<p style=”text-align: justify;”><strong>Vasundhara Raje On Congress:</strong> राजस्थान की पूर्व सीएम और बीजेपी की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष वसुंधरा राजे ने कांग्रेस पर डॉ. भीमराव आंबेडकर की विरासत की उपेक्षा का आरोप लगाते हुए हमला बोला है. वसुंधरा राजे ने मंगलवार (29 अप्रैल) को कहा कि देश के सबसे पुराने दल ने संविधान निर्माता को ‘दलित’ मानकर उनके नाम का बार-बार इस्तेमाल तो किया, लेकिन उनका सम्मान नहीं किया.</p>
<p style=”text-align: justify;”>वसुंधरा राजे ने बीजेपी के ‘‘डॉ. भीमराव आंबेडकर सम्मान अभियान’’ के तहत इंदौर में आयोजित संगोष्ठी में कहा, ‘‘यह बात सही है कि कांग्रेस ने आंबेडकर की उपेक्षा की. आंबेडकर जैसा महान व्यक्तित्व कांग्रेस नेताओं के बीच था, परंतु वे सोचते थे कि जवाहरलाल नेहरू जैसे बड़े-बडे़ लोग ही महान हैं. आंबेडकर का बड़प्पन दूसरे देशों ने समझ लिया, लेकिन कांग्रेस नेताओं ने इसे नहीं समझा.’’</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>’कांग्रेस ने आंबेडकर का नाम बार-बार इस्तेमाल किया'</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने आंबेडकर का नाम बार-बार इस्तेमाल किया, लेकिन यह पार्टी संविधान निर्माता का सम्मान करने में पीछे रही. उन्होंने कहा,‘‘कांग्रेस ने आंबेडकर को दलित माना, जबकि बीजेपी ने उन्हें ललित माना. ललित शब्द का मतलब होता है-सुंदर. आज भी चुनावों के दौरान कांग्रेस मानकर चलती है कि दलित समुदाय के लोगों के वोट उसकी जेब में है.” </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>आंबेडकर सिर्फ दलितों के नेता नहीं थे- वसुंधरा राजे</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘आंबेडकर ने अपने जीवनकाल में लोगों को समझाया था कि कोई भी व्यक्ति किसी की जेब में नहीं है. आंबेडकर केवल दलितों के नहीं, बल्कि सभी समुदायों के नेता थे. आंबेडकर ने सभी समुदायों के लोगों को शिक्षा, समानता और मानवता का संदेश दिया. अपनी भारी उपेक्षा से आहत आंबेडकर ने 1951 में तत्कालीन प्रधानमंत्री नेहरू के मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया था क्योंकि वह ऐसे मंत्रिमंडल में कतई नहीं रहना चाहते थे जहां समाज के हर वर्ग की आवाज नहीं पहुंच सके.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>’कांग्रेस ने आंबेडकर को कई बार चुनाव हराने की कोशिश की'</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>बीजेपी उपाध्यक्ष ने आरोप लगाते हुए आगे कहा, ”कांग्रेस ने आंबेडकर को उनके जीवनकाल में अलग-अलग चुनाव हराने की कोशिश की. उन्होंने यह आरोप भी लगाया कि कांग्रेस सरकार ने नयी दिल्ली में छह दिसंबर 1956 को आंबेडकर के निधन के बाद उनके परिजनों को उनका दाह संस्कार राष्ट्रीय राजधानी के बजाय मुंबई में करने को मजबूर कर दिया था.</p>
<p style=”text-align: justify;”>बीजेपी नेता ने आगे कहा, ”नरेन्द्र मोदी की अगुवाई वाली सरकार ने नयी दिल्ली के उस सरकारी आवास को राष्ट्रीय स्मारक में बदल दिया जहां आंबेडकर ने आखिरी सांस ली थी.” उन्होंने आंबेडकर की विरासत सहेजने को लेकर मोदी सरकार के अलग-अलग काम गिनाते हुए कहा कि बीजेपी आंबेडकर को अपना आदर्श मानती है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>वसुंधरा ने लक्ष्य हासिल करने के लिए आंबेडकर के सतत संघर्ष, संयम और परिश्रम की मिसाल देते हुए कहा,‘‘राजनीति में लोग कहते हैं कि उन्हें कोई पद दे दिया जाए या उनके नाम की सिफारिश कर दी जाए. मैं ऐसे लोगों से कहती हूं कि वे अपना काम करते रहें और अगर वे अच्छा काम करेंगे तो उनका भी समय आएगा.’’ संगोष्ठी में मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव भी शामिल हुए.</p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Vasundhara Raje On Congress:</strong> राजस्थान की पूर्व सीएम और बीजेपी की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष वसुंधरा राजे ने कांग्रेस पर डॉ. भीमराव आंबेडकर की विरासत की उपेक्षा का आरोप लगाते हुए हमला बोला है. वसुंधरा राजे ने मंगलवार (29 अप्रैल) को कहा कि देश के सबसे पुराने दल ने संविधान निर्माता को ‘दलित’ मानकर उनके नाम का बार-बार इस्तेमाल तो किया, लेकिन उनका सम्मान नहीं किया.</p>
