लुधियाना का गांव बुलारा से एक वीडियो सामने आया है। जहां दो पड़ोसियों में जमकर मारपीट हुई। एक पड़ोसी ने दूसरे के घर पर ईंट-पत्थर फेंके। धारदार हथियारों और डंडों से भी हमला किया गया। दूसरे पक्ष ने भी जमकर ईंट-पत्थर चलाए। इस मारपीट में कुल 5 लोग घायल बताए जा रहे हैं। फिलहाल मराडो चौकी पुलिस मामले की जांच कर रही है। इस घटना के बाद गांव में डर का माहौल है। गांव बुलारा निवासी महेंद्र सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि वह काम पर जाने के लिए घर से निकला था। पुरानी रंजिश के चलते पड़ोस में खड़े दो युवकों से उसकी कहासुनी हो गई। बात बढ़ी तो वे उनसे भिड़ गए। घर के बाहर ईंट-पत्थर भी फेंके गए इसके तुरंत बाद पड़ोसियों ने बड़ी संख्या में गाड़ियों में सवार कुछ युवकों को बुला लिया। उन्होंने घर पर हमला कर दिया। घर के बाहर ईंट-पत्थर भी फेंके गए। सीसीटीवी कैमरे में घटना कैद हुई महिंद्र के अनुसार पूरी घटना उसके घर के पास लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद हुई है। महेंद्र ने बताया कि कुछ समय पहले गांव की एक लड़की ने आत्महत्या कर ली थी। गांव के ही कुछ लोगों ने उसे उस मामले में फंसा दिया था। उसी रंजिश के चलते उसके पड़ोसी आए दिन उसके साथ मारपीट करते थे। फिलहाल मरड़ो पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई गई है। इस मामले को लेकर जब मरड़ो पुलिस चौकी के इंचार्ज तरसेम सिंह से बात की गई तो उन्होंने बताया कि मामला संज्ञान में है। ड्यूटी ऑफिसर मामले की जांच कर रहे हैं। लुधियाना का गांव बुलारा से एक वीडियो सामने आया है। जहां दो पड़ोसियों में जमकर मारपीट हुई। एक पड़ोसी ने दूसरे के घर पर ईंट-पत्थर फेंके। धारदार हथियारों और डंडों से भी हमला किया गया। दूसरे पक्ष ने भी जमकर ईंट-पत्थर चलाए। इस मारपीट में कुल 5 लोग घायल बताए जा रहे हैं। फिलहाल मराडो चौकी पुलिस मामले की जांच कर रही है। इस घटना के बाद गांव में डर का माहौल है। गांव बुलारा निवासी महेंद्र सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि वह काम पर जाने के लिए घर से निकला था। पुरानी रंजिश के चलते पड़ोस में खड़े दो युवकों से उसकी कहासुनी हो गई। बात बढ़ी तो वे उनसे भिड़ गए। घर के बाहर ईंट-पत्थर भी फेंके गए इसके तुरंत बाद पड़ोसियों ने बड़ी संख्या में गाड़ियों में सवार कुछ युवकों को बुला लिया। उन्होंने घर पर हमला कर दिया। घर के बाहर ईंट-पत्थर भी फेंके गए। सीसीटीवी कैमरे में घटना कैद हुई महिंद्र के अनुसार पूरी घटना उसके घर के पास लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद हुई है। महेंद्र ने बताया कि कुछ समय पहले गांव की एक लड़की ने आत्महत्या कर ली थी। गांव के ही कुछ लोगों ने उसे उस मामले में फंसा दिया था। उसी रंजिश के चलते उसके पड़ोसी आए दिन उसके साथ मारपीट करते थे। फिलहाल मरड़ो पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई गई है। इस मामले को लेकर जब मरड़ो पुलिस चौकी के इंचार्ज तरसेम सिंह से बात की गई तो उन्होंने बताया कि मामला संज्ञान में है। ड्यूटी ऑफिसर मामले की जांच कर रहे हैं। पंजाब | दैनिक भास्कर
