समाजवादी पार्टी के बाहुबली नेता और पूर्व सांसद रिजवान जहीर हत्या की साजिश के आरोप में ललितपुर जेल में बंद हैं। लेकिन उन्हें जेल में VIP सुविधाएं दी जा रही थीं। इसका खुलासा तब हुआ, जब जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव मयंक जायसवाल ने छापा मारा। रिजवान जहीर अपनी बैरक में डनलप के गद्दे पर सोता था। तकिए के नीचे 30 हजार रुपए भी रखे थे। ब्रांडेड देसी घी, मिठाई, महंगे खाने-पीने का सामान बरामद हुआ। प्राधिकरण के सचिव मयंक जायसवाल ने जब इन सुविधाओं को लेकर जेल अधीक्षक से सवाल किया गया तो वह कोई जवाब नहीं दे पाए। हैरानी की बात रही कि इसी बैरक में अन्य चार बंदी जमीन पर बैठकर पन्नी में रखी रोटी और कटोरी में दाल खा रहे थे। निरीक्षण की रिपोर्ट जिला जज नरेंद्र कुमार झा को सौंपी गई। कानपुर रेंज के डीआईजी जेल ने मामले में मुख्यालय को रिपोर्ट दी है। जल्द ही लापरवाह अफसरों पर कार्रवाई हो सकती है। अब विस्तार से पढ़िए… बैरक में मिला कैश, ब्रांडेड क्रीम, वीआईपी क्रॉकरी शनिवार सुबह 10:45 बजे का वक्त था। प्राधिकरण सचिव मयंक जायसवाल बैरक संख्या 5A में पहुंचे। वहां की स्थिति बाकी जेल की तुलना में बेहद अलग थी। गद्दा-तकिया, बैटरी पंखा, महंगे खाने पीने के सामान, मिठाई, अचार, ब्रांडेड तेल, साबुन, शैंपू, क्रीम, अच्छी क्रॉकरी, टिफिन वगैरह रखे मिले। तकिए के नीचे 500-500 रुपए की गड्डियों में कुल 30 हजार रुपए नकद मिले। पूछताछ में सामने आया कि इस बैरक में बलरामपुर के पूर्व सांसद रिजवान जहीर को रखा गया है। हैरानी की बात यह रही कि इसी बैरक में अन्य चार बंदी जमीन पर बैठकर प्लास्टिक की पन्नी में रोटी और कटोरी में दाल खा रहे थे। वहीं, दीवारों पर गुटखा थूकने के निशान और बाहर भारी संख्या में तंबाकू के पाउच पड़े मिले। खास बंदियों के लिए बनता है अलग खाना
निरीक्षण के दौरान एक और बैरक में ताला लगा मिला। जब उसे खोलने के लिए कहा गया, तो जेलकर्मियों ने टालमटोल शुरू कर दी। कई बार कहने पर जब बैरक खोला गया तो अंदर कुछ खास बंदियों के लिए अलग से भोजन तैयार किया जा रहा था। किचन जैसे माहौल वाले इस बैरक में भी साफ दिखा कि कुछ कैदियों को विशेष सुविधाएं दी जा रही हैं। डॉक्टर ने डनलप गद्दे पर सोने की दी थी सलाह
जेल अधीक्षक मुकेश कुमार ने बताया, पूर्व सांसद रिजवान जहीर को कोई भी वीआईपी सुविधा नहीं दी जा रही थी। उन्हें जेल मेन्यू के अनुसार ही सामग्री दी जा रही है। रिजवान जहीर हार्ट के मरीज हैं और अटैक भी आ चुका है। जिला अस्पताल के दो डॉक्टर जेल अस्पताल में रिजवान जहीर का इलाज करने आए थे। उन्होंने डनलप गद्दे पर सोने की सलाह दी थी। उन्होंने कहा, 7500 रुपए कैश मिले हैं। यह पैसे बैरक में कैसे पहुंचे। इसमें लापरवाही आई है। तलाशी करने वाले एक बंदी रक्षक व उप कारापाल सहित चार लोगों की लापरवाही पाई गई है। उनके खिलाफ कार्रवाई के लिए विभाग को पत्र लिखा गया है। दो दिन पहले रिजवान जहीर के वकील मुलाकात के लिए आए थे। हत्या की साजिश में बंद हैं पूर्व सांसद
बलरामपुर की तुलसीपुर नगर पंचायत के पूर्व अध्यक्ष फिरोज अहमद उर्फ पप्पू की हत्या की साजिश में पूर्व सांसद रिजवान जहीर जेल में बंद हैं। जुलाई 2022 से वे ललितपुर जेल में हैं। उनके खिलाफ गैंगस्टर एक्ट, हत्या, हत्या का प्रयास, बलवा और आर्म्स एक्ट समेत कुल 14 गंभीर मुकदमे दर्ज हैं। पुलिस के अनुसार, समाजवादी पार्टी का टिकट पाने की राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता के चलते रिजवान ने अपने दो करीबी शूटर्स- मेराज उल हक उर्फ मामा और महबूब से फिरोज अहमद की हत्या करवाई थी। यह हत्या 4 जनवरी, 2022 की रात करीब 10:30 बजे हुई थी। पहले भी लग चुका है NSA, हैं थाने के हिस्ट्रीशीटर 2021 में पंचायत चुनाव के दौरान हिंसा और आगजनी के मामले में रिजवान जहीर पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) लगाया गया था। तुलसीपुर थाना क्षेत्र के बेलीकला गांव में मतदान के बाद हुई हिंसा में उन्हें कांग्रेस नेता दीपांकर सिंह समेत गिरफ्तार किया गया था। रिजवान जहीर हरैया थाने के हिस्ट्रीशीटर हैं और 2003 से अब तक उन पर कई संगीन आपराधिक मामले दर्ज हैं। जिला प्रशासन ने उन्हें लोकशांति के लिए खतरा मानते हुए NSA की कार्रवाई की थी। ऐसा रहा रिजवान जहीर का राजनीतिक करियर रिजवान जहीर साल 1989 में निर्दल, 1993 में सपा और 1996 में बसपा से तुलसीपुर विधानसभा क्षेत्र से विधायक चुने गए थे। साल 1998 और 1999 में सपा से श्रावस्ती लोकसभा से सांसद भी रहे हैं। रिजवान जहीर के राजनीति के सितारे गर्दिश में उस वक्त आ गए, जब उन्होंने साल 1999 के बाद मुलायम सिंह यादव को सीधा चैलेंज करते हुए कहा था, रिजवान जहीर को किसी पार्टी की जरूरत नहीं है। रिजवान जहीर खुद में पार्टी है और मुलायम सिंह यादव चाहें तो मेरे सामने चुनाव लड़ कर देख लें, उन्हें भी हार ही हाथ लगेगी। जिसके बाद से रिजवान जहीर के सितारे गर्दिश में चले गए और तब से उन्होंने एक भी चुनाव नहीं जीता। हालांकि, 2021 में अखिलेश यादव उन्हें फिर से सपा में ले आए। ———————————————————————- ये खबर भी पढ़ेंः- अब्बास अंसारी की विधानसभा सीट खाली, संडे को खुला सचिवालय:छुट्टी के दिन आदेश जारी, मऊ में उपचुनाव का प्रस्ताव भी आयोग को भेजा यूपी विधानसभा सचिवालय ने विधायक बेटे अब्बास अंसारी की मऊ विधानसभा सीट को खाली घोषित कर दिया। शनिवार को मऊ MP/MLA कोर्ट ने अब्बास को हेट स्पीच मामले में 2 साल की सजा सुनाई थी। पढ़ें पूरी खबर… समाजवादी पार्टी के बाहुबली नेता और पूर्व सांसद रिजवान जहीर हत्या की साजिश के आरोप में ललितपुर जेल में बंद हैं। लेकिन उन्हें जेल में VIP सुविधाएं दी जा रही थीं। इसका खुलासा तब हुआ, जब जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव मयंक जायसवाल ने छापा मारा। रिजवान जहीर अपनी बैरक में डनलप के गद्दे पर सोता था। तकिए के नीचे 30 हजार रुपए भी रखे थे। ब्रांडेड देसी घी, मिठाई, महंगे खाने-पीने का सामान बरामद हुआ। प्राधिकरण के सचिव मयंक जायसवाल ने जब इन सुविधाओं को लेकर जेल अधीक्षक से सवाल किया गया तो वह कोई जवाब नहीं दे पाए। हैरानी की बात रही कि इसी बैरक में अन्य चार बंदी जमीन पर बैठकर पन्नी में रखी रोटी और कटोरी में दाल खा रहे थे। निरीक्षण की रिपोर्ट जिला जज नरेंद्र कुमार झा को सौंपी गई। कानपुर रेंज के डीआईजी जेल ने मामले में मुख्यालय को रिपोर्ट दी है। जल्द ही लापरवाह अफसरों पर कार्रवाई हो सकती है। अब विस्तार से पढ़िए… बैरक में मिला कैश, ब्रांडेड क्रीम, वीआईपी क्रॉकरी शनिवार सुबह 10:45 बजे का वक्त था। प्राधिकरण सचिव मयंक जायसवाल बैरक संख्या 5A में पहुंचे। वहां की स्थिति बाकी जेल की तुलना में बेहद अलग थी। गद्दा-तकिया, बैटरी पंखा, महंगे खाने पीने के सामान, मिठाई, अचार, ब्रांडेड तेल, साबुन, शैंपू, क्रीम, अच्छी क्रॉकरी, टिफिन वगैरह रखे मिले। तकिए के नीचे 500-500 रुपए की गड्डियों में कुल 30 हजार रुपए नकद मिले। पूछताछ में सामने आया कि इस बैरक में बलरामपुर के पूर्व सांसद रिजवान जहीर को रखा गया है। हैरानी की बात यह रही कि इसी बैरक में अन्य चार बंदी जमीन पर बैठकर प्लास्टिक की पन्नी में रोटी और कटोरी में दाल खा रहे थे। वहीं, दीवारों पर गुटखा थूकने के निशान और बाहर भारी संख्या में तंबाकू के पाउच पड़े मिले। खास बंदियों के लिए बनता है अलग खाना
निरीक्षण के दौरान एक और बैरक में ताला लगा मिला। जब उसे खोलने के लिए कहा गया, तो जेलकर्मियों ने टालमटोल शुरू कर दी। कई बार कहने पर जब बैरक खोला गया तो अंदर कुछ खास बंदियों के लिए अलग से भोजन तैयार किया जा रहा था। किचन जैसे माहौल वाले इस बैरक में भी साफ दिखा कि कुछ कैदियों को विशेष सुविधाएं दी जा रही हैं। डॉक्टर ने डनलप गद्दे पर सोने की दी थी सलाह
जेल अधीक्षक मुकेश कुमार ने बताया, पूर्व सांसद रिजवान जहीर को कोई भी वीआईपी सुविधा नहीं दी जा रही थी। उन्हें जेल मेन्यू के अनुसार ही सामग्री दी जा रही है। रिजवान जहीर हार्ट के मरीज हैं और अटैक भी आ चुका है। जिला अस्पताल के दो डॉक्टर जेल अस्पताल में रिजवान जहीर का इलाज करने आए थे। उन्होंने डनलप गद्दे पर सोने की सलाह दी थी। उन्होंने कहा, 7500 रुपए कैश मिले हैं। यह पैसे बैरक में कैसे पहुंचे। इसमें लापरवाही आई है। तलाशी करने वाले एक बंदी रक्षक व उप कारापाल सहित चार लोगों की लापरवाही पाई गई है। उनके खिलाफ कार्रवाई के लिए विभाग को पत्र लिखा गया है। दो दिन पहले रिजवान जहीर के वकील मुलाकात के लिए आए थे। हत्या की साजिश में बंद हैं पूर्व सांसद
बलरामपुर की तुलसीपुर नगर पंचायत के पूर्व अध्यक्ष फिरोज अहमद उर्फ पप्पू की हत्या की साजिश में पूर्व सांसद रिजवान जहीर जेल में बंद हैं। जुलाई 2022 से वे ललितपुर जेल में हैं। उनके खिलाफ गैंगस्टर एक्ट, हत्या, हत्या का प्रयास, बलवा और आर्म्स एक्ट समेत कुल 14 गंभीर मुकदमे दर्ज हैं। पुलिस के अनुसार, समाजवादी पार्टी का टिकट पाने की राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता के चलते रिजवान ने अपने दो करीबी शूटर्स- मेराज उल हक उर्फ मामा और महबूब से फिरोज अहमद की हत्या करवाई थी। यह हत्या 4 जनवरी, 2022 की रात करीब 10:30 बजे हुई थी। पहले भी लग चुका है NSA, हैं थाने के हिस्ट्रीशीटर 2021 में पंचायत चुनाव के दौरान हिंसा और आगजनी के मामले में रिजवान जहीर पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) लगाया गया था। तुलसीपुर थाना क्षेत्र के बेलीकला गांव में मतदान के बाद हुई हिंसा में उन्हें कांग्रेस नेता दीपांकर सिंह समेत गिरफ्तार किया गया था। रिजवान जहीर हरैया थाने के हिस्ट्रीशीटर हैं और 2003 से अब तक उन पर कई संगीन आपराधिक मामले दर्ज हैं। जिला प्रशासन ने उन्हें लोकशांति के लिए खतरा मानते हुए NSA की कार्रवाई की थी। ऐसा रहा रिजवान जहीर का राजनीतिक करियर रिजवान जहीर साल 1989 में निर्दल, 1993 में सपा और 1996 में बसपा से तुलसीपुर विधानसभा क्षेत्र से विधायक चुने गए थे। साल 1998 और 1999 में सपा से श्रावस्ती लोकसभा से सांसद भी रहे हैं। रिजवान जहीर के राजनीति के सितारे गर्दिश में उस वक्त आ गए, जब उन्होंने साल 1999 के बाद मुलायम सिंह यादव को सीधा चैलेंज करते हुए कहा था, रिजवान जहीर को किसी पार्टी की जरूरत नहीं है। रिजवान जहीर खुद में पार्टी है और मुलायम सिंह यादव चाहें तो मेरे सामने चुनाव लड़ कर देख लें, उन्हें भी हार ही हाथ लगेगी। जिसके बाद से रिजवान जहीर के सितारे गर्दिश में चले गए और तब से उन्होंने एक भी चुनाव नहीं जीता। हालांकि, 2021 में अखिलेश यादव उन्हें फिर से सपा में ले आए। ———————————————————————- ये खबर भी पढ़ेंः- अब्बास अंसारी की विधानसभा सीट खाली, संडे को खुला सचिवालय:छुट्टी के दिन आदेश जारी, मऊ में उपचुनाव का प्रस्ताव भी आयोग को भेजा यूपी विधानसभा सचिवालय ने विधायक बेटे अब्बास अंसारी की मऊ विधानसभा सीट को खाली घोषित कर दिया। शनिवार को मऊ MP/MLA कोर्ट ने अब्बास को हेट स्पीच मामले में 2 साल की सजा सुनाई थी। पढ़ें पूरी खबर… उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
ललितपुर जेल में बाहुबली पूर्व सांसद डनलप गद्दे पर सोता:छापेमारी में ब्रांडेड खाने-पीने का सामान; तकिए के नीचे से 30 हजार कैश मिला
