लखनऊ के बीबीडी क्षेत्र में रह कर एमबीए की पढ़ाई कर रहे छात्र ने दो युवकों पर पिस्टल की बट से पीटकर दिनभर कमरे में बंद रखने का आरोप लगाया है। पीड़ित छात्र का कहना है कि घटना उसको पेपर छूट गया। शिकायत पर पुलिस मामले की जांच में जुटी है। इंस्पेक्टर अजय नारायण सिंह के मुताबिक, संस्कार सिंह ने प्रार्थना-पत्र दिया। बताया प्रयागराज के झूंसी नगर का मूल निवासी है। वर्तमान में बीबीडी के आतिफ विहार कॉलोनी में रहकर एमबीए की पढ़ाई कर रहा है। बताया 23 जुलाई को वह अपने फ्लैट पर था। उसे फोन कर सौरभ नायक ने मिलने के लिये अपने फ्लैट पर बुलाया। वहां पहुंचा तो गाली- गलौच करने लगा। विरोध करने पर सौरभ व उसके साथी सुमित ने राॅड व पिस्टल की बट से जमकर पीटा। इससे उसे गंभीर चोटें आईं। आरोप है कि युवकाें ने उसे रात भर कमरे में बंद रखा। इसके चलते उसका एमबीए सेकेंड सेमेस्टर का पेपर भी छूट गया। घटना सुबह पांच बजे की है। इंस्पेक्टर ने बताया आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। जांच में मिले तथ्यों के आधार पर आगे की कार्रवाई की जायेगी। लखनऊ के बीबीडी क्षेत्र में रह कर एमबीए की पढ़ाई कर रहे छात्र ने दो युवकों पर पिस्टल की बट से पीटकर दिनभर कमरे में बंद रखने का आरोप लगाया है। पीड़ित छात्र का कहना है कि घटना उसको पेपर छूट गया। शिकायत पर पुलिस मामले की जांच में जुटी है। इंस्पेक्टर अजय नारायण सिंह के मुताबिक, संस्कार सिंह ने प्रार्थना-पत्र दिया। बताया प्रयागराज के झूंसी नगर का मूल निवासी है। वर्तमान में बीबीडी के आतिफ विहार कॉलोनी में रहकर एमबीए की पढ़ाई कर रहा है। बताया 23 जुलाई को वह अपने फ्लैट पर था। उसे फोन कर सौरभ नायक ने मिलने के लिये अपने फ्लैट पर बुलाया। वहां पहुंचा तो गाली- गलौच करने लगा। विरोध करने पर सौरभ व उसके साथी सुमित ने राॅड व पिस्टल की बट से जमकर पीटा। इससे उसे गंभीर चोटें आईं। आरोप है कि युवकाें ने उसे रात भर कमरे में बंद रखा। इसके चलते उसका एमबीए सेकेंड सेमेस्टर का पेपर भी छूट गया। घटना सुबह पांच बजे की है। इंस्पेक्टर ने बताया आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। जांच में मिले तथ्यों के आधार पर आगे की कार्रवाई की जायेगी। उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
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हिमाचल हाईकोर्ट CPS केस में आज सुना सकता है फैसला:6 मुख्य संसदीय सचिवों की नियुक्ति का मामला; 3 याचिकाएं डालकर दी चुनौती हिमाचल हाईकोर्ट आज (बुधवार को) मुख्य संसदीय सचिव (CPS) केस में अपना फैसला सुना सकता है। न्यायाधीश विवेक सिंह ठाकुर और न्यायाधीश बिपिन चंद्र नेगी की बैंच आज अपना फैसला सुना सकती है। बता दें कि, मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कांग्रेस के 6 विधायकों को CPS बना रखा है। कल्पना नाम की एक