लुधियाना में न्यू सुंदर नगर 33 फुटा रोड पर एक खिलौनों की दुकान में अचानक भीषण आग लग गई। दुकानदार के मुताबिक, उसकी दुकान के बिल्कुल नजदीक बिजली की तारें गुजरती है। उसे शक है कि तारों से स्पार्किंग होने के कारण दुकान में आग लगी है। आग लगने का अभी असल कारण पता नहीं चल सका। आग लगने से लाखों रुपए का माल जलकर राख हो गया। दुकानदार सुखविंदर सिंह ने बताया कि जब दुकान को आग लगी तो रात 2 बजे किसी राहगीर ने फोन करके उसे घटना की सूचना दी। जिस पर वह तुरंत दुकान पर पहुंचे और शटर उठाया तो हर तरफ आग नजर आ रही थी। दुकान के बाहर जो बिजली की तारें है उन्हीं में शार्ट सर्किट हुआ है। घटना के तुरंत बाद दमकल विभाग की गाड़ियां मौके पर पहुंची। दमकल कर्मियों ने पावरकाम कर्मचारियों से कहा भी कि दुकान में आग लगी है बिजली सप्लाई बंद करे, लेकिन पावरकाम कर्मचारी ने 15- 20 मिनट बाद बिजली सप्लाई बंद की, तब तक आग हर तरफ फैल चुकी थी। 4 से 5 गाड़ियां पानी की आग बुझाने में लगी आग इतनी भयानक थी कि आस-पास की दुकानों में भी फैलने का डर बन गया था। करीब 4 से 5 गाड़ियां पानी की आग बुझाने में लग गई। बिजली की तारों से लोग परेशान है। तारों के जंजाल हर तरफ बिछे है जिस कारण आए दिन शार्ट सर्किट होते रहते हैं। दुकानदारी दोबारा से सेट करने में करीब 6 महीने अब लग जाएंगे। सरकार से मांग है कि जो दुकान का नुकसान हुआ है उसका मुआवजा दिया जाए। लुधियाना में न्यू सुंदर नगर 33 फुटा रोड पर एक खिलौनों की दुकान में अचानक भीषण आग लग गई। दुकानदार के मुताबिक, उसकी दुकान के बिल्कुल नजदीक बिजली की तारें गुजरती है। उसे शक है कि तारों से स्पार्किंग होने के कारण दुकान में आग लगी है। आग लगने का अभी असल कारण पता नहीं चल सका। आग लगने से लाखों रुपए का माल जलकर राख हो गया। दुकानदार सुखविंदर सिंह ने बताया कि जब दुकान को आग लगी तो रात 2 बजे किसी राहगीर ने फोन करके उसे घटना की सूचना दी। जिस पर वह तुरंत दुकान पर पहुंचे और शटर उठाया तो हर तरफ आग नजर आ रही थी। दुकान के बाहर जो बिजली की तारें है उन्हीं में शार्ट सर्किट हुआ है। घटना के तुरंत बाद दमकल विभाग की गाड़ियां मौके पर पहुंची। दमकल कर्मियों ने पावरकाम कर्मचारियों से कहा भी कि दुकान में आग लगी है बिजली सप्लाई बंद करे, लेकिन पावरकाम कर्मचारी ने 15- 20 मिनट बाद बिजली सप्लाई बंद की, तब तक आग हर तरफ फैल चुकी थी। 4 से 5 गाड़ियां पानी की आग बुझाने में लगी आग इतनी भयानक थी कि आस-पास की दुकानों में भी फैलने का डर बन गया था। करीब 4 से 5 गाड़ियां पानी की आग बुझाने में लग गई। बिजली की तारों से लोग परेशान है। तारों के जंजाल हर तरफ बिछे है जिस कारण आए दिन शार्ट सर्किट होते रहते हैं। दुकानदारी दोबारा से सेट करने में करीब 6 महीने अब लग जाएंगे। सरकार से मांग है कि जो दुकान का नुकसान हुआ है उसका मुआवजा दिया जाए। पंजाब | दैनिक भास्कर
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पंजाब पूर्व CM के पोते चुनाव हारकर भी मंत्री बने:दादा की एम्बेसडर कार को लकी मानते हैं, सचिवालय में ब्लास्ट के दौरान मौजूद थे
पंजाब पूर्व CM के पोते चुनाव हारकर भी मंत्री बने:दादा की एम्बेसडर कार को लकी मानते हैं, सचिवालय में ब्लास्ट के दौरान मौजूद थे वर्ष 1995 में आतंकवाद के दौर में सचिवालय बिल्डिंग ब्लास्ट में जान गंवाने वाले पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह के पोते रवनीत बिट्टू को नरेंद्र मोदी 3.0 सरकार में मंत्री बनाया गया है। रवनीत बिट्टू ने 2024 लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस छोड़कर भाजपा जॉइन की थी। भाजपा ने उन्हें लुधियाना से उम्मीदवार बनाया, लेकिन वह कांग्रेस के अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग से हार गए। ऐसे में अब भाजपा ने उन्हें मंत्री बनाकर सिख समाज को साधने की कोशिश की। रवनीत बिट्टू के राजनीतिक करियर की शुरुआत साल 2008 में युवा कांग्रेस से शुरू किया था। 2008 में वे पंजाब यूथ कांग्रेस के पहले निर्वाचित अध्यक्ष बने। 2009 में पार्टी ने उन्हें श्री आनंदपुर साहिब से टिकट दी और दादा बेअंत सिंह व पिता स्वर्णजीत सिंह के किए कामों के कारण वे आसानी से चुनाव जीत गए। पार्टी ने भी पहली बार चुनाव जीतने के बाद उन्हें होम अफेयर्स कमेटी का सदस्य बना दिया। 2014 में कांग्रेस ने बिट्टू की सीट बदलते हुए लुधियाना शिफ्ट किया। इसके बाद 2014 और 2014 में वह इसी सीट से सांसद चुने गए। आतंकियों की धमकी को नजरअंदाज कर डाला वोट
90 के दशक में आतंकवाद का दौर था। आतंकियों ने वोट डालने वालों को जान से मारने की धमकी दे रखी थी। बिट्टू 18 साल के हुए थे और उनका पहला वोट डालने का मौका था। बिट्टू ने आतंकियों की धमकी करे नजरअंदाज कर वोट डाला। इतना ही नहीं, मुहिम चलाई और लोगों को आतंकियों की धमकी से उलट चल वोट डालने के लिए प्रोत्साहित किया। दादा की मौत के समय घटनास्थल पर मौजूद थे बिट्टू
पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह के देहांत के समय रवनीत सिंह बिट्टू की उम्र महज 20 साल थी। वे सचिवालय की दूसरी मंजिल पर मौजूद थे, उनके चचेरे भाई गुरकिरत सिंह कोटली भी वहीं थे। जब धमाका हुआ तो वे तुरंत नीचे की तरफ भागे, लेकिन सुरक्षाकर्मियों ने दोबारा ब्लास्ट के संदेह के डर से दोनों को बिल्डिंग से बाहर निकाल दिया। उन्हें सुरक्षा के चलते गाड़ी के पास नहीं जाने दिया गया। अंत में बेअंत सिंह हाथ में पहने कड़े के कारण पहचाने गए। गुरकिरत कोटली चचेरे भाई
पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह के देहांत के बाद बेटे तेजप्रकाश सिंह ने परंपरा को आगे बढ़ाया था। वे पंजाब के पूर्व मंत्री भी रह चुके हैं। उनकी छोटी बेटी गुरकंवल कौर भी राजनीति में रहीं। बेअंत सिंह के बेटे तेजप्रकाश के बेटे गुरकिरत सिंह कोटली खन्ना से 2 बार विधायक रह चुके हैं और आज भी कांग्रेस के साथ हैं। बेअंत सिंह के दूसरे बेटे स्वर्णजीत सिंह ने राजनीति से दूरी बनाकर रखी और उनके बेटे रवनीत बिट्टू राजनीति में आ गए। दादा की कार को मानते हैं लकी