<p style=”text-align: justify;”>वसुंधरा राजे ने बीजेपी के ‘‘डॉ. भीमराव आंबेडकर सम्मान अभियान’’ के तहत इंदौर में आयोजित संगोष्ठी में कहा, ‘‘यह बात सही है कि कांग्रेस ने आंबेडकर की उपेक्षा की. आंबेडकर जैसा महान व्यक्तित्व कांग्रेस नेताओं के बीच था, परंतु वे सोचते थे कि जवाहरलाल नेहरू जैसे बड़े-बडे़ लोग ही महान हैं. आंबेडकर का बड़प्पन दूसरे देशों ने समझ लिया, लेकिन कांग्रेस नेताओं ने इसे नहीं समझा.’’</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>’कांग्रेस ने आंबेडकर का नाम बार-बार इस्तेमाल किया'</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने आंबेडकर का नाम बार-बार इस्तेमाल किया, लेकिन यह पार्टी संविधान निर्माता का सम्मान करने में पीछे रही. उन्होंने कहा,‘‘कांग्रेस ने आंबेडकर को दलित माना, जबकि बीजेपी ने उन्हें ललित माना. ललित शब्द का मतलब होता है-सुंदर. आज भी चुनावों के दौरान कांग्रेस मानकर चलती है कि दलित समुदाय के लोगों के वोट उसकी जेब में है.” </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>आंबेडकर सिर्फ दलितों के नेता नहीं थे- वसुंधरा राजे</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘आंबेडकर ने अपने जीवनकाल में लोगों को समझाया था कि कोई भी व्यक्ति किसी की जेब में नहीं है. आंबेडकर केवल दलितों के नहीं, बल्कि सभी समुदायों के नेता थे. आंबेडकर ने सभी समुदायों के लोगों को शिक्षा, समानता और मानवता का संदेश दिया. अपनी भारी उपेक्षा से आहत आंबेडकर ने 1951 में तत्कालीन प्रधानमंत्री नेहरू के मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया था क्योंकि वह ऐसे मंत्रिमंडल में कतई नहीं रहना चाहते थे जहां समाज के हर वर्ग की आवाज नहीं पहुंच सके.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>’कांग्रेस ने आंबेडकर को कई बार चुनाव हराने की कोशिश की'</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>बीजेपी उपाध्यक्ष ने आरोप लगाते हुए आगे कहा, ”कांग्रेस ने आंबेडकर को उनके जीवनकाल में अलग-अलग चुनाव हराने की कोशिश की. उन्होंने यह आरोप भी लगाया कि कांग्रेस सरकार ने नयी दिल्ली में छह दिसंबर 1956 को आंबेडकर के निधन के बाद उनके परिजनों को उनका दाह संस्कार राष्ट्रीय राजधानी के बजाय मुंबई में करने को मजबूर कर दिया था.</p>
<p style=”text-align: justify;”>बीजेपी नेता ने आगे कहा, ”नरेन्द्र मोदी की अगुवाई वाली सरकार ने नयी दिल्ली के उस सरकारी आवास को राष्ट्रीय स्मारक में बदल दिया जहां आंबेडकर ने आखिरी सांस ली थी.” उन्होंने आंबेडकर की विरासत सहेजने को लेकर मोदी सरकार के अलग-अलग काम गिनाते हुए कहा कि बीजेपी आंबेडकर को अपना आदर्श मानती है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>वसुंधरा ने लक्ष्य हासिल करने के लिए आंबेडकर के सतत संघर्ष, संयम और परिश्रम की मिसाल देते हुए कहा,‘‘राजनीति में लोग कहते हैं कि उन्हें कोई पद दे दिया जाए या उनके नाम की सिफारिश कर दी जाए. मैं ऐसे लोगों से कहती हूं कि वे अपना काम करते रहें और अगर वे अच्छा काम करेंगे तो उनका भी समय आएगा.’’ संगोष्ठी में मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव भी शामिल हुए.</p> राजस्थान भदोही: पत्नी ने गाली देने का विरोध किया तो सनकी पति ने सिर मूंड दिया, महिला ने पुलिस में की शिकायत
वसुंधरा राजे का तीखा हमला, ‘कांग्रेस ने बीआर आंबेडकर को दलित माना जबकि BJP ने…’