महिला के अलावा राज्य की मुख्य विपक्षी पार्टी BJP के 11 विधायकों और पीपल फॉर रिस्पॉन्सिबल गवर्नेंस संस्था ने CPS की नियुक्ति को असंवैधानिक बताते हुए हिमाचल हाईकोर्ट में चुनौती दे रखी है। इस केस की सुनवाई जून को पूरी हो गई है। तब अदालत ने फैसला सुरक्षित रख दिया था। इनकी याचिका पर हाईकोर्ट बीते जनवरी महीने में CPS द्वारा मंत्रियों जैसी शक्तियों का उपयोग न करने के अंतरिम आदेश सुना चुका है। इसी मामले में राज्य सरकार सुप्रीम कोर्ट (SC) का भी दरवाजा खटखटा चुकी है और दूसरे राज्यों के SC में चल रहे CPS केस के साथ क्लब करने का आग्रह कर चुकी है। मगर, SC ने राज्य सरकार के आग्रह को ठुकराते हुए हाईकोर्ट में ही केस सुनने के आदेश दिए हैं। ये कांग्रेसी विधायक बनाए गए CPS CM सुक्खू ने कांग्रेस पार्टी के जिन 6 विधायकों को CPS बना रखा है, उनमें रोहड़ू के MLA एमएल ब्राक्टा, कुल्लू के सुंदर सिंह ठाकुर, अर्की के संजय अवस्थी, पालमपुर के आशीष बुटेल, दून के राम कुमार चौधरी और बैजनाथ के विधायक किशोरी लाल शामिल हैं। सरकार इन्हें गाड़ी, दफ्तर, स्टाफ और मंत्रियों के समान वेतन दे रही है। मंत्रियों की लिमिट तय, इसलिए विधायकों का एडजस्टमेंट भारतीय संविधान के अनुच्छेद-164 में किए गए संशोधन के मुताबिक, किसी राज्य में उसके विधायकों की कुल संख्या के 15% से अधिक मंत्री नहीं हो सकती। हिमाचल विधानसभा में 68 MLA हैं, इसलिए यहां अधिकतम 12 मंत्री ही बन सकते हैं। संसदीय सचिवों की नियुक्ति को गैर कानूनी ठहरा चुका SC याचिका में कहा गया कि हिमाचल और असम में संसदीय सचिवों की नियुक्ति से जुड़े एक्ट एक जैसे हैं। सुप्रीम कोर्ट, असम और मणिपुर में संसदीय सचिवों की नियुक्ति से जुड़े एक्ट को गैरकानूनी ठहरा चुका है। इस बात की जानकारी होने के बावजूद हिमाचल की कांग्रेस सरकार ने अपने विधायकों की नियुक्ति बतौर CPS की। इसकी वजह से राज्य में मंत्रियों और CPS की कुल संख्या 15% से ज्यादा हो गई। इस केस की सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता की अपील पर CPS बने सभी कांग्रेसी विधायकों को व्यक्तिगत तौर पर प्रतिवादी बना रखा है। हर महीने सवा 2 लाख रुपए वेतन-भत्ता हाईकोर्ट में दाखिल पिटीशन में आरोप लगाया गया कि CPS बनाए गए सभी 6 कांग्रेसी विधायक लाभ के पदों पर तैनात हैं। इन्हें हर महीने 2 लाख 20 हजार रुपए वेतन और भत्ते के रूप में मिलते हैं। यानी ये विधायक राज्य के मंत्रियों के बराबर वेतन और अन्य सुविधाओं का लाभ उठा रहे हैं। याचिका में हिमाचल संसदीय सचिव (नियुक्ति, वेतन, भत्ते, शक्तियां, विशेषाधिकार और सुविधाएं) एक्ट, 2006 को भी रद्द करने की मांग की गई। राज्य सरकार ने इसी एक्ट के तहत छह CPS तैनात कर रखे हैं।
देवेंद्र सिंह राणा की मौत पर पीएम मोदी, सीएम उमर अब्दुल्ला सहित कई बड़े नेताओं ने जताया दुख, किसने क्या कहा?
