गैंगस्टर लॉरेंस के इंटरव्यू मामले में बर्खास्त डीएसपी गुरशेर सिंह ने पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में अपनी बर्खास्तगी को चुनौती दी है। हाईकोर्ट ने मामले की सुनवाई करते हुए पंजाब सरकार को नोटिस जारी किया है। एक महीने में पंजाब सरकार से इस बारे में जवाब मांगा है। हालांकि अदालत ने बर्खास्तगी पर रोक लगाने से मना कर दिया है। इससे पहले पंजाब सरकार ने हाईकोर्ट द्वारा गठित एसआईटी की रिपोर्ट के आधार उन्हें बर्खास्त करने के आदेश जारी किए थे। अदालत ने उनकी तरफ से दी गई यह दलील खरड़ में अपराध जांच एजेंसी (सीआईए) में हिरासत के दौरान जेल में बंद गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई से साक्षात्कार कराने के आरोपों के बाद बर्खास्त किए गए गुरशेर सिंह संधू ने दावा किया है कि उन्हें बलि का बकरा बनाया गया है। गृह सचिव गुरकीरत कृपाल सिंह द्वारा हस्ताक्षरित पंजाब सरकार के आदेश में उनकी बर्खास्तगी के कारणों के रूप में घोर कदाचार, लापरवाही और कर्तव्य में लापरवाही का हवाला दिया गया है। पंजाब लोक सेवा आयोग (पीपीएससी) द्वारा संविधान के अनुच्छेद 311(2)(बी) के तहत राज्य सरकार के प्रस्ताव से सहमत होने के बाद बर्खास्तगी को अंतिम रूप दिया गया, जो उन मामलों में विभागीय जांच के बिना बर्खास्तगी की अनुमति देता है जहां ऐसी जांच अव्यवहारिक मानी जाती है। पहले इंटरव्यू में मूसेवाला के कत्ल की जिम्मेदारी ली लॉरेंस का पहला इंटरव्यू 14 मार्च को ब्रॉडकास्ट हुआ था। उसमें लॉरेंस ने पंजाबी सिंगर सिद्धू मूसेवाला का कत्ल करवाने की बात कबूल की थी। लॉरेंस का कहना था कि मूसेवाला सिंगिंग के बजाय गैंगवार में घुस रहा था। उसके कॉलेज फ्रेंड अकाली नेता विक्की मिड्डूखेड़ा के कत्ल में भी मूसेवाला का हाथ था। इसलिए उसे मरवाया। SIT रिपोर्ट के मुताबिक यह वही इंटरव्यू था, जो उसने CIA की कस्टडी से दिया। दूसरे इंटरव्यू में लॉरेंस ने बैरक भी दिखाई लॉरेंस ने अपने दूसरे इंटरव्यू में जेल के अंदर से इंटरव्यू करने का सबूत भी दिया था। उसने अपनी बैरक भी दिखाई और बताया कि उसे बाहर नहीं जाने दिया जाता, लेकिन मोबाइल भी उसके पास आ जाता है और सिग्नल भी। लॉरेंस ने अपने इंटरव्यू में कहा कि रात के समय जेल के गार्ड बहुत कम आते-जाते हैं, इसीलिए वह रात को कॉल कर रहा है। लॉरेंस ने मोबाइल के अंदर आने के बारे में भी जानकारी दी थी। लॉरेंस के अनुसार, मोबाइल बाहर से जेल के अंदर फेंके जाते हैं। कई बार जेल स्टाफ उन्हें पकड़ भी लेता है, लेकिन अधिकतर बार मोबाइल उस तक पहुंच जाता है। ये पुलिसवाले सस्पेंड हुए पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के निर्देश पर गठित SIT ने 7 अधिकारियों और कर्मचारियों को ड्यूटी के दौरान कोताही व लापरवाही का आरोपी माना था। इसके बाद 25 अक्टूबर 2024 को सभी को सस्पेंड करने के आदेश जारी किए गए। जिन अधिकारियों-कर्मचारियों को सस्पेंड किया गया था, उनमें DSP से लेकर हेड कॉन्स्टेबल रैंक तक के अधिकारी-कर्मचारी शामिल थे। इसमें DSP गुरशेर सिंह (अमृतसर स्थित 9 बटालियन), DSP समर वनीत, सब इंस्पेक्टर रीना (CIA खरड़ में तैनात), SI जगतपाल जंगू (AGTF में तैनात), SI शगनजीत सिंह (AGTF), ASI मुखत्यार सिंह और हेड कॉन्स्टेबल ओम प्रकाश शामिल थे। गैंगस्टर लॉरेंस के इंटरव्यू मामले में बर्खास्त डीएसपी गुरशेर सिंह ने पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में अपनी बर्खास्तगी को चुनौती दी है। हाईकोर्ट ने मामले की सुनवाई करते हुए पंजाब सरकार को नोटिस जारी किया है। एक महीने में पंजाब सरकार से इस बारे में जवाब मांगा है। हालांकि अदालत ने बर्खास्तगी पर रोक लगाने से मना कर दिया है। इससे पहले पंजाब सरकार ने हाईकोर्ट द्वारा गठित एसआईटी की रिपोर्ट के आधार उन्हें बर्खास्त करने के आदेश जारी किए थे। अदालत ने उनकी तरफ से दी गई यह दलील खरड़ में अपराध जांच एजेंसी (सीआईए) में हिरासत के दौरान जेल में बंद गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई से साक्षात्कार कराने के आरोपों के बाद बर्खास्त किए गए गुरशेर सिंह संधू ने दावा किया है कि उन्हें बलि का बकरा बनाया गया है। गृह सचिव गुरकीरत कृपाल सिंह द्वारा हस्ताक्षरित पंजाब सरकार के आदेश में उनकी बर्खास्तगी के कारणों के रूप में घोर कदाचार, लापरवाही और कर्तव्य में लापरवाही का हवाला दिया गया है। पंजाब लोक सेवा आयोग (पीपीएससी) द्वारा संविधान के अनुच्छेद 311(2)(बी) के तहत राज्य सरकार के प्रस्ताव से सहमत होने के बाद बर्खास्तगी को अंतिम रूप दिया गया, जो उन मामलों में विभागीय जांच के बिना बर्खास्तगी की अनुमति देता है जहां ऐसी जांच अव्यवहारिक मानी जाती है। पहले इंटरव्यू में मूसेवाला के कत्ल की जिम्मेदारी ली लॉरेंस का पहला इंटरव्यू 14 मार्च को ब्रॉडकास्ट हुआ था। उसमें लॉरेंस ने पंजाबी सिंगर सिद्धू मूसेवाला का कत्ल करवाने की बात कबूल की थी। लॉरेंस का कहना था कि मूसेवाला सिंगिंग के बजाय गैंगवार में घुस रहा था। उसके कॉलेज फ्रेंड अकाली नेता विक्की मिड्डूखेड़ा के कत्ल में भी मूसेवाला का हाथ था। इसलिए उसे मरवाया। SIT रिपोर्ट के मुताबिक यह वही इंटरव्यू था, जो उसने CIA की कस्टडी से दिया। दूसरे इंटरव्यू में लॉरेंस ने बैरक भी दिखाई लॉरेंस ने अपने दूसरे इंटरव्यू में जेल के अंदर से इंटरव्यू करने का सबूत भी दिया था। उसने अपनी बैरक भी दिखाई और बताया कि उसे बाहर नहीं जाने दिया जाता, लेकिन मोबाइल भी उसके पास आ जाता है और सिग्नल भी। लॉरेंस ने अपने इंटरव्यू में कहा कि रात के समय जेल के गार्ड बहुत कम आते-जाते हैं, इसीलिए वह रात को कॉल कर रहा है। लॉरेंस ने मोबाइल के अंदर आने के बारे में