जिस दिन मेरी शादी हुई, वह अबूझ साया था। लड़की वालों ने साफ कह दिया था कि घोड़ी की व्यवस्था नहीं हो पा रही है! बड़ी मुश्किल से एक खच्चर मिला है। उस पर बारात ले जानी पड़ेगी। यदि यह खच्चर भी बुक हो गई तो या तो दूल्हा गधे पर जाएगा या फिर उसे पैदल ही जाना होगा। अब सोच लें कि क्या करना है? बहरहाल, बारात के समय जब घोड़ी पर हमारी यानी दूल्हे राजा की चढ़त हुई तो मैंने देखा कि घोड़ी के गले में रस्सी बंधी हुई थी। मैं समझ गया कि लड़की वाले बात के पक्के निकले। खच्चर कहा, तो खच्चर ही लाए हैं। वो तो बारात में नशे में चूर होने की वजह से मेरे दोस्तों को नहीं पता चला कि जिस सवारी पर मैं दूल्हा बनकर बैठा, वह घोड़ी नहीं खच्चर है। अरे उन्हें पता चल जाता तो, जिंदगी भर इस सलीके से मुझे विश्वास दिलाते कि मैं खुद मान बैठता कि मैं भी खच्चर ही हूं। जैसे-तैसे किसी तरह फेरों का समय आया। ससुर के पिताजी प्रकांड पंडित थे। जब उन्होंने पाणिग्रहण करवाते हुए लड़की का हाथ मेरे हाथ से मिलवाया तो मुझे एक फिल्म का सीन याद आ गया। उसमें दो पहलवान कुश्ती लड़ने से पहले आपस में हाथ मिला रहे थे। मैं समझ गया, कि आगे की जिंदगी का सफर कैसा गुजरना है। दुल्हन ने साड़ी पहनी थी और साड़ी के ऊपर सफेद चादर ओढ़ रखी थी। पाणिग्रहण तक ये तो पता चल गया था कि लड़की उन तीनों में से ही एक है, जो उस दिन नई सड़क पर दिखाई गई थीं। पर उनमें से कौन सी है, यह समझ नहीं आ रहा था। फेरों के बाद छंद सुनाने का रिवाज है। मैंने सोचा यही मौका है कि लड़की पर मेरी विद्वत्ता का बोझ पड़ जाए। मैंने संस्कृत का श्लोक सुना दिया- श्लोक सुनकर सबने नाक-भौं सिकोड़ ली। बोले, ‘कुछ और सुनाओ! प्रतिक्रिया देख मैं संस्कृत के श्लोक से उर्दू की शायरी पर उतर आया और मैंने सुना दिया- चश्म-ए-पुरनम खरीद सकता हूं जुल्फ-ए-बरहम खरीद सकता हूं मेरी खुशियां अगरचे बिक जाएं आपका गम खरीद सकता हूं शायरी पर और भी भयानक प्रतिक्रिया मिली। महिलाओं में सन्नाटा-सा छा गया। उन्होंने कहा, ‘रहने दो, आपको नहीं आता तो ये नेग ऐसे ही रख लो।’ मैं समझ गया कि ये मेरी प्रतिभा को धूल समझ रही हैं। मैंने तुरंत लोकल हिंदी का दामन पकड़ा- छन्नी में छन्नी, छन्नी में छन्ना तू मेरी बन्नी, मैं तेरा बन्ना लोकल सुनते ही श्रोताओं में खुशी की लहर दौड़ गई। जोरदार तालियां बजीं। सौ रुपए का नोट आया। और साथ में एक और छंद की फ़रमाइश भी आई। मैंने भी फ़रमाइश का सम्मान करते हुए लपक कर सुनाया- शीशी भरी गुलाब की, रखी थी अपने पास तेरे बिना मेरी प्रिय, मेरा जियरा रहे उदास फिर से सौ रुपए आए। मैंने उस दिन पहली बार अपनी किस्मत को कोसा। ऐसे दो-चार ‘महाकाव्य’ और याद होते तो मैं उस दिन कितनी बड़ी धनराशि अर्जित कर सकता था। आज भी जब कभी कवि-सम्मेलन में जाता