के 58 वर्गों में लगभग 700 से अधिक प्रजातियों का प्रदर्शन किया गया। उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
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Jharkhand: गोड्डा में वोटिंग को लेकर तैयारियां पूरी, मतदाता के समीकरण से लेकर जानें सबकुछ <p style=”text-align: justify;”><strong>Jharkhand Lok Sabha Election 2024:</strong> लोकतंत्र के महापर्व का अब अंतिम दौर चल रहा है .<a title=”लोकसभा चुनाव” href=”https://www.abplive.com/topic/lok-sabha-election-2024″ data-type=”interlinkingkeywords”>लोकसभा चुनाव</a> के सातवें व अंतिम चरण में झारखंड में संथाल परगना तीन सीटों दुमका, राजमहल,और गोड्डा में एक जून को मतदान होना है. गोड्डा लोकसभा में चुनाव को लेकर सारी तैयारियां पूरी कर ली गयी है .गुरुवार को जिले के उपायुक्त सह निर्वाचन पदाधिकारी जीशान कमर तथा एस पी नाथू सिंह मीणा ने संयुक्त प्रेस वार्ता कर दी जानकारी .</p>
<p style=”text-align: justify;”>उपायुक्त ने जानकारी देते हुए बताया कि गोड्डा लोकसभा में 6 विधानसभा क्षेत्र आते हैं, जिनमे जरमुंडी, मधुपुर, वघर, पोड़ैयाहाट, गोड्डा और महागामा विधानसभा क्षेत्र आते हैं. इन 6 विधानसभा क्षेत्रों में कुल 2028154 मतदाता शामिल हैं. इनमें 1050328 पुरुष, 977809 महिलाएं और 17 थर्ड जेंडर मतदाता शामिल हैं .</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>देवघर(सुरक्षित) विधानसभा क्षेत्र में सबसे ज्यादा है मतदाता</strong><br />विधानसभा वार देखें तो 6 विधानसभा क्षेत्रों में देखा जाए तो सबसे ज्यादा देवघर विधानसभा जो सुरक्षित सीट है. वहां सबसे अधिक 4 लाख 35 हजार 306 मतदाता हैं. इसके अलावे जरमुंडी में 266110 ,मधुपुर में 367753 ,पोड़ैयाहाट में 314546 ,गोड्डा में 311406 ,तथा महगामा में 333033 मतदाता हैं. थर्ड जेंडर देवघर में 13,जरमुंडी के 3 तथा पोड़ैयाहाट में 1 मतदाता हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>34 हजार 107 युवा मतदाता पहली बार करेंगे मतदान </strong><br />गोड्डा जिले के तीन विधानसभाओं पोड़ैयाहाट ,गोड्डा और महगामा को मिलाकर इस बार युवा मतदाताओं की संख्या 34 हजार 107 है जिनमे 16214 पुरुष ,17893 महिला मतदाता शामिल है जो पहली बार अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>गोड्डा में कौन किसके साथ?</strong><br />गोड्डा लोकसभा सीट से टिकट के दावेदार पूर्व कांग्रेस सांसद फुरकान अंसारी को इस बार भी टिकट नहीं मिला. इससे फुरकान अंसारी और उनके विधायक बेटे इरफान अंसारी का खेमा नाराज दिखा. रही-सही कसर AIMIM उम्मीदवार मो. मंसूर के नामांकन ने पूरी कर दी. पर बाद में मंसूर ने नामांकन वापस ले लिया और फुरकान अंसारी और इरफान अंसारी भी प्रदीप यादव का साथ देने को राजी हो गए. तो अल्पसंख्यक वोट में सेंधमारी की संभावना खत्म हो गई. कांग्रेस को तो बड़ी राहत मिल गई.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>गोंडा से अजित सिंह की रिपोर्ट.</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ये भी पढ़ें: <a title=”Jharkhand News: झारखंड के पूर्व CM हेमंत सोरेन को राहत नहीं, PMLA कोर्ट ने न्यायिक हिरासत बढ़ाई” href=”https://www.abplive.com/states/jharkhand/hemant-soren-pmla-court-extended-judicial-custody-period-land-scam-case-in-jharkhand-2702519″ target=”_self”>Jharkhand News: झारखंड के पूर्व CM हेमंत सोरेन को राहत नहीं, PMLA कोर्ट ने न्यायिक हिरासत बढ़ाई</a></strong></p>
हिमाचल के नड्डा दूसरी बार बने केंद्रीय मंत्री:अनुराग के पिता से मतभेद के बाद हिमाचल छोड़ा; मोदी घर आते-जाते रहे, शाह के करीबी
