वाराणसी पहुंचे CM योगी:स्कॉलरशिप योजना का किया शुभारंभ, बोले-पहले संस्कृत के छात्रों के साथ भेदभाव, अब हर छात्र को मिलेगी छात्रवृत्ति

वाराणसी पहुंचे CM योगी:स्कॉलरशिप योजना का किया शुभारंभ, बोले-पहले संस्कृत के छात्रों के साथ भेदभाव, अब हर छात्र को मिलेगी छात्रवृत्ति

वाराणसी के संपूर्णानंद संस्कृत यूनिवर्सिटी में रविवार को CM योगी पहुंचे। उनका मंगलाचरण से स्वागत किया गया। इस दौरान कुलपति डॉ. बिहारी लाल शर्मा ने सीएम योगी को अंगवस्त्र पहनाकर स्वागत किया। सीएम योगी ने संस्कृत के छात्रों के लिए स्कॉलरशिप योजना का शुभारंभ किया। CM योगी ने कहा- गरीब और वंचित छात्रों को छात्रवृत्ति मिलनी चाहिए, लेकिन संस्कृत छात्रों को इसकी व्यवस्था क्यों नहीं की गई। मुझे इस बात का आश्चर्य रहा। अभी तक संस्कृत के केवल 300 बच्चों की स्कॉलरशिप की व्यवस्था थी, जो अधिकतर छात्रों को पता ही नहीं थी। 25 करोड़ की आबादी में इतने कम छात्रों को स्कॉलरशिप की योजना थी। उन्होंने कहा- कभी प्रयास ही नहीं हो पाया कि संस्कृत परिषद को मान्यता दिला पाएं। मैंने बार-बार समझने की कोशिश की कि संस्कृत से बच्चे दूर क्यों भाग रहे हैं? पता चला कि मान्यता ही नहीं मिल पा रही है। हमने स्कूल-कॉलेजों की मान्यता बहाल कराई। हमारी सरकार आई तो 2017 में संस्कृत परिषद को मान्यता दिलाई। कल 69195 छात्रों के अकाउंट में स्कॉलरशिप आ जाएगी
योगी ने कहा- अब संस्कृत में छात्रों की संख्या बढ़ रही है। पहले स्कॉलरशिप नहीं मिलती थी, फिर उसमें आयु सीमा जोड़ दी गई। हमने तय किया कि हर छात्र को स्कॉलरशिप मिल चाहिए। हमने तय कर लिया है कि दिवाली से पहले यानी कल तक (28 अक्टूबर) 69195 छात्रों के अकाउंट में बैंक खुलते ही स्कॉलरशिप पहुंच जाएगी। यूपी के अंदर डेढ़ लाख बच्चे संस्कृत से जुड़े
योगी ने कहा- यूपी के अंदर लगभग डेढ़ लाख बच्चे ऐसे हैं जो संस्कृत से जुड़े हैं। इनके संरक्षण का दायित्व शासन और समाज का होना चाहिए। सरकार अपनी जिम्मेदारी निभाने के लिए आपके द्वार आई है। हम आगे भी व्यवस्था करने जा रहे हैं कि संस्कृत विद्यालयों में विज्ञापन उन्हीं संस्थानों को देंगे जो अपने यहां फ्री हॉस्टल और खाने-पीने की व्यवस्था करेंगे। संस्कृत ने ही भारत को विश्वगुरु के रूप में स्थापित किया
योगी ने कहा- संस्कृत ने ही भारत को विश्वगुरु के रूप में स्थापित किया। इसके कारण ही विपरीत स्थितियों में भी हमारी सनातन संस्कृति तमाम मुश्किलों का सामना करते हुए भी आज जीवित है। दुनिया का मार्गदर्शन करने के लिए PM मोदी के नेतृत्व में आज संस्कृत, संस्कृति और भारतीय सभ्यता उठ खड़ी हुई है। संपूर्णानंद संस्कृत विवि सबसे पुराना विश्वविद्यालय