हूं तो मुझे महसूस होता है कि गालिब, निराला, पंत हूट हो रहे हैं और छन्नी-छन्ना सुपरहिट हो रहा है। जिस दिन मेरी शादी हुई, वह अबूझ साया था। लड़की वालों ने साफ कह दिया था कि घोड़ी की व्यवस्था नहीं हो पा रही है! बड़ी मुश्किल से एक खच्चर मिला है। उस पर बारात ले जानी पड़ेगी। यदि यह खच्चर भी बुक हो गई तो या तो दूल्हा गधे पर जाएगा या फिर उसे पैदल ही जाना होगा। अब सोच लें कि क्या करना है? बहरहाल, बारात के समय जब घोड़ी पर हमारी यानी दूल्हे राजा की चढ़त हुई तो मैंने देखा कि घोड़ी के गले में रस्सी बंधी हुई थी। मैं समझ गया कि लड़की वाले बात के पक्के निकले। खच्चर कहा, तो खच्चर ही लाए हैं। वो तो बारात में नशे में चूर होने की वजह से मेरे दोस्तों को नहीं पता चला कि जिस सवारी पर मैं दूल्हा बनकर बैठा, वह घोड़ी नहीं खच्चर है। अरे उन्हें पता चल जाता तो, जिंदगी भर इस सलीके से मुझे विश्वास दिलाते कि मैं खुद मान बैठता कि मैं भी खच्चर ही हूं। जैसे-तैसे किसी तरह फेरों का समय आया। ससुर के पिताजी प्रकांड पंडित थे। जब उन्होंने पाणिग्रहण करवाते हुए लड़की का हाथ मेरे हाथ से मिलवाया तो मुझे एक फिल्म का सीन याद आ गया। उसमें दो पहलवान कुश्ती लड़ने से पहले आपस में हाथ मिला रहे थे। मैं समझ गया, कि आगे की जिंदगी का सफर कैसा गुजरना है। दुल्हन ने साड़ी पहनी थी और साड़ी के ऊपर सफेद चादर ओढ़ रखी थी। पाणिग्रहण तक ये तो पता चल गया था कि लड़की उन तीनों में से ही एक है, जो उस दिन नई सड़क पर दिखाई गई थीं। पर उनमें से कौन सी है, यह समझ नहीं आ रहा था। फेरों के बाद छंद सुनाने का रिवाज है। मैंने सोचा यही मौका है कि लड़की पर मेरी विद्वत्ता का बोझ पड़ जाए। मैंने संस्कृत का श्लोक सुना दिया- श्लोक सुनकर सबने नाक-भौं सिकोड़ ली। बोले, ‘कुछ और सुनाओ! प्रतिक्रिया देख मैं संस्कृत के श्लोक से उर्दू की शायरी पर उतर आया और मैंने सुना दिया- चश्म-ए-पुरनम खरीद सकता हूं जुल्फ-ए-बरहम खरीद सकता हूं मेरी खुशियां अगरचे बिक जाएं आपका गम खरीद सकता हूं शायरी पर और भी भयानक प्रतिक्रिया मिली। महिलाओं में सन्नाटा-सा छा गया। उन्होंने कहा, ‘रहने दो, आपको नहीं आता तो ये नेग ऐसे ही रख लो।’ मैं समझ गया कि ये मेरी प्रतिभा को धूल समझ रही हैं। मैंने तुरंत लोकल हिंदी का दामन पकड़ा- छन्नी में छन्नी, छन्नी में छन्ना तू मेरी बन्नी, मैं तेरा बन्ना लोकल सुनते ही श्रोताओं में खुशी की लहर दौड़ गई। जोरदार तालियां बजीं। सौ रुपए का नोट आया। और साथ में एक और छंद की फ़रमाइश भी आई। मैंने भी फ़रमाइश का सम्मान करते हुए लपक कर सुनाया- शीशी भरी गुलाब की, रखी थी अपने पास तेरे बिना मेरी प्रिय, मेरा जियरा रहे उदास फिर से सौ रुपए आए। मैंने उस दिन पहली बार अपनी किस्मत को कोसा। ऐसे दो-चार ‘महाकाव्य’ और याद होते तो मैं उस दिन कितनी बड़ी धनराशि अर्जित कर सकता था। आज भी जब कभी कवि-सम्मेलन में जाता हूं तो मुझे महसूस होता है कि गालिब, निराला, पंत हूट हो रहे हैं और छन्नी-छन्ना सुपरहिट हो रहा है। उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
