लखनऊ में ड्यूटी पर तैनात CRPF जवान ने सिर में गोली मारकर आत्महत्या कर ली। जवान केंद्रीय रिजर्व पुलिस लाइन की 93 बटालियन में तैनात था। बटालियन इंस्पेक्टर की सूचना पर पहुंची पुलिस घायल को KGMU ट्रॉमा सेंटर ले गई। यहां डॉक्टरों ने उसको मृत घोषित कर दिया। आशियाना इंस्पेक्टर छत्रपाल सिंह ने बताया, कॉन्स्टेबल उपेंद्र कुमार सिंह (36) पुत्र पिता पारस नाथ सिंह गुरुवार सुबह 8:45 पर ड्यूटी पर तैनात था। इसी दौरान सर्विस राइफल से सिर में सटाकर गोली मार ली। फायरिंग की आवाज सुनकर अन्य साथी मौके पर पहुंचे तो जवान खून से लथपथ पड़ा था। मौके से नहीं मिला सुसाइड नोट हादसे की सूचना मिलते ही मौके पर फॉरेंसिक टीम भी पहुंची और जांच पड़ताल की। मौके से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है। उपेंद्र मूल रूप से बिहार के लखपुरवा रसूलपुर जिला छपरा के रहने वाले थे। आत्महत्या किन कारणों से की है अभी स्पष्ट नहीं हो पाया है। मामले की जांच की जा रही है। मृतक के परिजनों को घटना की सूचना दी गई है। हेड कॉन्स्टेबल पद पर होना था प्रमोशन उपेंद्र की भर्ती 2010 में हुई थी। बताया जा रहा है कि जवान दो दिन पहले ही अल्फा यूनिट पारा से आया था। हेड कॉन्स्टेबल पद पर प्रमोशन होना था। इसके लिए ट्रेनिंग लेने अजमेर जाने वाला था। परिवार में पत्नी रूबी सिंह और दो बच्चे ऋषिकेश कुमार सिंह (14), उज्जवल कुमार सिंह (11) हैं। लखनऊ में ड्यूटी पर तैनात CRPF जवान ने सिर में गोली मारकर आत्महत्या कर ली। जवान केंद्रीय रिजर्व पुलिस लाइन की 93 बटालियन में तैनात था। बटालियन इंस्पेक्टर की सूचना पर पहुंची पुलिस घायल को KGMU ट्रॉमा सेंटर ले गई। यहां डॉक्टरों ने उसको मृत घोषित कर दिया। आशियाना इंस्पेक्टर छत्रपाल सिंह ने बताया, कॉन्स्टेबल उपेंद्र कुमार सिंह (36) पुत्र पिता पारस नाथ सिंह गुरुवार सुबह 8:45 पर ड्यूटी पर तैनात था। इसी दौरान सर्विस राइफल से सिर में सटाकर गोली मार ली। फायरिंग की आवाज सुनकर अन्य साथी मौके पर पहुंचे तो जवान खून से लथपथ पड़ा था। मौके से नहीं मिला सुसाइड नोट हादसे की सूचना मिलते ही मौके पर फॉरेंसिक टीम भी पहुंची और जांच पड़ताल की। मौके से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है। उपेंद्र मूल रूप से बिहार के लखपुरवा रसूलपुर जिला छपरा के रहने वाले थे। आत्महत्या किन कारणों से की है अभी स्पष्ट नहीं हो पाया है। मामले की जांच की जा रही है। मृतक के परिजनों को घटना की सूचना दी गई है। हेड कॉन्स्टेबल पद पर होना था प्रमोशन उपेंद्र की भर्ती 2010 में हुई थी। बताया जा रहा है कि जवान दो दिन पहले ही अल्फा यूनिट पारा से आया था। हेड कॉन्स्टेबल पद पर प्रमोशन होना था। इसके लिए ट्रेनिंग लेने अजमेर जाने वाला था। परिवार में पत्नी रूबी सिंह और दो बच्चे ऋषिकेश कुमार सिंह (14), उज्जवल कुमार सिंह (11) हैं। उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
