विनेश फोगाट के ताऊ महावीर का दर्द आया सामने:पैसे के लालच में नहीं दिलाया गुरू का अवार्ड, सम्मान भी नहीं दिया जुलाना से कांग्रेस विधायक एवं ओलिंपियन महिला रेसलर विनेश फोगाट और दंगल गर्ल भाजपा नेत्री उनकी चचेरी बहन बबीता फोगाट का अवॉर्ड राशि मिलने के बाद ट्वीट करने का मामला अभी शांत भी नहीं हुआ था। इसी बीच विनेश के ताऊ एवं बबीता के पिता द्रोणाचार्य अवार्डी महावीर फोगाट ने दादरी में कैमरे के सामने बड़ी बात कही है। महावीर फोगाट का कहना है कि गुरू का भी अवॉर्ड राशि पर अधिकार होता है। लेकिन विनेश ने उसे गुरू का मान-सम्मान नहीं दिया और पैसे के लालच में गुरू का अवॉर्ड भी नहीं दिलाया। खेल नीति से हटकर मिला मान-सम्मान
बता दे कि महावीर फोगाट ने विनेश फोगाट को सरकार द्वारा प्राइज राशि मिलने पर एक न्यूज चैनल पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि हरियाणा सरकार ने विनेश के लिए जो किया है वो आज तक दुनिया में किसी ने नहीं किया। सरकार ने लेन से हटकर, खेल नीति से अलग हटकर मान-सम्मान दिया है। एक गोल्ड मेडलिस्ट को भी इतना मान-सम्मान नहीं मिलता। इसको लेकर सरकार सरकार की जितनी प्रशंसा की जाए वो कम है। विनेश ने आज तक नहीं दिया गुरू का सम्मान
विनेश के ताऊ महावीर फोगाट ने कहा कि जो अवॉर्ड राशि लेकर आते हैं गुरू का अधिकार होता है। गुरू की भी अवॉर्ड राशि होती है। अगर विनेश को पैसे का लालच नहीं आया तो उसने आज तक मुझे गुरू का जो सम्मान होता है, जो अवॉर्ड होता है वो नहीं दिया।
पैसे के लालच में नहीं दिलाया
महावीर फोगाट ने कहा कि मैंने अपनी मर्जी से उसके फॉर्म भरवाएं। मैंने उसे ऊपर तक पहुंचाया, मैंने ही सारी मेहनत करी। मेरे सिवाए विनेश का दूसरा गुरू भी नहीं है। लेकिन उसने आज तक उसे मान-सम्मान नहीं दिया और पैसे के लालच में ही गुरू का अवॉर्ड नहीं दिलाया। बबीता फोगाट ने किए थे ट्वीट
विनेश फोगाट को हरियाणा सरकार द्वारा ईनामी राशि दिए जाने के बाद भाजपा नेत्री उनकी चचेरी बहन एवं पूर्व इंटरनेशनल महिला रेसलर बबीता फोगाट ने ट्वीट किया था। भाजपा नेत्री ने विनेश फोगाट का नाम लिए बिना लिखा था कि यदि सरकार 15 साल पहले वर्तमान सुविधाएं मुहैया करवाती तो मेडलों में देश कहीं आगे होता। वहीं उन्होंने लिखा की उन्हें सुविधाएं मिलती तो गेम नहीं छोड़ना पड़ता।
पहले ट्वीट में ये लिखा था
भाजपा नेत्री बबीता फोगाट ने पहले ट्वीट में लिखा था कि “जो सुविधाएं मोदी जी की सरकार में अब खिलाड़ियों को मिल रही है अगर मुझे वहीं सुविधाएं मिलती तो मुझे खेल नहीं छोड़ना पड़ता”!! इस ट्वीट के साथ उन्होंने अपने एक इंटरव्यू का विडियो भी शेयर किया था जिसमें ओलिंपिक में मेडल नहीं मिलने की उनकी टीस बाहर आई थी। उन्होंने जो विडियो शेयर किया उसमें उन्होंने कहा था कि एक