हिमाचल के नड्डा दूसरी बार बने केंद्रीय मंत्री:अनुराग के पिता से मतभेद के बाद हिमाचल छोड़ा; मोदी घर आते-जाते रहे, शाह के करीबी हिमाचल से ताल्लुक रखने वाले जगत प्रकाश नड्डा को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी सरकार में बतौर कैबिनेट मिनिस्टर शामिल किया है। BJP के राष्ट्रीय अध्यक्ष के तौर पर नड्डा इसी महीने 30 जून को अपना दूसरा कार्यकाल पूरा करने जा रहे हैं। 2024 का लोकसभा चुनाव भाजपा ने उन्हीं की अगुवाई में लड़ा। हिमाचल के बिलासपुर से संबंध रखने वाले जेपी नड्डा इस समय गुजरात से राज्यसभा के मेंबर हैं। 2 दिसंबर 1960 को जन्मे नड्डा केंद्र सरकार में दूसरी बार मंत्री बने हैं। उन्हें मंत्री बनाकर पीएम मोदी ने हिमाचल के साथ-साथ गुजरात को भी साधने की कोशिश की है। 64 साल के नड्डा, नरेंद्र मोदी और अमित शाह दोनों के करीबी हैं। नड्डा की लाइफ का टर्निंग पॉइंट
हिमाचल में 2007 के विधानसभा में BJP को पूर्ण बहुमत मिलने के बाद प्रेमकुमार धूमल दूसरी बार हिमाचल के CM बने। उनकी सरकार में नड्डा फॉरेस्ट मिनिस्टर बने, लेकिन उनका धूमल के साथ छत्तीस का आंकड़ा रहा। साल 2010 में नड्डा ने राज्य मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया और राज्यसभा सांसद बनकर दिल्ली शिफ्ट हो गए। इसके बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा और संगठन में काम करते हुए भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष की कुर्सी तक पहुंच गए। धूमल सरकार से इस्तीफा देकर दिल्ली जाना नड्डा की लाइफ का टर्निंग पॉइंट साबित हुआ। मोदी का नड्डा के घर आना-जाना, शाह के खास
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वर्ष 1996 से 1998 तक हिमाचल प्रदेश भाजपा के प्रभारी रहे। नड्डा की उसी समय से उनसे नजदीकियां रही हैं। संगठन का काम करते हुए मोदी जब बिलासपुर जाते तो उनका नड्डा के घर आना-जाना रहता था। साल 2014 में भाजपा ने नरेंद्र मोदी को PM फेस घोषित किया। उसके बाद पार्टी ने जेपी नड्डा को चुनाव कैंपेनिंग की मॉनिटरिंग का जिम्मा सौंपा। नड्डा ने दिल्ली स्थित पार्टी मुख्यालय में रहते हुए पूरे देश में पार्टी की कैंपेनिंग की मॉनिटरिंग की। मोदी के अलावा वह अमित शाह के भी करीबी रहे हैं। BJP के राष्ट्रीय अध्यक्ष के तौर पर नड्डा का दूसरा कार्यकाल इसी महीने 30 जून को पूरा हो रहा है। इससे पहले ही उन्हें कैबिनेट में शामिल कर लिया गया। पटना में जन्म, स्कूलिंग भी वहीं से
जेपी नड्डा का जन्म हिमाचल प्रदेश नहीं बल्कि बिहार के पटना में हुआ है। नड्डा के पिता नारायण लाल नड्डा पटना यूनिवर्सिटी में टीचर थे। नड्डा का पालन-पोषण और बीए तक की पढ़ाई पटना में ही हुई। एलएलबी के लिए उन्होंने हिमाचल प्रदेश यूनिवर्सिटी में दाखिला लिया। बड़ा मंत्रालय मिलना तय
कैबिनेट मिनिस्टर बनने के बाद नड्डा को केंद्र में बड़ा पोर्टफोलियो मिलना भी लगभग तय है। वर्ष 2014 में पहली बार प्रधानमंत्री बने नरेंद्र मोदी ने नड्डा को अपनी सरकार में शामिल करते हुए स्वास्थ्य विभाग का जिम्मा सौंपा था। 2019 में दूसरी बार भाजपा की सरकार बनने के बाद मोदी-शाह ने नड्डा को BJP का राष्ट्रीय अध्यक्ष बना दिया। अब मोदी ने नड्डा को फिर से अपने मंत्रिमंडल में शामिल किया है, ऐसे में उन्हें बड़ा मंत्रालय मिलना भी लगभग तय है। नड्डा के कारण अनुराग की छुट्टी
हिमाचल प्रदेश के कोटे से नड्डा के मंत्री बनने के साथ ही, हमीरपुर से 5वीं बार सांसद चुने गए अनुराग ठाकुर की केंद्रीय मंत्रिमंडल से छुट्टी हो गई। वर्ष 2019 में मोदी की अगुवाई वाली सरकार में केंद्रीय सूचनाएवं प्रसारण मंत्रालय संभालने वाले अनुराग ठाकुर इस बार भी मंत्रिपद के दावेदार थे लेकिन नड्डा के मिनिस्टर बन जाने के कारण वह चूक गए। हालांकि सूत्रों का कहना है कि अनुराग ठाकुर को अब भाजपा संगठन में बड़ी जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है। जेपी नड्डा भी वर्ष 2010 में भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री का दायित्व निभा चुके हैं। भाजपा ने तीसरी बार हिमाचल की चारों सीटें जीती
