वक्फ कानून को लेकर BJP की पाठशाला, पसमांदा मुसलमान के लिए खास तैयारी

वक्फ कानून को लेकर BJP की पाठशाला, पसमांदा मुसलमान के लिए खास तैयारी

<p style=”text-align: justify;”><strong>Kiren Rijiju News:</strong> वक्फ एक्ट को लेकर पश्चिम बंगाल में व्याप्त अशांति के मद्देनजर बीजेपी की महाराष्ट्र इकाई ने मुस्लिम समुदाय के सामाजिक और आर्थिक रूप से हाशिए पर पड़े वर्ग-पसमांदा मुसलमानों से जुड़ने के लिए एक लक्षित आउटरीच कार्यक्रम शुरू किया है. केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने मंगलवार (22 अप्रैल) को मुंबई में एक रणनीति कार्यशाला का नेतृत्व किया, जिसका उद्देश्य पार्टी के राज्य नेतृत्व और पदाधिकारियों को अभियान के बारे में जागरूक करना है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>रिजिजू वफ्फ कानून को लेकर मुस्लिम समाज ख़ासकर पसमांदा मुस्लिम समाज के लोगों के साथ संवाद करेंगे और उन्हें यह बताएंगे कि किस प्रकार से वफ्फ एक्ट मुसलमानों के हित में है. केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू के साथ जेपीसी के अध्यक्ष और बीजेपी सांसद जगदंबिका पाल भी मौजूद हैं.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>वक्फ कानून को लेकर बीजेपी की कार्यशाला</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>कार्यशाला में सांसद, विधायक, जिला और तालुका स्तर के पार्टी अध्यक्ष और महासचिव शामिल हुए हैं. इस मीटिंग के बाद शाम को दक्षिण मुंबई में बंद कमरे में आयोजित तीन घंटे के सत्र में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले, बीजेपी के राष्ट्रीय संयुक्त महासचिव शिव प्रकाश और अन्य वरिष्ठ नेताओं के बीच भी इस मुद्दे पर बातचीत होगी.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>कौन हैं पसमांदा मुसलमान?</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>पसमांदा मुसलमान, जिन्हें सामाजिक स्थिति के मामले में अक्सर दलितों और आदिवासियों के समान माना जाता है. भारत की मुस्लिम आबादी का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है. ‘पसमांदा’ शब्द फारसी से लिया गया है, जिसका अर्थ है ‘छोड़े गए लोग’. बीजेपी के मुताबिक कार्यशाला का उद्देश्य पार्टी नेताओं को समुदाय तक फैक्ट को पहुंचाने में उनकी भूमिका के बारे में शिक्षित करना है. यह समझाने पर जोर रहेगा कि वक्फ अधिनियम में संशोधन से उन्हें कैसे लाभ होगा. यह उनका विश्वास और समर्थन जीतने की दिशा में एक कदम है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>महाराष्ट्र में वक्फ की कितनी जमीन?</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>महाराष्ट्र में वक्फ की 94,000 एकड़ से अधिक भूमि है, जो देश की कुल भूमि का 15% से अधिक है. इसमें से आधे से अधिक भूमि पर वर्तमान में अतिक्रमण है. यह मुद्दा लंबे समय से विवाद और प्रशासनिक चिंता का विषय रहा है. भाजपा का अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ, जिसके मुंबई में 250 सदस्यों सहित महाराष्ट्र भर में लगभग 1,500 सदस्य हैं, इस अभियान का नेतृत्व कर रहा है.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>150 से अधिक सामुदायिक बैठकों की योजना</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>पार्टी ने स्थानीय नेताओं, विद्वानों और समुदाय के सम्मानित व्यक्तियों को शामिल करते हुए 150 से अधिक सामुदायिक बैठकों की योजना बनाई है. भाजपा के अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के एक नेता वसीम खान ने कहा, ”यह अभियान गलत सूचनाओं का मुकाबला करने के लिए बनाया गया है. कुछ लोग जानबूझकर समुदाय को गुमराह करने के लिए अफवाहें फैला रहे हैं. हम बहुभाषी पैम्फलेट और प्रत्यक्ष जुड़ाव के माध्यम से तथ्यों को प्रस्तुत करेंगे.