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UP की बड़ी खबरें:गाजीपुर में भतीजे ने चाचा को मारी गोली, मौत; जमीन के विवाद को लेकर हुआ था बवाल गाजीपुर में पुश्तैनी जमीन पर चाचा-भतीजे में विवाद हो गया। गुरुवार सुबह भतीजे ने चाचा के सिर में गोली मार दी। गोली लगते ही चाचा ने तड़प का मौके पर ही दम तोड़ दिया। मामला भुडकुड़ा कोतवाली के घटारो गांव की है। गोली की आवाज सुनकर लोग घर से बाहर निकले। सगे भाइयों बिट्टू चौहान और पिंटू चौहान पर चाचा विमलेश उर्फ विनीत चौहान (25) की हत्या का आरोप है। वारदात के बाद दोनों सगे भाई फरार हैं। पढ़ें पूरी खबर… बाराबंकी में थाने के अंदर दरोगा ने कनपटी में गोली मारी, फायरिंग की आवाज किसी ने नहीं सुनी बाराबंकी में कोठी थाने के अदंर सर्विस रिवॉल्वर से दरोगा ने खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली। गोली कनपटी में लगी है, जो चीरते हुए आर-पार हो गई। लेकिन, चौंकाने वाली बात यह कि फायरिंग की आवाज किसी ने सुनी ही नहीं। साथी पुलिसकर्मी दरोगा को बुलाने के लिए जब उनके कमरे में पहुंचे तो दरोगा का खून से लथपथ शव पड़ा मिला। पुलिस ने कमरे की तलाशी ली तो कमरे से सुसाइड नोट मिला। इसमें उन्होंने माइग्रेन से परेशान होने की बात लिखी है। पढ़ें पूरी खबर… मेरठ में मां-पापा के नाम बच्चे का सुसाइड नोट: अब कोई आपके सिर पर नहीं चढ़ेगा, ठीक है न… अब कोई आपके सिर पर नहीं चढ़ेगा। ठीक है न…। कोई परेशान नहीं करेगा। अब आप खुश रहो। अब आपको मेरे से कोई मतलब नहीं। आज तक एक मोटर बाइक तो दिलाई नहीं गई। बाइक दिलानी दूर, पुरानी बुलेट ठीक तक नहीं कराई। और हां, पापा आप कह रहे थे न, जिनके पास फोन नहीं होता, वो कैसे पढ़ाई करते हैं। तो वो कैसे भी पढ़ते हों, हमारे पास तो फोन है न। वो फोन तो सिर्फ मम्मी के लिए ही है। मैं तो इस घर में कबाड़ हूं। भूंड (बदसूरत) शक्ल का हूं। बेशर्म हूं। भगवान मेरे जैसी मां किसी को मत देना। बाय…। झकझोर देने वाला ये सुसाइड नोट मेरठ के 14 साल के अंगद का है। उसने खुद को गोली मारने से पहले अपने मम्मी-पापा के लिए लिखा। पढ़ें पूरी खबर…
‘जिस समाज को दिया बेटी उसे ही…’, अशोक चौधरी पर जमकर बरसे पूर्व सांसद अरुण कुमार
‘जिस समाज को दिया बेटी उसे ही…’, अशोक चौधरी पर जमकर बरसे पूर्व सांसद अरुण कुमार <p><strong>Arun Kumar On Ashok Chaudhary:</strong> बिहार सरकार के मंत्री अशोक चौधरी का भूमिहारों पर दिए बयान के बाद विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. इसी कड़ी में आज शनवार (31 अगस्त) को जहानाबाद के पूर्व सांसद अरुण कुमार ने मंत्री अशोक चौधरी पर तीखा प्रहार किया है. उन्होंने कहा कि वे भूमिहारों से किस तरह का समाधियारों करते हैं, पता नहीं चलता है. बेटी भी देते है और भूमिहारों को गाली भी देते हैं. पूर्व सांसद अरुण कुमार जहानाबाद में अशोक चौधरी के भूमिहारों पर दिए बयान को लेकर प्रेस कांफ्रेंस कर पत्रकारों से बात कर रहे थे.</p>
<p><strong>अशोक चौधरी पर अरुण कुमार ने क्या कहा?</strong></p>