इस लोकसभा चुनाव में BJP ने एक बार फिर से क्लीन स्वीप करते हुए हिमाचल की चारों लोकसभा सीटें जीती है। 2014 और 2019 में भी पार्टी ने प्रदेश की चारों लोकसभा सीटें जीती थी। इस बार शिमला से सुरेश कश्यप, हमीरपुर से अनुराग ठाकुर, कांगड़ा से डॉ. राजीव भारद्वाज और मंडी से कंगना रनोट सांसद चुनी गईं हैं। चारों सांसद पिछले चार दिन से दिल्ली में ही हैं।
पाकिस्तान से आया कॉल, युवक ने लगा ली फांसी:फरीदाबाद में दोस्त बोला- टास्क को पूरा किया; बेटियों को लेकर मायके गई थी पत्नी
पाकिस्तान से आया कॉल, युवक ने लगा ली फांसी:फरीदाबाद में दोस्त बोला- टास्क को पूरा किया; बेटियों को लेकर मायके गई थी पत्नी हरियाणा के फरीदाबाद से एक हैरतअंगेज मामला सामने आया है। यहां पर एक 35 वर्षीय युवक ने पाकिस्तान से आए व्हाट्सएप नंबर पर बात करते समय फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली। उसका शव नवादा गांव स्थित अपने घर में लटकता मिला। पुलिस मामले में छानबीन कर रही है। अमित ने बताया कि नवादा गांव निवासी अरुण उसका दोस्त था। उसकी पत्नी दो बेटियों को लेकर छुट्टियां मनाने मायके गई हुई थी। अरुण व्हाट्सएप कॉलिंग पर बात किया करता था, लेकिन कभी उसने किसी को नहीं बताया कि वह किससे बात करता था। अमित ने बताया की बीती रात भी अरुण लगभग 11:00 बजे उसके ऑफिस से ही निकला था। उसने बताया कि अरुण मैच खेलने का शौकीन था। उसने न केवल उसे, बल्कि अन्य दोस्तों को भी फोन कर आज मैच खेलने को कहा था। रात 11:00 बजे उसके ऑफिस से जाने के बाद अरुण ने लगभग दो ढाई बजे तक एक वॉट्सऐप नंबर से बात की जो कि पाकिस्तान का नंबर था। अरुण के मोबाइल में वह पाक के नाम से सेव भी था। अरुण को वॉट्सऐप पर कोई टास्क दिया गया था, जिसमें अरुण को फांसी लगानी थी और अरुण ने उस टास्क को पूरा करने के लिए खुद फांसी का फंदा गले लगा लिया। फिर दूसरी तरफ से मैसेज आया कि पैर के नीचे से तकिया हटाकर फांसी लगाओ। उसके बाद अरुण ने खुद को फांसी लगा ली। इसमें उसकी मौत हो गई। इसके बाद टास्क दे रहे पाकिस्तान के वॉट्सऐप नंबर पर यह जांचने के लिए फिर वीडियो कॉल और वॉयस कॉल करके चेक किया गया की वह जिंदा है या मर गया। मोबाइल से चैट डिलीट अमित ने बताया कि बीती रात हुए वॉट्सऐप पर पहले के चैट अरुण के मोबाइल से डिलीट पाए गए हैं। अमित ने बताया कि सुबह लगभग 4:00 बजे के आसपास जब अरुण की मां ने अरुण को उसके कमरे में देखा तो वह फंदे पर लटका हुआ था। इसके बाद उन्होंने आसपास के लोगों को इसकी सूचना दी। पुलिस मौके पर पहुंची और अरुण के शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए बादशाह खान सिविल अस्पताल की मोर्चरी में भिजवा दिया। वहीं अमित ने बताया कि घटना की सूचना उसे भी मिली थी। जब वह मौके पर पहुंचे और अरुण का फोन देखा तो स्विच ऑफ था। जब उसे ऑन किया गया तो सबसे पहले मोबाइल की स्क्रीन पर कॉलिंग किया गया पाकिस्तान का वॉट्सऐप नंबर ही स्क्रीन पर आया। इसे देखने के बाद पूरे मामले का खुलासा हो गया कि अरुण ने पाकिस्तान से आए वॉट्सऐप कॉलिंग पर दिए टास्क को पूरा करने के लिए खुद को फांसी का फंदा लगा कर आत्म हत्या कर ली है। वही इस मामले में पुलिस का कहना है की फिलहाल मृतक अरुण का पोस्टमॉर्टम कराया जा रहा है। मोबाइल पर किससे बात की गई और किस वजह से अरुण ने फंदा लगाया, इसकी पूरी जांच की जाएगी। इसी से मौत की असल वजह का खुलासा हो सकेगा।