लुधियाना जिले के जगराओं में नशा तस्करी का धंधा करने वाले कार सवार दो तस्करों को सीआईए स्टाफ की पुलिस ने कार समेत पकड़ लिया। पुलिस ने आरोपियों की तलाशी के दौरान भारी मात्रा में हेरोइन बरामद कर थाना सिटी में मामला दर्ज कर लिया। पकड़े गए नशा तस्करों की पहचान जोधवीर सिंह हरमनबीर सिंह उर्फ हरमन निवासी तलवंडी शोभा तरन-तारन के रूप में हुई है। फिलहाल पुलिस मामले की जांच पड़ताल में जुट गई है। बिना नंबर की कार से पहुंचे जगराओं लेकिन हैरानी की बात यह रही कि सीआईए स्टाफ की पुलिस ने जिस जगह से कार सवार तस्करों को पकड़ने का दावा किया है। वह जगह थाना सिटी की बस स्टैड चौकी के बिल्कुल साथ है। इस के बावजूद भी थाना सिटी पुलिस को चौकी के पास खड़ी कार दिखाई नहीं दी। इतना ही नहीं तरन-तारन से बिना नंबर कार में सवार होकर जगराओं में हेरोइन की सप्लाई देने पहुंचे थे। लेकिन रास्ते में किसी भी नाके पर पुलिस ने बिना नंबर कार को रोक कर चेक नहीं किया। आरोपियों के पास मिली हेरोइन सीआईए में तैनात एसआई कमलदीप कौर ने बताया कि वह पुलिस पार्टी के साथ गश्त के दौरान जगराओं से मुल्लापुर की तरफ जा रहे थे। इसी दौरान जब वह दीपक ढाबा के सामने पशु मंडी में एक कार खड़ी दिखाई दी। जिसको लेकर पुलिस ने शक होने पर अपनी गाड़ी पशु मंडी के अंदर जाकर तस्करों की कार के पास रोक ली। इस दौरान कार में दो नौजवान सवार थे। जिनकी कार पर नंबर भी नहीं था। जिसको लेकर पुलिस ने पूछताछ की तो आरोपियों ने अपना नाम और पता बताया। पुलिस ने जब कार की तलाशी ली तो पुलिस को कार के डैश बोड में हेरोइन बरामद हो गई। जिसका वजन करने पर 200 ग्राम निकला। तस्करों से पूछताछ कर रही पुलिस पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए थाना सिटी में आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। इस दौरान पुलिस को आरोपियों के दो मोबाइल भी बरामद हुए। जिस को पुलिस ने कब्जे में लेकर मोबाइल को भी खंगालना शुरू कर दिया। जांच अधिकारी ने बताया कि आरोपियों को अदालत में पेश कर आगे की कार्रवाई की जा रही है। पुलिस को शक है कि आरोपियों के मोबाइल से पुलिस को अन्य तस्करों के सुराग मिल सकते है। जिसको लेकर पुलिस आरोपियों से गहराई से पूछताछ कर रही है। लुधियाना जिले के जगराओं में नशा तस्करी का धंधा करने वाले कार सवार दो तस्करों को सीआईए स्टाफ की पुलिस ने कार समेत पकड़ लिया। पुलिस ने आरोपियों की तलाशी के दौरान भारी मात्रा में हेरोइन बरामद कर थाना सिटी में मामला दर्ज कर लिया। पकड़े गए नशा तस्करों की पहचान जोधवीर सिंह हरमनबीर सिंह उर्फ हरमन निवासी तलवंडी शोभा तरन-तारन के रूप में हुई है। फिलहाल पुलिस मामले की जांच पड़ताल में जुट गई है। बिना नंबर की कार से पहुंचे जगराओं लेकिन हैरानी की बात यह रही कि सीआईए स्टाफ की पुलिस ने जिस जगह से कार सवार