<p>अरुण कुमार यही नहीं रुके उन्हें आगे कहा कि महाभारत जीतने के लिए जिस तरह शिखंडी का प्रयोग किया गया था, अपने दिमाग से शुद्धिकरण इसी प्रकार कर रहे है. यह एक जाति विशेष पर हमला है. उन्होंने कहा कि वे चोर और भ्रष्ट मंत्री हैं, जो बैंक का सौ करोड़ गटके हुए हैं. जिस पर सीबीआई की जांच चल रही है. ये संविधान की शपथ लेकर मंत्री बने है और हमारे टैक्स को लूट रहे हैं. <a title=”लोकसभा चुनाव” href=”https://www.abplive.com/topic/lok-sabha-election-2024″ data-type=”interlinkingkeywords”>लोकसभा चुनाव</a> के दौरान मुखिया को धमकाने के लिए सरकारी तंत्र का दुरुपयोग किया, जो लोकतंत्र के लिए महापाप है.</p>
<p><strong>’राजो सिंह नहीं होते तो…’- अरुण कुमार</strong></p>
<p>पूर्व सांसद अरुण कुमार ने कहा राजो सिंह नहीं होते तो महावीर चौधरी नहीं होते, अगर महावीर चौधरी नहीं होते तो अशोक चौधरी भी नहीं होते. महावीर चौधरी को शिखर तक पहुंचने का काम किया था. जब भूमिहारों को मरवाने लगे तो इनकी हार हुई थी. उन्होंने इतना ही नहीं मीडिया के सामने अपनी जमकर भड़ास निकाली. बहरहाल अशोक चौधरी के भूमिहारों पर दिए बयान से बिहार का सियासी पारा चढ़ गया है. जेडीयू के प्रदेश प्रवक्ता एमएलसी नीरज कुमार के बयान के बाद जेडीयू में तल्खी और बढ़ गई है और इसकी परिणति किस रूप में होती है ये देखने वाली बात होगी.</p>
<p><strong>ये भी पढ़ेंः <a href=”https://www.abplive.com/states/bihar/bihar-politics-party-leaders-on-case-of-migrant-worker-murder-in-haryana-for-eating-beef-mrityunjay-tiwari-prem-ranjan-patel-ann-2773307″>’21वीं सदी के हिंदुस्तान में…’, हरियाणा में बीफ खाने के शक पर मजदूर की हत्या पर बिहार के नेताओं का रिएक्शन</a></strong></p>
संभल हिंसा- जेलर-डिप्टी जेलर सस्पेंड:जेल में आरोपियों की सपा नेताओं से कराई थी मुलाकात, DM की रिपोर्ट पर एक्शन
संभल हिंसा- जेलर-डिप्टी जेलर सस्पेंड:जेल में आरोपियों की सपा नेताओं से कराई थी मुलाकात, DM की रिपोर्ट पर एक्शन संभल हिंसा के आरोपियों से जेल में सपा नेताओं से मुलाकात कराने के मामले में शासन ने मुरादाबाद के जेलर विक्रम यादव और डिप्टी जेलर प्रवीण सिंह को सस्पेंड कर दिया। जबकि सीनियर जेल सुपरिंटेंडेंट के खिलाफ भी कार्रवाई की तैयारी की जा रही है। सीनियर जेल सुपरिेटेंडेंट पीपी सिंह ने इस मामले में सफाई दी। कहा- हमें ऐसे कोई निर्देश नहीं थे कि संभल हिंसा के आरोपियों की मुलाकात नहीं कराई जानी है। सोमवार को सपा के पूर्व सांसद डॉ. एसटी हसन, ठाकुरद्वारा के सपा विधायक नवाब जान खां और अमरोहा में नौगावां सादात के सपा विधायक चौधरी समरपाल सिंह समेत करीब 15 सपा नेताओं ने जिला जेल में जाकर संभल हिंसा के आरोपियों से मुलाकात की थी। विधायक हैं, इसलिए बगैर पर्ची के करा दी मुलाकात