योगी ने कहा- संपूर्णानंद संस्कृत विवि सबसे पुराना विश्वविद्यालय है। यहां के बच्चों को स्कॉलरशिप नहीं मिलती थी। हमने तय किया कि सबसे पहले स्कॉलरशिप की शुरुआत यहीं से करते हैं। संस्कृत केवल देव वाणी ही नहीं, केवल इस लोक और परलोक से संवाद, देवगणों से संवाद का माध्यम नहीं है… बल्कि ये भौतिक जगत की तमाम समस्याओं को वैज्ञानिक रीति से सुलझाने का माध्यम बने। इस पर शोध करने की जरूरत है। हमने BHU में वैदिक विज्ञान केंद्र बनाया है, जो भारत की प्राचीन संस्कृति पर शोध को बढ़ावा देने के लिए है। इसे संस्कृत पर शोध का केंद्र बनाना पड़ेगा। कुलपति प्रोफेसर बिहारी लाल शर्मा ने बताया- ऋषि तुल्य आचार्यों की साधना स्थली एवं भारतीय ज्ञान परम्परा के अमृत तत्वों को वैश्विक पटल पर प्रतिष्ठित करने तथा संस्कृत के अभ्युदय, संवर्धन एवं संरक्षण के लिये सरकार निरन्तर संकल्पित है। एक महीने में संस्कृत की स्टूडेंट्स को इतनी मिलेगी छात्रवृत्ति
संस्कृत छात्रवृत्ति योजना के अंतर्गत संशोधन के बाद छात्रवृत्ति की दरों में वृद्धि करते हुए प्रथमा कक्षा- 6 से 7 को रुपए 050/- प्रति माह, प्रथमा (कक्षा-8) को रुपए 75/- प्रति माह, पूर्व मध्यमा को रुपए 100/- प्रति माह उत्तर मध्यमा को रुपए 150/- प्रति माह, शास्त्री को रुपए 200/- प्रति माह तथा आचार्य को रुपए 250/- प्रतिमाह की संशोधित दरें निर्धारित की गयी हैं। अब जानिए क्या है संस्कृत छात्रवृत्ति योजना और कब-कब इसमें संशोधन हुए… वाराणसी के संपूर्णानंद संस्कृत यूनिवर्सिटी में रविवार को CM योगी पहुंचे। उनका मंगलाचरण से स्वागत किया गया। इस दौरान कुलपति डॉ. बिहारी लाल शर्मा ने सीएम योगी को अंगवस्त्र पहनाकर स्वागत किया। सीएम योगी ने संस्कृत के छात्रों के लिए स्कॉलरशिप योजना का शुभारंभ किया। CM योगी ने कहा- गरीब और वंचित छात्रों को छात्रवृत्ति मिलनी चाहिए, लेकिन संस्कृत छात्रों को इसकी व्यवस्था क्यों नहीं की गई। मुझे इस बात का आश्चर्य रहा। अभी तक संस्कृत के केवल 300 बच्चों की स्कॉलरशिप की व्यवस्था थी, जो अधिकतर छात्रों को पता ही नहीं थी। 25 करोड़ की आबादी में इतने कम छात्रों को स्कॉलरशिप की योजना थी। उन्होंने कहा- कभी प्रयास ही नहीं हो पाया कि संस्कृत परिषद को मान्यता दिला पाएं। मैंने बार-बार समझने की कोशिश की कि संस्कृत से बच्चे दूर क्यों भाग रहे हैं? पता चला कि मान्यता ही नहीं मिल पा रही है। हमने स्कूल-कॉलेजों की मान्यता बहाल कराई। हमारी सरकार आई तो 2017 में संस्कृत परिषद को मान्यता दिलाई। कल 69195 छात्रों के अकाउंट में स्कॉलरशिप आ जाएगी
