हिमाचल में 86 दिन से बिना संगठन के सत्तारूढ़ कांग्रेस:पार्टी मुख्यालय में पसरा सन्नाटा, वर्कर मायूस, खड़गे ने भंग कर रखी सभी कार्यकारिणी

हिमाचल में 86 दिन से बिना संगठन के सत्तारूढ़ कांग्रेस:पार्टी मुख्यालय में पसरा सन्नाटा, वर्कर मायूस, खड़गे ने भंग कर रखी सभी कार्यकारिणी

हिमाचल प्रदेश में सत्तारूढ़ कांग्रेस पौने तीन महीने से बिना संगठन के चल रही है। प्रदेश की राज्य, जिला और ब्लॉक सभी कमेटियां राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने भंग कर रखी है। नए संगठन को लेकर अभी कोई हलचल नजर नहीं आ रही। 86 दिन संगठन की एक्टिविटी नहीं हो रही। कांग्रेस मुख्यालय में सन्नाटा पसरा है। इससे पार्टी वर्कर मायूस हैं। प्रदेश में कांग्रेस की सरकार के बावजूद यहां इकलौती पदाधिकारी प्रदेश अध्यक्ष प्रतिभा सिंह बची है। इसके विपरीत बीजेपी ने 18 लाख नए सदस्य बनाने के साथ साथ नए ब्लॉक और जिला अध्यक्ष चुन लिए है। नई ऊर्जा से लबरेज बीजेपी कांग्रेस सरकार पर हर मुद्दे पर जोरदार ढंग से घेर रही है। मगर सरकार को डिफेंड करने के लिए कांग्रेस के पास कोई पदाधिकारी नहीं बचा। हाईकमान ने ऑब्जर्वर भी भेजे, मगर कार्यकारिणी नहीं बनी राज्य, जिला और ब्लॉक कांग्रेस के साथ साथ महिला कांग्रेस, युवा कांग्रेस कार्यकारिणी भी पार्टी हाईकमान ने भंग कर रखी है। अब नए कार्यकारिणी का गठन किया जाना है। हाईकमान ने इसके लिए नवंबर में ही अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (AICC) सचिव एवं प्रदेश कांग्रेस सह प्रभारी विदित चौधरी और चेतन चौहान को ऑब्जर्वर बनाकर हिमाचल भेजा। इसी तरह चारों संसदीय क्षेत्र व जिला स्तर पर भी पर्यवेक्षक नियुक्त किए गए। सभी ऑब्जर्वर फील्ड में जाकर कांग्रेस नेताओं से वन टू वन बात करके हाईकमान को रिपोर्ट सौंप चुके है। फिर भी नई कार्यकारिणी का गठन नहीं हो सका। खड़गे भंग की थी कार्यकारिणी मल्लिकार्जुन खड़गे ने सभी कार्यकारिणी बीते साल 6 नवंबर को भंग की थी। तब दावा किया जा रहा था कि नए साल से पहले नई कार्यकारिणी बना दी जाएगी। सभी नए संगठन के इंतजार में है। ऑब्जर्वर बोले- दिल्ली चुनाव की वजह से देरी हो रही इसे लेकर जब ऑब्जर्वर विदित चौधरी से बात की गई तो उन्होंने बताया कि दिल्ली चुनाव की वजह से थोड़ी देरी हो रही है। नई कार्यकारिणी लगभग फाइनल हो गई। जल्दी फाइनल कर दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि स्टेट और जिला कार्यकारिणी बनाएंगे। बाद में ब्लॉक कार्यकारिणी बनाएंगे। नई कार्यकारिणी का फॉर्मूला बदला प्रदेश में पहली बार कांग्रेस ने कार्यकारिणी के गठन को ऑब्जर्वर भेजे है, जो फील्ड में जाकर पार्टी नेताओं से फीडबैक ले चुके हैं। इनकी रिपोर्ट के आधार पर नेताओं की ताजपोशी करने के पार्टी दावे कर रही है। जाहिर है कि इससे प्रदेश अध्यक्ष को इस बार