</p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Kiren Rijiju News:</strong> वक्फ एक्ट को लेकर पश्चिम बंगाल में व्याप्त अशांति के मद्देनजर बीजेपी की महाराष्ट्र इकाई ने मुस्लिम समुदाय के सामाजिक और आर्थिक रूप से हाशिए पर पड़े वर्ग-पसमांदा मुसलमानों से जुड़ने के लिए एक लक्षित आउटरीच कार्यक्रम शुरू किया है. केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने मंगलवार (22 अप्रैल) को मुंबई में एक रणनीति कार्यशाला का नेतृत्व किया, जिसका उद्देश्य पार्टी के राज्य नेतृत्व और पदाधिकारियों को अभियान के बारे में जागरूक करना है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>रिजिजू वफ्फ कानून को लेकर मुस्लिम समाज ख़ासकर पसमांदा मुस्लिम समाज के लोगों के साथ संवाद करेंगे और उन्हें यह बताएंगे कि किस प्रकार से वफ्फ एक्ट मुसलमानों के हित में है. केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू के साथ जेपीसी के अध्यक्ष और बीजेपी सांसद जगदंबिका पाल भी मौजूद हैं.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>वक्फ कानून को लेकर बीजेपी की कार्यशाला</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>कार्यशाला में सांसद, विधायक, जिला और तालुका स्तर के पार्टी अध्यक्ष और महासचिव शामिल हुए हैं. इस मीटिंग के बाद शाम को दक्षिण मुंबई में बंद कमरे में आयोजित तीन घंटे के सत्र में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले, बीजेपी के राष्ट्रीय संयुक्त महासचिव शिव प्रकाश और अन्य वरिष्ठ नेताओं के बीच भी इस मुद्दे पर बातचीत होगी.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>कौन हैं पसमांदा मुसलमान?</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>पसमांदा मुसलमान, जिन्हें सामाजिक स्थिति के मामले में अक्सर दलितों और आदिवासियों के समान माना जाता है. भारत की मुस्लिम आबादी का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है. ‘पसमांदा’ शब्द फारसी से लिया गया है, जिसका अर्थ है ‘छोड़े गए लोग’. बीजेपी के मुताबिक कार्यशाला का उद्देश्य पार्टी नेताओं को समुदाय तक फैक्ट को पहुंचाने में उनकी भूमिका के बारे में शिक्षित करना है. यह समझाने पर जोर रहेगा कि वक्फ अधिनियम में संशोधन से उन्हें कैसे लाभ होगा. यह उनका विश्वास और समर्थन जीतने की दिशा में एक कदम है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>महाराष्ट्र में वक्फ की कितनी जमीन?</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>महाराष्ट्र में वक्फ की 94,000 एकड़ से अधिक भूमि है, जो देश की कुल भूमि का 15% से अधिक है. इसमें से आधे से अधिक भूमि पर वर्तमान में अतिक्रमण है. यह मुद्दा लंबे समय से विवाद और प्रशासनिक चिंता का विषय रहा है. भाजपा का अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ, जिसके मुंबई में 250 सदस्यों सहित महाराष्ट्र भर में लगभग 1,500 सदस्य हैं, इस अभियान का नेतृत्व कर रहा है.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>150 से अधिक सामुदायिक बैठकों की योजना</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>पार्टी ने स्थानीय नेताओं, विद्वानों और समुदाय के सम्मानित व्यक्तियों को शामिल करते हुए 150 से अधिक सामुदायिक बैठकों की योजना बनाई है. भाजपा के अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के एक नेता वसीम खान ने कहा, ”यह अभियान गलत सूचनाओं का मुकाबला करने के लिए बनाया गया है. कुछ लोग जानबूझकर समुदाय को गुमराह करने के लिए अफवाहें फैला रहे हैं. हम बहुभाषी पैम्फलेट और प्रत्यक्ष जुड़ाव के माध्यम से तथ्यों को प्रस्तुत करेंगे.</p>  महाराष्ट्र आगरा: शादीशुदा महिला से मिलने आया प्रेमी, अर्धनग्न हालत में संदूक में छिपा, पोल खुली तो…