योगी ने कहा- अब संस्कृत में छात्रों की संख्या बढ़ रही है। पहले स्कॉलरशिप नहीं मिलती थी, फिर उसमें आयु सीमा जोड़ दी गई। हमने तय किया कि हर छात्र को स्कॉलरशिप मिल चाहिए। हमने तय कर लिया है कि दिवाली से पहले यानी कल तक (28 अक्टूबर) 69195 छात्रों के अकाउंट में बैंक खुलते ही स्कॉलरशिप पहुंच जाएगी। यूपी के अंदर डेढ़ लाख बच्चे संस्कृत से जुड़े
योगी ने कहा- यूपी के अंदर लगभग डेढ़ लाख बच्चे ऐसे हैं जो संस्कृत से जुड़े हैं। इनके संरक्षण का दायित्व शासन और समाज का होना चाहिए। सरकार अपनी जिम्मेदारी निभाने के लिए आपके द्वार आई है। हम आगे भी व्यवस्था करने जा रहे हैं कि संस्कृत विद्यालयों में विज्ञापन उन्हीं संस्थानों को देंगे जो अपने यहां फ्री हॉस्टल और खाने-पीने की व्यवस्था करेंगे। संस्कृत ने ही भारत को विश्वगुरु के रूप में स्थापित किया
योगी ने कहा- संस्कृत ने ही भारत को विश्वगुरु के रूप में स्थापित किया। इसके कारण ही विपरीत स्थितियों में भी हमारी सनातन संस्कृति तमाम मुश्किलों का सामना करते हुए भी आज जीवित है। दुनिया का मार्गदर्शन करने के लिए PM मोदी के नेतृत्व में आज संस्कृत, संस्कृति और भारतीय सभ्यता उठ खड़ी हुई है। संपूर्णानंद संस्कृत विवि सबसे पुराना विश्वविद्यालय
योगी ने कहा- संपूर्णानंद संस्कृत विवि सबसे पुराना विश्वविद्यालय है। यहां के बच्चों को स्कॉलरशिप नहीं मिलती थी। हमने तय किया कि सबसे पहले स्कॉलरशिप की शुरुआत यहीं से करते हैं। संस्कृत केवल देव वाणी ही नहीं, केवल इस लोक और परलोक से संवाद, देवगणों से संवाद का माध्यम नहीं है… बल्कि ये भौतिक जगत की तमाम समस्याओं को वैज्ञानिक रीति से सुलझाने का माध्यम बने। इस पर शोध करने की जरूरत है। हमने BHU में वैदिक विज्ञान केंद्र बनाया है, जो भारत की प्राचीन संस्कृति पर शोध को बढ़ावा देने के लिए है। इसे संस्कृत पर शोध का केंद्र बनाना पड़ेगा। कुलपति प्रोफेसर बिहारी लाल शर्मा ने बताया- ऋषि तुल्य आचार्यों की साधना स्थली एवं भारतीय ज्ञान परम्परा के अमृत तत्वों को वैश्विक पटल पर प्रतिष्ठित करने तथा संस्कृत के अभ्युदय, संवर्धन एवं संरक्षण के लिये सरकार निरन्तर संकल्पित है। एक महीने में संस्कृत की स्टूडेंट्स को इतनी मिलेगी छात्रवृत्ति
संस्कृत छात्रवृत्ति योजना के अंतर्गत संशोधन के बाद छात्रवृत्ति की दरों में वृद्धि करते हुए प्रथमा कक्षा- 6 से 7 को रुपए 050/- प्रति माह, प्रथमा (कक्षा-8) को रुपए 75/- प्रति माह, पूर्व मध्यमा को रुपए 100/- प्रति माह उत्तर मध्यमा को रुपए 150/- प्रति माह, शास्त्री को रुपए 200/- प्रति माह तथा आचार्य को रुपए 250/- प्रतिमाह की संशोधित दरें निर्धारित की गयी हैं। अब जानिए क्या है संस्कृत छात्रवृत्ति योजना और कब-कब इसमें संशोधन हुए…   उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर