शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC) ने लहंदे पंजाब (पश्चिमी पंजाब) से बंटवारे के समय हरियाणा के करनाल जिले में अमुपुर गांव में में बसे चार सिख परिवारों के मकानों को तोड़ने की कार्रवाई का विरोध किया है। हरियाणा सरकार की तरफ से की गई कार्रवाई का संज्ञान लेते हुए आज मंगलवार को SGPC का एक प्रतिनिधिमंडल गांव अमुपुर पहुंचा। प्रभावित परिवारों से मुलाकात की और 1-1 लाख रुपए का चैक सौंपा। SGPC अध्यक्ष एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी ने एक कमेटी का गठन किया, जिसमें शिरोमणि कमेटी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष हरभजन सिंह मसाना, जूनियर उपाध्यक्ष गुरबख्श सिंह खालसा, सदस्य भाई गुरचरण सिंह ग्रेवाल और धर्म प्रचार समिति के सदस्य तेजिंदरपाल सिंह लाडवां शामिल हैं। SGPC के इस प्रतिनिधिमंडल ने पीड़ित परिवारों से मुलाकात की और जमीनी स्तर पर पूरी स्थिति की जानकारी ली। उन्होंने कहा कि SGPC की तरफ से हरियाणा सरकार की धक्केशाही और दमन का पुरजोर विरोध किया जाएगा। सहायता देने की घोषणा SGPC ने चारों पीड़ित सिख परिवारों को एक-एक लाख रुपए की प्रारंभिक सहायता देने की घोषणा की और राज्य में हरियाणा की भाजपा सरकार के अमानवीय कृत्य की कड़ी निंदा की। हरियाणा सरकार से इन परिवारों के साथ न्याय करने को कहा। भाजपा की सिख विरोधी नीतियां इससे उजागर हुई SGPC ने मानवाधिकार से जुड़े संगठनों और कार्यकर्ताओं से हरियाणा में भाजपा सरकार द्वारा सिखों के खिलाफ इस धक्के के खिलाफ आवाज उठाने की अपील की। मसाना ने सभी सिख संगठनों और संगठनों से भी अपील की कि वे इन परिवारों की यथासंभव मदद करें, ताकि इस दुख की घड़ी में उन्हें सहारा मिल सके। शिरोमणि कमेटी के सदस्य भाई गुरचरण सिंह ग्रेवाल ने हरियाणा की भाजपा सरकार की सिख विरोधी कार्रवाई की कड़ी निंदा की और कहा कि सरकार की इस कार्रवाई से सिखों में गहरा गुस्सा है। इस कार्रवाई से भाजपा की सिख विरोधी नीति एक बार फिर उजागर हो गई है। हरियाणा सरकार सिखों से कर रही धक्का SGPC सदस्यों ने कहा कि इसकी जिम्मेदारी हरियाणा सरकार की है। देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को देखना चाहिए कि उनकी पार्टी के नेतृत्व वाली सरकार हरियाणा में सिखों के साथ किस तरह से धक्का कर रही है। खुद को भाजपा नेता बताने वाले सिखों को बताना चाहिए कि बीजेपी सरकार के राज्य में सिखों के घर क्यों तोड़े जा रहे हैं। SGPC ने कुरूक्षेत्र में कार्यरत हरियाणा सरकार द्वारा नामित हरियाणा सिख गुरुद्वारा कमेटी के प्रतिनिधियों की भी कड़ी निंदा की और कहा कि कई दिन बीत जाने के बाद भी उन्होंने अमुपुर में पीड़ित सिख परिवारों से मुलाकात नहीं की नहीं पहुंचे। विभाजन के समय उजड़ कर यहां बसे थे परिवार पीड़ित बूटा सिंह ने जानकारी साझा की कि वे चार भाई हैं। उनका परिवार देश के विभाजन के बाद लहंदे पंजाब से आकर अमूपुर गांव के इस स्थान पर बस गया था। लेकिन 26 जून 2024 को अचानक सरकारी अधिकारियों ने पुलिस बल के साथ चारों परिवारों के घर को तोड़ दिया। शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC) ने लहंदे पंजाब (पश्चिमी पंजाब) से बंटवारे के समय हरियाणा के करनाल जिले में अमुपुर गांव में में बसे चार सिख परिवारों के मकानों को तोड़ने की कार्रवाई का विरोध किया है। हरियाणा सरकार की तरफ से की गई कार्रवाई का संज्ञान लेते हुए आज मंगलवार को SGPC का एक प्रतिनिधिमंडल गांव अमुपुर पहुंचा। प्रभावित परिवारों से मुलाकात की और 1-1 लाख रुपए का चैक सौंपा। SGPC अध्यक्ष एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी ने एक कमेटी का गठन किया, जिसमें शिरोमणि कमेटी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष हरभजन सिंह मसाना, जूनियर उपाध्यक्ष गुरबख्श सिंह खालसा, सदस्य भाई गुरचरण सिंह ग्रेवाल और धर्म प्रचार समिति के सदस्य तेजिंदरपाल सिंह लाडवां शामिल हैं। SGPC के इस प्रतिनिधिमंडल ने पीड़ित परिवारों से मुलाकात की और जमीनी स्तर पर पूरी स्थिति की जानकारी ली। उन्होंने कहा कि SGPC की तरफ से हरियाणा सरकार की धक्केशाही और दमन का पुरजोर विरोध किया जाएगा। सहायता देने की घोषणा SGPC ने चारों पीड़ित सिख परिवारों को एक-एक लाख रुपए की प्रारंभिक सहायता देने की घोषणा की और राज्य में हरियाणा की भाजपा सरकार के अमानवीय कृत्य की कड़ी निंदा की। हरियाणा सरकार से इन परिवारों के साथ न्याय करने को कहा। भाजपा की सिख विरोधी नीतियां इससे उजागर हुई