पंजाब के लुधियाना में 108 एम्बुलेंस का हाल बदहाल है। कई-कई घंटे मरीजों के एम्बुलेंस की प्रतीक्षा करनी पड़ती है फिर भी एम्बुलेंस समय पर नहीं पहुंचती। बीते रात सिविल अस्पताल में 4 घंटे तक एक परिवार मरीज को सड़क पर लेटा कर एम्बुलेंस का इंतजार करता रहा लेकिन एम्बुलेंस उनके पास नहीं पहुंची। 24 दिन पहले पलटा था ई-रिक्शा दरअसल 24 दिन पहले एक बुजुर्ग का ई-रिक्शा पटल गया था। उसके पैर की हड्डी टूट गई। डॉक्टरों ने उसे पीजीआई रेफर किया लेकिन एम्बुलेंस मौके पर न पहुंचने के कारण परिवार को मजबूरी में ऑनलाइन एप से एक टैक्सी बुक करवा मरीज को चंडीगढ़ पीजीआई ले जाना पड़ा। डाक्टरों ने किया PGI रेफर जानकारी देते हुए हैबोवाल के इलाके में रहने वाले 65 वर्षीय बुजुर्ग छेदीलाल ने बताया कि करीब 24 दिन पहले उनका ई रिक्शा चलाते हुए शिव पुरी में एक्सीडेंट हुआ था। ई-रिक्शा उनके पैर पर पलट गया जिससे उनके पैर की हड्डी टूट गई। राहगीरों ने उन्हें सिविल अस्पताल में भर्ती करवाया था। जहां से उन्हें मंगलवार की बाद दोपहर डॉक्टरों ने चंडीगढ़ के PGI अस्पताल में जाने को कहा। एम्बुलेंस चालकों की करी मिन्नतें लेकिन किसी ने नहीं की मदद छेदीलाल मुताबिक उसने अपने बच्चों को घर से बुलाया, जो उसे लेकर पहले अस्पताल के बरामदे में बैठ 108 एम्बुलेंस का इंतज़ार करते रहे। फिर उसे लेकर बच्चे अस्पताल के मेन गेट पर एम्बुलेंस की प्रतीक्षा करते रहे। उन्होंने अस्पताल में आने जाने वाली सभी एम्बुलेंस चालकों से पिता को ले जाने की मिन्नतें की लेकिन किसी ने उन्हें कोई सही सलाह नहीं दी। पिता की हालत बिगड़ती देख ऑनलाइन एप से टैक्सी करवाई बुक वही कई बार 108 नंबर पर फोन कर एम्बुलेंस की मांग करते रहे, उन्हें कुछ समय बाद का बता ऑपरेटर फोन काट देता था। सड़क पर बैठे-बैठे जब पिता छेदीलाल की हालत बेटे ने बिगड़ती देखी तो उसने ऑनलाइन एप से एक टैक्सी बुक करवाई, जिसके आने के बाद रात 9 बजे घायल बुजुर्ग छेदीलाल को चंडीगढ़ ले जाया गया। परिवार की जिला सेहत प्रशासन से मांग है कि एम्बुलेंस की व्यवस्था सही करवाई जाए ताकि गरीब लोगों का सही उपचार समय पर हो सके। पंजाब के लुधियाना में 108 एम्बुलेंस का हाल बदहाल है। कई-कई घंटे मरीजों के एम्बुलेंस की प्रतीक्षा करनी पड़ती है फिर भी एम्बुलेंस समय पर नहीं पहुंचती। बीते रात सिविल अस्पताल में 4 घंटे तक एक परिवार मरीज को सड़क पर लेटा कर एम्बुलेंस का इंतजार करता रहा लेकिन एम्बुलेंस उनके पास नहीं पहुंची। 24 दिन पहले पलटा था ई-रिक्शा दरअसल 24 दिन पहले एक बुजुर्ग का ई-रिक्शा पटल गया था। उसके पैर की हड्डी टूट गई। डॉक्टरों ने उसे पीजीआई रेफर किया लेकिन एम्बुलेंस मौके पर न पहुंचने के कारण परिवार को मजबूरी में ऑनलाइन एप से एक टैक्सी बुक करवा मरीज को चंडीगढ़ पीजीआई ले जाना पड़ा। डाक्टरों ने किया PGI रेफर जानकारी देते हुए हैबोवाल के इलाके में रहने वाले 65 वर्षीय बुजुर्ग छेदीलाल ने बताया कि करीब 24 दिन पहले उनका ई रिक्शा चलाते हुए शिव पुरी में एक्सीडेंट हुआ था। ई-रिक्शा उनके पैर पर पलट गया जिससे उनके पैर की हड्डी टूट गई। राहगीरों ने उन्हें सिविल अस्पताल में भर्ती करवाया था। जहां से उन्हें मंगलवार की बाद दोपहर डॉक्टरों ने चंडीगढ़ के PGI अस्पताल में जाने को कहा। एम्बुलेंस चालकों की करी मिन्नतें लेकिन किसी ने नहीं की मदद छेदीलाल मुताबिक उसने अपने बच्चों को घर से बुलाया, जो उसे लेकर पहले अस्पताल के बरामदे में बैठ 108 एम्बुलेंस का इंतज़ार करते रहे। फिर उसे लेकर बच्चे अस्पताल के मेन गेट पर एम्बुलेंस की प्रतीक्षा करते रहे। उन्होंने अस्पताल में आने जाने वाली सभी एम्बुलेंस चालकों से पिता को ले जाने की मिन्नतें की लेकिन किसी ने उन्हें कोई सही सलाह नहीं दी। पिता की हालत बिगड़ती देख ऑनलाइन एप से टैक्सी करवाई बुक वही कई बार 108 नंबर पर फोन कर एम्बुलेंस की मांग करते रहे, उन्हें कुछ समय बाद का बता ऑपरेटर फोन काट देता था। सड़क पर बैठे-बैठे जब पिता छेदीलाल की हालत बेटे ने बिगड़ती देखी तो उसने ऑनलाइन एप से एक टैक्सी बुक करवाई, जिसके आने के बाद रात 9 बजे घायल बुजुर्ग छेदीलाल को चंडीगढ़ ले जाया गया। परिवार की जिला सेहत प्रशासन से मांग है कि एम्बुलेंस की व्यवस्था सही करवाई जाए ताकि गरीब लोगों का सही उपचार समय पर हो सके। पंजाब | दैनिक भास्कर
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