इस मुलाकात के लिए जेल मैनुअल के हिसाब से पर्ची जारी नहीं की गई थी। विधायकों, पूर्व सांसद और सपा नेताओं को ऐसे ही जेल में एंट्री दे दी गई थी। इस मामले में सीनियर जेल सुपरिंटेंड ने दैनिक भास्कर से कहा- ऐसी परंपरा रही है कि स्थानीय विधायक या सांसद जेल विजिट कर सकते हैं। उन्हें इसके लिए रोका नहीं जाता है। जेल विजिट के दौरान अगर सांसद या विधायक किसी बंदी से मिलने की इच्छा जाहिर करते हैं तो उन्हें मिलने दिया जाता है। यही परंपरा है। सीनियर जेल सुपरिंटेंडेंट पीपी सिंह ने दैनिक भास्कर से कहा- पूर्व सांसद और विधायक ने किन्हीं 3 अन्य बंदियों से मिलने की इच्छा जताई थी। वो संभल हिंसा से संबंधित नहीं थे। लेकिन जेल में जाते वक्त उन्हें संभल हिंसा के आरोपी मिल गए तो उन्होंने उनसे बात कर ली। हमने संभल हिंसा के आरोपियों की अलग से सपा नेताओं से कोई मुलाकात नहीं कराई थी। एसटी हसन ने मुलाकात के बाद कहा था- मेरा दिल भर आया
जेल में संभल हिंसा के आरोपियों से मुलाकात के बाद सपा नेताओं ने राज्य सरकार को कठघरे में खड़ा करते हुए कई आरोप लगाए थे। एसटी हसन ने कहा था- जेल में बंद संभल हिंसा के आरोपियों पर पुलिस ने बर्बरता की। अलग-अलग थानों में रखकर मारपीट करने के बाद उन्हें जेल भेज दिया गया। हसन ने कहा था- संभल हिंसा के आरोपियों से जेल में मिलकर मेरा दिल भर आया। इसी तरह के आरोप सपा के दूसरे विधायकों ने भी लगाए थे। शासन ने डीएम से तलब की थी रिपोर्ट
संभल हिंसा के घायलों और आरोपियों से मिलने पर शासन ने रोक लगा रखी है। बावजूद इसके मुरादाबाद जेल में सपा के प्रतिनिधि मंडल ने जेल में अवैध रूप से संभल हिंसा के आरोपियों से मुलाकात कर ली। ये जानकारी शासन तक पहुंची तो जेल विभाग के सीनियर अफसरों के पेंच कसे गए। डीएम मुरादाबाद से रिपोर्ट तलब की गई। मुरादाबाद के डीएम अनुज सिंह ने शासन के निर्देश पर अपनी रिपोर्ट भेजी। डीएम की रिपोर्ट के बाद शासन ने दो अफसरों को सस्पेंड कर दिया। डीजी जेल को पूरे मामले की जांच करने के निर्देश दिए गए हैं। सूत्रों का कहना है कि इस मामले में मुरादाबाद जिला कारागार के वरिष्ठ जेल अधीक्षक पीपी सिंह पर भी गाज गिर सकती है। संभल हिंसा से जुड़ी ये खबरें भी पढ़िए…
संभल हिंसा में विदेशी कारतूस का इस्तेमाल:फोरेंसिक टीम को पाकिस्तान मेड बुलेट मिली उत्तर प्रदेश के संभल हिंसा में मंगलवार को पाकिस्तानी कनेक्शन सामने आया है। फोरेंसिक टीम को यहां के कोट गर्वी मोहल्ले में नालियों से 5 खोखा और 1 मिसफायर कारतूस मिले हैं। ये खोखे पाकिस्तान ऑर्डनेंस फैक्ट्री (POF) में बने हैं। इन कारतूस को पाकिस्तानी आर्मी इस्तेमाल करती है। पूरी खबर पढ़िए संभल हिंसा- किसी के शरीर में बुलेट नहीं मिली:पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट- 4 युवकों के सीने में गोली लगी संभल हिंसा में मरने वाले 4 युवकों को सीने में गोली लगी थी। पोस्टमॉर्टम में चारों के शरीर से कोई बुलेट रिकवर नहीं हुई है। गोली सीने को चीरते हुए पीठ से पार हो गई। बुलेट रिकवर नहीं होने की वजह से ये ठीक-ठीक कहना मुश्किल है कि मृतकों को लगी गोली किस बोर की गन से चली थी। पूरी खबर पढ़िए