पंजाब के लुधियाना में नशा तस्करों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए पुलिस ने नशा तस्करी में शामिल आरोपियों से 64.03 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की है। इन संपत्तियों में रिहायशी मकान, व्यावसायिक संपत्तियां, कृषि भूमि और वाहन शामिल हैं। इसके अलावा नशा तस्करी के 10 मामलों से जुड़ी 14.52 करोड़ रुपये की संपत्ति अभी जब्त की जानी है। पुलिस ने इन मामलों को दिल्ली में संबंधित अधिकारियों को भेजकर नशा संबंधी अपराधों में शामिल लोगों की संपत्ति जब्त करने की अनुमति मांगते हुए अगली कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू कर दी है। मंजूरी मिलने के बाद पुलिस आरोपियों की संपत्ति का ब्योरा राजस्व विभाग को उपलब्ध कराएगी, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि मामला सुलझने तक संपत्ति को बेचा न जा सके। 2019 से 2024 की बीच दर्ज 54 मामलों में हुआ एक्शन पुलिस कमिश्नर कुलदीप सिंह चहल ने मीडिया से बताया कि ड्रग की कर्मशियल मात्रा और ड्रग मनी का इस्तेमाल करके संपत्ति खरीदने वाले आरोपियों से संपत्ति जब्त की जा रही है। पुलिस ने 2019 से 2024 के बीच दर्ज मामलों की समीक्षा की और 54 मामलों की पहचान की, जिनमें ड्रग तस्करों ने महत्वपूर्ण संपत्ति अर्जित की थी। अब तक 54 मामलों में से 44 में संपत्ति जब्त की जा चुकी है, जिनकी कुल कीमत 64.03 करोड़ रुपये है। जब्त की गई संपत्तियों में आवासीय और व्यावसायिक संपत्तियां, कृषि भूमि, 10 कारें, दो ट्रक, एक एसयूवी और पांच दोपहिया वाहन शामिल हैं। शेष 10 मामलों में 14.52 करोड़ की संपत्ति जब्त करनी बाकी शेष 10 मामलों में 14.52 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की जानी बाकी है। पुलिस के एक सीनियर अधिकारी ने बताया कि ऐसे मामलों में पुलिस संपत्ति पर जब्ती के आदेश चिपका देती है, जिससे समाज में नशीली दवाओं से जुड़ी गतिविधियों में शामिल होने के परिणामों के बारे में एक कड़ा संदेश जाता है। कई ड्रग तस्करों ने अवैध तरीकों से करोड़ों की संपत्ति अर्जित की है। ऐसे ही एक व्यक्ति अमृतराज सिंह उर्फ अमृतपाल सिंह को हेरोइन और अवैध हथियार रखने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था, जिसकी 6.44 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की गई थी। इसमें दो आवासीय संपत्तियां, एक एसयूवी और तीन मोटरसाइकिलें शामिल थे। पंजाब के लुधियाना में नशा तस्करों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए पुलिस ने नशा तस्करी में शामिल आरोपियों से 64.03 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की है। इन संपत्तियों में रिहायशी मकान, व्यावसायिक संपत्तियां, कृषि भूमि और वाहन शामिल हैं। इसके अलावा नशा तस्करी के 10 मामलों से जुड़ी 14.52 करोड़ रुपये की संपत्ति अभी जब्त की जानी है। पुलिस ने इन मामलों को दिल्ली में संबंधित अधिकारियों को भेजकर नशा संबंधी अपराधों में शामिल लोगों की संपत्ति जब्त करने की अनुमति मांगते हुए अगली कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू कर दी है। मंजूरी मिलने के बाद पुलिस आरोपियों की संपत्ति का ब्योरा राजस्व विभाग को उपलब्ध कराएगी, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि मामला सुलझने तक संपत्ति को बेचा न जा सके। 