तस्करों को पकड़ने का दावा किया है। वह जगह थाना सिटी की बस स्टैड चौकी के बिल्कुल साथ है। इस के बावजूद भी थाना सिटी पुलिस को चौकी के पास खड़ी कार दिखाई नहीं दी। इतना ही नहीं तरन-तारन से बिना नंबर कार में सवार होकर जगराओं में हेरोइन की सप्लाई देने पहुंचे थे। लेकिन रास्ते में किसी भी नाके पर पुलिस ने बिना नंबर कार को रोक कर चेक नहीं किया। आरोपियों के पास मिली हेरोइन सीआईए में तैनात एसआई कमलदीप कौर ने बताया कि वह पुलिस पार्टी के साथ गश्त के दौरान जगराओं से मुल्लापुर की तरफ जा रहे थे। इसी दौरान जब वह दीपक ढाबा के सामने पशु मंडी में एक कार खड़ी दिखाई दी। जिसको लेकर पुलिस ने शक होने पर अपनी गाड़ी पशु मंडी के अंदर जाकर तस्करों की कार के पास रोक ली। इस दौरान कार में दो नौजवान सवार थे। जिनकी कार पर नंबर भी नहीं था। जिसको लेकर पुलिस ने पूछताछ की तो आरोपियों ने अपना नाम और पता बताया। पुलिस ने जब कार की तलाशी ली तो पुलिस को कार के डैश बोड में हेरोइन बरामद हो गई। जिसका वजन करने पर 200 ग्राम निकला। तस्करों से पूछताछ कर रही पुलिस पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए थाना सिटी में आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। इस दौरान पुलिस को आरोपियों के दो मोबाइल भी बरामद हुए। जिस को पुलिस ने कब्जे में लेकर मोबाइल को भी खंगालना शुरू कर दिया। जांच अधिकारी ने बताया कि आरोपियों को अदालत में पेश कर आगे की कार्रवाई की जा रही है। पुलिस को शक है कि आरोपियों के मोबाइल से पुलिस को अन्य तस्करों के सुराग मिल सकते है। जिसको लेकर पुलिस आरोपियों से गहराई से पूछताछ कर रही है। पंजाब | दैनिक भास्कर
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रवनीत बिट्टू ने किया रेल कोच फैक्ट्री का दौरा:बोले- नए मानक स्थापित कर रही आरसीएफ, दुर्घटना रहित इंडक्शन कार डिजाइन
रवनीत बिट्टू ने किया रेल कोच फैक्ट्री का दौरा:बोले- नए मानक स्थापित कर रही आरसीएफ, दुर्घटना रहित इंडक्शन कार डिजाइन केंद्रीय रेल राज्य मंत्री रवनीत बिट्टू ने आज कपूरथला में स्थित रेल कोच फैक्ट्री (RCF) का दौरान किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि, कपूरथला रेल कोच फैक्ट्री विश्व स्तरीय यात्री डिब्बों के उत्पादन में नए मानक स्थापित करने की अपनी यात्रा जारी रखते हुए रेलवे के आधुनिकीकरण में महत्वपूर्ण योगदान दे रही है। नए इन्नोवेशन में अमृत भारत ट्रेन कोच शामिल हैं, जो किफायती लागत पर आराम, सुरक्षा और आधुनिक सुविधाएं प्रदान करके आम आदमी की आकांक्षाओं को साकार करते हैं। रेल कोच फैक्ट्री कपूरथला में अपने पहले दौरे के दौरान रेलवे और खाद्य प्रसंस्करण उद्योग राज्य मंत्री रवनीत सिंह ने कहा कि अमृत भारत ट्रेन आम आदमी की यात्रा के लिए शुरू की गई है। इस वर्ष 50 से अधिक अमृत भारत ट्रेनें