फ्री-हैंड नहीं मिलेगा। प्रदेश अध्यक्ष अपनी मर्जी से टीम नहीं बना पाएगी। पूर्व में हाईकमान अध्यक्ष की ताजपोशी करती थी। इसके बाद राज्य, जिला व ब्लाक स्तर पर अध्यक्ष अपने हिसाब से टीम बनाते थे। मगर इस बार हाईकमान ऑब्जर्वर की रिपोर्ट को आधार बनाते हुए संगठन में ताजपोशी करेगा। AICC ने इन्हें लगाया ऑब्जर्वर हाईकमान ने कांगड़ा लोकसभा क्षेत्र का पर्यवेक्षक शांतनु चौहान, हमीरपुर लोकसभा का गुरप्रीत, शिमला का ओमवीर यादव और मंडी संसदीय क्षेत्र का गौरव भाटिया को पर्यवेक्षक बना रखा है। इसी तरह शिमला जिला का ऑब्जर्वर राजीव वर्मा, सिरमौर का चरणजीत सिंह निक्कू, सोलन का प्रवीण चौधरी, मंडी का मुजफ्फर गुर्जर, कुल्लू का पुरुषोतम नागर, किन्नौर का शिवराम बाल्मीकि, लाहौल स्पीति का मनोज कौशिक, कांगड़ा का रवि ठाकुर, चंबा का अखिलेश, ऊना का रूद्र प्रताप, बिलासपुर का दीपक और हमीरपुर जिला का प्रभाकर झा को ऑब्जर्वर बनाया है। फैक्ट फाइंडिंग कमेटी की सिफारिश पर बदलाव सूत्र बताते हैं कि हिमाचल में कांग्रेस की सरकार के बावजूद लोकसभा चुनाव में पार्टी की करारी हार भी संगठन में बदलाव की बड़ी वजह बना है, क्योंकि कांग्रेस की लोकसभा चुनाव में चार-जीरो से करारी हार हुई है। इस हार के कारण जानने आई पूर्व सांसद पीएल पूनिया और सांसद रजनी पाटिल की अगुआई वाली फैक्ट फाइंडिंग कमेटी ने भी प्रदेश में कांग्रेस में गुटबाजी देखी। इसके बाद कमेटी ने भी प्रदेश के संगठन में बदलाव की सिफारिश की थी। कमेटी की सिफारिशों को भी ध्यान में रखकर भी यह फैसला हुआ है। हिमाचल प्रदेश में सत्तारूढ़ कांग्रेस पौने तीन महीने से बिना संगठन के चल रही है। प्रदेश की राज्य, जिला और ब्लॉक सभी कमेटियां राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने भंग कर रखी है। नए संगठन को लेकर अभी कोई हलचल नजर नहीं आ रही। 86 दिन संगठन की एक्टिविटी नहीं हो रही। कांग्रेस मुख्यालय में सन्नाटा पसरा है। इससे पार्टी वर्कर मायूस हैं। प्रदेश में कांग्रेस की सरकार के बावजूद यहां इकलौती पदाधिकारी प्रदेश अध्यक्ष प्रतिभा सिंह बची है। इसके विपरीत बीजेपी ने 18 लाख नए सदस्य बनाने के साथ साथ नए ब्लॉक और जिला अध्यक्ष चुन लिए है। नई ऊर्जा से लबरेज बीजेपी कांग्रेस सरकार पर हर मुद्दे पर जोरदार ढंग से घेर रही है। मगर सरकार को डिफेंड करने के लिए कांग्रेस के पास कोई पदाधिकारी नहीं बचा। हाईकमान ने ऑब्जर्वर भी भेजे, मगर कार्यकारिणी नहीं बनी राज्य, जिला और ब्लॉक कांग्रेस के साथ साथ महिला कांग्रेस, युवा कांग्रेस कार्यकारिणी भी पार्टी हाईकमान ने भंग कर रखी है। अब नए कार्यकारिणी का गठन किया जाना है। हाईकमान ने इसके लिए नवंबर में ही अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (AICC) सचिव एवं प्रदेश कांग्रेस सह प्रभारी विदित चौधरी और चेतन चौहान को ऑब्जर्वर बनाकर हिमाचल भेजा। इसी तरह चारों संसदीय क्षेत्र व जिला स्तर पर भी पर्यवेक्षक नियुक्त किए गए। सभी ऑब्जर्वर फील्ड में जाकर कांग्रेस नेताओं से वन टू वन बात करके हाईकमान को रिपोर्ट सौंप चुके है। फिर भी नई कार्यकारिणी का गठन नहीं हो सका। खड़गे भंग की थी कार्यकारिणी मल्लिकार्जुन खड़गे ने सभी कार्यकारिणी बीते साल 6 नवंबर को भंग की थी। तब दावा किया जा रहा था कि नए साल से पहले नई कार्यकारिणी बना दी जाएगी। सभी नए संगठन के इंतजार में है। ऑब्जर्वर बोले- दिल्ली चुनाव की वजह से देरी हो रही इसे लेकर जब ऑब्जर्वर विदित चौधरी से बात की गई तो उन्होंने बताया कि दिल्ली चुनाव की वजह से थोड़ी देरी हो रही है। नई कार्यकारिणी लगभग फाइनल हो गई। जल्दी फाइनल कर दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि स्टेट और जिला कार्यकारिणी बनाएंगे। बाद में ब्लॉक कार्यकारिणी बनाएंगे। नई कार्यकारिणी का फॉर्मूला बदला प्रदेश में पहली बार कांग्रेस ने कार्यकारिणी के गठन को ऑब्जर्वर भेजे है, जो फील्ड में जाकर पार्टी नेताओं से फीडबैक ले चुके हैं। इनकी रिपोर्ट के आधार पर नेताओं की ताजपोशी करने के पार्टी दावे कर रही है। जाहिर है कि इससे प्रदेश अध्यक्ष को इस बार फ्री-हैंड नहीं मिलेगा। प्रदेश अध्यक्ष अपनी मर्जी से टीम नहीं बना पाएगी। पूर्व में हाईकमान अध्यक्ष की ताजपोशी करती थी। इसके बाद राज्य, जिला व ब्लाक स्तर पर अध्यक्ष अपने हिसाब से टीम बनाते थे। मगर इस बार हाईकमान ऑब्जर्वर की रिपोर्ट को आधार बनाते हुए संगठन में ताजपोशी करेगा। AICC ने इन्हें लगाया ऑब्जर्वर हाईकमान ने कांगड़ा लोकसभा क्षेत्र का पर्यवेक्षक शांतनु चौहान, हमीरपुर लोकसभा का गुरप्रीत, शिमला का ओमवीर यादव और मंडी संसदीय क्षेत्र का गौरव भाटिया को पर्यवेक्षक बना रखा है। इसी तरह शिमला जिला का ऑब्जर्वर राजीव वर्मा, सिरमौर का चरणजीत सिंह निक्कू, सोलन का प्रवीण चौधरी, मंडी का मुजफ्फर गुर्जर, कुल्लू का पुरुषोतम नागर, किन्नौर का शिवराम बाल्मीकि, लाहौल स्पीति का मनोज कौशिक, कांगड़ा का रवि ठाकुर, चंबा का अखिलेश, ऊना का रूद्र प्रताप, बिलासपुर का दीपक और हमीरपुर जिला का प्रभाकर झा को ऑब्जर्वर बनाया है। फैक्ट फाइंडिंग कमेटी की सिफारिश पर बदलाव सूत्र बताते हैं कि हिमाचल में कांग्रेस की सरकार के बावजूद लोकसभा चुनाव में पार्टी की करारी हार भी संगठन में बदलाव की बड़ी वजह बना है, क्योंकि कांग्रेस की लोकसभा चुनाव में चार-जीरो से करारी हार हुई है। इस हार के कारण जानने आई पूर्व सांसद पीएल पूनिया और सांसद रजनी पाटिल की अगुआई वाली फैक्ट फाइंडिंग कमेटी ने भी प्रदेश में कांग्रेस में गुटबाजी देखी। इसके बाद कमेटी ने भी प्रदेश के संगठन में बदलाव की सिफारिश की थी। कमेटी की सिफारिशों को भी ध्यान में रखकर भी यह फैसला हुआ है।   हिमाचल | दैनिक भास्कर