भी जानकारी दी थी। लॉरेंस के अनुसार, मोबाइल बाहर से जेल के अंदर फेंके जाते हैं। कई बार जेल स्टाफ उन्हें पकड़ भी लेता है, लेकिन अधिकतर बार मोबाइल उस तक पहुंच जाता है। ये पुलिसवाले सस्पेंड हुए पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के निर्देश पर गठित SIT ने 7 अधिकारियों और कर्मचारियों को ड्यूटी के दौरान कोताही व लापरवाही का आरोपी माना था। इसके बाद 25 अक्टूबर 2024 को सभी को सस्पेंड करने के आदेश जारी किए गए। जिन अधिकारियों-कर्मचारियों को सस्पेंड किया गया था, उनमें DSP से लेकर हेड कॉन्स्टेबल रैंक तक के अधिकारी-कर्मचारी शामिल थे। इसमें DSP गुरशेर सिंह (अमृतसर स्थित 9 बटालियन), DSP समर वनीत, सब इंस्पेक्टर रीना (CIA खरड़ में तैनात), SI जगतपाल जंगू (AGTF में तैनात), SI शगनजीत सिंह (AGTF), ASI मुखत्यार सिंह और हेड कॉन्स्टेबल ओम प्रकाश शामिल थे। पंजाब | दैनिक भास्कर
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चंडीगढ़ में एडवाइजर पद खत्म करने पर राजनीति गरमाई:AAP और SAD ने जताई आपत्ति, बोले- यह पंजाब के हक पर डाका डालने जैसा
चंडीगढ़ में एडवाइजर पद खत्म करने पर राजनीति गरमाई:AAP और SAD ने जताई आपत्ति, बोले- यह पंजाब के हक पर डाका डालने जैसा केंद्र सरकार ने चंडीगढ़ में 40 साल बाद बड़ा प्रशासनिक बदलाव किया है। अब प्रशासन सलाहकार का पद खत्म कर दिया गया है। इसके साथ ही मुख्य सचिव का पद सृजित किया गया है। वहीं चंडीगढ़ में दो आईएएस अधिकारियों के पद बढ़ाए गए हैं। अब अधिकारियों की संख्या 11 हो गई है। हालांकि इस मामले में राजनीति गरमा गई है। पंजाब में आम आदमी पार्टी (आप) और शिरोमणि अकाली दल ने इस पर आपत्ति जताई है। उनका तर्क है कि यह फैसला पंजाब के अधिकारों पर डाका डालने जैसा है। इस बात को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। चंडीगढ़ बनने के बाद यहां चीफ कमिश्नर का पद हुआ करता था। लेकिन 3 जून 1984 को इस बात को बदल दिया गया। इसके साथ ही चीफ कमिश्नर का पद खत्म कर प्रशासन सलाहकार का पद सृजित किया गया। जबकि अब इस पद को खत्म कर चीफ सेक्रेटरी बना दिया गया है। वहीं जानकारों की मानें तो इस बदलाव से चंडीगढ़ का प्रशासनिक ढांचा मजबूत होगा। चंडीगढ़ में जो भी अधिकारी सलाहकार के पद पर आएगा। वे मुख्य सचिव के पद पर हैं। लेकिन यहां उन्हें सलाहकार कहा जाता है। इसलिए इस पद की मांग लंबे समय से की जा रही थी। चंडीगढ़ पर पंजाब के दावे को कमजोर करने की कोशिश शिरोमणि अकाली दल के प्रधान सुखबीर बादल ने कहा कि चंडीगढ़ के एडवाइजर के पद को खत्म करने की निंदा करता हूं। यह चंडीगढ़ पर पंजाब के उचित दावे को और कमजोर करने के लिए यह भारत सरकार का एक और भेदभावपूर्ण कदम है। मैं केंद्र से आग्रह करता हूँ कि वह देश की ताकत और अन्न भंडार को कमज़ोर न करे क्योंकि इसके दीर्घकालिक परिणाम बहुत गंभीर हो सकते हैं। चंडीगढ़ और पंजाबी भाषी क्षेत्रों को पंजाब को हस्तांतरित करना और नदी के पानी पर हमारे तटीय अधिकार प्रदान करना आदि पंजाब के 1966 के पुनर्गठन का एकमात्र अधूरा एजेंडा है। मैं पंजाब के लोगों को पंजाब के मुख्यमंत्री की पंजाब विरोधी निर्णयों पर केंद्र के साथ मिलीभगत के खिलाफ भी आगाह करता हू। चंडीगढ़ पर पहला हक पंजाब का है AAP के सीनियर नेता व प्रवक्ता नील गर्ग ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा एक नोटिफिकेशन जारी करके सलाहकार का एक पद खत्म करके चीफ सेक्रेटरी पद बनाया गया है। यह पंजाब सरकार को बर्दाश्त नहीं है। क्योंकि चंडीगढ़ के प्रशासनिक सिस्टम में तब्दीली करना, पंजाब के हकों पर डाका मारने जैसा है। 40 साल पुराने सिस्टम में तब्दीली करके केंद्र ने चंडीगढ़ से पंजाब के हक को कमजोर किया है। इसे पंजाब कभी बर्दाश्त नहीं कर सकता है। क्योंकि चंडीगढ़ पर सबसे पहला अधिकार पंजाब का है। इसलिए केंद्र सरकार से अपील करता हूं चंडीगढ़ में इस तरह कदम उठाने से पहले पंजाब सरकार से बातचीत व सलाह करनी चाहिए थी। गुपचुप तरीके से पंजाब के अधिकारों किया हनन SAD नेता अर्शदीप सिंह कलेर ने कहा केंद्र ने पंजाब के चुप तरीके से पंजाब के हकों को मारने का फैसला लिया है। उन्होंने कहा कि मुख्य सचिव तो राज्यों के होते हैं। चंडीगढ़ को लेकर तो कोई सवाल नहीं है। इस पर तो देश की सांसद व हरियाणा की विधानसभा ने भी मोहर लगाई है कि यह पंजाब का है। फिर केंद्र सरकार क्यों इसे अलग राज्य का दर्जा देने की कोशिश कर रही है। दूसरा सवाल मेरा पंजाब के CM भगवंत मान से भी है। वह राज्य के गृहमंत्री भी हैं। ऐसे में इतना बड़ा फैसला केंद्र सरकार पंजाब सरकार को बताए बिना तो ले नहीं सकती है। क्या इस बारे में पंजाब सरकार को जानकारी थी। जानकारी थी तो यह इतनी बड़ी बात पंजाब सरकार ने पंजाबियों से क्यों छुपाई। क्यों लगातार केंद्र के साथ मिलकर पंजाब के हकों में डाका मारा जा रहा है। कभी ्देश के गृहमंत्री से मुलाकात होती है और BSF राज्य के 40 किलोमीटर तक अंदर आ जाती है। सिटको, बीबीएमबी में हमारी अगुवाई खत्म की गई। पंजाब यूनिवर्सिटी की सीनेट को खत्म किया जा रहा है। यह बहुत बड़े सवाल हैं। केंद्र सरकार से अपील की है कि पंजाब के हकों पर डाका न मार जाए। केंद्र पंजाब के दावे को कमजोर कर रहा है शिरोमणि अकाली दल के नेता बिक्रम सिंह मजीठिया ने कहा कि स्पष्ट रूप से केंद्र सरकार न पंजाब के अपनी राजधानी पर दावे को कमजोर कर रही है। चंडीगढ़ पंजाब के गांवों की जमीन पर बना है। भारत की संसद ने पहले ही चंडीगढ़ पर पंजाब के दावे को मान्यता दे दी है। जबकि पंजाब की राजधानी को एक स्थायी यूटी में बदलने का मन बना लिया है। इससे पहले इसने यूटी चंडीगढ़ के लिए एक अलग कैडर बनाया था, जिससे पंजाब और हरियाणा का दावा कमजोर हो गया था, जो 60:40 के अनुपात में अधिकारियों को तैनात करते थे।