चलाई जाएंगी। जिनमें नॉन एसी स्लीपर होंगे। RCF द्वारा इस वर्ष 22 कोचों के साथ 05 अमृत भारत रेक बनाए जाएंगे। हाई स्पीड ट्रेन का निर्माण रवनीत सिंह ने कहा कि “वंदे भारत” और “वंदे मेट्रो” ट्रेन सेट, अत्याधुनिक तकनीक, समकालीन डिजाइन और बेहतर प्रदर्शन मानक वाली हाई-स्पीड रेल में भारत के प्रवेश को प्रदर्शित करते हैं। जिनका निर्माण RCF द्वारा किया जा रहा है। कम दूरी की इंटर सिटी यात्रा के लिए 130 किमी प्रति घंटे की गति क्षमता वाले 16 कोचों वाली पहली वंदे मेट्रो रेक को जल्द ही हरी झंडी दिखाई जाएगी। 4364 की वहन क्षमता वाली वंदे मेट्रो में रूट मैप इंडिकेटर, सीसीटीवी, दिव्यांगजन यात्री शौचालय, बैठने की जगह के अंदर और बाहर इमरजेंसी टॉक बैक यूनिट, ट्रेन टक्कर से बचाव प्रणाली और यात्री सूचना प्रणाली भी होगी। इस वर्ष 160 किमी प्रति घंटे की गति क्षमता वाले “वंदे भारत” ट्रेन सेट के 2 रेक भी निर्मित किए जाएंगे। श्रीनगर- बारामूला रेल लिंक मंत्री ने आगे कहा कि 338 किलोमीटर लंबी जम्मू-बारामूला रेलवे लाइन, उदहमपुर -श्रीनगर- बारामूला रेल लिंक (यूएसबीआरएल) भारतीय रेलवे की एक महत्वपूर्ण परियोजना है जिसका उद्देश्य कश्मीर घाटी को जम्मू रेलवे स्टेशन और फिर देश के बाकी हिस्सों से जोड़ना है। RCF को कश्मीर घाटी के ठंडे मौसम (शून्य से नीचे के तापमान वाले क्षेत्र) के लिए कोचों को उपयुक्त बनाने की जिम्मेदारी भी दी गई थी, जिसे सफलतापूर्वक पूरा कर लिया गया है। अत्यधिक ठंड के मौसम में पानी को जमने से रोकने के लिए, इन कोचों में पानी की पाइपलाइनों में सेल्फ रेगुलेटिंग हीटिंग केबल और इन्सुलेशन प्रणाली स्थापित की गई है तथा इंसुलेटिंग मैटेरियल से ढकी हुई 2 लेयर वाली नॉन मैटेलिक पानी की टंकियां दी गई हैं। कोचों को गर्म रखने के लिए उच्च क्षमता वाली एसी यूनिट (आरएमपीयू) भी लगाई गई है। यूएसबीआरएल सेक्शन में चलाने के लिए आरसीएफ द्वारा 2 रेक पहले ही भेजे जा चुके हैं और तीसरे रेक का निर्माण भी लगभग पूरा हो गया है। रवनीत ने यह भी बताया कि आरसीएफ को 160 किलोमीटर प्रति घंटे की गति वाली सुरक्षित गति वाली स्वयं संचालित दुर्घटना राहत वाहन (एसपीएआरटी) और 130 किलोमीटर प्रति घंटे की गति वाली सुरक्षित गति वाली स्वयंचालित इंडक्शन कार (एसपीआईसी) बनाने की जिम्मेदारी भी दी गई है। दोनों परियोजनाओं पर सभी डिजाइन का काम पूरा हो चुका है और इनका निर्माण कार्य जल्द ही शुरू होने वाला है और इस साल के अंत तक यह लक्ष्य भी हासिल कर लिया जाएगा। रेलवे बोर्ड ने आरसीएफ को सौंपी महत्वपूर्ण परियोजनाएं रवनीत सिंह ने बताया रेलवे बोर्ड ने RCF को कई महत्वपूर्ण परियोजनाएं सौंपी हैं, जिनमें कालका-शिमला टॉय ट्रेन में यात्रा के दौरान हिमाचल के सुंदर परिदृश्य का आनंद लेने के लिए 80% बैठने की जगह वाले क्षेत्र में ग्लास और पॉली कार्बोनेट शीट