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बीजेपी नेता को श्री अकाल तख्त साहिब ने किया तलब:मनजिंदर सिरसा को पेश होने के आदेश; शिअद सरकार में मिली कैबिनेट रैंक भारतीय जनता पार्टी के नेता मनजिंदर सिंह सिरसा को भी 2 दिसंबर को श्री अकाल तख्त साहिब ने तलब किया है। सिरसा, (जो शिरोमणि अकाली दल के शासनकाल में कैबिनेट मंत्री रैंक रखते थे) को अन्य नेताओं के साथ तलब किया गया है। जिन पर सिख समुदाय से जुड़े मामलों में गंभीर आरोप हैं। इन मामलों में गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी, बरगाड़ी और बेहबल कलां गोलीकांड जैसे मुद्दे शामिल हैं। श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह ने इन मामलों पर चर्चा के बाद दोषी नेताओं के लिए धार्मिक सजा (तनखैया) की घोषणा करने की संभावना जताई है। इस बैठक का उद्देश्य इन घटनाओं के लिए जिम्मेदार लोगों से जवाबदेही तय करना और धार्मिक मूल्यों के साथ न्याय सुनिश्चित करना है। यह फैसला सिख समुदाय और शिरोमणि अकाली दल की मौजूदा स्थिति के लिए महत्वपूर्ण होगा। सुखबीर बादल सहित पूरी कैबिनेट होगी मौजूद जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह ने 2 दिसंबर को दोपहर एक बजे श्री अकाल तख्त साहिब पर 5 सिख साहिबानों की बैठक बुलाई है। इस बैठक में शिरोमणि अकाली दल (SAD) के अध्यक्ष सुखबीर बादल के साथ 2007-2017 के दौरान पद पर रहे मंत्रियों, 2015 की शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी की कार्यकारिणी के सदस्यों और मौजूदा अध्यक्ष एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी को बुलाया गया है। कयास लगाए जा रहे हैं कि इस बैठक में सुखबीर बादल और 2007-17 के दौरान अकाली दल के मंत्रियों को सजा सुनाई जा सकती है। कुछ दिन पहले सुखबीर बादल श्री अकाल तख्त साहिब में पेश हुए थे और उन्होंने मांग की थी कि उन्हें तनखैया घोषित किए हुए तीन महीने से अधिक का समय बीत चुका है और उन्हें अब सजा सुनाई जानी चाहिए। सुखबीर ने लिखा- सारे वर्कर चाहते थे मैं चुनाव लड़ूं श्री अकाल तख्त साहिब पर पहुंचे सुखबीर बादल ने अपने लिखित आवेदन में कहा था कि पार्टी के सारे वर्कर चाहते थे कि विशेष हालात के चलते मुझे अभी हो रहे उपचुनाव लड़ने और प्रचार की इजाजत दी जाए। उपचुनाव न लड़ पाने के कारण पंथ और पंजाब को बहुत नुकसान हुआ है, लेकिन अकाल पुरख की रजा में उन्होंने यह नुकसान झेला है। इसीलिए उनकी सजा पर जल्द से जल्द फैसला लिया जाए और उन्हें इजाजत दी जाए कि वह पंथ विरोधी ताकतों से डटकर मुकाबला कर सकें। जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह ने किया था तनखैया घोषित श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह ने जुलाई महीने में सुखबीर को तनखैया करार दिया था। सुखबीर बादल पर उनकी सरकार के वक्त डेरा सच्चा सौदा मुखी राम रहीम को माफी देने के अलावा सुमेध सैनी को DGP नियुक्त करने और श्री गुरू ग्रंथ साहिब की बेअदबी के मामले में कार्रवाई न करने का आरोप लगा था। फैसला सुनाते हुए अकाल तख्त जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह ने कहा था- ”अकाली