लखीमपुर खीरी में पुलिस कस्टडी में पिटाई से नाबालिग की मौत हो गई। परिजनों का आरोप है कि पुलिस उसे चोरी के शक में घर से उठा ले गई। 4 दिन हिरासत में रख कर बुरी तरह से पीटा। बिजली के झटके दिए। 50 हजार रुपए लेकर छोड़ा। गंभीर घायल नाबालिग युवक का 6 दिन तक इलाज चला। शनिवार को उसने दम तोड़ दिया। परिजनों ने फरधान थाने के सामने शव रखकर पीलीभीत-बस्ती नेशनल हाईवे जाम कर विरोध प्रदर्शन किया। करीब 8 घंटे तक हाईवे जाम रहा। परिजनों ने पुलिस के खिलाफ नारेबाजी की। सपा के पूर्व विधायक रामसरन भी भारी संख्या में समर्थकों के साथ मौके पर पहुंचे। पुलिस प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। सूचना मिलते ही एडिशनल एसपी पवन गौतम और सीओ सिटी रमेश कुमार तिवारी 4 थानों की पुलिस फोर्स के साथ मौके पर पहुंचे। परिजनों को समझाने की कोशिश की। लेकिन परिजन दोषियों के खिलाफ तुरंत कार्रवाई और मुआवजे की मांग पर अड़े रहे। इस दौरान कुछ लोगों ने हंगामा किया तो पुलिस ने उन पर हल्के बल का प्रयोग किया। वहीं, रात करीब 12 बजे एसपी मौके पर पहुंचे। दोषियों पर कार्रवाई की बात कहीं तब परिजन पोस्टमॉर्टम के लिए माने। रविवार सुबह मृतक का पोस्टमॉर्टम हो गया है। विरोध-प्रदर्शन की तस्वीरें देखिए… अब पढ़िए पूरा मामला…
घटना फरधान थाना क्षेत्र के सिसावां कला की है। यहां के राधे वर्मा के दुकान में 2 सितंबर की रात चोरी हुई। राधे वर्मा ने पुलिस से शिकायत की। अगले दिन पुलिस सिसावां कला गांव पहुंची। टाई लाल के 16 साल के बेटे आकाश राज को पूछताछ के लिए घर से थाने लेकर आई। भाई सुभाष राज ने बताया- पुलिस ने चोरी के ही मामले में 2 और लड़कों को उठाया। लेकिन पैसा लेकर उन्हें छोड़ दिया। मेरे घर वालों से एक लाख रुपये थाने के पुलिसकर्मी छोड़ने के नाम पर मांग रहे थे। इतने पैसे हम लोग नहीं दे पाए। पैसा न मिलने पर मेरे भाई को 4 दिन तक थाने में रखा। मेरे भाई की पिटाई की गई। खबर में आगे बढ़ने से पहले इस पोल पर अपनी राय दीजिए… 50 हजार रुपए दिए तब छोड़ा
सुभाष राज ने बताया- फरधान थाने के पुलिसकर्मी गांव जाते थे, दारू मुर्गा खाकर आते थे। फिर शाम को यहां आकर इसे मारते थे। आकाश ने चोरी नहीं की थी। पुलिस उससे मारपीट कर जबरन चोरी कबूल कराने की फिराक में थी। 7 सितंबर को जब आकाश की तबीयत बिगड़ गई तब पुलिस ने हम लोगों को बुलाया। उसको खून की उल्टी भी हुई थी। तब भी उसे नहीं छोड़ रहे थे। फिर हम लोगों ने 50 हजार रुपए दिए तब इन लोगों ने मेरे भाई को छोड़ा। भाई की नाजुक हालत देखकर हम लोगों ने उसे लखीमपुर के एक प्राइवेट हॉस्पिटल में भर्ती कराया। लेकिन डॉक्टर ने एक दिन इलाज करने के बाद उसे लखनऊ रेफर कर दिया। वहां इलाज के दौरान शनिवार को आकाश की मौत हो गई। अब पढ़िए मां ने क्या कुछ कहा… मां ने बताया- मेरे घर 3 पुलिस वाले आए। पहले घर पर बेटे को मारा, फिर उसे पकड़ कर थाने ले गए। 