लुधियाना कांग्रेस में गुटबाजी जारी:आत्मनगर विधानसभा क्षेत्र में आशु की बैठक, बैंस बंधु नदारद

लुधियाना कांग्रेस में गुटबाजी जारी:आत्मनगर विधानसभा क्षेत्र में आशु की बैठक, बैंस बंधु नदारद

पंजाब के लुधियाना में कांग्रेस ने जीत जरूर हासिल की है और सांसद अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग प्रदेश अध्यक्ष बन गए हैं। लेकिन कांग्रेस में गुटबाजी अभी भी जारी है। कांग्रेसी आत्म नगर हलके में बैठकें कर रहे हैं लेकिन बैंस उन बैठकों में नजर नहीं आ रहे हैं। इससे पहले सिमरजीत सिंह बैंस को लोकसभा टिकट मिलने की चर्चा खूब रही थी। उस समय भी कुछ कांग्रेसियों ने विरोध किया था और बैंस को टिकट नहीं मिला था। इसके बाद आखिरकार बैंस ने अपने भाई बलविंदर सिंह के साथ पार्टी का विलय कर दिया और कांग्रेस में शामिल हो गए। बैंस के गढ़ में आशु की बैठकें आत्म नगर हलका सिमरजीत सिंह बैंस का गढ़ है। दो दिन पहले कार्यकारी अध्यक्ष भारत भूषण आशु ने बैंस के गढ़ में धन्यवाद बैठक आयोजित की थी। इस बैठक में कांग्रेस के पूर्व पार्षद भी शामिल हुए थे, जिनका बैंस से 36 का आंकड़ा है। सिमरजीत इस बैठक में नहीं आए। इसके बाद अगले ही दिन आत्म नगर के सभी कांग्रेस पदाधिकारी उनसे मिलने चंडीगढ़ पहुंच गए। पार्टी में वरिष्ठ नेताओं के बीच खींचतान इसी तरह जारी रही तो आगामी निगम चुनाव में विवाद होना तय है। आत्म नगर से मिली कांग्रेस को 5096 लीड भारत भूषण आशु ने जो 2 दिन पहले बैठक में धन्यवाद वर्करों को किया क्योंकि आत्म नगर से पार्टी को 5096 की लीड मिली थी। बेशक इस लीड का कारण सिमरजीत सिंह बैंस है क्योंकि उनका खुद का वोट बैंक भी काफी है। उनकी पार्टी का विलय कांग्रेस में होने के कारण भी वोट कांग्रेस को मिले लेकिन इस धन्यवाद बैठक में 7 पार्षद सहित अन्य वर्कर शामिल थे। वहीं जो नेता वड़िंग से मिलने चंडीगढ़ गए थे ये वह नेता थे जो आशु की बैठक में नहीं गए थे। लोकसभा चुनाव में आशु खिलाफ विधायकों ने खोला था मोर्चा लोकसभा चुनाव की घोषणा होने से पहले कांग्रेस टिकट के लिए भारत भूषण आशु का नाम सबसे आगे था। लेकिन आशु के खिलाफ कांग्रेस के पुराने दिग्गज विधायकों ने मोर्चा खोल दिया था। आखिर समय में पार्टी ने प्रदेश प्रधान वड़िंग को लुधियाना संसदीय सीट से चुनाव लड़वाया। चुनाव प्रचार दौरान भी लुधियाना में वड़िंग ज्यादातर अकेले ही वोट मांगते दिखे थे। उस समय यह भी चर्चा रही कि आशु खुलकर चुनाव प्रचार में शामिल नहीं हो रहे थे। इन्हीं कारणों से पार्टी में अंदर खाते कलह बढ़ गई है। पंजाब के लुधियाना में कांग्रेस ने जीत जरूर हासिल की है और सांसद अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग प्रदेश अध्यक्ष बन गए हैं। लेकिन कांग्रेस में गुटबाजी अभी भी जारी है। कांग्रेसी आत्म नगर हलके में बैठकें कर रहे हैं लेकिन बैंस उन बैठकों में नजर नहीं आ रहे हैं। इससे पहले सिमरजीत सिंह बैंस को लोकसभा टिकट मिलने की चर्चा खूब रही थी। उस समय भी कुछ कांग्रेसियों ने विरोध किया था और बैंस को टिकट नहीं मिला था। इसके बाद आखिरकार बैंस ने अपने भाई बलविंदर सिंह के साथ पार्टी का विलय कर दिया और कांग्रेस में शामिल हो गए। बैंस के गढ़ में आशु की बैठकें आत्म नगर हलका सिमरजीत सिंह बैंस का गढ़ है। दो दिन पहले कार्यकारी अध्यक्ष भारत भूषण आशु ने बैंस के गढ़ में धन्यवाद बैठक आयोजित की थी। इस बैठक में कांग्रेस के पूर्व पार्षद भी शामिल हुए थे, जिनका बैंस से 36 का आंकड़ा है। सिमरजीत इस बैठक में नहीं आए। इसके बाद अगले ही दिन आत्म नगर के सभी कांग्रेस पदाधिकारी उनसे मिलने चंडीगढ़ पहुंच गए। पार्टी में वरिष्ठ नेताओं के बीच खींचतान इसी तरह जारी रही तो आगामी निगम चुनाव में विवाद होना तय है। आत्म नगर से मिली कांग्रेस को 5096 लीड भारत भूषण आशु ने जो 2 दिन पहले बैठक में धन्यवाद वर्करों को किया क्योंकि आत्म नगर से पार्टी को 5096 की लीड मिली थी। बेशक इस लीड का कारण सिमरजीत सिंह बैंस है क्योंकि उनका खुद का वोट बैंक भी काफी है। उनकी पार्टी का विलय कांग्रेस में होने के कारण भी वोट कांग्रेस को मिले लेकिन इस धन्यवाद बैठक में 7 पार्षद सहित अन्य वर्कर शामिल थे। वहीं जो नेता वड़िंग से मिलने चंडीगढ़ गए थे ये वह नेता थे जो आशु की बैठक में नहीं गए थे। लोकसभा चुनाव में आशु खिलाफ विधायकों ने खोला था मोर्चा लोकसभा चुनाव की घोषणा होने से पहले कांग्रेस टिकट के लिए भारत भूषण आशु का नाम सबसे आगे था। लेकिन आशु के खिलाफ कांग्रेस के पुराने दिग्गज विधायकों ने मोर्चा खोल दिया था। आखिर समय में पार्टी ने प्रदेश प्रधान वड़िंग को लुधियाना संसदीय सीट से चुनाव लड़वाया। चुनाव प्रचार दौरान भी लुधियाना में वड़िंग ज्यादातर अकेले ही वोट मांगते दिखे थे। उस समय यह भी चर्चा रही कि आशु खुलकर चुनाव प्रचार में शामिल नहीं हो रहे थे। इन्हीं कारणों से पार्टी में अंदर खाते कलह बढ़ गई है।   पंजाब | दैनिक भास्कर