PM नरेंद्र मोदी थोड़ी देर में लोकसभा चुनाव-2024 की आखिरी रैली को संबोधित करेंगे। यह रैली पंजाब के होशियारपुर में हो रही है। होशियारपुर से BJP ने केंद्रीय मंत्री सोमप्रकाश की पत्नी अनीता सोमप्रकाश को उम्मीदवार बनाया है। इससे पहले मोदी पंजाब में पटियाला, जालंधर और गुरदासपुर में रैली कर चुके हैं। इस रैली के बाद वे ध्यान के लिए कन्याकुमारी रवाना हो जाएंगे। यहां वे रॉक मेमोरियल का दौरा कर ध्यान साधना करेंगे। स्वामी विवेकानंद ने भी यहीं ध्यान किया था। 1 जून को होने वाली मतगणना तक वे वहीं रहेंगे। PM नरेंद्र मोदी थोड़ी देर में लोकसभा चुनाव-2024 की आखिरी रैली को संबोधित करेंगे। यह रैली पंजाब के होशियारपुर में हो रही है। होशियारपुर से BJP ने केंद्रीय मंत्री सोमप्रकाश की पत्नी अनीता सोमप्रकाश को उम्मीदवार बनाया है। इससे पहले मोदी पंजाब में पटियाला, जालंधर और गुरदासपुर में रैली कर चुके हैं। इस रैली के बाद वे ध्यान के लिए कन्याकुमारी रवाना हो जाएंगे। यहां वे रॉक मेमोरियल का दौरा कर ध्यान साधना करेंगे। स्वामी विवेकानंद ने भी यहीं ध्यान किया था। 1 जून को होने वाली मतगणना तक वे वहीं रहेंगे। पंजाब | दैनिक भास्कर
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SAD के बागी ग्रुप की बैठक में बड़ा फैसला:सुखदेख ढींढसा बोले- वह पार्टी के सरपरस्त, नेताओं को निष्कासित करने का फैसला रद शिरोमणि अकाली दल (SAD) से निकाले गए बागी नेताओं की आज चंडीगढ में मीटिंग हुई। यह मीटिंग SAD के सरपरस्त सुखदेव सिंह ढींढसा की अगुवाई में हुई। इस मौके ढींढसा ने कहा कि वह पार्टी के सरपरस्त होने के नाते 8 नेताओं को पार्टी से निकालने के इस फैसले को रद करते हैं। उन्होंने कहा कि यह सब कुछ संविधान के खिलाफ किया जा रहा है। इस मामले में सुखबीर सिंह बादल को पत्र लिखूंगा। उनसे इस मामले में जवाब मांगेंगे। पार्टी का प्रधान चुनने के लिए जनरल इजलास बुलाएंगे। जिसमें नया प्रधान चुना जाएगा। ढींढसा ने कहा कि वह आज तक लोगों के सामने नहीं आए थे, लेकिन मजबूरी में उन्हें यह फैसला लेना पड़ा है। झूंदा कमेटी ने की थी प्रधान बदलने की सिफारिश इस मौके गुरप्रताप वडाला और प्रो. प्रेम सिंह चंदूमाजरा ने कहा कि, जब 2022 में लगातार शिरोमणि अकाली दल चुनाव हार रहा था तो उस समय झूंदा कमेटी का गठन किया गया था। कमेटी ने सारे पंजाब में लोगों की राय ली थी। लोगों ने उस समय अकाली दल की लीडरशिप में बदलाव की सिफारिश की थी। सुखबीर बादल को पद त्यागना चाहिए। हम भी कमेटी की सिफारिश वाली बात कर रहे हैं। हम तो कमेटी के मुताबिक काम करने की बात कर रहे हैं। सुखबीर पर लगे आरोप गंभीर, प्रधान पद लायक नहीं दोनों नेताओं ने कहा कि हम लोग दो महीने से अकाली दल सुधार लहर चला रहे हैं। लेकिन जब प्रदीप कलेर ने गत दिवस सुखबीर बादल पर सवाल उठाया तो लोगों का ध्यान भटकाने के लिए उन्हें पार्टी से निकालने की कोशिश की। वहीं, उन्होंने कहा कि जिस तरह के आरोप सुखबीर बादल पर लगे हैं, ऐसे में वह प्रधान पद के लायक नहीं है। सुखबीर ने अकाल तख्त साहिब के आदेशों को भी नहीं माना है। अब तो सारी बात सामने आ गई हैं। पार्टी के लिए जेलों में गए हैं नेताओं ने कहा कि उन्होंने अकाली दल के लिए कुर्बानियां दी हैं। जेलों में रहे है। लेकिन सुखबीर बादल ने ऐसा कुछ नहीं किया है। आज अकाली दल दो ग्रुप में बंट गया है। एक ग्रुप में वह लोग जो जेलों में जाकर आए हैं, जबकि दूसरे कारों से उतरकर आते हैं। सरपरस्त को फैसला लेने का कोई अधिकार नहीं इस मामले में शिरोमणि अकाली दल के सीनियर नेता बलविंदर सिंह भूंदड़ ने कहा कि सरपरस्त के पास कोई फैसला नहीं लेने का अधिकार नहीं है। निकाले गए लोगों से हमारा लिंक नहीं है। चार लोगों के कहने से कोई फर्क नहीं पड़ता है। वह पार्टी से निकाले जा चुके है। वह अपना प्रधान चुन सकते हैं। हमने नियमों के मुताबिक सारी कार्रवाई की है।
इन आठ नेताओं को पार्टी से निकाला गया SAD की तरफ से गुरप्रताप सिंह वडाला, बीबी जागीर कौर, प्रो. प्रेम सिंह चंदूमाजरा, परमिंदर सिंह ढींढसा, सिकंदर सिंह मलूका, सुरजीत सिंह रखड़ा, सुरिंदर सिंह ठेकेदार और चरणजीत सिंह बराड़ को पार्टी से निकाला गया था। आरोप है कि पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल थे। हालांकि निकाले गए नेताओं का कहना है कि उन्हें अपना पक्ष रखने का मौका तक नहीं दिया गया।
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निकाय चुनाव को लेकर SC से पंजाब सरकार को राहत:8 हफ्ते का मिला समय, हाईकोर्ट के आदेश दी थी चुनौती पंजाब सरकार को निकाय चुनाव मामले में सुप्रीम कोर्ट से राहत मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब सरकार को चुनाव करवाने के लिए आठ हफ्ते का समय दिया है। ऐसे में उम्मीद है कि जनवरी में सरकार की तरफ से चुनाव करवाने संबंधी नोटिफिकेशन जारी किया जाएगा। राज्य सरकार ने पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट की तरफ से दिए गए आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती थी। उस आदेश में हाईकोर्ट ने पंजाब सरकार को अवमानना का नोटिस जारी करते हुए दस दिन में चुनाव की नोटिफिकेशन जारी करने के आदेश दिए गए थे। 5 निगमों और 42 परिषदों का कार्यकाल हुआ पूरा राज्य में फगवाड़ा, अमृतसर, पटियाला, जालंधर, लुधियाना नगर निगमों और 42 नगर परिषदों का 5 साल का कार्यकाल खत्म हो चुका है। इस समय को पूरा हुए काफी समय बीत गया है। लेकिन सरकार ने अभी तक चुनाव नहीं करवाए हैं। चुनाव की मांग को लेकर यह मामला पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट पहुंचा था। गत 14 अक्टूबर को सुनवाई के बाद अदालत ने आदेश दिए थे कि चुनाव संबंधी नोटिफिकेशन बिना वार्डबंदी से 15 दिनों में जारी की जाए। लेकिन तय समय में यह प्रक्रिया नहीं हुई। इस दौरान बीच में सरकारी छुटि्टयां भी आ गई। इसके बाद इसी मामले लेकर अवमानना याचिका दाखिल हुई थी। जिस पर सुनवाई देते हुए हाईकोर्ट ने पंजाब सरकार को अवमानना का नोटिस जारी किया था। साथ ही दस दिन में चुनाव की नोटिफिकेशन जारी करने को कहा था। साथ ही साफ किया था कि अगर तय समय में कार्रवाई नहीं हुई तो 50 हजार जुर्माना लगाया जाएगा और अवनमानना का केस चलेगा। वार्डबंदी के लिए 16 सप्ताह की जरूरत गत सुनवाई पर सरकारी वकील की तरफ से अदालत में दलील थी वार्डबंदी की प्रक्रिया को पूरा करने के लिए कुल 16 सप्ताह की जरूरत है। उन्होंने अदालत को बताया कि वार्डबंदी संबंधी फैसला पिछली बार 17 अक्टूबर 2023 को रद्द किया गया था। ऐसे में नए सिरे से वार्डबंदी की काफी जरूरत है। हालांकि अदालत ने बिना वार्डबंदी चुनाव करवाने को कहा था। वहीं, याचिका में निकाय चुनाव न होने से लोगों को आ रही दिक्कतों को भी उठाया गया था।
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