दल प्रधान और डिप्टी CM रहते हुए सुखबीर बादल ने कुछ ऐसे फैसले लिए, जिससे पंथक स्वरूप के अक्स को नुकसान पहुंचा। सिख पंथ का भारी नुकसान हुआ।” बागी गुट की शिकायत के बाद शुरू हुआ था विवाद दूसरी तरफ बागी गुट के प्रेम सिंह चंदूमाजरा, बीबी जगीर कौर, परमिंदर सिंह ढींढसा 1 जुलाई को श्री अकाल तख्त साहिब पहुंचे थे। इस दौरान जत्थेदार को माफीनामा सौंपा गया था। जिसमें सुखबीर बादल से हुई 4 गलतियों में सहयोग देने पर माफी मांगी गई। 1. वापस ली गई थी डेरा सच्चा सौदा के खिलाफ शिकायत 2007 में सलाबतपुरा में सच्चा सौदा डेरा के प्रमुख गुरुमीत राम रहीम ने 10वें गुरू श्री गुरू गोबिंद सिंह जी की परंपरा का अनुकरण करते हुए उन्हीं की तरह कपड़ों को पहनकर अमृत छकाने का स्वांग रचा था। उस वक्त इसके खिलाफ पुलिस केस भी दर्ज किया गया था, लेकिन बाद में अकाली सरकार ने सजा देने की जगह इस मामले को ही वापस ले लिया। 2. डेरा मुखी को सुखबीर बादल ने दिलवाई थी माफी श्री अकाल तख्त साहिब ने कार्रवाई करते हुए डेरा मुखी को सिख पंथ से निष्कासित कर दिया था। अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने अपने प्रभाव का इस्तेमाल करते हुए डेरा मुखी को माफी दिलवा दी थी। इसके बाद अकाली दल और शिरोमणि कमेटी के नेतृत्व को सिख पंथ के गुस्से और नाराजगी का सामना करना पड़ा। अंत में श्री अकाल तख्त साहिब ने डेरा मुखी को माफी देने का फैसला वापस लिया। 3. बेअदबी की घटनाओं की सही जांच नहीं हुई 1 जून 2015 को कुछ तत्वों ने बुर्ज जवाहर सिंह वाला (फरीदकोट) के गुरुद्वारा साहिब से श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बीड़ चुराई। फिर 12 अक्टूबर 2015 को बरगाड़ी (फरीदकोट) के गुरुद्वारा साहिब से श्री गुरु ग्रंथ साहिब के 110 अंग चुरा लिए और बाहर फेंक दिए। इससे सिख पंथ में भारी आक्रोश फैल गया। अकाली दल सरकार और तत्कालीन गृह मंत्री सुखबीर सिंह बादल ने इस मामले की समय रहते जांच नहीं की। दोषियों को सजा दिलाने में असफल रहे। इससे पंजाब में हालात बिगड़ गए और कोटकपूरा और बहबल कलां में दुखद घटनाएं हुई। 4. झूठे केसों में मारे गए सिखों को नहीं दे पाए इंसाफ अकाली दल सरकार ने सुमेध सैनी को पंजाब का DGP नियुक्त किया गया। राज्य में फर्जी पुलिस मुठभेड़ को अंजाम देकर सिख युवाओं की हत्या करने के लिए उन्हें जाना जाता था। पूर्व DGP इजहार आलम, जिन्होंने आलम सेना का गठन किया, उनकी पत्नी को टिकट दिया और उन्हें मुख्य संसदीय सचिव बनाया। 4 जुलाई को स्पष्टीकरण मांगा, 24 को बंद लिफाफे में जवाब दिया इसके बाद 14 जुलाई को श्री अकाल तख्त साहिब पर पांचों तख्तों के जत्थेदारों की बैठक हुई। जिसमें 15 दिन के अंदर सुखबीर बादल से स्पष्टीकरण मांगा गया था। जिसके बाद 24 जुलाई को सुखबीर बादल ने बंद लिफाफे में श्री अकाल तख्त साहिब को स्पष्टीकरण दिया था। सुखबीर बादल के स्पष्टीकरण को सार्वजनिक करने की मांग उठने लगी। जिसके बाद 5 जुलाई को स्पष्टीकरण सार्वजनिक किया गया।
कपूरथला में त्योहारों पर पटाखे चलाने के लिए समय निर्धारित:30 अक्टूबर से 1 जनवरी 2025 तक लागू रहेगा आदेश; साइलेंस जोन में प्रतिबंध