4 दिन थाने पर रखा। एक लाख रुपए मांगे। हम लोगों ने किसी तरह 50 हजार की व्यवस्था करके उन्हें दिया। इस मामले में न ही कोई तहरीर दी गई थी। न किसी तरह का आरोप था। केवल शक के आधार पर उठाकर ले गए। गांव के कुछ लोगों के कहने पर पुलिस उसे पकड़ कर ले गई थी। मेरे बेटे को उल्टा लटका कर पेड़ में बांध कर पिटा गया। करंट भी लगाए। जब खून की उल्टी होने लगी तब उन लोगों ने बेटे को छोड़ा। उस समय उसकी हालत बहुत खराब थी। ‘जो भी दोषी होगा, उस पर कार्रवाई होगी’
एसपी गणेश प्रसाद साहा ने बताया- परिजनों से मेरी बात हुई है। उन्होंने पैनल पोस्टमॉर्टम कराने की मांग की है। जो परिजनों का आरोप है, उस पर हम लोग जांच कर रहे हैं। इस मामले में जो भी दोषी होगा, उसके खिलाफ कार्रवाई होगी। परिजन कुछ पुलिस कर्मियों पर आरोप लगा रहे हैं। उस मामले में भी जांच हो रही है। हर मामले को लेकर जांच कर रहे हैं। किसी आरोपी को बख्शा नहीं जाएगा। ये भी पढ़ें… 3 मंजिला मकान गिरा, परिवार के 10 की मौत:मेरठ में 16 घंटे से रेस्क्यू, स्निफर डॉग से तलाश; मृतकों में 6 बच्चे भी यूपी के मेरठ में शनिवार शाम हुए हादसे में अब तक 10 की मौत हो गई। मरने वालों में 6 बच्चे भी शामिल हैं। 5 लोगों को रेस्क्यू कर हॉस्पिटल भेजा गया है। 16 घंटे से लगातार रेस्क्यू जारी है। अभी मलबे में किसी के दबे होने की जानकारी नहीं है, लेकिन SDRF और NDRF की टीम ऑपरेशन में लगी है। पढे़ं पूरी खबर…. लखीमपुर खीरी में पुलिस कस्टडी में पिटाई से नाबालिग की मौत हो गई। परिजनों का आरोप है कि पुलिस उसे चोरी के शक में घर से उठा ले गई। 4 दिन हिरासत में रख कर बुरी तरह से पीटा। बिजली के झटके दिए। 50 हजार रुपए लेकर छोड़ा। गंभीर घायल नाबालिग युवक का 6 दिन तक इलाज चला। शनिवार को उसने दम तोड़ दिया। परिजनों ने फरधान थाने के सामने शव रखकर पीलीभीत-बस्ती नेशनल हाईवे जाम कर विरोध प्रदर्शन किया। करीब 8 घंटे तक हाईवे जाम रहा। परिजनों ने पुलिस के खिलाफ नारेबाजी की। सपा के पूर्व विधायक रामसरन भी भारी संख्या में समर्थकों के साथ मौके पर पहुंचे। पुलिस प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। सूचना मिलते ही एडिशनल एसपी पवन गौतम और सीओ सिटी रमेश कुमार तिवारी 4 थानों की पुलिस फोर्स के साथ मौके पर पहुंचे। परिजनों को समझाने की कोशिश की। लेकिन परिजन दोषियों के खिलाफ तुरंत कार्रवाई और मुआवजे की मांग पर अड़े रहे। इस दौरान कुछ लोगों ने हंगामा किया तो पुलिस ने उन पर हल्के बल का प्रयोग किया। वहीं, रात करीब 12 बजे एसपी मौके पर पहुंचे। दोषियों पर कार्रवाई की बात कहीं तब परिजन पोस्टमॉर्टम के लिए माने। रविवार सुबह मृतक का पोस्टमॉर्टम हो गया है। विरोध-प्रदर्शन की तस्वीरें देखिए… अब पढ़िए पूरा मामला…