के साथ पैनोरमिक विस्टाडोम सुविधा वाले नैरो गेज कोच का निर्माण शामिल है। इन ट्रेनों का ऑसिलेशन और आपातकालीन ब्रेक डिस्टेंस ट्रायल सफलतापूर्वक पूरा हो चुका है और बहुत जल्द ही 7 कोच वाली यह ट्रेन कालका और शिमला के बीच चलने लगेगी। कुल 30 कोचों का निर्माण स्टेनलेस स्टील कारबॉडी शेल, एयर ब्रेक सिस्टम, नॉन एसी के लिए लीनियर पंखे, 3.5टी हीटिंग और कूलिंग एसी यूनिट, पूरी तरह से वेस्टिब्यूल ट्रेन, निरंतर लीनियर लाइटिंग व्यवस्था और सौंदर्यपूर्ण आंतरिक सज्जा के साथ किया जा रहा है। रवनीत ने आगे कहा कि रेलवे बोर्ड ने 2024-25 में RCF के लिए कोच उत्पादन लक्ष्य को बढ़ाकर 2401 कर दिया है और सभी RCF कर्मचारी इसे हासिल करने के लिए पूरी तरह से समर्पित हैं। पिछले सप्ताह ही RCF ने अपना 45,000वां कोच बनाकर एक उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल की है। जल्द ही हम 50,000वें रेलवे कोच का निर्माण पूरा होते हुए देखेंगे।
अबोहर में बेटे ने मां के प्रेमी को काटा:कुल्हाड़ी से किए कई वार, प्राइवेट पार्ट भी काटा, आधी रात को मिलने आया था
अबोहर में बेटे ने मां के प्रेमी को काटा:कुल्हाड़ी से किए कई वार, प्राइवेट पार्ट भी काटा, आधी रात को मिलने आया था अबोहर के गांव धर्मपुरा में बीती रात एक युवक ने अपनी मां के प्रेमी को कुल्हाड़ी से बेरहमी से काट डाला। युवक ने व्यक्ति की एक टांग के तीन टुकड़े कर दिए हैं और दूसरी टांग व एक बाजू को भी बुरी तरह से काटा गया। इसके अलावा प्राइवेट पार्ट भी काट दिया। बुरी तरह से घायल व्यक्ति को इलाज के लिए सिविल अस्पताल ले जाया गया, जहां से उसे हायर सेंटर रेफर दिया गया। जानकारी के अनुसार, गांव धर्मपुरा का करीब 50 वर्षीय स्वर्ण पुत्र जगराम गांवों में ही लकड़ियां काटकर बेचता है। उसके गांव की एक महिला से पिछले काफी समय से अवैध संबंध चले आ रहे थे। यह बात महिला के परिवार वालों को गंवारा नहीं थी। बताया जाता है कि महिला का पति और बेटा काम पर गए हुए थे। स्वर्ण कल रात करीब 12 बजे खेत से आया और सीधा गांव के ही उक्त व्यक्ति के घर में महिला से मिलने पहुंच गया। इसके कुछ समय बाद ही महिला का बेटा घर आया तो स्वर्ण को आपत्तिजनक हालत में देखकर उसका खून खोल गया। महिला के परिजनों ने दी पंचायत को सूचना जिसके बाद गुस्से में महिला के बेटे ने घर पर रखी कुलहाडी से स्वर्ण पर इतने वार किए कि उसकी एक टांग के कई टुकडे कर दिए और दूसरी टांग भी काट दी। इतना ही नहीं गुस्साए युवक ने स्वर्ण का प्राइवेट पार्ट भी काट दिया। बताया जाता है कि परिवार के व्यक्ति ने ही इसकी सूचना ग्राम पंचायत को दी। करीब दो घंटे बाद पंचायत वहां पहंची तो स्वर्ण को खून से लथपथ पड़ा था। जिसके बाद पुलिस को सूचना दी गई। इधर, ग्रामीणों का कहना है कि देर रात करीब 4 बजे एंबुलेंस गांव में आई और स्वर्ण को लहुलुहान हालत में इलाज के लिए सरकारी अस्पताल ले गई। वहीं मौके पर पहुंची पुलिस द्वारा आरोपी को हिरासत में भी ले लिया है। आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज किया जा रहा : डीएसपी डीएसपी सुखविंदर सिंह ने बताया कि उन्हें मामले की सूचना मिली थी कि एक बेटे द्वारा अपनी मां के प्रेमी को अवैध संबंध के चलते कुल्हाड़ी से काटा गया है। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर जांच शुरू कर दी है। आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज किया जा रहा है।
कनाडा-भारत विवाद से इमिग्रेशन बिजनेस में 70% गिरावट:एक्सपर्ट बोले- वीजा में कमी नहीं, आवेदक कम हुए; ऑस्ट्रेलिया बना विकल्प
कनाडा-भारत विवाद से इमिग्रेशन बिजनेस में 70% गिरावट:एक्सपर्ट बोले- वीजा में कमी नहीं, आवेदक कम हुए; ऑस्ट्रेलिया बना विकल्प भारत और कनाडा के रिश्तों में आई खटास के कारण कई भारतीय इस बात को लेकर असमंजस में हैं कि कूटनीतिक विवाद का इमिग्रेशन, वर्क और स्टूडेंट वीजा पर क्या असर होगा। क्या भविष्य में कनाडा के भारत से रिश्ते सुधरेंगे? क्या कनाडा फिर से उसी शिद्दत से वीजा देगा, जैसे पहले देता था या फिर कनाडा जाकर पढ़ाई करना भारतीय बच्चों के लिए सपना ही बना रहेगा? इन सभी सवालों के जवाब जानने के लिए दैनिक भास्कर ने देश के कई प्रमुख वीजा विशेषज्ञों से बात की और सभी तथ्यों को समझा। विशेषज्ञों का मानना है कि मौजूदा कूटनीतिक विवाद का सीधा असर वीजा नीतियों पर पड़ने की संभावना थी। लेकिन ऐसा नहीं है कि कनाडा वीजा नहीं दे रहा, कनाडा वीजा दे रहा है। लेकिन कनाडा जाने वाले बच्चे और उनके अभिभावक इस समय अपने बच्चों को कनाडा नहीं भेज रहे हैं। इसका एक बड़ा कारण इस समय कनाडा और भारत के बीच चल रहा विवाद है। कनाडा में स्टडी वीजा अनुपात में 70 प्रतिशत की गिरावट
पिछले साल कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने भारत सरकार पर कनाडा की धरती पर खालिस्तान समर्थक नेता हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में शामिल होने का आरोप लगाया था। जिसके बाद से दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गया है। भारत ने इन आरोपों का जोरदार खंडन किया है और लगातार कर रहा है। जिसके बाद दोनों देशों के बीच कूटनीतिक मतभेद पैदा हो गए। इसका सबसे बड़ा असर इमिग्रेशन इंडस्ट्री पर पड़ा है। कनाडा जाने वाले छात्रों की संख्या में करीब 70 प्रतिशत की गिरावट आई है। कनाडा जाने वाले लोगों में सबसे ज्यादा पंजाबी हैं। जिसके बाद हरियाणवी और गुजराती भी इस लिस्ट में सबसे ऊपर हैं। ऐसे में दोनों देशों के बीच विवाद के चलते कनाडा जाकर अपना भविष्य बनाने की चाहत रखने वाले छात्र कनाडा के बजाय कोई दूसरा विकल्प तलाशने लगे हैं। कनाडा के विकल्प के तौर पर कौन से देश छात्रों की पहली पसंद हैं?