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Maharashtra Election Results 2024 Live: एकनाथ शिंदे-देवेंद्र फडणवीस या फिर कोई और? महाराष्ट्र का अगला CM कौन
Maharashtra Election Results 2024 Live: एकनाथ शिंदे-देवेंद्र फडणवीस या फिर कोई और? महाराष्ट्र का अगला CM कौन <p style=”text-align: justify;”><strong>Maharashtra Election Results 2024 Live:</strong> महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में सत्तासीन गठबंधन ‘महायुति’ को भारी बहुमत मिला है. इसमें बीजेपी ने अकेले 132 सीटों पर ऐतिहासिक जीत हासिल की है. लेकिन अब सवाल ये है कि महाराष्ट्र में अगला मुख्यमंत्री कौन बनेगा. महायुति को मिली बंपर जीत के बाद से ही तीनों ही दलों बीजेपी, शिवसेना शिंदे गुट और एनसीपी अजित गुट की तरफ से सीएम फेस को लेकर दावा ठोका गया. हालांकि महायुति की तरफ से ये कहा गया कि सीएम के मुद्दे पर तीनों ही दल मिलकर तय करेंगे.</p>
<p style=”text-align: justify;”>इस बीच शिवसेना यूबीटी के सांसद संजय राउत ने कहा है कि बहुमत इतना बड़ा है कि वे किसी को भी मुख्यमंत्री बना कर भेज सकते हैं. मोदी शाह तय मुख्यमंत्री करेंगे. वे गुजरात के फायदे की बात करेंगे. वे बहुमत के ताकत पर किसी को भी मुख्यमंत्री बना सकते हैं। उन्होंने ऐसा मध्य प्रदेश और राजस्थान में कर के दिखाया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>उन्होंने ये भी कहा कि अगर पीएम मोदी देश के असली नेता होते तो ऐसा करने की उन्हें जरूरत नहीं पडती. पार्टी तोड़ने का काम नेहरू, इंदिरा और मनमोहन ने नहीं किया, ये वही करते हैं जो मन में भी कमजोर हैं और पार्टी में भी कमजौर हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”>बता दें कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में ‘महायुति’ में शामिल एकनाथ शिंदे की शिवसेना और अजित पवार की एनसीपी का प्रदर्शन भी ठीक रहा है. कुल 288 सदस्यों वाली विधानसभा में गठबंधन ने 236 सीटों पर जीत दर्ज की है. बीजेपी को 132, शिवसेना ने 57 और एनसीपी ने 41 सीटें जीती हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”>वहीं एमवीए में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) के उम्मीदवारों ने 10 सीट जीतीं, कांग्रेस ने 16 सीट जीतीं, जबकि शिवसेना यूबीटी ने 20 सीट पर जीत दर्ज की.</p>
इंदौर में पिछले साल के मुकाबले इस बार आधी हुई बरसात, जानें अब तक कितनी हुई बारिश?
इंदौर में पिछले साल के मुकाबले इस बार आधी हुई बरसात, जानें अब तक कितनी हुई बारिश? <p style=”text-align: justify;”><strong>MP Weather News:</strong> इंदौर जिले में जारी मानसून सत्र में अब तक 323.7 मिलीमीटर (पौने 13 इंच) औसत वर्षा दर्ज की गई है. यह बीते वर्ष इस अवधि में दर्ज वर्षा की तुलना में लगभग आधी है. वर्ष 2023 में जिले में अब तक 610.4 मिली मीटर (24 इंच) से अधिक वर्षा हुई थी.</p>
<p style=”text-align: justify;”>लगता है इंदौर से मेघराज की नाराजगी चल रही है इसलिए इंदौर में पिछले साल के मुकाबले इस बार आधी बारिश भी नहीं हो सकी है यह हम नहीं मौसम विभाग के आंकड़े कह रहे हैं मौसम विभाग द्वारा जारी किए गए आंकड़ों को देखा जाए तो पता चलता है कि 2023 में इस समय तक 24 इंच बारिश हो चुकी थी लेकिन इस बार बारिश का आंकड़ा इसका आधा ही रह गया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>करना पड़ सकता है जल संकट का सामना</strong><br />ऐसे में अब किसानों के चेहरों पर चिंता की लकीरें साफ नजर आने लगी वही पर्यावरण प्रेमियों ने भी कम बारिश होने पर चिंता जाहिर की है. अगर बारिश कम होती है तो इंदौर को आने वाले कुछ महीनों में जल संकट का सामना करना पड़ सकता है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ये है बारिश का अंतर</strong><br />इंदौर जिले में अब तक 323.7 मिलीमीटर (पौने 13 इंच) औसत वर्षा दर्ज की गई है. यह बीते वर्ष इस अवधि में दर्ज वर्षा की तुलना में लगभग आधी है. वर्ष 2023 में जिले में अब तक 610.4 मिली मीटर (24 इंच) से अधिक वर्षा हुई थी. भू-अभिलेख कार्यालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार इस वर्ष अब तक इंदौर क्षेत्र में 263.5 मिली मीटर, महू में 211 मिली मीटर, सांवेर में 363 मिली मीटर, देपालपुर में 480.6 मिली मीटर, गौतमपुरा क्षेत्र में 382.2 मिली मीटर तथा हातोद क्षेत्र में 242.1 मिलीमीटर वर्षा हुई है. इंदौर जिले में बीते साल अब तक इंदौर क्षेत्र में 520.7 मिली मीटर, महू में 547 मिली मीटर, सांवेर में 633.6 मिली मीटर, देपालपुर में 883.5 मिलीमीटर, गौतमपुरा क्षेत्र में 558.4 मिलीमीटर तथा हातोद क्षेत्र में 519.3 मिलीमीटर वर्षा हुई थी.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ये भी पढ़ें: <a title=”मंडलेश्वर में नर्मदा घाट सौंदर्यीकरण परियोजना का 70 फीसदी काम पूरा, सिंहस्थ को लेकर क्या है तैयारी?” href=”https://www.abplive.com/states/madhya-pradesh/mandleshwar-narmada-ghat-ready-to-enhance-the-beauty-work-completed-ann-2746524″ target=”_self”>मंडलेश्वर में नर्मदा घाट सौंदर्यीकरण परियोजना का 70 फीसदी काम पूरा, सिंहस्थ को लेकर क्या है तैयारी?</a></strong></p>
झांसी में प्रेमिका को चिप्स के पैकेट में दिया जहर:मरते समय प्रेमी से बोली-तुमने क्यों नहीं खाया; दोनों ने साथ मरने की खाई थी कसम