2019 से 2024 की बीच दर्ज 54 मामलों में हुआ एक्शन पुलिस कमिश्नर कुलदीप सिंह चहल ने मीडिया से बताया कि ड्रग की कर्मशियल मात्रा और ड्रग मनी का इस्तेमाल करके संपत्ति खरीदने वाले आरोपियों से संपत्ति जब्त की जा रही है। पुलिस ने 2019 से 2024 के बीच दर्ज मामलों की समीक्षा की और 54 मामलों की पहचान की, जिनमें ड्रग तस्करों ने महत्वपूर्ण संपत्ति अर्जित की थी। अब तक 54 मामलों में से 44 में संपत्ति जब्त की जा चुकी है, जिनकी कुल कीमत 64.03 करोड़ रुपये है। जब्त की गई संपत्तियों में आवासीय और व्यावसायिक संपत्तियां, कृषि भूमि, 10 कारें, दो ट्रक, एक एसयूवी और पांच दोपहिया वाहन शामिल हैं। शेष 10 मामलों में 14.52 करोड़ की संपत्ति जब्त करनी बाकी शेष 10 मामलों में 14.52 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की जानी बाकी है। पुलिस के एक सीनियर अधिकारी ने बताया कि ऐसे मामलों में पुलिस संपत्ति पर जब्ती के आदेश चिपका देती है, जिससे समाज में नशीली दवाओं से जुड़ी गतिविधियों में शामिल होने के परिणामों के बारे में एक कड़ा संदेश जाता है। कई ड्रग तस्करों ने अवैध तरीकों से करोड़ों की संपत्ति अर्जित की है। ऐसे ही एक व्यक्ति अमृतराज सिंह उर्फ अमृतपाल सिंह को हेरोइन और अवैध हथियार रखने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था, जिसकी 6.44 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की गई थी। इसमें दो आवासीय संपत्तियां, एक एसयूवी और तीन मोटरसाइकिलें शामिल थे। पंजाब | दैनिक भास्कर
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बाबा गुरविंदर सिंह खेड़ी को 14 दिन की जेल:फतेहगढ़ साहिब की अदालत का फैसला, ससुराल वालों से हुआ था विवाद
बाबा गुरविंदर सिंह खेड़ी को 14 दिन की जेल:फतेहगढ़ साहिब की अदालत का फैसला, ससुराल वालों से हुआ था विवाद फतेहगढ़ साहिब की माता गुजरी कॉलोनी में ससुराल वालों से विवाद के बाद गिरफ्तार हुए बाबा गुरविंदर सिंह खेड़ी जट्टा को अदालत ने 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। उसके इलाज को लेकर जेल अथॉरिटी अगला फैसला लेगी। उसके रिश्तेदार प्रभदीप सिंह को भी जेल भेजा गया। दो बार अदालत में हुई पेशी एक दिन का रिमांड खत्म होने के बाद आज दोपहर के समय गुरविंदर सिंह को पुलिस ने अदालत में पेश किया। जिसके बाद उसे मेडिकल के लिए सिविल अस्पताल ले जाया गया। इसी बीच गुरविंदर सिंह के वकील ने एप्लीकेशन लगाकर आरोप लगाया कि उनके क्लाइंट का सही तरीके से मेडिकल नहीं हुआ है। गुरविंदर सिंह को इलाज की जरूरत है। दोबारा फिर गुरविंदर सिंह को अदालत में पेश किया गया। जज ने फैसला सुनाया कि इलाज को लेकर जेल अथॉरिटी फैसला लेगी। बता दें कि, फतेहगढ़ साहिब में ससुराल वालों से विवाद के बाद दर्ज क्रॉस केस में पुलिस ने जिला मलेरकोटला के गांव खेड़ी जट्टा के रहने वाले बाबा गुरविंदर सिंह को गिरफ्तार कर लिया था। गुरविंदर को 15 अगस्त की रात को सेक्टर 32 चंडीगढ़ के सरकारी अस्पताल से पकड़ा गया था। इस घटना में गुरविंदर सिंह के दांत टूट गए थे। उसका इलाज चंडीगढ़ में चल रहा था। इलाज बाकी है। इसी बीच पुलिस ने अरेस्ट कर लिया था। गुरविंदर सिंह पर फतेहगढ़ साहिब में गाड़ी चढ़ाने का वीडियो सामने आया था। वीडियो में साफ दिखाई दे रहा है कि इस घटना में गुरविंदर सिंह कैसे बचा। वीडियो के आधार पर ही फतेहगढ़ साहिब पुलिस ने गुरविंदर के ससुराल वालों खिलाफ क्रॉस केस दर्ज किया था। मामले में दोनों पक्षों के तीन लोगों को पहले गिरफ्तार कर लिया था। अब तक चार आरोपी पकड़े फतेहगढ़ साहिब की माता गुजरी कालोनी में बाबा गुरविंदर सिंह खेड़ी जट्टां और ससुराल वालों के बीच हुए विवाद में जहां गुरविंदर सिंह की सास गुरजीत कौर के बयानों पर बाबा गुरविंदर सिंह, उसके रिश्तेदार प्रभदीप सिंह सहित 5 अज्ञात लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया था, वहीं पुलिस ने घायल बाबा गुरविंदर सिंह के बयानो ंपर कार्रवाई करते हुए क्रास केस दर्ज कर लिया है। जिसमें गुरविंदर सिंह के साले मनजोत सिंह के अलावा उसके दोस्त सतवीर सिंह, जसपाल सिंह और कई अज्ञात लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया। डीएसपी फतेहगढ़ साहिब सुखनाज सिंह ने बताया कि पुलिस ने गुरविंदर सिंह और उसके रिश्तेदार प्रभदीप सिंह को गिरफ्तार कर लिया है। वहीं, दूसरे पक्ष के सतवीर सिंह तथा जसपाल सिंह को गिरफ्तार किया जा चुका है। बाकी आरोपियों की तलाश जारी है।
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लुधियाना में नए SMO ने की सिविल अस्पताल में RAID:चार्ज संभालने से पहले एक्शन मूड;बोले-मरीज से नरमी बरते स्टाफ और डाक्टर लुधियाना में आज नए SMO डा. हरप्रीत सिंह ने सिविल अस्पताल में चार्ज लेना है। चार्ज लेने से पहले मंगलवार रात डा. हरप्रीत सिंह ने अस्पताल की ग्राउंड रिपोर्ट चैक की। करीब 1 घंटा वह अस्पताल में आम आदमी की तरह गुपचुप तरीके से घुमते रहे। डॉ. हरप्रीत सिंह ने किसी को भी अपनी पहचान नहीं बताई। उन्होंने अपनी गाड़ी भी सिविल अस्पताल की पार्किंग में लगाने की बजाय अस्पताल के बाहर की खड़ी कर दी। इसके बाद वह एक-एक करके अस्पताल की इमरजेंसी, मदर एंड चाइल्ड अस्पताल, मेल-फीमेल वार्ड, ब्लड बैंक व अन्य विभागों में घूमने लग गए। डा. हरप्रीत को अस्पताल में कई कमीयां मिली है। उन्होंने स्टाफ और डाक्टरों को सख्त आदेश दिए है कि मरीजों के साथ बेहद नरमी से व्यवहार किया जाए। चार्ज संभालने से जरूरी थी ग्राउंड रिर्पोट समझनी-डॉ. हरप्रीत
डॉ. हरप्रीत ने दैनिक भास्कर से बातचीत दौरान कहा कि बुधवार सुबह चार्ज संभालने के बाद उन्होंने अस्पताल के डॉक्टर्स व स्टाफ से मीटिंग आज करनी है। इस कारण जरुरी था कि पहले खुद एक आम व्यक्ति की तरह अस्पताल में घुम कर वहां के हालात जानना। सबसे जरूरी यही जानना था कि मरीजों के साथ स्टाफ किस तरह का बर्ताव करता है। यह भी जानना चाहते थे कि अस्पताल में कहां-कहां पर कोई समस्याएं हैं ताकि उनका हल किया जा सके। अस्पताल में मिलने वाली सुविधाओं को किया जाए सुनिश्चित
डॉ. हरप्रीत ने कहा कि अस्पताल में सुविधाएं तो बढ़ाई ही जाएंगी लेकिन उससे पहले यह सुनिश्चित किया जाएगा कि जो सुविधाएं उपलब्ध हैं, उनका मरीजों को लाभ जरूर मिले। इसके अलावा मरीजों को बेवजह रेफर करने से भी गुरेज करने को कहा जाएगा। डॉ. हरप्रीत ने कहा कि अस्पताल में सीवरेज समेत कई डेवलपमेंट वर्क चल रहे हैं जिन्हें समय पर पूरा करवाया जाएगा। यह देखने को मिला है कि मरीजों को पीने के पानी की काफी समस्या है। सीवरेज सिस्टम का बुराहाल है जिसे जल्द सही भी करवाया जा रहा है। बेड की संख्या भी चैक करवाई जा रही है SMO ने कोशिश की लेकिन स्टाफ पहचान लिया
यहां बता दें कि SMO ने पूरी कोशिश की कि यहां पर कोई उन्हें पहचान ना सके ताकि वह असल ग्राउंड रिपोर्ट हासिल कर सकें लेकिन डॉ. हरप्रीत सिंह करीब 17 साल तक सिविल अस्पताल में बतौर शिशु रोग विशेषज्ञ तैनात रह चुके हैं, इसलिए काफी स्टाफ ने उन्हें पहचान ही लिया।
पंजाब में जूनियर खिलाड़ी भी नौकरी के हकदार:नौकरियों में कटौती का संशोधन खारिज, कहा- ऐसे नियमों को लागू नहीं किया जा सकता
पंजाब में जूनियर खिलाड़ी भी नौकरी के हकदार:नौकरियों में कटौती का संशोधन खारिज, कहा- ऐसे नियमों को लागू नहीं किया जा सकता पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने पंजाब खिलाड़ी भर्ती (प्रथम संशोधन) नियम, 2020 के उस विवादास्पद प्रावधान को खारिज कर दिया है, जिसमें खेल कोटे के तहत सरकारी नौकरियों के लिए पात्रता को केवल सीनियर स्तर के खिलाड़ियों तक सीमित करने की कोशिश की गई थी। कोर्ट ने अपने फैसले में स्पष्ट किया कि जूनियर स्तर की प्रतियोगिताओं में पदक जीतने वाले खिलाड़ियों को सरकारी नौकरी पाने का पूरा अधिकार है, जिसे किसी भी हालत में नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। 2020 के संशोधन को दी थी चुनौती जस्टिस सुरेश्वर ठाकुर और जस्टिस सुदीप्ति शर्मा की बैंच ने अपने आदेश में कहा कि 2020 में किए गए संशोधित नियमों को उन एथलीटों पर लागू नहीं किया जा सकता जो मूल भर्ती नियम, 1988 के तहत पात्र हैं। कोर्ट ने यह भी कहा कि ऐसे नियम खिलाड़ियों के करियर को प्रभावित कर सकते हैं, जो राज्य के लिए सम्मान अर्जित करते हैं। कोर्ट ने यह फैसला दिवराज सिंह, मनवीर सिंह और करणदीप सिंह ढींडसा द्वारा दायर याचिकाओं पर सुनवाई के बाद सुनाया, जिन्होंने नियम 2020 के संशोधन को चुनौती दी थी। इस महत्वपूर्ण फैसले से यह सुनिश्चित हुआ है कि जूनियर स्तर के खिलाड़ियों के साथ कोई अन्याय नहीं होगा और वे भी अपनी मेहनत और प्रतिभा के आधार पर सरकारी नौकरी के हकदार रहेंगे। कोर्ट का यह फैसला उन हजारों युवा खिलाड़ियों के लिए राहत की खबर है, जो भविष्य में सरकारी नौकरियों की आशा रखते हैं।