पंजाबियों को इस बात से झटका लगा है कि मुख्यमंत्री भगवंत मान इस कदम पर चुप हैं, जो इस बात का स्पष्ट संकेत है कि वह चंडीगढ़ पर पंजाब के दावे को कमजोर करने के लिए बीजेपी के साथ मिलकर काम कर रहे हैं। पंजाब और पंजाबी अपने हितों के साथ इस तरह के विश्वासघात को कभी माफ नहीं करेंगे। अब इस तरह रहेगा यूटी प्रशासन का स्ट्रक्चर चीफ सेक्रेटरी – 1 सेक्रेटरी ( होम) 1 सचिव ( फाइनेंस) 1सेक्रेटरी अर्बन प्लानिंग एंड समार्ट सिटी -1 डिप्टी कमिश्नर -1 ज्वाइंट सेक्रेटरी फाइनेंस 1 एक्साइज कमिश्नर 1 सेक्रेटरी (दो पद) एडिशनल सेक्रेटरी एडिशनल डिप्टी कमिश्नर प्रशासक को रिपोर्ट करेंगे चंडीगढ़ में मुख्य सचिव की नियुक्ति के बाद कोई बड़ा फेरबदल नहीं होगा। प्रशासनिक अधिकारियों की मानें तो मुख्य सचिव का पद अन्य राज्यों के मुख्य सचिव के पद जैसा ही होगा। चंडीगढ़ में सलाहकार के पद पर एजीयूएमटी कैडर के वरिष्ठ आईएएस की नियुक्ति होती है। इसे मुख्य सचिव के पद के बराबर माना जाता है। जबकि, अन्य राज्यों में मुख्य सचिव मुख्यमंत्री को रिपोर्ट करते हैं। इसी तरह मुख्य सचिव सीधे प्रशासक के अधीन रहेंगे और उन्हें रिपोर्ट करेंगे। हालांकि, इस फैसले से यूटी कैडर का दबदबा बढ़ना तय है। क्योंकि अब पदों की संख्या बढ़कर 11 हो गई है।
जालंधर में कांग्रेस नेता के घर नौकरानी ने किया सुसाइड:फंदे पर लटका था शव, प्रेग्नेंसी स्ट्रिप मिली; 5 साल से करती थी काम
जालंधर में कांग्रेस नेता के घर नौकरानी ने किया सुसाइड:फंदे पर लटका था शव, प्रेग्नेंसी स्ट्रिप मिली; 5 साल से करती थी काम पंजाब के जालंधर में शिव विहार के पास एक कांग्रेस के पूर्व पार्षद रोहन सहगल के घर में काम करने वाली एक नौकरानी ने फांसी का फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली। मृतका की पहचान सोढ़ल नगर की रहने वाली निकिता के रूप में हुई है। मृतका मूल रूप से उत्तर प्रदेश के लखनऊ की रहने वाली है। लड़की का परिवार यूपी में ही रहता है और वह अपनी बुआ के पास जालंधर में रह रही थी। 5 साल से यहीं काम कर रही थी निकिता जानकारी के अनुसार निकिता वर्मा पिछले करीब 5 साल से यहीं काम कर रही थी। बुआ कृष्णा वर्मा ने बताया कि कांग्रेस नेता रोहन सहगल के घर में निकिता काम करती थी। सुबह हमें फोन आया कि हमारी बच्ची ने सुसाइड किया है। जिसके बाद वह तुरंत मौके पर पहुंच गए थे। परिवार ने आरोप लगाए हैं कि जहां हमारी बच्ची लटकी हुई थी, जहां पर कोई भी ऐसी चीज नहीं मिली, जिससे लगे कि उक्त जगह पर सुसाइड हुआ है। परिवार ने आरोप लगाया है कि उनकी बच्ची को मारा गया है। हालांकि परिवार ने किसी पर ये आरोप नहीं लगाए हैं। परिवार का कहना है कि पुलिस द्वारा मामले की जांच की जाए। कृष्णा ने सहगल के पूर्व कर्मचारी पर आरोप लगाए हैं। घटना स्थल से मिली संदिग्ध चीजें पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। मामला सुसाइड का है या फिर हत्या का। इस पर पुलिस जांच कर रही है। परिवार के आरोपों के आधार पर पुलिस ने बयान दर्ज किए हैं। परिवार ने बताया कि जब पर निकिता का शव बरामद हुआ, वहां से एक प्रेगनेंसी स्ट्रिप भी बरामद की गई है। जिससे पता चल रहा है कि वह गर्भवती थी। हालांकि परिवार ने कहा- इस बारे में पोस्टमार्टम के बाद ही कुछ पता चल पाएगा। लड़की की उम्र करीब 22 साल है जो एक बुजुर्ग महिला की देखरेख करती थी। कृष्णा वर्मा ने कहा- एक हफ्ते पहले उसकी बुजुर्ग महिला के साथ लड़ाई हुई थी। जिसके बाद से वह काफी परेशान थी। सुबह 10 बजे सुसाइड की जानकारी मुझे दी गई। सहगल के वकील बोले- मामले की जांच हो, हमने पुलिस का सहयोग किया घटना स्थल पर जांच के लिए पहुंचे पूर्व पार्षद रोहन सहगल के वकील हरमिंदर सिंह संधू ने बताया कि हमने पुलिस के साथ पूरा सहयोग किया है। सीसीटीवी भी पुलिस को सौंप दिए गए हैं। मौके से एक प्रेगनेंसी स्ट्रिप बरामद की गई है। पोस्टमार्मट रिपोर्ट आने के बाद पुलिस अगली कार्रवाई करेगी।
गिद्दड़बाहा सीट पर आएंगे सबसे पहले रिजल्ट:पंजाब की वीआईपी सीट, 13 राउंड में होगी गिनती, सुरक्षा के कडे़े प्रबंध, आयोग की नजर
गिद्दड़बाहा सीट पर आएंगे सबसे पहले रिजल्ट:पंजाब की वीआईपी सीट, 13 राउंड में होगी गिनती, सुरक्षा के कडे़े प्रबंध, आयोग की नजर पंजाब में चार विधानसभा सीटों पर उपचुनाव के लिए हुए मतदान के लिए 23 नवंबर को मतगणना होगी। इस दौरान सबसे पहले चुनावी नतीजे वीआईपी सीट गिद्दड़बाहा के आएंगे। यहां पर 13 राउंड में गिनती पूरी होगी। इस हलके में पूर्व सीएम प्रकाश सिंह बादल के भतीजे मनप्रीत बादल भाजपा के उम्मीदवार हैं, जबकि कांग्रेस की उम्मीदवार पार्टी प्रधान अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग की पत्नी अमृता वडिंग और पूर्व अकाली नेता हरदीप सिंह डिल्लों आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार हैं। निर्वाचन आयोग की तरफ से मतगणना के लिए कडे़ सुरक्षा प्रबंध किए हैं। सारी प्रक्रिया निर्वाचन आयोग की तरफ से नजर रखी जाएगी। इसके अलावा तीन हजार के करीब सुरक्षा कर्मी भी तैनात रहेंगे। मतगणना सुबह आठ बजे होगी। 45 उम्मीदवारों की किस्मत ईवीएम में बंद इस चुनाव में कुल 45 उम्मीदवारों ने अपनी किस्मत आजमाई है। डेरा बाबा नानक विधानसभा सीट की मतगणना सुखजिंदरा ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूट, गुरदासपुर में होगी। यहां 18 राउंड में गिनती संपन्न होगी, जबकि चब्बेवाल (एससी) की मतगणना रियात एंड बहरा ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूट होशियारपुर में होगी। गिनती 15 राउंड में