लुधियाना विजिलेंस ने दबोचा फर्जी सरकार व्यक्ति:खुद को बताया LIT अधिकारी, NOC जारी करने के लिए 42.60 लाख रुपए

लुधियाना विजिलेंस ने दबोचा फर्जी सरकार व्यक्ति:खुद को बताया LIT अधिकारी, NOC जारी करने के लिए 42.60 लाख रुपए

पंजाब के लुधियाना में विजिलेंस ब्यौरों ने मुल्लांपुर दाखा निवासी जगत राम नामक एक निजी व्यक्ति को सरकारी अधिकारी होने का झूठा दावा करते हुए 42.60 लाख रुपए की रिश्वत लेने के आरोप में गिरफ्तार किया है। जानकारी देते SSP रविंदरपाल सिंह संधू ने कहा कि पक्खोवाल रोड स्थित SBS नगर निवासी राकेश सचदेवा द्वारा मुख्यमंत्री की भ्रष्टाचार निरोधक कार्रवाई लाइन के माध्यम से दर्ज कराई गई शिकायत के आधार पर आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। 42.60 लाख की ली रिश्वत शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि जगत राम ने लुधियाना इम्प्रूवमेंट ट्रस्ट (LIT) के पास लंबित अनापत्ति प्रमाण पत्र (NOC) प्राप्त करने के लिए उससे 42.60 लाख रुपए की रिश्वत ली थी। शिकायत के अनुसार लुधियाना के एसी मार्केट में गारमेंट की दुकान चलाने वाले सचदेवा ने LIT की LDP योजना के तहत क्रमश: 2017, 2019 और 2022 में तीन संपत्तियां खरीदी थीं। उन्होंने संपत्तियों को अपने नाम पर स्थानांतरित करने के लिए एनओसी हासिल करने के लिए LIT को सभी संबंधित दस्तावेज जमा किए थे, लेकिन उन्हें प्राप्त करने में असफल रहे। इस दौरान उनकी मुलाकात जगत राम से हुई, जिसने खुद को LIT का अधिकारी बताया और चंडीगढ़ में एक वरिष्ठ अधिकारी का निजी सचिव बताया। आरोपी ने उन्हें आश्वासन दिया कि वह NOC की व्यवस्था कर सकता है, लेकिन बदले में रिश्वत की मांग की। किश्तों में ली रिश्वत सचदेवा ने आगे कहा कि जगत राम ने उनसे दो साल में किश्तों में कुल 42.60 लाख रुपए की रिश्वत ली, लेकिन वादा किए गए एनओसी देने में विफल रहा। आखिरकार, उन्हें पता चला कि जगत राम एलआईटी का कर्मचारी नहीं बल्कि एक निजी व्यक्ति था जो सरकारी कर्मचारी बनकर रिश्वत ले रहा था। रिकॉर्ड से हुआ खुलासा शिकायतकर्ता ने एक मित्र की मदद से जगत राम के साथ बातचीत रिकॉर्ड की, जिसमें जगत राम ने 37 लाख रुपए की रिश्वत लेने की बात स्वीकार की। विजिलैंस ब्यूरो के प्रवक्ता ने बताया कि शिकायत के सत्यापन के दौरान आरोप सही पाए गए, जो मौखिक, ऑडियो और दस्तावेजी साक्ष्यों से समर्थित थे। जांच में पता चला कि आरोपी ने 42.60 लाख रुपए लिए थे, जिसमें 3.90 लाख रुपए गूगल पे के जरिए लिए गए थे। जांच के आधार पर आरोपी के खिलाफ विजिलैंस ब्यूरो के लुधियाना रेंज के पुलिस स्टेशन में भ्रष्टाचार रोकथाम अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है। जगत राम को कल सक्षम अदालत में पेश किया जाएगा। उन्होंने बताया कि जांच के दौरान LIT कर्मचारियों की भूमिका की भी जांच की जाएगी। पंजाब के लुधियाना में विजिलेंस ब्यौरों ने मुल्लांपुर दाखा निवासी जगत राम नामक एक निजी व्यक्ति को सरकारी अधिकारी होने का झूठा दावा करते हुए 42.60 लाख रुपए की रिश्वत लेने के आरोप में गिरफ्तार किया है। जानकारी देते SSP रविंदरपाल सिंह संधू ने कहा कि पक्खोवाल रोड स्थित SBS नगर निवासी राकेश सचदेवा द्वारा मुख्यमंत्री की भ्रष्टाचार निरोधक कार्रवाई लाइन के माध्यम से दर्ज कराई गई शिकायत के आधार पर आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। 42.60 लाख की ली रिश्वत शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि जगत राम ने लुधियाना इम्प्रूवमेंट ट्रस्ट (LIT) के पास लंबित अनापत्ति प्रमाण पत्र (NOC) प्राप्त करने के लिए उससे 42.60 लाख रुपए की रिश्वत ली थी। शिकायत के अनुसार लुधियाना के एसी मार्केट में गारमेंट की दुकान चलाने वाले सचदेवा ने LIT की LDP योजना के तहत क्रमश: 2017, 2019 और 2022 में तीन संपत्तियां खरीदी थीं। उन्होंने संपत्तियों को अपने नाम पर स्थानांतरित करने के लिए एनओसी हासिल करने के लिए LIT को सभी संबंधित दस्तावेज जमा किए थे, लेकिन उन्हें प्राप्त करने में असफल रहे। इस दौरान उनकी मुलाकात जगत राम से हुई, जिसने खुद को LIT का अधिकारी बताया और चंडीगढ़ में एक वरिष्ठ अधिकारी का निजी सचिव बताया। आरोपी ने उन्हें आश्वासन दिया कि वह NOC की व्यवस्था कर सकता है, लेकिन बदले में रिश्वत की मांग की। किश्तों में ली रिश्वत सचदेवा ने आगे कहा कि जगत राम ने उनसे दो साल में किश्तों में कुल 42.60 लाख रुपए की रिश्वत ली, लेकिन वादा किए गए एनओसी देने में विफल रहा। आखिरकार, उन्हें पता चला कि जगत राम एलआईटी का कर्मचारी नहीं बल्कि एक निजी व्यक्ति था जो सरकारी कर्मचारी बनकर रिश्वत ले रहा था। रिकॉर्ड से हुआ खुलासा शिकायतकर्ता ने एक मित्र की मदद से जगत राम के साथ बातचीत रिकॉर्ड की, जिसमें जगत राम ने 37 लाख रुपए की रिश्वत लेने की बात स्वीकार की। विजिलैंस ब्यूरो के प्रवक्ता ने बताया कि शिकायत के सत्यापन के दौरान आरोप सही पाए गए, जो मौखिक, ऑडियो और दस्तावेजी साक्ष्यों से समर्थित थे। जांच में पता चला कि आरोपी ने 42.60 लाख रुपए लिए थे, जिसमें 3.90 लाख रुपए गूगल पे के जरिए लिए गए थे। जांच के आधार पर आरोपी के खिलाफ विजिलैंस ब्यूरो के लुधियाना रेंज के पुलिस स्टेशन में भ्रष्टाचार रोकथाम अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है। जगत राम को कल सक्षम अदालत में पेश किया जाएगा। उन्होंने बताया कि जांच के दौरान LIT कर्मचारियों की भूमिका की भी जांच की जाएगी।   पंजाब | दैनिक भास्कर