लद्दाख के जरिए पाकिस्तान पहुंच गई थी सुनीता, अब मोबाइल में मिले ये ‘जासूसी’ वाले ऐप

लद्दाख के जरिए पाकिस्तान पहुंच गई थी सुनीता, अब मोबाइल में मिले ये ‘जासूसी’ वाले ऐप

<p style=”text-align: justify;”><strong>Nagpur News:</strong> महाराष्ट्र के नागपुर की रहने वाली सुनीता जामगड़े के मोबाइल फोन में संदिग्ध ‘स्पाइवेयर’ जैसे ऐप &nbsp;मिले हैं. पुलिस ने गुरुवार (5 जून) को बताया कि सुनीता को पिछले महीने पाकिस्तान द्वारा वापस भेजे के बाद जासूसी के आरोप में हिरासत में लिया गया था.</p>
<p style=”text-align: justify;”>अधिकारियों ने बताया कि 43 वर्षीय महिला के पाकिस्तान में घुसने की घटना ने सुरक्षा एजेंसियों के लिए चिंता पैदा कर दी है. एजेंसियां ​​जासूसी से जुड़े संभावित संबंधों की जांच कर रही हैं. कपिलनगर थाने के एक अधिकारी ने बताया कि पुलिस को उसके (सुनीता के) फोन में कई संदिग्ध एप्लिकेशन मिले हैं, जिनके स्पाइवेयर होने का संदेह है. इन ऐप्स का मकसद जानने के लिए उनका एनेलिसिस किया जा रहा है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>पाकिस्तान जाने में किसने की मदद?</strong><br />उन्होंने आगे बताया, “अधिकारी इस बात की जांच कर रहे हैं कि क्या महिला का कोई साथी था, जिसने उसे पाकिस्तान जाने में मदद की. उसके मकसद, ऐप और उसकी फोन पर हुई बातचीत की प्रकृति के पीछे की सच्चाई विस्तृत फोरेंसिक और खुफिया जांच के बाद ही सामने आएगी.”</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>4 मई को घर से निकली थी सुनिता</strong><br />पुलिस के मुताबिक, सुनीता कारगिल के हुंदरमन गांव से पाकिस्तान में कथित तौर पर घुसी थी, जो लद्दाख केंद्र शासित प्रदेश का हिस्सा है. पुलिस ने पहले बताया था कि सुनीता चार मई को अपने 13 वर्षीय बेटे के साथ नागपुर से निकली थी और कारगिल पहुंची, जहां से वह 14 मई को पाकिस्तान चली गई थी.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>पाकिस्तानी सेना ने भारत को सौंपा</strong><br />पुलिस के मुताबिक, सुनीता ने नियंत्रण रेखा (एलओसी) पार करने से पहले अपने बेटे को एक होटल में कथित तौर पर छोड़ दिया था. पुलिस ने बताया कि सीमा पार करने के बाद पाकिस्तानी सेना ने सुनीता को पकड़ लिया और उसे हिरासत में रखा, जब तक कि उसे आधिकारिक तौर पर भारतीय अधिकारियों को नहीं सौंप दिया गया.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>जाने से पहले पाकिस्तानियों के संपर्क में थी महिला</strong><br />प्रारंभिक जांच से पता चला कि सुनीता लापता होने से पहले दो पाकिस्तानी नागरिकों के संपर्क में थी, जिनकी पहचान जुल्फिकार और पास्टर के रूप में हुई है. अमृतसर पुलिस ने एक जीरो एफआईआर दर्ज की थी, जिसे बाद नागपुर के कपिल नगर थाने में ट्रांसफर कर दिया गया. मामले की जांच के लिए लद्दाख के कारगिल से एक टीम भी सोमवार रात नागपुर पहुंची.&nbsp;</p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Nagpur News:</strong> महाराष्ट्र के नागपुर की रहने वाली सुनीता जामगड़े के मोबाइल फोन में संदिग्ध ‘स्पाइवेयर’ जैसे ऐप &nbsp;मिले हैं. पुलिस ने गुरुवार (5 जून) को बताया कि सुनीता को पिछले महीने पाकिस्तान द्वारा वापस भेजे के बाद जासूसी के आरोप में हिरासत में लिया गया था.</p>
<p style=”text-align: justify;”>अधिकारियों ने बताया कि 43 वर्षीय महिला के पाकिस्तान में घुसने की घटना ने सुरक्षा एजेंसियों के लिए चिंता पैदा कर दी है. एजेंसियां ​​जासूसी से जुड़े संभावित संबंधों की जांच कर रही हैं. कपिलनगर थाने के एक अधिकारी ने बताया कि पुलिस को उसके (सुनीता के) फोन में कई संदिग्ध एप्लिकेशन मिले हैं, जिनके स्पाइवेयर होने का संदेह है. इन ऐप्स का मकसद जानने के लिए उनका एनेलिसिस किया जा रहा है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>पाकिस्तान जाने में किसने की मदद?</strong><br />उन्होंने आगे बताया, “अधिकारी इस बात की जांच कर रहे हैं कि क्या महिला का कोई साथी था, जिसने उसे पाकिस्तान जाने में मदद की. उसके मकसद, ऐप और उसकी फोन पर हुई बातचीत की प्रकृति के पीछे की सच्चाई विस्तृत फोरेंसिक और खुफिया जांच के बाद ही सामने आएगी.”</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>4 मई को घर से निकली थी सुनिता</strong><br />पुलिस के मुताबिक, सुनीता कारगिल के हुंदरमन गांव से पाकिस्तान में कथित तौर पर घुसी थी, जो लद्दाख केंद्र शासित प्रदेश का हिस्सा है. पुलिस ने पहले बताया था कि सुनीता चार मई को अपने 13 वर्षीय बेटे के साथ नागपुर से निकली थी और कारगिल पहुंची, जहां से वह 14 मई को पाकिस्तान चली गई थी.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>पाकिस्तानी सेना ने भारत को सौंपा</strong><br />पुलिस के मुताबिक, सुनीता ने नियंत्रण रेखा (एलओसी) पार करने से पहले अपने बेटे को एक होटल में कथित तौर पर छोड़ दिया था. पुलिस ने बताया कि सीमा पार करने के बाद पाकिस्तानी सेना ने सुनीता को पकड़ लिया और उसे हिरासत में रखा, जब तक कि उसे आधिकारिक तौर पर भारतीय अधिकारियों को नहीं सौंप दिया गया.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>जाने से पहले पाकिस्तानियों के संपर्क में थी महिला</strong><br />प्रारंभिक जांच से पता चला कि सुनीता लापता होने से पहले दो पाकिस्तानी नागरिकों के संपर्क में थी, जिनकी पहचान जुल्फिकार और पास्टर के रूप में हुई है. अमृतसर पुलिस ने एक जीरो एफआईआर दर्ज की थी, जिसे बाद नागपुर के कपिल नगर थाने में ट्रांसफर कर दिया गया. मामले की जांच के लिए लद्दाख के कारगिल से एक टीम भी सोमवार रात नागपुर पहुंची.&nbsp;</p>  महाराष्ट्र समृद्धि महामार्ग पर खुद गाड़ी चलाते नजर आए एकनाथ शिंदे, साथ बैठे CM फडणवीस, देखें दिलचस्प तस्वीरें