घटना फरधान थाना क्षेत्र के सिसावां कला की है। यहां के राधे वर्मा के दुकान में 2 सितंबर की रात चोरी हुई। राधे वर्मा ने पुलिस से शिकायत की। अगले दिन पुलिस सिसावां कला गांव पहुंची। टाई लाल के 16 साल के बेटे आकाश राज को पूछताछ के लिए घर से थाने लेकर आई। भाई सुभाष राज ने बताया- पुलिस ने चोरी के ही मामले में 2 और लड़कों को उठाया। लेकिन पैसा लेकर उन्हें छोड़ दिया। मेरे घर वालों से एक लाख रुपये थाने के पुलिसकर्मी छोड़ने के नाम पर मांग रहे थे। इतने पैसे हम लोग नहीं दे पाए। पैसा न मिलने पर मेरे भाई को 4 दिन तक थाने में रखा। मेरे भाई की पिटाई की गई। खबर में आगे बढ़ने से पहले इस पोल पर अपनी राय दीजिए… 50 हजार रुपए दिए तब छोड़ा
सुभाष राज ने बताया- फरधान थाने के पुलिसकर्मी गांव जाते थे, दारू मुर्गा खाकर आते थे। फिर शाम को यहां आकर इसे मारते थे। आकाश ने चोरी नहीं की थी। पुलिस उससे मारपीट कर जबरन चोरी कबूल कराने की फिराक में थी। 7 सितंबर को जब आकाश की तबीयत बिगड़ गई तब पुलिस ने हम लोगों को बुलाया। उसको खून की उल्टी भी हुई थी। तब भी उसे नहीं छोड़ रहे थे। फिर हम लोगों ने 50 हजार रुपए दिए तब इन लोगों ने मेरे भाई को छोड़ा। भाई की नाजुक हालत देखकर हम लोगों ने उसे लखीमपुर के एक प्राइवेट हॉस्पिटल में भर्ती कराया। लेकिन डॉक्टर ने एक दिन इलाज करने के बाद उसे लखनऊ रेफर कर दिया। वहां इलाज के दौरान शनिवार को आकाश की मौत हो गई। अब पढ़िए मां ने क्या कुछ कहा… मां ने बताया- मेरे घर 3 पुलिस वाले आए। पहले घर पर बेटे को मारा, फिर उसे पकड़ कर थाने ले गए। 4 दिन थाने पर रखा। एक लाख रुपए मांगे। हम लोगों ने किसी तरह 50 हजार की व्यवस्था करके उन्हें दिया। इस मामले में न ही कोई तहरीर दी गई थी। न किसी तरह का आरोप था। केवल शक के आधार पर उठाकर ले गए। गांव के कुछ लोगों के कहने पर पुलिस उसे पकड़ कर ले गई थी। मेरे बेटे को उल्टा लटका कर पेड़ में बांध कर पिटा गया। करंट भी लगाए। जब खून की उल्टी होने लगी तब उन लोगों ने बेटे को छोड़ा। उस समय उसकी हालत बहुत खराब थी। ‘जो भी दोषी होगा, उस पर कार्रवाई होगी’
एसपी गणेश प्रसाद साहा ने बताया- परिजनों से मेरी बात हुई है। उन्होंने पैनल पोस्टमॉर्टम कराने की मांग की है। जो परिजनों का आरोप है, उस पर हम लोग जांच कर रहे हैं। इस मामले में जो भी दोषी होगा, उसके खिलाफ कार्रवाई होगी। परिजन कुछ पुलिस कर्मियों पर आरोप लगा रहे हैं। उस मामले में भी जांच हो रही है। हर मामले को लेकर जांच कर रहे हैं। किसी आरोपी को बख्शा नहीं जाएगा। ये भी पढ़ें… 3 मंजिला मकान गिरा, परिवार के 10 की मौत:मेरठ में 16 घंटे से रेस्क्यू, स्निफर डॉग से तलाश; मृतकों में 6 बच्चे भी यूपी के मेरठ में शनिवार शाम हुए हादसे में अब तक 10 की मौत हो गई। मरने वालों में 6 बच्चे भी शामिल हैं। 5 लोगों को रेस्क्यू कर हॉस्पिटल भेजा गया है। 16 घंटे से लगातार रेस्क्यू जारी है। अभी मलबे में किसी के दबे होने की जानकारी नहीं है, लेकिन SDRF और NDRF की टीम ऑपरेशन में लगी है। पढे़ं पूरी खबर…. उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर