लखनऊ में उन्नाव की महिला ने सीएम आवास के पास 6 अगस्त की सुबह आग लगाकर आत्महत्या करने का प्रयास किया। लखनऊ पुलिस ने इस मामले में 60 वर्षीय वकील सुनील कुमार को गिरफ्तार किया है। जो कि उन्नाव का रहने वाला बताया जा रहा है। डीसीपी सेंट्रल रवीना त्यागी ने बताया कि महिला को आत्महत्या के लिए उकसाने वाले शख्स को गिरफ्तार कर लिया गया है। वकील के कहने पर महिला ने खुद पेट्रोल डालकर आग लगाई थी। इस मामले में महिला के मोबाइल पर चार मुख्य वॉइस रिकॉर्डिंग मिली है। जिसमें वकील क्यों बातचीत करने और उकसाने के प्रमाण भी मिले हैं। पुरवा थाने की पुलिस को सबक सिखाने के लिए उकसाया डीसीपी सेंट्रल रवीना त्यागी ने बताया कि वकील सुनील कुमार ने महिला से कहा था कि सीएम आवास के पास आग लगाओगे तो पुलिस तुम्हारे आगे पीछे घूमेगी। वकील को गिरफ्तार कर लिया गया है। वकील ने पूछताछ में बताया कि वह उन्नाव के पुरवा थाने की पुलिस कर्मियों को सबक सिखाने के लिए महिला को आग लगाने के उकसाने के लिए साजिश रची थी। सरकार की छवि धूमिल हुई जन आक्रोश फैलाने की साजिश डीसीपी सेंट्रल ने बताया वकील सुनील कुमार के कहने पर खुद को आज डालकर आग लगने वाली महिला की हालत गंभीर है। महिला का इलाज चल रहा है। लेकिन वकील के द्वारा इस तरीके की साजिश रच कर सरकार की छवि धूमिल करने, पुलिस एवं सरकार के खिलाफ जन आक्रोश फैलाने के उद्देश्य से महिला को आत्मदाह करने के लिए वकील के द्वारा उकसाया गया। इसलिए गौतम पल्ली पुलिस ने महिला को उकसाने वाले वकील सुनील कुमार पर एफआईआर दर्ज कर गिरफ्तार कर लिया है। कॉल करके महिला ने वकील से कहा- सर पहुंचने वाली हूं…ठीक है करो अधिवक्ता की अंजली से आखिरी बात मंगलवार सुबह 8:51 बजे हुई। तब अंजली ने उससे कहा कि …सर पहुंचने वाली हूं..तब अधिवक्ता ने उधर बोला..ठीक है करो। इसके कुछ ही देर बाद अंजली ने खुद के ऊपर पेट्रोल डालकर आग लगा ली। इसके पहले हुई बातचीत में अधिवक्ता ने कहा था कि सबसे अच्छा रहेगा कि ये काम सीएम आवास के पास जाकर करो। उन्नाव से ही लेकर जाना पेट्रोल, लखनऊ में खुला नहीं मिलेगा सुनील ने सोमवार रात फोन पर बात करते हुए अंजली से कहा था कि लखनऊ में ऐसे खुला पेट्रोल कोई नहीं देगा। इसलिए उन्नाव से ही ले लेना। ये भी बोला था कि किसी डार्क डिब्बे में पेट्रोल ले जाना, जिससे दिखाई न दे। अंजली ने वैसा ही किया। अब आगे पढ़िए 2 से छह जुलाई के बीच पांच दिन में 57 बार हुई बातचीत गाैतमपल्ली थाना क्षेत्र में महिला के अत्मदाह की साजिश पिछले पांच दिन से रची जा रही थी। डीसीपी मध्य रवीना त्यागी ने बताया कि वकील और अंजलि के बीच दो जुलाई से छह जुलाई के बीच करीब 57 बार दोनों की बात हुई थी। मंगलवार सुबह करीब 8.51 बजे भी महिला ने आखिरी कॉल उन्नाव दारोगा बाग निवासी अधिवक्ता सुनील कुमार को मिलाई थी। दोनों के बीच मोबाइल फोन पर हुई बातचीत की रिकॉर्डिंग पुलिस को मिली। पुलिस के हवाले से प्रमुख अंश…। आरोपी वकील- कल वाला काम करो समझ में आ जायेगा, एसओ और सीओ को बस …(अपशब्द) औकात में आ जायेंगे कि अब बुरा हुआ। पीड़िता- यही करेंगे पहले जा करके…। आरोपी वकील- ये काम किया नहीं समझो काम चालू, लाओ कल एफआईआर हम इनका बवाल कर ही दें, इनकी ऐसी की तैसी। पीड़िता- हम मुख्यमंत्री के यहां न जायें। आरोपी वकील- नहीं मुख्यमंत्री के यहां जाओ। पीड़िता- अब तो इसमें कुछ, वो लोग जेल चले गये हैं तो इसमें ऐसा कुछ लिखा तो नहीं है सब इन्ही लोगों के खिलाफ है। आरोपी वकील- बड़ा मुस्किल काम है, हमारी बात समझ नहीं रही हो। तुम कानून नहीं जानती हो। उन्होंने जो 107/116 चलाया 151 किया है। इसके अन्तर्गत उनको जेल भेजा है तो अब इस मामले में वहां जाना बहुत जरूरी है। इसी समय कल पूरा थाना खाली हो जाएगा, खाली ये जाकर के बताओ कि 151 में इनको जेल भेजा है। हमको भी भेजने के मूड में थे, पुलिस वाले कह रहे थे इनको मिलने मत देना एसडीएम से, समझे, कल सुबह हम लोग आते हैं, तुम ऐसा करो, हमारा इन्तजार न करो तुम निकलो पहले लखनऊ। पीड़िता – हां हम निलकते हैं, फिर जब हम आ जायें तब आप निकलियेगा। आरोपी वकील- अपना काम करो लखनऊ में भगवान चाहेंगे तो 12 घंटे के अन्दर सब ठीक हो जायेगा। समझे कल इनको दिखा दो, आदमी। पीड़िता – बस हमको कल भर खेल लेने दो, इसके बाद देखते हैं क्या होता है। आरोपी वकील- नहीं भगवान चाहेगें तो कल सब हल हो जायेगा, तुम अर्ली ऑवर में निकलो। वहां पूरी बात बताओ, बस वही काम करो डिब्बे वाला, कह दो साहब अब मालूम हो गया यहां कुछ है नहीं, बस छोटी-छोटी बात के लिए यहां आना पड़ता है, मतलब यह पुलिस, हो सके तो यह कह देना कोतवाल पता नहीं किस बिरादरी का है। पीड़िता – कोतवाल कुवंर बहादुर सिंह, है तो ठाकुर, ठाकुर ही है। आरोपी वकील- कल बताना जाके शाम को जब हसबैण्ड चला गया जेल, तो कहा साली चमारिन तुम्हारा दिमाग खराब है, तो हरिजन एक्ट बन जायेगा, और इसका पैसा तुमको अलग से मिलेगा सरकार से। पीड़िता – फिर तो सब ठीक है। आरोपी वकील- 70-80 हजार, और यह तुम्हारे पैर की धुवन घुलेंगे। पीड़िता- यही करेगें, सुबह जैसे कहा है…। आरोपी वकील- चाहें उनके आवास पर करो, चाहे विधानसभा पर करो, आवास जहां है, वहीं जाओ, वो ज्यादा अच्छा है। पीड़िता – आवास पर नहीं गये थे, जहां जमा होता है वहीं गये थे। आरोपी वकील- मुख्यमंत्री वाला अलग होता है। तुम जाओ तुरन्त एक्शन होगा, यह काम जहां तुमने किया, मिट्टी का तेल वाला, डीजल वाला, पेट्रोल वाला, आफत मच जायेगी…आफत। यह जरूर कह देना, बाद में कहा साली चमारिन होश रह नहीं तो तुमको कटवा कर मरवा देंगे, पता भी नहीं चलेगा। पीड़िता – ठीक है सर, फिर सुबह निकलेगें, तो बतायेगें, जब पहुंच जायेगें वहां। आरोपी वकील- ठीक-ठीक वहां पहुंचकर अपना काम करना, और सामान यहीं ले लेना। पीड़िता – जी सर ले लेंगे यहीं। आरोपी वकील- वो वहां नहीं मिलेगा। पीड़िता – समझ गये सर। आरोपी वकील- समझ गये ना। पीड़िता- हां-हां आरोपी वकील- डार्क वाला कोई डिब्बा ले लेना, जिसमें दिखाई न पड़े, वो ले लेना, डार्क में सब दे देगें। पीड़िता- ठीक-ठीक-ठीक ठीक है सर। आरोपी वकील- गाड़ी वालों के माध्यम से कह देना दे देगें। पीड़िता- वही करेंगे, कह देगें, भइया स्कूटी खड़ी है, यहां पर थोड़ा दे दीजिये, हां वही। आरोपी वकील- भाई कुछ अपना बदलना सीखो। पीड़िता – जी जी सर। आरोपी वकील- है ना, बेटा देखो राहें बहुत आसान नहीं हैं। पीड़िता- जी सर। आरोपी वकील- पहुंच गये। पीड़िता- सर बस पहुंचने वाली हूं। आरोपी वकील- ठीक है, करो लखनऊ में उन्नाव की महिला ने सीएम आवास के पास 6 अगस्त की सुबह आग लगाकर आत्महत्या करने का प्रयास किया। लखनऊ पुलिस ने इस मामले में 60 वर्षीय वकील सुनील कुमार को गिरफ्तार किया है। जो कि उन्नाव का रहने वाला बताया जा रहा है। डीसीपी सेंट्रल रवीना त्यागी ने बताया कि महिला को आत्महत्या के लिए उकसाने वाले शख्स को गिरफ्तार कर लिया गया है। वकील के कहने पर महिला ने खुद पेट्रोल डालकर आग लगाई थी। इस मामले में महिला के मोबाइल पर चार मुख्य वॉइस रिकॉर्डिंग मिली है। जिसमें वकील क्यों बातचीत करने और उकसाने के प्रमाण भी मिले हैं। पुरवा थाने की पुलिस को सबक सिखाने के लिए उकसाया 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बाद अंजली ने खुद के ऊपर पेट्रोल डालकर आग लगा ली। इसके पहले हुई बातचीत में अधिवक्ता ने कहा था कि सबसे अच्छा रहेगा कि ये काम सीएम आवास के पास जाकर करो। उन्नाव से ही लेकर जाना पेट्रोल, लखनऊ में खुला नहीं मिलेगा सुनील ने सोमवार रात फोन पर बात करते हुए अंजली से कहा था कि लखनऊ में ऐसे खुला पेट्रोल कोई नहीं देगा। इसलिए उन्नाव से ही ले लेना। ये भी बोला था कि किसी डार्क डिब्बे में पेट्रोल ले जाना, जिससे दिखाई न दे। अंजली ने वैसा ही किया। अब आगे पढ़िए 2 से छह जुलाई के बीच पांच दिन में 57 बार हुई बातचीत गाैतमपल्ली थाना क्षेत्र में महिला के अत्मदाह की साजिश पिछले पांच दिन से रची जा रही थी। डीसीपी मध्य रवीना त्यागी ने बताया कि वकील और अंजलि के बीच दो जुलाई से छह जुलाई के बीच करीब 57 बार दोनों की बात हुई थी। मंगलवार सुबह करीब 8.51 बजे भी महिला ने आखिरी कॉल उन्नाव दारोगा बाग निवासी अधिवक्ता सुनील कुमार को मिलाई थी। दोनों के बीच मोबाइल फोन पर हुई बातचीत की रिकॉर्डिंग पुलिस को मिली। पुलिस के हवाले से प्रमुख अंश…। आरोपी वकील- कल वाला काम करो समझ में आ जायेगा, एसओ और सीओ को बस …(अपशब्द) औकात में आ जायेंगे कि अब बुरा हुआ। पीड़िता- यही करेंगे पहले जा करके…। आरोपी वकील- ये काम किया नहीं समझो काम चालू, लाओ कल एफआईआर हम इनका बवाल कर ही दें, इनकी ऐसी की तैसी। पीड़िता- हम मुख्यमंत्री के यहां न जायें। आरोपी वकील- नहीं मुख्यमंत्री के यहां जाओ। पीड़िता- अब तो इसमें कुछ, वो लोग जेल चले गये हैं तो इसमें ऐसा कुछ लिखा तो नहीं है सब इन्ही लोगों के खिलाफ है। आरोपी वकील- बड़ा मुस्किल काम है, हमारी बात समझ नहीं रही हो। तुम कानून नहीं जानती हो। उन्होंने जो 107/116 चलाया 151 किया है। इसके अन्तर्गत उनको जेल भेजा है तो अब इस मामले में वहां जाना बहुत जरूरी है। इसी समय कल पूरा थाना खाली हो जाएगा, खाली ये जाकर के बताओ कि 151 में इनको जेल भेजा है। हमको भी भेजने के मूड में थे, पुलिस वाले कह रहे थे इनको मिलने मत देना एसडीएम से, समझे, कल सुबह हम लोग आते हैं, तुम ऐसा करो, हमारा इन्तजार न करो तुम निकलो पहले लखनऊ। पीड़िता – हां हम निलकते हैं, फिर जब हम आ जायें तब आप निकलियेगा। आरोपी वकील- अपना काम करो लखनऊ में भगवान चाहेंगे तो 12 घंटे के अन्दर सब ठीक हो जायेगा। समझे कल इनको दिखा दो, आदमी। पीड़िता – बस हमको कल भर खेल लेने दो, इसके बाद देखते हैं क्या होता है। आरोपी वकील- नहीं भगवान चाहेगें तो कल सब हल हो जायेगा, तुम अर्ली ऑवर में निकलो। वहां पूरी बात बताओ, बस वही काम करो डिब्बे वाला, कह दो साहब अब मालूम हो गया यहां कुछ है नहीं, बस छोटी-छोटी बात के लिए यहां आना पड़ता है, मतलब यह पुलिस, हो सके तो यह कह देना कोतवाल पता नहीं किस बिरादरी का है। पीड़िता – कोतवाल कुवंर बहादुर सिंह, है तो ठाकुर, ठाकुर ही है। आरोपी वकील- कल बताना जाके शाम को जब हसबैण्ड चला गया जेल, तो कहा साली चमारिन तुम्हारा दिमाग खराब है, तो हरिजन एक्ट बन जायेगा, और इसका पैसा तुमको अलग से मिलेगा सरकार से। पीड़िता – फिर तो सब ठीक है। आरोपी वकील- 70-80 हजार, और यह तुम्हारे पैर की धुवन घुलेंगे। पीड़िता- यही करेगें, सुबह जैसे कहा है…। आरोपी वकील- चाहें उनके आवास पर करो, चाहे विधानसभा पर करो, आवास जहां है, वहीं जाओ, वो ज्यादा अच्छा है। पीड़िता – आवास पर नहीं गये थे, जहां जमा होता है वहीं गये थे। आरोपी वकील- मुख्यमंत्री वाला अलग होता है। तुम जाओ तुरन्त एक्शन होगा, यह काम जहां तुमने किया, मिट्टी का तेल वाला, डीजल वाला, पेट्रोल वाला, आफत मच जायेगी…आफत। यह जरूर कह देना, बाद में कहा साली चमारिन होश रह नहीं तो तुमको कटवा कर मरवा देंगे, पता भी नहीं चलेगा। पीड़िता – ठीक है सर, फिर सुबह निकलेगें, तो बतायेगें, जब पहुंच जायेगें वहां। आरोपी वकील- ठीक-ठीक वहां पहुंचकर अपना काम करना, और सामान यहीं ले लेना। पीड़िता – जी सर ले लेंगे यहीं। आरोपी वकील- वो वहां नहीं मिलेगा। पीड़िता – समझ गये सर। आरोपी वकील- समझ गये ना। पीड़िता- हां-हां आरोपी वकील- डार्क वाला कोई डिब्बा ले लेना, जिसमें दिखाई न पड़े, वो ले लेना, डार्क में सब दे देगें। पीड़िता- ठीक-ठीक-ठीक ठीक है सर। आरोपी वकील- गाड़ी वालों के माध्यम से कह देना दे देगें। पीड़िता- वही करेंगे, कह देगें, भइया स्कूटी खड़ी है, यहां पर थोड़ा दे दीजिये, हां वही। आरोपी वकील- भाई कुछ अपना बदलना सीखो। पीड़िता – जी जी सर। आरोपी वकील- है ना, बेटा देखो राहें बहुत आसान नहीं हैं। पीड़िता- जी सर। आरोपी वकील- पहुंच गये। पीड़िता- सर बस पहुंचने वाली हूं। आरोपी वकील- ठीक है, करो उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
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लुधियाना में NRI के घर पर फायरिंग:15 दिन पहले विदेश से लौटा, कार सवार बदमाशों ने की गोलीबारी लुधियाना में एक एनआरआई के घर पर कार सवार बदमाशों ने फायरिंग कर दी। हमलावरों ने करीब 5 से 6 राउंड फायरिंग की। गनीमत रही कि फायरिंग में कोई घायल नहीं हुआ। सराभा नगर थाने की पुलिस मामले की जांच कर रही है। फायरिंग की इस घटना के बाद इलाके में दहशत का माहौल है। जानकारी के मुताबिक, घटना बीआरए नगर की है। गुरुवार को बदमाश कार में सवार होकर आए थे। उन्होंने पहले किसी को फोन किया, जिसके बाद बदमाशों ने घर पर उस समय फायरिंग कर दी, जब लोग काम कर रहे थे। फायरिंग की आवाज सुनकर आसपास के लोग तुरंत इकट्ठा हो गए। लोगों ने पुलिस कंट्रोल रूम को सूचना दी। रात 2 बजे की वारदात सूत्रों के अनुसार पता चला है कि एनआरआई राजदीप करीब 15 दिन पहले ऑस्ट्रेलिया से भारत आया था। बदमाशों ने गुरुवार रात करीब 2 बजे इस वारदात को अंजाम दिया। एनआरआई परिवार अभी इस मामले में कुछ भी कहने को तैयार नहीं है। इस बीच, सराभा नगर थाने की पुलिस ने वारदात स्थल से सीसीटीवी फुटेज कब्जे में ले ली है। पता चला है कि बदमाश दोराहा की तरफ भागे हैं। बेलीनो कार में सवार होकर आए हमलावर पुलिस बेलेनो कार का नंबर ट्रेस करने में जुटी है। वहीं सेफ सिटी कैमरों की भी मदद ली जा रही है ताकि पता चल सके कि बदमाश किस तरफ भागे है। NRI परिवार मुताबिक जिन युवकों ने गोलियां चलाई है वह उन्हें जानते तक नहीं है। किस रंजिश से उन पर गोलियां चली है यह भी उन्हें पता नहीं है। थाना सराभा नगर के एसएचओ पवन कुमार ने कहा कि बेलीनो कार में 2 से 3 लोग सवार थे। पुलिस आरोपियों की पहचान करने में जुटी है।
Pune CA Death: पुणे में ‘वर्कलोड’ से 26 साल की CA की मौत, लड़की की मां का बॉस को लिखा ये पत्र कर देगा भावुक
Pune CA Death: पुणे में ‘वर्कलोड’ से 26 साल की CA की मौत, लड़की की मां का बॉस को लिखा ये पत्र कर देगा भावुक <p style=”text-align: justify;”><strong>Pune EY Employee Death: </strong>महाराष्ट्र के पुणे से एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है. यहां एक बड़ी अकाउंटिंग कंपनी में काम करने वाली 26 साल की कर्मचारी की वर्कलोड की वजह से मौत हो गई. मृतक लड़की की मौत का मामला अब उनकी मां द्वारा कंपनी को लिखे गए एक पत्र में किए गए खुलासों के बाद सामने आया है. लड़की की ने लिखा कि उनकी बेटी की मौत काम के बोझ के चलते हुई.</p>
<p style=”text-align: justify;”>बता दें केरल की चार्टर्ड अकाउंटेंट एना सेबेस्टियन पेरायिल ने मार्च में Ernst & Young ज्वाइन किया था और जुलाई में उनकी मौत हो गई. एना की मां अनीता ऑगस्टाइन ने ईवाई के चेयरमैन राजीव मेमानी के नाम लिखे पत्र में दुख जताया कि कंपनी से जुड़ा एक भी शख्स उनकी बेटी के अंतिम संस्कार तक में नहीं पहुंचा.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>’ये पत्र एक दुखी मां लिख रही है'</strong><br />अनीता ने अपने पत्र में लिखा कि “मैं यह पत्र एक दुखी मां के रूप में लिख रही हूं, जिसने अपने बच्चे को खो दिया है. वह 19 मार्च, 2024 को एक एग्जीक्यूटिव के रूप में ईवाई पुणे में शामिल हुईं थी, लेकिन चार महीने बाद 20 जुलाई को मेरी दुनिया उजड़ गई जब मुझे खबर मिली कि एना अब इस दुनिया में नहीं है. मेरी एना सिर्फ 26 साल की थी.”</p>
<p style=”text-align: justify;”>अनीता ने लिखा कि “काम के बोझ, नए माहौल और लंबे समय तक काम करने से उसे फिजिकल, इमोशनल और मेंटल रूप से नुकसान हुआ. कंपनी से जुड़ने के तुरंत बाद वह चिंता, अनिद्रा और तनाव का अनुभव करने लगी, लेकिन वह खुद को आगे बढ़ाती रही, यह मानते हुए कि कड़ी मेहनत से एक दिन उसे सफलता मिलेगी.”</p>
<p style=”text-align: justify;”>एना की मां ने पत्र में खुलासा किया कि “जब एना इस टीम में शामिल हुई, तो उसे बताया गया कि कई कर्मचारियों ने ज्यादा काम की वजह से इस्तीफा दे दिया है. उसके टीम मैनेजर ने उससे कहा था कि एना तुम्हें हमारे टीम के बारे में हर किसी की राय बदलनी चाहिए. पर उसे एहसास नहीं था कि उसे अपनी जिंदगी देकर इसका भुगतान करना पड़ेगा.”</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>’देर रात और वीकेंड्स पर भी करती थी काम'</strong><br />अनीता ने आगे लिखा कि “एना के पास कंपनी का बहुत ज्यादा काम था. अक्सर उसे आराम करने के लिए बहुत कम समय मिलता था. उसका मैनेजर अधिकतर मीटिंग को रिशेड्यूल करता था और दिन के आखिर में काम असाइन करता था, जिससे उसको देर रात तक काम करना पड़ा था और तनाव बढ़ जाता था. यहां तक कि वीकेंड्स पर भी उसे काम करना पड़ता था.”</p>
<p style=”text-align: justify;”>अनीता ने कहा कि “उसके मैनेजर ने एक बार उसे रात में दिया और अगली सुबह तक पूरा करने को कहा, ऐसे में वह पूरी रात काम करती रही और अगले दिन सुबह बिना आराम किए ऑफिस पहुंची.” आखिर में एना की मां ने कंपनी से जिम्मेदारी लेने की अपील की. उन्होंने लिखा कि “नए लोगों पर इस तरह काम का बोझ डालना, उन्हें दिन-रात काम करने के लिए मजबूर करना, यहां तक कि रविवार को भी काम देने कोई औचित्य नहीं है.”</p>
<p style=”text-align: justify;”>”एना की मृत्यु को ईवाई के लिए एक वेक-अप कॉल के रूप में काम करना चाहिए. मुझे उम्मीद है कि यह पत्र आप तक उस गंभीरता के साथ पहुंचेगा जिसकी वह हकदार है. मुझे नहीं पता कि क्या कोई वास्तव में एक मां की भावनाओं को समझ सकता है, लेकिन मुझे उम्मीद है कि मेरे बच्चे का अनुभव वास्तविक परिवर्तन की ओर ले जाएगा ताकि किसी अन्य परिवार को इस दुःख से न गुजरना पड़े.”</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>कंपनी ने क्या कहा?</strong><br />अनीता के लिखे पत्र के बाद कंपनी ने कहा कि “जुलाई 2024 में एना सेबेस्टियन के दुखद और असामयिक निधन से हम बहुत दुखी हैं और हमारी गहरी संवेदनाएं शोक संतप्त परिवार के साथ हैं. एना पुणे में ईवाई ग्लोबल की सदस्य फर्म एसआर बटलीबोई में ऑडिट टीम का हिस्सा थीं. इस दु:खद तरीके से उनके होनहार करियर का खत्म हो जाना हम सभी के लिए एक अपूरणीय क्षति है. कोई भी उपाय परिवार द्वारा अनुभव किए गए नुकसान की भरपाई नहीं कर सकता है.”</p>
<div id=”article-hstick-inner” class=”abp-story-detail “>
<p><strong>ये भी पढ़ें: </strong><strong><a title=”MVA में किस आधार पर होगा सीटों का बंटवारा, संजय राउत ने साफ कर दी तस्वीर” href=”https://www.abplive.com/states/maharashtra/maharashtra-assembly-election-2024-sanjay-raut-said-seat-sharing-in-mva-will-be-based-on-winning-ability-2785694″ target=”_self”>MVA में किस आधार पर होगा सीटों का बंटवारा, संजय राउत ने साफ कर दी तस्वीर</a></strong></p>
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गोल्डन टेंपल सराय में बुकिंग के नाम पर ठगी:पैसे पे करते ही नंबर हो जाता है ब्लॉक; SGPC ने जारी किया नोटिस
गोल्डन टेंपल सराय में बुकिंग के नाम पर ठगी:पैसे पे करते ही नंबर हो जाता है ब्लॉक; SGPC ने जारी किया नोटिस स्वर्ण मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं को ऑनलाइन सराय बुकिंग के नाम पर ठगा जा रहा है। यह ठगी ऑनलाइन हो रही है। स्वर्ण मंदिर और शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) द्वारा संचालित सराय की तस्वीरों वाले फर्जी वेब पोर्टल इंटरनेट पर सक्रिय हैं। शिकायतें मिलने के बाद अब एसजीपीसी ने अपने पोर्टल पर नोटिस भी जारी किया है। बता दें कि फर्जी पोर्टल के जरिए जालसाज ऑनलाइन वॉलेट/क्यूआर कोड के जरिए 850 रुपये से 4200 रुपये के बीच शुरुआती भुगतान मांगते थे। भुगतान होते ही उनके फोन नंबर बंद हो जाते हैं। अमृतसर का एक व्यक्ति स्वर्ण मंदिर जाने की योजना बना रहे अपने मेहमानों के लिए हेरिटेज स्ट्रीट पर स्थित एसजीपीसी द्वारा संचालित सारागढ़ी निवास में एक कमरा बुक करना चाहता था। जब उसने सर्च किया तो सर्च इंजन को सबसे पहले saragahisaihotel.com वेबसाइट की जानकारी मिली, जो अभी भी सक्रिय है। जैसे ही उसने बुकिंग की, उसके खाते से 3200 रुपये कट गए। SGPC ने पुलिस में भी की शिकायत लगातार ठगी की शिकायतें मिलने के बाद SGPC ने मामले को अमृतसर पुलिस के संज्ञान में लाया है। SGPC प्रबंधक (सराय) गुरप्रीत सिंह ने कहा कि यह एकमात्र मामला नहीं है। कम से कम 8-10 मामले सामने आए हैं। जिनमें फर्जी वेबसाइटों के जरिए श्रद्धालुाओं को ऑनलाइन लूटा गया है। 31 मई को भी हमें जयपुर के एक व्यक्ति से ऐसी ही शिकायत मिली। उसे भी फर्जी पोर्टल के जरिए धोखा दिया गया था। SGPC ने जारी किया नोटिस SGPC ने अपनी आधिकारिक वेबसाइट www.sgpcrai.com पर एक नोटिस पोस्ट कर भक्तों को धोखाधड़ी वाली साइटों के प्रति सचेत किया है। SGPC अधिकारियों का कहना है कि बुकिंग केवल उनकी आधिकारिक वेबसाइट के माध्यम से की जाती है, जो पेमेंट के बाद रसीद जारी करती है। विभिन्न सरायों के लिए दान सिर्फ 500 रुपये से 1,100 रुपये के बीच है। हम कभी भी क्यूआर कोड या किसी अन्य प्लेटफॉर्म से ऑनलाइन लेनदेन लिंक के माध्यम से कोई भुगतान नहीं मांगते हैं। अयोध्या से चल रहा नेटवर्क SGPC अधिकारियों ने बताया कि उनकी जांच में आईटी टीम की मदद से वेबसाइट के संचालन की लोकेशन का अंदाजा हुआ है। वेब पोर्टल अयोध्या से कहीं चलाया जा रहा है। जैसे ही कोई दिए गए नंबर को डायल करता है, वे कभी नहीं उठाते बल्कि केवल व्हाट्सएप कॉल या चैट के माध्यम से जवाब देते हैं। कॉल करने वाले का विश्वास में लेने के बाद पैसे हड़पने के लिए क्यूआर कोड या ऑनलाइन भुगतान लिंक भेजा जाता है। पता भी गलत बताया गया उनका बैंक खाता ‘सारागढ़ी सराय’ के नाम से था, जिसे अब संबंधित बैंक से संपर्क करने के बाद फ्रीज कर दिया गया है। लेकिन अपराधी अभी भी पकड़ से बाहर हैं। वेबसाइट के ऊपर जो पता ऑफिस का बताया गया था, वे भी फर्जी निकला। अमृतसर के DCP लॉ एंड ऑर्डर आलम विजय सिंह ने कहा कि SGPC से शिकायत प्राप्त हुई है और दोषियों को पकड़ने के लिए जांच जारी है।