होगी। बरनाला विधानसभा क्षेत्र की गिनती एसडी कॉलेज ऑफ एजुकेशन बरनाला में 16 राउंड में होगी। गिद्दड़बाहा के वोटों की गिनती गवर्नमेंट सीनियर सेकेंडरी स्कूल (बालक) में होगी। गिद्दड़बाहा में हुआ है सबसे अधिक मतदान बता दें कि, 20 नवंबर को चार सीटों पर कुल 63.91 फीसदी मतदान हुआ है। सबसे अधिक मतदान गिद्दड़बाहा में 81.90 प्रतिशत हुआ। चब्बेवाल में सबसे कम 53.43 फीसदी मतदान हुआ है। यहां पर पुरुषों की अपेक्षा महिलाओं ने अधिक मतदान किया है। यहां पर 42591 महिलाओं और 42585 पुरुषों ने मतदान किया। डेरा बाबा नानक में 64.01 फीसदी और बरनाला 56.34 फीसदी मतदान हुआ है। इन दिग्गजों की किस्मत का फैसला होना है डेरा बाबा नानक – इस विधानसभा सीट की बात करें तो यहां पर जतिंदर कौर कांग्रेस की उम्मीदवार है। वह पूर्व उप मुख्यमंत्री और गुरदासपुर के सांसद सुखजिंदर रंधावा की पत्नी है, जबकि गुरदीप सिंह रंधावा AAP के उम्मीदवार हैं। वहीं, भाजपा ने पूर्व शिरोमणि अकाली दल के नेता रवि करण सिंह काहलों को मैदान में उतारा था। चब्बेवाल सीट – यहां AAP ने सांसद डॉ. राजकुमार चब्बेवाल के बेटे इशांक को टिकट दिया था। उनके पिता पहले पहले यहां से विधायक रहे चुके हैं। कांग्रेस ने जिला बार एसोसिएशन के प्रधान रणजीत सिंह व भाजपा ने पूर्व SAD नेता व मंत्री रह चुके सोहन सिंह ठंडल पर दांव खेला है। बरनाला सीट – इस सीट पर AAP ने हरिंदर सिंह धालीवाल को टिकट दी है, जो कि सांसद गुरमीत सिंह मीत हेयर के करीबी हैं। इसी तरह भाजपा ने कांग्रेस छोड़कर आए और दो बार हलके के विधायक रह चुके केवल ढिल्लों व कांग्रेस कुलदीप सिंह काला ढिल्लों को उम्मीदवार बनाया है। गिद्दड़बाहा सीट – इस सीट पर कांग्रेस ने पार्टी प्रधान अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग की पत्नी अमृता वड़िग को उम्मीदवार बनाया है। जबकि AAP ने चुनाव से ठीक पहले SAD में शामिल हुए हरदीप सिंह डिंपी ढिल्लों पर दांव खेला है। वहीं, भाजपा ने पूर्व सीएम स्व. प्रकाश सिंह बादल के भतीजे मनप्रीत को टिकट दी थी। इसलिए हुआ इन सीटों पर उप चुनाव इन चारों सीटों पर उप चुनाव इसलिए हुआ, क्योंकि यहां के विधायक अब सांसद बन गए हैं। उनकी तरफ से विधायक पद से इस्तीफा दे दिया गया है। ऐसे में यह सीटें खाली हो गई थी। पहले गिद्दड़बाहा से कांग्रेस के विधायक अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग थे, जो अब लुधियाना के सांसद बन गए हैं। इसी तरह चब्बेवाल के विधायक डॉ. राज कुमार चब्बेवाल पहले कांग्रेस के विधायक थे, लेकिन वह AAP की टिकट पर चुनाव जीतकर होशियारपुर के सांसद बने हैं। इसी तरह डेरा बाबा नानक से पहले सुखजिंदर सिंह रंधावा विधायक थे, वह अब गुरदासपुर के सांसद हैं। इसी तरह बरनाला से पहले AAP नेता गुरमीत सिंह मीत हेयर विधायक थे, वह अब संगरूर से सांसद हैं।