SGPC ने मानवाधिकार से जुड़े संगठनों और कार्यकर्ताओं से हरियाणा में भाजपा सरकार द्वारा सिखों के खिलाफ इस धक्के के खिलाफ आवाज उठाने की अपील की। मसाना ने सभी सिख संगठनों और संगठनों से भी अपील की कि वे इन परिवारों की यथासंभव मदद करें, ताकि इस दुख की घड़ी में उन्हें सहारा मिल सके। शिरोमणि कमेटी के सदस्य भाई गुरचरण सिंह ग्रेवाल ने हरियाणा की भाजपा सरकार की सिख विरोधी कार्रवाई की कड़ी निंदा की और कहा कि सरकार की इस कार्रवाई से सिखों में गहरा गुस्सा है। इस कार्रवाई से भाजपा की सिख विरोधी नीति एक बार फिर उजागर हो गई है। हरियाणा सरकार सिखों से कर रही धक्का SGPC सदस्यों ने कहा कि इसकी जिम्मेदारी हरियाणा सरकार की है। देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को देखना चाहिए कि उनकी पार्टी के नेतृत्व वाली सरकार हरियाणा में सिखों के साथ किस तरह से धक्का कर रही है। खुद को भाजपा नेता बताने वाले सिखों को बताना चाहिए कि बीजेपी सरकार के राज्य में सिखों के घर क्यों तोड़े जा रहे हैं। SGPC ने कुरूक्षेत्र में कार्यरत हरियाणा सरकार द्वारा नामित हरियाणा सिख गुरुद्वारा कमेटी के प्रतिनिधियों की भी कड़ी निंदा की और कहा कि कई दिन बीत जाने के बाद भी उन्होंने अमुपुर में पीड़ित सिख परिवारों से मुलाकात नहीं की नहीं पहुंचे। विभाजन के समय उजड़ कर यहां बसे थे परिवार पीड़ित बूटा सिंह ने जानकारी साझा की कि वे चार भाई हैं। उनका परिवार देश के विभाजन के बाद लहंदे पंजाब से आकर अमूपुर गांव के इस स्थान पर बस गया था। लेकिन 26 जून 2024 को अचानक सरकारी अधिकारियों ने पुलिस बल के साथ चारों परिवारों के घर को तोड़ दिया। पंजाब | दैनिक भास्कर
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इस कमेटी के लिए केवल निर्वाचित सदस्य ही वोट कर सकते हैं। वर्ष 1999 में पहली बार किसी महिला को एसजीपीसी का अध्यक्ष चुना गया था। कमेटी की पहली महिला अध्यक्ष का नाम बीबी जागीर कौर था। शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी का इतिहास गौरवशाली और बलिदानों से भरा रहा है। इन 100 सालों में एसजीपीसी ने कई उतार-चढ़ाव देखे हैं।
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हरियाणा CM की शपथग्रहण के बाद ताकत दिखाएगा NDA गठबंधन:महाराष्ट्र-झारखंड के चुनाव ऐलान के बाद चंडीगढ़ में पहली मीटिंग; PM मोदी संबोधित करेंगे हरियाणा में मुख्यमंत्री नायब सैनी के शपथग्रहण समारोह के तुरंत बाद चंडीगढ़ में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) अपनी ताकत दिखाएगा। इसके लिए चंडीगढ़ में मीटिंग होगी। जिसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी संबोधित करेंगे। NDA की इस मीटिंग को BJP की हरियाणा के विधानसभा चुनाव में हुई जीत को लेकर विपक्षी दलों पर दबाव बनाए रखने से जोड़कर देखा जा रहा है। इसके अलावा महाराष्ट्र और झारखंड में विधानसभा चुनावों के लिहाज से भी इसे अहम माना जा रहा है। भाजपा की तरफ से इस मीटिंग में PM मोदी के अलावा गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा भी मौजूद रहेंगे। इस मीटिंग में BJP शासित राज्यों के 13 मुख्यमंत्री और 16 उपमुख्यमंत्री मौजूद रहेंगे। इसके अलावा NDA के सहयोगी दलों में आंधप्रदेश के सीएम चंद्रबाबू नायडू के अलावा महाराष्ट्र, बिहार, सिक्किम, नागालैंड और मेघालय के सीएम भी यहां मौजूद रहेंगे। मीटिंग के मद्देनजर चंडीगढ़ को नो फ्लाई जोन बनाया गया है। देश के विकास के संयुक्त एजेंडे पर होगी चर्चा
इस मीटिंग में देश के विकास के लिए संयुक्त एजेंडे पर चर्चा की जाएगी। इसके अलावा संविधान का अमृत महोत्सव मनाने और लोकतंत्र की हत्या की कोशिश की 50वीं वर्षगांठ के विषय पर भी चर्चा की जाएगी। हरियाणा भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष मोहन लाल बड़ौली ने पुष्टि करते हुए कहा कि आज पंचकूला में शपथ ग्रहण समारोह के बाद चंडीगढ़ में NDA की बैठक होगी। बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, सीएम, डिप्टी सीएम और एनडीए के वरिष्ठ नेता शामिल होंगे। जेएंडके में विपक्षी एकजुटता को जवाब इस मीटिंग के जरिए NDA विपक्षी दलों के I.N.D.I.A. ब्लॉक को भी जवाब देने की कोशिश में है। जो 16 अक्टूबर को जेएंडके के नए मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के शपथग्रहण समारोह में एकजुट दिखे थे। इसके अलावा गठबंधन के सहारे चल रही केंद्र की BJP सरकार भी देश के विकास की चर्चाओं में सभी दलों की भागीदारी देने की कोशिश में है।