कपूरथला में त्योहारों पर पटाखे चलाने के लिए समय निर्धारित:30 अक्टूबर से 1 जनवरी 2025 तक लागू रहेगा आदेश; साइलेंस जोन में प्रतिबंध कपूरथला में दिवाली, गुरुपर्व, क्रिसमस और नए साल पर आतिशबाजी चलाने को लेकर प्रशासन ने गाइडलाइन जारी की है। निर्धारित समय के बाद या उससे पहले पटाखे/आतिशबाजी जलाने पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा। DC अमित कुमार पांचाल ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिया है। दिवाली के अवसर पर रात 8 से 10 बजे तक, गुरुपर्व (श्री गुरु नानक देव जी के जन्मदिन) के अवसर पर 15 नवंबर को सुबह 4 बजे से 5 बजे तक और रात 9 बजे से 10 बजे तक आतिशबाजी चला सकते हैं। इसके अलावा क्रिसमस और नए साल के लिए 25 दिसंबर को रात 11.55 बजे से रात 12.30 बजे तक समय निर्धारित किया गया है। साइलेंस जोन में पटाखों पर प्रतिबंध इसके अलावा अस्पतालों, शैक्षणिक संस्थानों, अदालतों और पूजा स्थलों आदि जैसे साइलेंस जोन के 100 मीटर के दायरे में पटाखे चलाने की अनुमति नहीं होगी। यह आदेश 30 अक्टूबर से 1 जनवरी 2025 तक लागू रहेंगे।
कोरोना उल्लंघन के सारे केस होंगे रद्द:पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट का फैसला, 10 हजार से अधिक मामले हुए थे दर्ज
कोरोना उल्लंघन के सारे केस होंगे रद्द:पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट का फैसला, 10 हजार से अधिक मामले हुए थे दर्ज पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ में कोरोना महामारी के उल्लंघन के संबंध में जो भी केस दर्ज किए गए थे, उन सबको रद्द किया जाएगा। यह आदेश पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट की तरफ से जारी किए गए हैं। यह केस आईपीसी की धारा 188 के तहत दर्ज हुए थे। तीन जगहों पर करीब 10 हजार से अधिक केस कोरोना उल्लंघन से जुड़े दर्ज हुए थे। फरवरी में केसों की सुनवाई पर लगी थी रोक कोविड नियमों के उल्लंघन में पंजाब में 5792, हरियाणा में 4494 और चंडीगढ़ में 114 मामले दर्ज हुए थे। जो कि इस समय अदालत में विचाराधीन थे। फरवरी महीने में इस मामले की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने हरियाणा, पंजाब व चंडीगढ़ की अदालतों में चल रहे ट्रायल पर रोक लगा दी है। अदालत की तरफ से दी गई थी यह दलील हाईकोर्ट में पंजाब सरकार ने बताया था कि राज्य में करीब 18000 मामले दर्ज किए गए थे। इनमें से 5792 केस लंबित हैं और करीब 12000 मामलों का निपटारा किया जा चुका है। हरियाणा सरकार ने बताया था कि राज्य में करीब 9 हजार मामले दर्ज किए गए थे और जिनमें 4494 पेंडिंग हैं। चंडीगढ़ प्रशासन ने बताया कि कुल 1142 केस दर्ज किए गए थे और 114 केस अभी लंबित हैं। इस ब्योरे को देखने के बाद हाईकोर्ट ने कहा कि कोरोना महामारी के दौरान तब ऐसे हालात थे, कि लोगों को बचाने के लिए नियमों को सख्ती से लागू किया गया था। लोग बड़े पैमाने पर आदेशों का पालन कर रहे थे। लेकिन ऐसी आकस्मिक स्थितियां हो सकती थीं। जिसने उन्हें भोजन और दवा आदि की आवश्यकता पूरी करने के लिए आदेश का उल्लंघन करते हुए अपने घरों से बाहर निकलने के लिए मजबूर किया होगा।