रवनीत सिंह बिट्टू का अपने दादा के साथ भावनात्मक रिश्ता है। बेअंत सिंह की एम्बेसडर कार को बिट्टू लकी मानते हैं। अपना नामांकन वे हमेशा इसी कार में भरने जाते हैं। बिट्टू ने एक इंटरव्यू में कहा था उनके परिवार का उस कार से भावनात्मक रिश्ता है। जिसमें उनके दादा ने पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष रहते हुए आतंकवाद के दिनों में राज्यभर में लाखों किलोमीटर का सफर किया करते थे। उनके पास अपने समय के महान राजनीतिक व्यक्तित्व की विरासत है। बम से उड़ाने की मिल चुकी धमकी
इस साल की शुरुआत में रवनीत सिंह बिट्टू को बम से उड़ाने की धमकी मिली थी। बिट्टू को वॉट्सऐप पर अज्ञात विदेशी नंबर से कॉल आई। धमकी देने वाले ने बिट्टू से कहा कि जल्द ही उन्हें बम से उड़ा दिया जाएगा। इसके बाद बिट्टू ने इसकी शिकायत पुलिस को दी थी। किसानों ने बिट्टू पर किया था हमला
जनवरी 2021 में कृषि कानूनों के खिलाफ किसान सिंघु बॉर्डर पर बैठे हुए थे। उस दौरान रवनीत सिंह बिट्टू किसानों के बीच पहुंचे। यहां उनकी किसानों के साथ कहासुनी हो गई। बात धक्कामुक्की से लेकर छीना झपटी तक जा पहुंची। इस दौरान बिट्टू की पगड़ी भी उतर गई थी। रवनीत सिंह बिट्टू से जुड़े 2 विवाद 1. कब्जे के आरोप में नोटिस मिला – मई महीने में नामांकन दाखिल करने से एक दिन पहले, नागरिक निकाय ने रवनीत बिट्टू को 8 साल तक लुधियाना में सरकारी घर पर अवैध रूप से कब्जा करने का आरोप लगाते हुए नोटिस दिया था। बिट्टू को नामांकन दाखिल करने से पहले घर खाली करने और जुर्माने के रूप में 1.82 करोड़ का भुगतान करने के लिए कहा गया। इसके बाद बिट्टू भाजपा कार्यालय चले गए और फर्श पर ही सोए। 2. किसानों के विरोध के कारण भागना पड़ा- लोकसभा चुनाव में प्रचार के दौरान रवनीत बिट्टू को लुधियाना में किसानों के विरोध का सामना करना पड़ा। इस दौरान एक वीडियो भी वायरल हुई थी, जिसमें बिट्टू भागते हुए नजर आए। इसके बाद बिट्टू ने कहा था कि “वह उन्हें (किसानों को) 4 जून (परिणाम वाले दिन) के बाद देख लेंगे”। राज्यसभा में भेजने की तैयारी में पार्टी
चूंकि रवनीत सिंह बिट्टू लोकसभा चुनाव हार गए हैं तो पार्टी उन्हें राज्यसभा में भेजने की तैयारी कर रही है। चर्चा है कि उन्हें हरियाणा से राज्यसभा में भेजा जा सकता है। कांग्रेस के दीपेंद्र सिंह हुड्डा के लोकसभा चुनाव जीतने के बाद यहां एक सीट खाली हुई है। यह पहला मौका नहीं है कि पंजाब में चुनाव हारकर कोई केंद्र में मंत्री बना हो। इससे पहले डॉ. मनमोहन सिंह, अरुण जेटली और हरदीप पुरी भी केंद्र में मंत्री बन चुके हैं।
आतंकी पन्नू ने राहुल गांधी की स्टेटमेंट का किया समर्थन:भाजपा समर्थकों और सांसदों को चेतावनी दी; बोला- 1990 का दशक याद रखना
आतंकी पन्नू ने राहुल गांधी की स्टेटमेंट का किया समर्थन:भाजपा समर्थकों और सांसदों को चेतावनी दी; बोला- 1990 का दशक याद रखना विपक्ष के नेता व कांग्रेस लीडर राहुल गांधी द्वारा विदेश में दिए गए स्टेटमेंट के बाद भारत में विवाद थम नहीं रहा है। दिल्ली में भाजपा नेताओं की तरफ से इसका विरोध शुरू हो चुका है और आज प्रदर्शन भी किए जा रहे हैं। इसी बीच सरकार की तरफ से आतंकी घोषित सिख फॉर जस्टिस के गुरपतवंत सिंह पन्नू ने ऑडियो संदेश भेज, राहुल गांधी की स्टेटमेंट को समर्थन दिया