खिलाड़ी को बनाने में सालों लग जाते है। खिलाड़ी का बहुत संघर्ष करना पड़ता है। कई बार वह मेडल के करीब भी पहुंच जाता है लेकिन हासिल नहीं कर पाता। उन्होंने कहा कि सुविधाएं लेट मिली हैं। जो सुविधाएं 2014 के बाद मिली यदि ये ही सुविधाएं अगल 15 साल पहले मिली होती तो आज हम मेडल तालिका में और भी ऊपर होते। बबीता फोगाट ने कहा कि उसने 2018 में गेम छोड़ दिया। वे उस पड़ाव में थी कि ओलिंपिक तक पहुंच गई थी लेकिन मेडल नहीं मिल पाया। उन्हें घुटनों में दिक्कत थी और यदि ये सुविधाएं उन्हें 10 साल पहले मिल गई होती तो 2018 में गेम छोड़ने की जरूरत नहीं पड़ती और वो लगातार खेलती।
दूसरे ट्वीट में आंदोलन का जिक्र
बबीता फोगाट ने जो दूसरा ट्वीट किया था उसमें उन्होंने लिखा था कि”मैं खिलाड़ियों के साथ थी,हूं और रहूंगी। इसी तरह मैं पार्टी के साथ भी हूं और आगे भी रहूंगी। लेकिन जब किसी भी खिलाड़ियों के मंच का राजनीतिकरण होगा तो मैं वहां पर नहीं रहूंगी”इस ट्वीट के साथ भी उन्होंने इंटरव्यू का वीडियो शेयर किया था। जिसमें खिलाड़ियों के आंदोलन में पहले समर्थन देने और बाद में पीछे हटने के सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि उन्होंने खिलाड़ियों को जब तक सपोट किया जब तक एक खिलाड़ी के तौर पर खिलाड़ियों की आवाज उठाई। वे वहां पर राजनीतिक मंच के जरिए नहीं बल्कि एक खिलाड़ी के तौर पर गई थी। भाजपा नेत्री ने कहा उन्होंने तब भी खिलाड़ियों को समर्थन किया, आज भी करती हैं और आगे भी करती रहेंगी। लेकिन जब उन्हें लगा कि खिलाड़ियों का मंच राजनीतिक मंच हो गया है। अपने स्वार्थ के लिए खिलाड़ियों का मसीहा अपने आप को बताने वाले ने वहां पर राजनीति शुरू की तो वे पीछे हट गई। वे खिलाड़ियों की उचित मांगों के लिए खड़ी रहेंगी।
विनेश ने भी किया था ट्वीट
कांग्रेस नेत्री एवं जुलाना विधायक ने भी बबीता फोगाट के बाद ट्वीट किया था। विनेश ने भी बबीता फोगाट का नाम नहीं लिया लेकिन उनके ट्वीट को बबीता फोगाट के ट्वीट का जवाब माना जा रहा है। विनेश ने अपने ट्वीट में लिखा था कि 2 रुपए लेकर ट्वीट करने वालों और फ्री का ज्ञान बांटने वालों जरा ध्यान से सुनो। तुम्हारी जानकारी के लिए बता दूं कि अब तक करोड़ों के ऑफर ठुकरा चुकी हूं। सॉफ्ट ड्रिंक्स से लेकर ऑनलाइन गेमिंग तक,पर मैंने कभी अपने वसूलो का सौदा नहीं किया। जो कुछ भी हासिल किया है, मेहनत की ईमानदारी और अपनों के आशीर्वाद से किया है और उसी पर गर्व है। जहां तक मांगने की बात है तो मैं उस धरती की बेटी हूं जहां आत्मसम्मान मां के दूध में घुला होता है। मैंने अपने पूर्वजों से सीखा है कि हक छीना नहीं जाता, जीता जाता है। जरूरत पड़ने पर अपनों को पुकारना भी आता है। जब कोई अपना तकलीफ में हो तो उनके साथ दीवार बनकर खड़ा रहना भी आता है।