झांसी में प्रेमिका को चिप्स के पैकेट में दिया जहर:मरते समय प्रेमी से बोली-तुमने क्यों नहीं खाया; दोनों ने साथ मरने की खाई थी कसम वादा था साथ मरने का…। लेकिन, प्रेमी ने एनवक्त पर धोखा दे दिया। चिप्स के पैकेट में पहुंचाया जहर खाकर नाबालिग प्रेमिका ने जान दे दी। लेकिन, प्रेमी ने जहर नहीं खाया। मरते समय प्रेमिका ने प्रेमी से कहा- तुमने क्यों नहीं खाया जहर। हमने साथ जीने-मरने की कसम खाई थी। फिर वो हाथ छोड़कर भाग गया। वहीं, मृतका के पिता का कहना है कि युवक बहला-फुसलाकर बेटी से शादी करना चाहता था। जब शादी नहीं कर पाया तो उसने षड़यंत्र रचा। बेटी को मरने के लिए उकसाया और खुद पीछे हट गया। मेरी 17 साल की बेटी मर गई। अब युवक और उसके परिवार पर कार्रवाई होनी चाहिए। पुलिस ने शव कब्जे में लेकर मामले की जांच शुरू कर दी है। पूरा मामला मंगलवार देर रात का है। झांसी के सदर थाना क्षेत्र के एक गांव में घटना हुई। आरोपी युवक ट्रैक्टर चलाता है। मोबाइल से अफेयर का पता चला मृतका के पिता का कहना है कि मेरी बेटी पढ़ाई छोड़ चुकी थी। अब वह अपने घर पर रहती थी। पड़ोस में रहने वाले एक युवक ने उसे अपने प्रेम जाल में फंसा लिया। बात करने के लिए उसने माचिस जितने आकार का छोटा मोबाइल बेटी को दे दिया। दोनों चोरी छुपे बात करने लगे थे। करीब 5 माह से दोनों के बीच अफेयर था। परिवार के लोगों को इसकी जानकारी नहीं थी। दो दिन पहले बेटी को फोन पर बात करते हुए पकड़ लिया। तब पता चला कि वो घर के बगल में रहने वाले युवक से बात करती है। हम लोग उलाहना देने पड़ोसी के घर गए तो युवक और उसके पिता धमकाने लगे। कहने लगे कि कुछ भी कर लो, शादी तुम्हारी बेटी से ही करेंगे। चिप्स के पैकेट में दिया जहर, खुद खाया नहीं
मृतका के मौसा का कहना है कि हम लोगों को ये रिश्ता मंजूर नहीं था। दोनों को समझाने की कोशिश की, लेकिन युवक शादी की जिद पर अड़ा था। मंगलवार को युवक ने चिप्स के पैकेट में भतीजी को जहर दिया। कहा कि तुम खा लो, हम भी खा लेंगे। इसके बाद भतीजी ने जहर खा लिया, मगर युवक ने नहीं खाया और भाग गया। जहर खाने के बाद भतीजी की तबीयत बिगड़ गई। तब उसे मेडिकल कॉलेज लेकर आए। यहां पर इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। सूचना पर पुलिस मौके पर आ गई थी। छानबीन में भतीजी के कमरे से दो और मोबाइल मिले। जिनके बारे में परिवार को पता नहीं था। आरोपी का कोई सुराग नहीं
पिता का कहना है कि घटना के बाद पुलिस को सूचना दी। तब पुलिस मौके पर आ गई और युवक के दो भाइयों को उठाकर ले गई थी। लेकिन, थोड़ी देर बाद ही दोनों को छोड़ दिया गया। हम चाहते हैं युवक और उसके परिवार पर कार्रवाई हो। इन्हीं लोगों ने बेटी को जहर खाने के लिए उकसाया है। लड़की की मौत के बाद घर में मातम पसरा है। युवती दो बहनों में बड़ी थी। उससे छोटी एक बहन 14 साल की है। जबकि 19 साल का एक बड़ा भाई है। पिता मजदूरी करते हैं। तहरीर मिलने पर कार्रवाई करेंगे
SP सिटी ज्ञानेंद्र कुमार सिंह का कहना है कि सदर थाना क्षेत्र की एक लड़की ने जहर खाकर सुसाइड किया है। अभी तक परिजनों ने कोई तहरीर नहीं दी है। तहरीर मिलने पर साक्ष्य के आधार पर कार्रवाई की जाएगी। पंचनामा भरकर पोस्टमॉर्टम करवाया जा रहा है।