है। आतंकी पन्नू ने भेजी गई ऑडियो में कहा- प्रधानमंत्री मोदी के समर्थक व बीजेपी के लिए संदेश है। राहुल गांधी की स्टेटमेंट, भाजपा के राज में सिखों को खतरा, का विरोध कर रहा है वे खालिस्तान का दुश्मन है। राहुल गांधी की स्टेटमेंट पंजाब की आजादी के रेफरेंडम (जनमत) व ग्लोबल खालिस्तान रेफरेंडम का संदेशा है। बीजेपी और आरएसएस हमेशा से ही सिखों व पंजाब की दुश्मन रही है। सिख फॉर जस्टिस की तरफ से बीजेपी सपोर्टर व सांसदों को चेतावनी है, जो भी राहुल गांधी की स्टेटमेंट का विरोध करेगा, वे खालिस्तान का दुश्मन है। SFJ इसके लिए तुम्हें दोषी मानेगा। 1990 के दशक को याद रखना। खालिस्तान समर्थक कर रहे समर्थन राहुल गांधी के बयान का खालिस्तान समर्थक लगातार समर्थन कर रहे हैं। बीते दिनों खालिस्तान समर्थक व पूर्व सांसद सिमरनजीत सिंह मान ने भी राहुल गांधी के बयान का समर्थन किया था। उन्होंने कहा था कि भाजपा की सरकार के आने के बाद शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के चुनाव भी नहीं करवाए गए। 2020 में आतंकी घोषित हुआ पन्नू भारत सरकार ने 2019 में आतंकी गतिविधियां चलाने के आरोप में पन्नू के संगठन SFJ को गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम यानी UAPA के तहत प्रतिबंधित कर दिया था। गृह मंत्रालय ने अपनी अधिसूचना में कहा था कि SFJ सिखों के लिए जनमत संग्रह की आड़ में पंजाब में अलगाववाद और चरमपंथी विचारधारा का समर्थन कर रहा है। पन्नू पर 2020 में अलगाववाद को बढ़ावा देने और पंजाबी सिख युवाओं को हथियार उठाने के लिए उकसाने का आरोप लगा था। इसके बाद केंद्र सरकार ने 1 जुलाई 2020 को पन्नू को यूएपीए के तहत आतंकवादी घोषित किया था। 2020 में सरकार ने एसएफजे से जुड़े 40 से ज्यादा वेब पेज और यूट्यूब चैनल पर प्रतिबंध लगा दिया था।
फाजिल्का में कुत्तों की लड़ाई की वजह से बाइक टकराई:2 बच्चों समेत 4 लोग घायल, बुआ के घर बर्थडे पार्टी में जा रहे थे
फाजिल्का में कुत्तों की लड़ाई की वजह से बाइक टकराई:2 बच्चों समेत 4 लोग घायल, बुआ के घर बर्थडे पार्टी में जा रहे थे फाजिल्का में बुआ के घर हुए बच्चे के जन्मदिन की पार्टी पर जा रहे परिवार की बाइक रास्ते में कुत्तों से टकरा गई, जिससे दो बच्चों समेत 4 लोग घायल हो गए। कुत्तों की लड़ाई चल रही थी, जिस वजह से यह हादसा हुआ। घायलों को सरकारी अस्पताल भर्ती करवाया गया है l घटना जलालाबाद की है। घायल व्यक्ति राजिंदर सिंह ने बताया कि वह ढाणी घुरका के रहने वाला है l जो अपने परिवार सहित बाइक पर सवार होकर जलालाबाद बुआ के घर बच्चे की पार्टी पर जा रहे थे l रास्ते में कुत्तों की लड़ाई हो रही थी l जहां से भागे कुत्ते उनके बाइक के साथ टकरा गए और बाइक सवार वह 4 लोग घायल हो गए, जिनमें उसके दो बच्चे भी शामिल है l जिन्हें इलाज के लिए फाजिल्का के सरकारी अस्पताल में दाखिल करवाया गया है l महिला के नाक की हड्डी टूट गई है l जबकि व्यक्ति के सिर पर भी गहरी चोट आई है l जिसका सीटी स्कैन करवाया जा रहा है l जबकि पारिवारिक सदस्यों द्वारा आवारा कुत्तों की समस्या के समाधान की मांग की जा रही है l