देवेंद्र सिंह राणा की मौत पर पीएम मोदी, सीएम उमर अब्दुल्ला सहित कई बड़े नेताओं ने जताया दुख, किसने क्या कहा? <p style=”text-align: justify;”><strong>Devender Singh Rana Passes Away: </strong> जम्मू-कश्मीर के नगरोटा विधानसभा क्षेत्र से बीजेपी विधायक देवेंद्र सिंह राणा का गुरुवार (1 नवंबर) को देर रात निधन हो गया. उन्होंने 59 साल की उम्र में फरीदाबाद के एक अस्पताल में आखिरी सांस ली. उनके निधन से पार्टी में शोक की लहर है. देवेंद्र सिंह राणा एक प्रमुख उद्यमी और प्रभावशाली राजनीतिक नेता थे जिन्हें अकसर ‘जम्मू की आवाज़’ कहा जाता था.</p>
<p style=”text-align: justify;”>करोड़ों रुपये की ऑटोमोबाइल कंपनी बनाने से लेकर जम्मू कश्मीर में ‘डोगरा मुख्यमंत्री’ की वकालत करने वाली एक महत्वपूर्ण राजनीतिक हस्ती बनने तक की उनकी यात्रा काफी उल्लेखनीय रही.</p>
<p style=”text-align: justify;”>वर्ष 1965 में डोडा जिले में डोगरा परिवार में जन्मे राणा पूर्व नौकरशाह राजिंदर सिंह राणा के बेटे और प्रधानमंत्री कार्यालय में केंद्रीय राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह के छोटे भाई थे. राणा के आवास पर परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त करने के लिए सुबह से ही शोक व्यक्त करने वालों की लंबी कतार देखी गई.</p>
<p style=”text-align: justify;”>प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राणा के निधन पर शोक जताया और कहा कि उन्होंने जम्मू कश्मीर में बीजेपी को मजबूत बनाने में उल्लेखनीय भूमिका निभाई. मोदी ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘देवेंद्र सिंह राणा का असामयिक निधन स्तब्ध करने वाला है. वह एक अनुभवी नेता थे, जिन्होंने जम्मू-कश्मीर की प्रगति के लिए लगन से काम किया.’’ </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>असामयिक निधन पर जताया दुख </strong><br />उन्होंने कहा, ‘‘राणा ने हाल ही में विधानसभा चुनाव जीता था और जम्मू-कश्मीर में बीजेपी को मजबूत बनाने में भी उल्लेखनीय भूमिका निभाई थी. दुख की इस घड़ी में मेरी संवेदनाएं उनके परिवार और समर्थकों के साथ हैं. ऊॅं शांति.’’ केंद्रीय गृह मंत्री <a title=”अमित शाह” href=”https://www.abplive.com/topic/amit-shah” data-type=”interlinkingkeywords”>अमित शाह</a> ने भी राणा के असामयिक निधन पर दुख जताया. पीएम ने कहा, ‘‘देवेंद्र जी, जो हमेशा जम्मू-कश्मीर में शांति और विकास तथा लोगों के हितों के लिए समर्पित थे, ने क्षेत्र की प्रगति में अमूल्य योगदान दिया. उनका निधन बीजेपी परिवार के लिए एक अपूरणीय क्षति है. मैं उनके परिवार और समर्थकों के प्रति संवेदना व्यक्त करता हूं.’’ </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>’आपकी बहुत याद आएगी'</strong><br />जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला शोक व्यक्त करने राणा के आवास पर पहुंचे. उन्होंने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक भावुक पोस्ट में कहा, ‘‘कल देर रात की भयानक खबर पर वास्तव में यकीन नहीं हो रहा है. मैं जानता हूं कि पिछले कुछ वर्षों में हमारे बीच मतभेद रहे, लेकिन मैं राणा के साथ बिताए अच्छे पलों, साथ में किए बेहतरीन काम और अन्य यादों पर ध्यान केंद्रित करना पसंद करूंगा.’’ सीएम उमर अब्दुल्ला ने कहा, ‘‘आप बहुत जल्द हमसे दूर चले गए और आपकी बहुत याद आएगी. आपकी आत्मा को शांति मिले. मेरी संवेदनाएं आपके परिवार के साथ हैं, लेकिन मुझे उनके प्रति संवेदना व्यक्त करने के लिए शब्द ढूंढ़ने में संघर्ष करना पड़ रहा है.’’ केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि उनके लिए उनके छोटे भाई राणा का असामयिक निधन एक अपूरणीय और एक गहरी व्यक्तिगत क्षति है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>उन्होंने ‘एक्स’ पर कहा, ‘‘मेरे भाई देवेंद्र सिंह राणा का असामयिक निधन एक गहरी व्यक्तिगत क्षति है जो न केवल पीड़ादायक है, बल्कि इसके कारण पैदा हुआ खालीपन मुझे जीवन भर परेशान करता रहेगा. इस मुश्किल घड़ी में मेरे और मेरे परिवार के साथ खड़े सभी लोगों का मैं हृदय से आभार व्यक्त करता हूं.’’</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>’शीर्ष उद्यमी के रूप में अपनी पहचान बनाई थी'</strong><br />एनआईटी कुरुक्षेत्र से सिविल इंजीनियरिंग में डिग्री हासिल करने के बाद राणा ने व्यवसाय में कदम रखा और अपनी खुद की ऑटोमोबाइल कंपनी की स्थापना की. वह ‘जामकाश व्हीकलएड्स ग्रुप’ के मालिक थे. उन्होंने जम्मू-कश्मीर में एक शीर्ष उद्यमी के रूप में अपनी पहचान बनाई थी. देवेंद्र राणा ने नेशनल कॉन्फ्रेंस पार्टी के साथ अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत की थी, जहां वह एक प्रमुख रणनीतिकार और सलाहकार के रूप में प्रमुखता से उभरे और प्रांतीय अध्यक्ष के रूप में जम्मू में पार्टी का आधार बढ़ाया. हिंदू और मुस्लिमों तथा विशेषकर गुज्जर समुदाय से जुड़ने की उनकी क्षमता ने एक विश्वसनीय नेता के रूप में उनकी प्रतिष्ठा स्थापित की.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>शनल कॉन्फ्रेंस से इस्तीफा दे दिया और बीजेपी में शामिल हो गए</strong><br />राणा ने हालिया विधानसभा चुनाव में सभी समुदायों को एकजुट करने की अपनी क्षमता का प्रदर्शन करते हुए नगरोटा सीट 30,472 मतों के अंतर से जीती थी. जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद राणा राज्य का दर्जा बहाल करने के मुखर समर्थक रहे थे. अक्टूबर 2021 में उनके राजनीतिक सफर में तब एक नया मोड़ आया जब उन्होंने नेशनल कॉन्फ्रेंस से इस्तीफा दे दिया और बीजेपी में शामिल हो गए.</p>
<p style=”text-align: justify;”>राणा अपने पूरे राजनीतिक जीवन में क्षेत्रीय सशक्तीकरण और विभिन्न समुदायों के बीच एकता के मुद्दों के लिए प्रतिबद्ध रहे. जम्मू-कश्मीर के राजनीतिक परिदृश्य में उनका समर्पण और प्रभाव उन अनेक लोगों द्वारा याद किया जाएगा जिन्हें उन्हें जानने का अवसर प्राप्त हुआ. हमेशा मुस्कराते नजर आने वाले राणा को लोगों को धैर्यपूर्वक सुनने और जनता के साथ सच्चे जुड़ाव के लिए याद किया जाएगा.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ये भी पढ़ें: <a title=”केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह के भाई और BJP विधायक देवेंद्र सिंह राणा का निधन, फरीदाबाद में ली आखिरी सांस” href=”https://www.abplive.com/states/jammu-and-kashmir/devender-singh-rana-death-union-minister-jitendra-singh-brother-and-nagrota-bjp-mla-passes-away-2814389″ target=”_self”>केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह के भाई और BJP विधायक देवेंद्र सिंह राणा का निधन, फरीदाबाद में ली आखिरी सांस</a></strong></p>