विशेषज्ञों के अनुसार कनाडा के वीज़ा में गिरावट सिर्फ़ दोनों देशों के बीच की कड़वाहट की वजह से है। साथ ही, दूसरी सबसे बड़ी वजह यह है कि कनाडा ने अपने विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में एडमिशन के लिए जीआईसी अकाउंट की राशि को दोगुना कर दिया है। ऐसे में भारतीय छात्र फिलहाल कनाडा के बजाय दूसरे विकल्प तलाश रहे हैं। लेकिन विशेषज्ञों की इस पर बिल्कुल अलग राय है।
विशेषज्ञों का कहना है कि किसी भी तरह के वीज़ा के मामले में कोई भी देश कनाडा जैसा काम नहीं कर सकता। क्योंकि कनाडा में पीआर जल्दी मिल जाता है और ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका, न्यूज़ीलैंड, इंग्लैंड जैसे देशों में पीआर नहीं मिलता।
इसलिए कनाडा बच्चों की पहली पसंद है। लेकिन फिर अगर बच्चा कनाडा के अलावा कोई दूसरा विकल्प तलाशता है तो छात्रों की पहली पसंद ऑस्ट्रेलिया ही होती है। लेकिन ऑस्ट्रेलियाई सरकार के वीज़ा नियम भारतीयों के लिए बहुत सख्त हैं। जिनका प्रोफ़ाइल साफ़ नहीं है, उनकी पसंद यूके, न्यूज़ीलैंड और अमेरिका है। आइलेट्स देने वाले बच्चों की संख्या में 50% से अधिक की गिरावट
विदेश में उच्च शिक्षा के लिए आइलेट्स (इंटरनेशनल इंग्लिश लैंग्वेज टेस्टिंग सिस्टम) टेस्ट को सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है। सालाना कुल 48 परीक्षा तिथियां तय होती हैं। एक बार पेपर देने के लिए एक टेस्ट का खर्च करीब 17 हजार रुपये आता है। जिसे आईडीपी द्वारा आयोजित किया जाता है। हर साल लाखों बच्चे यह पेपर देते थे।
उक्त टेस्ट पास करने के बाद ही बच्चे कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका, यूके, न्यूजीलैंड और अन्य देशों में जाकर पढ़ाई कर सकते थे। पिछले साल की तुलना में इस साल आइलेट्स देने वाले बच्चों की संख्या में 50% से अधिक की गिरावट आई है। पहले एक लाख बच्चे आइलेट्स पेपर देते थे और अब सिर्फ 45 से 48 हजार ही दे रहे हैं।
आइए जानते हैं कि इमिग्रेशन एक्सपर्ट की क्या राय है…. 1. दैनिक भास्कर ने कनाडा वीजा एक्सपर्ट के तौर पर सुमीत जैन से बातचीत की। सुमीत जैन पंजाब में कनाडा स्टूडेंट वीजा को लेकर बड़े स्तर पर काम करते हैं। कनाडा में इनका कई यूनिवर्सिटी के साथ टाई-अप है। पंजाब में वह जैन ओवरसीज के नाम से बड़ी इमिग्रेशन कंपनी चलाते हैं। दैनिक भास्कर से बातचीत में जैन ओवरसीज के डायरेक्टर सुमीत जैन ने कहा- कनाडा वीजा में गिरावट की सबसे बड़ी वजह वहां की सरकार द्वारा वीजा प्रोसेस में लगातार लाए जा रहे परिवर्तन है, इससे बच्चों का रुझान कम हो गया। भारत कनाडा विवाद की वजह से भी कुछ हद तक प्रभाव पड़ा है। जैन आगे बोले- इस वक्त इमिग्रेशन इंडस्ट्री के लिए काफी चुनौती पूर्ण समय है। इस वक्त बच्चों का रुझान 70 से 75 प्रतिशत तक डाउन जा चुका है। जैन ने आगे कहा- कनाडा में अलगे साल चुनाव होने वाले हैं, चुनाव के बाद कनाडा जाने वाले बच्चों की तादाद एक दम से बढ़ेगी। वहां के कॉलेज, यूनिवर्सिटियों द्वारा भी कनाडा के प्रधानमंत्री को लेटर लिखकर प्रधानमंत्री से सरकार द्वारा जारी किए गए आदेशों में संशोधन की मांग की है। जैन बोले- अब जो भी होगा पॉजिटिव ही होगा, नेगटिव जितना होना था, हो चुका है। 2. दैनिक भास्कर ने पंजाब की प्रमुख ट्रैवल एजेंसी त्रिवेदी ओवरसीज के डायरेक्टर सुकांत त्रिवेदी से कनाडा वीजा को लेकर अहम चर्चा की। सुकांत को इमिग्रेशन इंडस्ट्री में करीब 25 साल से ज्यादा का अनुभव है। अपने पूरे जीवन में वह लाखों बच्चों को कनाडा भेज चुके हैं। दैनिक भास्कर से बातचीत में इमिग्रेशन एक्सपर्ट सुकांत त्रिवेदी ने कहा- इस वक्त कनाडा की ओर छात्रों का रुझान बहुत कम है। ऐसा ट्रेंड पिछले करीब एक साल से देखने को मिल रहा है। इसके पीछा सिर्फ भारत कनाडा विवाद नहीं है, बल्कि कई कारण हैं। जिनमें सबसे प्रमुख कनाडा में काम की कमी, रहने के लिए महंगी जगह, अलगाववादियों को बढ़ावा दिया जाना और अन्य हैं। जिससे हालात ज्यादा खराब हुए। इसी से डरते हुए बच्चों और उनके परिवारों ने कनाडा से मुख मोड़ लिया है। आठ महीने पहले कनाडा सरकार ने जब बच्चों की जीआईसी दोगुनी कर दी, उससे भी काफी प्रभाव पड़ा है। पहले बच्चे का खर्च सिर्फ 14 से 15 लाख आता था, मगर अब यही खर्च बढ़कर 25 साल के करीब पहुंच गया है। आगे त्रिवेदी ने कहा- वीजा में कनाडा द्वारा कोई कमी नहीं दिखाई गई है। बच्चों के रुझान में कमी है। ये इन सभी के कारण हैं। 3. इंटरनेशनल एजुकेशन सर्विसेज एक मैनेजिंग डायरेक्टर हरसौरभ सिंह बजाज पंजाब की एक प्रमुख ट्रैवल एजेंसी चलाते हैं। जोकि ट्रैवल एजेंसी के साथ-साथ बच्चों को आइलेट्स सहित अन्य कोर्स भी करवाते हैं, जिन्हें करने के बाद बच्चा विदेश जाने के लिए योग्य होता है। दैनिक भास्कर से बातचीत में इंटरनेशनल एजुकेशन सर्विसेज के मैनेजिंग डायरेक्टर हरसौरभ सिंह बजाज ने कहा- कनाडा ने अब से पहले उन बच्चों को भी वीजा दिया, जोकि कभी उसके योग्य भी नहीं थे। पिछले साल से लेकर अब तक उक्त वीजा प्रोसेस की वजह से एक बुरा प्रभाव पड़ा। बजाज ने आगे कहा- पिछले साल के मुकाबले इस साल सिर्फ 30 प्रतिशत बच्चे कनाडा जाना चाह रहे हैं। इसका सबसे बड़ा कारण कनाडा में पढ़ाई और रहने का खर्च बहुत बढ़ गया है। जीआईसी डबल होने के कारण ऐसा हुआ।