पंजाब में किसान आंदोलन को लेकर तनाव बढ़ गया है। बुधवार को चंडीगढ़ में मोर्चा लगाने जा रहे किसान नेताओं को लुधियाना देहात पुलिस ने रायकोट के पास रोक दिया। इससे पुलिस और किसानों के बीच गतिरोध की स्थिति बन गई। एसडीएम के आदेश पर पुलिस ने कई किसानों को हिरासत में लिया। चार प्रमुख किसान नेताओं को 10 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। जेल भेजे गए नेताओं में जगतार सिंह देहड़का, बुटा सिंह चक्कर, जोगिंदर सिंह मलासिया बाझन और गुरमेल सिंह रूमी शामिल हैं। आप सरकार तानाशाही पर उतरी किसान नेता इंदरजीत सिंह और बुटा सिंह चक्कर ने आरोप लगाया कि आम आदमी पार्टी की सरकार तानाशाही पर उतर आई है। उन्होंने कहा कि आजाद देश में किसानों की आवाज दबाई जा रही है। उनके आंदोलन पर रोक लगाई जा रही है। आम आदमी पार्टी के खिलाफ जमकर नारेबाजी इस कार्रवाई के विरोध में किसान सड़क पर धरने पर बैठ गए। उन्होंने आम आदमी पार्टी के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। किसानों का कहना है कि भगवंत मान सरकार की कार्रवाई अंग्रेजी हुकूमत से भी ज्यादा दमनकारी है। किसान नेताओं ने चेतावनी दी है कि वे यह तानाशाही बर्दाश्त नहीं करेंगे। पंजाब में किसान आंदोलन को लेकर तनाव बढ़ गया है। बुधवार को चंडीगढ़ में मोर्चा लगाने जा रहे किसान नेताओं को लुधियाना देहात पुलिस ने रायकोट के पास रोक दिया। इससे पुलिस और किसानों के बीच गतिरोध की स्थिति बन गई। एसडीएम के आदेश पर पुलिस ने कई किसानों को हिरासत में लिया। चार प्रमुख किसान नेताओं को 10 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। जेल भेजे गए नेताओं में जगतार सिंह देहड़का, बुटा सिंह चक्कर, जोगिंदर सिंह मलासिया बाझन और गुरमेल सिंह रूमी शामिल हैं। आप सरकार तानाशाही पर उतरी किसान नेता इंदरजीत सिंह और बुटा सिंह चक्कर ने आरोप लगाया कि आम आदमी पार्टी की सरकार तानाशाही पर उतर आई है। उन्होंने कहा कि आजाद देश में किसानों की आवाज दबाई जा रही है। उनके आंदोलन पर रोक लगाई जा रही है। आम आदमी पार्टी के खिलाफ जमकर नारेबाजी इस कार्रवाई के विरोध में किसान सड़क पर धरने पर बैठ गए। उन्होंने आम आदमी पार्टी के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। किसानों का कहना है कि भगवंत मान सरकार की कार्रवाई अंग्रेजी हुकूमत से भी ज्यादा दमनकारी है। किसान नेताओं ने चेतावनी दी है कि वे यह तानाशाही बर्दाश्त नहीं करेंगे। पंजाब | दैनिक भास्कर
